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शहीद मेजर की मां हुईं भावुक, कहा ‘फौजी कभी नहीं मरते’!…मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित हुए मेजर मुस्तफा बोहरा

सामना संवाददाता / नई दिल्ली  
सैनिक कभी नहीं मरते, लोगों के दिलों में रहते हैं जीवित रहते हैं’, यह बात मेजर मुस्तफा बोहरा की मां फातिमा बोहरा ने कही है जिसके बेटे ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। अद्भुत साहस के लिए उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र मिला है। गौरतलब है कि अशोक चक्र, कीर्ति चक्र के बाद शौर्य चक्र देश का तीसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है। बता दें कि अक्टूबर २०२२ में मेजर मुस्तफा बोहरा  ने आग लगने के बाद हेलीकॉप्टर को आबादी वाले क्षेत्र से दूर ले जाकर असाधारण साहस और उड़ान कौशल का प्रदर्शन किया और राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
रक्षा मंत्रालय ने वीडियो किया शेयर
रविवार को रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस संदर्भ में एक वीडियो भी शेयर किया है। वीडियो में फातिमा बोहरा ने भावुक होते हुए दिखाई दे रही हैं। वे कहती हैं, ‘कहते हैं कि मां को पहले से ही चीजों का पता चल जाता है, शायद इसलिए मुझे भी उसके शहीद होने का पहले से ही आभास हो गया था और घटना के दो दिन पहले से ही मैं रोने लगी थी, खाना तक छोड़ दिया था। फिर उसके मारे जाने की खबर आई।’ उन्होंने कहा कि फौजी कभी मरते नहीं हैं, वह अमर होते हैं, बल्कि मैं कहती हूं वह अमर नहीं होते हैं वह एक नई जिंदगी की तरफ कदम बढ़ाते हैं, आपके दिलों में, मेरे दिलों में, पूरे हिंदुस्थान के दिलों में जिंदा रहते हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ५ जुलाई को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह में सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को १० कीर्ति चक्र प्रदान किए जिनमें से सात पदक मरणोपरांत दिए गए। मुस्तफा का वीरता पदक उनके अभिभावकों को प्रदान किया गया।

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