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सिंदखेड़राजा में सिंहगर्जना… `गौवंश के कत्लखानों से चुनावी चंदा लेनेवाले हमें हिंदुत्व न सिखाएं’! … उद्धव ठाकरे का भाजपा पर जोरदार हमला

सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना ने हिंदुत्व छोड़ दिया, शिवसेनाप्रमुख का विचार छोड़ दिया ऐसा शोर भाजपावाले मचा रहे हैं। गोमांस बेचनेवाली कंपनियों से पैसे लेते हो और हमें हिंदुत्व सिखाते हो! जनता आगामी चुनाव में तुम्हारा सफाया नहीं करेगी तो किसका करेगी? भाजपा की चुनावी `बांड’गीरी पर शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल प्रहार किया जिस पर जनता ने `जय भवानी, जय शिवाजी’… `उद्धव ठाकरे आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं’ ऐसे गगनभेदी नारे लगाकर जनता ने अपना समर्थन व्यक्त किया।
मातृतीर्थ सिंदखेड़राजा और शारंगधर बालाजी की तपोस्थली मेहकर में कल शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे की धमाकेदार जनसंवाद सभा हुई। चिलचिलाती धूप में कल मानो उद्धव ठाकरे की तलवार ही लहरा उठी! उन्होंने खास ठाकरे अंदाज में भाजपा और गद्दारों की बखिया उधेड़ी। इस अवसर पर शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत, विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, विधायक नितिन देशमुख, शिवसेना सचिव मिलिंद नार्वेकर, मराठवाड़ा सचिव अशोक पटवर्धन, जिला संपर्क प्रमुख प्रो. नरेंद्र खेडेकर, संयुक्त संपर्क प्रमुख दत्ता पाटील, छगन मेहेत्रे, जिला प्रमुख जालंदर बुधवत, वसंतराव भोजने आदि उपस्थित थे।

पार्टी तोड़ने की वृत्ति औरंगजेब वाली ही!- उद्धव ठाकरे
कल शिवसेनापक्षप्रमुख ने बुलढाणा जिले से दहाड़ते हुए कहा कि ये लोग कितने बेशर्म हैं। बड़ी बेशर्मी से कते हैं कि मैं फिर आया, आते समय मैं दो पार्टियों को फोड़कर आया ऐसा बेशर्मी से कहते हैं। देवेंद्र फड़णवीस आपको शर्म आनी चाहिए, इतने सालों तक काम करने के बाद भी आपके लिए पार्टी तोड़ने का समय आ गया है। लोग अब आपके बड़बोलेपन से शर्मिंदा हैं। लोगों का पैसा चुराकर आप अमीर बन गए। थू… है ऐसी अमीरी पर। औरंगजेब का भी जन्म गुजरात में ही हुआ था। मिट्टी का गुण आते ही औरंगजेब ने तोड़ातोड़ी की राजनीति भी की। पार्टी फोड़ने की राजनीति औरंगजेब की है ऐसा हमला कल उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर बोला। देश की आजादी की लड़ाई में ये कहां थे? उनके राजनीतिक माता-पिता न तो जनसंघ में थे और न ही संघ में थे। हमें उनसे क्या गद्दारी सीखनी चाहिए, ऐसा पलटवार भी उद्धव ठाकरे ने इस दौरान किया।
कल उद्धव ठाकरे ने गरजते हुए कहा कि यह वैâसा अहंकार है! मैं और सिर्फ मैं ही! हर जगह मैं। मेरी ही फोटो। यहां तक ​​कि सार्वजनिक शौचालय पर भी उनकी ही फोटो क्या अब उनकी तस्वीरें देखकर शौच सुलभ होगा? खुद के अहंकार में, खाद की बोरी पर मोदी की फोटो! अब तो खाद पर भी? यह देश के प्रधानमंत्री का अपमान है। करोड़ों रुपए खर्च कर ये तस्वीरें खाद की बोरियों पर लगाई गर्इं। अब आचार संहिता है तो इसे न तो छुपाया जा सकता है और न ही उजागर किया जा सकता है। मोदीजी, यह याद रखें कि यह मां साहेब जिजाऊ, छत्रपति शिवराय की भूमि है। यहां घास में भी भाले उगते हैं। औरंगजेब भी मराठी भूमि को निगलने आया था। २६ साल तक इसी आशा में बैठा रहा और यहीं मर गया लेकिन मराठी शान के मामले में कुछ कर न सका। लेकिन औरंगजेब ने एक बात कही थी। यहां चट्टानों पर भी डुही के बीज उग आते हैं। समस्त संपत्ति नष्ट हो जाती है। फूट डालो, राज करो और राज करो की वही औरंगजेब की नीति अब भी चल रही है ऐसा भी उद्धव ठाकरे ने कहा।
कचरा जमा कर रहे हो, शौक से करो
एक अकेला, सब पर भारी की बातें करते हुए शिवसेना तोड़ी, एनसीपी तोड़ी, अशोक चव्हाण को भी ले लिया। कचरागाड़ी लेकर चारों ओर घर-घर जाकर कचरा इकट्ठा कर रहे हैं। खुशी से कचरा इकट्ठा करो। कितना भी प्रयास कर लो इस भूमि में गद्दारी अंकुरित नहीं होनेवाली। अटलजी इस मोदी को कूड़े की टोकरी में फेंकने वाले थे। तब चंद्रबाबू भी वहीं थे। उस समय शिवसेनाप्रमुख ने रोका और उन्होंने कहा था कि मोदी को नहीं हटाया जाना चाहिए। शिवसेना साथ में खड़ी थी इसलिए यह आज नजर आ रहे हैं। जिन्होंने बचाया, जो उनके साथ खड़े थे उन्हीं की पीठ पर पैर देनेवालों की इस प्रवृत्ति को कुचलना होगा। `आपका हमसे क्या रिश्ता है, जय जिजाऊ, जय शिवराय, अगर हम इस विश्वासघात को दफन नहीं करने वाले हैं, तो हमें जिजाऊ, शिवराय का नाम लेने का कोई अधिकार नहीं है।’ ऐसा मत भी उद्धव ठाकरे ने व्यक्त किया।
महाराजा ने सूरत लूटा सूरतवाले महाराष्ट्र लूट रहे हैं
अफजल खान मराठी धन पर चलकर आया। उसने मराठी क्षेत्र के सरदारों और जागीरदारों को लालच दिखाया। मराठी मानुष टूट गया। अफजल खान ने कान्होजी जेधे को एक संदेश भी भेजा। इधर आओ, नहीं तो काट दिए जाओगे। उद्धव ठाकरे ने जेधे का उदाहरण देते हुए `घातियों’ की बखिया उधेड़ दी। जब मैं मुख्यमंत्री था तो महाराष्ट्र की ओर आंख उठाकर भी देखने की हिम्मत उनमें नहीं थी। अब यहां लाचारों का साम्राज्य है। महाराज ने सूरत को लूटा, अब सूरतवालों को महाराष्ट्र को लूटते हुए देखकर बहुत दुख हो रहा है। सभी गुजरात के लिए।उन्होंने कहा कि शिवसैनिकों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे है। उद्धव ठाकरे ने अपने भाषण में गद्दारों की पोल खोलते हुए कहा कि चुराई हुई संपत्ति की सराहना क्यों करते हो, ऐसा तंज कसते हुए उन्होंने  हैदराबाद के कुतुबशाह की मगरूरी का उदाहरण भी दिया।

सब देने के बाद भी भाग गए `घाती’
शिवसेना ने इन घातियों को क्या नहीं दिया? विधायक बनाया, सांसद बनाया। घातियों को कितनी बार लोकसभा भेजा गया? लेकिन जनता द्वारा दिए गए मतों पर वे दृढ़ नहीं रह सके। शिवसेना की वजह से उन्हें ये वैभव मिला। इस चुनाव में इनकी जमानत जब्त होनी ही चाहिए? जैसे ही उद्धव ठाकरे ने ये सवाल पूछा तो पूरी सभा ने हाथ उठाकर उन्हें अपना जवाब `हां’ में दिया। अब अगर हम चूक गए तो यह रूस जैसा होगा। विपक्ष को खत्म कर पुतिन पांचवीं बार तानाशाह बन गए हैं। हमारे देश में भी ऐसी तानाशाही पनप रही है। इन्हें समय पर कुचल देना चाहिए। आजादी या गुलामी? आप किसे वोट देंगे? महाराष्ट्र की रक्षा करनेवालों को या महाराष्ट्र को लुटनेवालों को? अब इसके पैâसले का समय आ गया है।

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