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मेंटल अस्पताल का अब होगा उद्धार!..५६० करोड़ रुपए खर्च को मिली मंजूरी

-११ महीनों से प्रस्ताव पर कुंडली मारे बैठी थी शिंदे सरकार

धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई

आखिरकार, पिछले ११ महीनों से लटके पड़े ठाणे मेंटल अस्पताल के नवीनीकरण के प्रस्ताव का शिंदे सरकार के स्वास्थ्य मंत्री की मेहरबानी से रास्ता प्रशस्त हो गया है। इसे लेकर शुक्रवार को शिंदे सरकार ने ५६०.०५ करोड़ रुपए की निधि को मंजूरी दी है। ऐसे में अनुमान है कि ठाणे मेंटल अस्पताल ही उद्धार करने का काम जल्द शुरू हो जाएगा। इससे मरीजों की परेशानियां काफी हद तक हल होने की उम्मीद है। दूसरी ओर आरोप है कि मेंटल अस्पताल के नवीनीकरण को लेकर प्रस्ताव काफी समय पहले ही तैयार कर लिया गया था। इसे मंजूरी के लिए स्वास्थ्य मंत्री के पास भेजा गया था, जिस पर महीनों से वे कुंडली मारे हुए बैठे थे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने ठाणे रेलवे स्टेशन पर भीड़ को कम करने के उद्देश्य से कोपरी रेलवे स्टेशन निर्माण के लिए मेंटल अस्पताल की १४.८३ एकड़ जमीन की मांग की थी। इस जमीन में छह महिला वार्ड भी हैं। इसके बाद इस सरकार ने अप्रैल में एक सामान्य प्रस्ताव पारित किया था। इसके अलावा हाईकोर्ट ने भी स्टेशन के लिए भूमि के उपयोग की अनुमति दे दी। साथ ही कोर्ट ने सरकार को पूरे अस्पताल के नवीनीकरण के साथ-साथ छह नए वॉर्ड बनाने का भी निर्देश दिया। उन वॉर्डों को अक्टूबर के अंत तक अस्थाई रूप से बनाया जाना था। इतना ही नहीं १८५० बेड वाले इस अस्पताल में स्थित सभी पुरानी और जर्जर हो चुकी इमारतों को तोड़कर उनके स्थान पर नई इमारतों का निर्माण किया जाना है। इस पर ५६० करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया गया। प्रस्ताव को पहले राज्य स्वास्थ्य विभाग के पास भेजा गया था। वहां से प्रस्ताव हाई पावर कमीशन के पाले में चला गया, जहां प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने के बाद उसे फिर से स्वास्थ्य विभाग के पास भेज दिया गया। मेंटल अस्पताल के नवीनीकरण की फाइल एक अगस्त को ही स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत के टेबल पर पहुंची थी, जिस पर वे बीते ११ महीनों से खुद ही कुंडली मारकर बैठे हुए थे। हालांकि काफी प्रयासों के बाद प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई है। साथ ही अस्पताल अपग्रेड और पुनर्निर्माण के लिए साल २०२२-२३ में मंजूर ६७५.८३ करोड़ रुपए में से ५६०.०५ करोड़ रुपए को मंजूरी देते हुए शुक्रवार को राज्य सरकार ने अध्यादेश जारी कर दिया है।
दो चरणों में होगा नवीनीकरण
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नेताजी मुलिक ने कहा कि बैंगलोर के मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान की तर्ज पर अस्पताल के नवीनीकरण को दो चरणों में करने की तैयारी है। इसके तहत पहले अस्पताल के आधे हिस्से का नवीनीकरण किया जाएगा। इस बीच मरीजों को दूसरे आधे हिस्से में स्थानांतरित किया जाएगा। नया बुनियादी ढांचा कुल १,१२,७४५ वर्ग मीटर भूमि पर बनाया जाएगा, जिसमें लगभग ३१,००० वर्ग मीटर समर्पित हरित क्षेत्र शामिल है। इसमें २४ इमारतों का निर्माण किया जाएगा, जिसमें एक, दो, तीन, चार, छह, १२ मंजिली इमारतों का समावेश है।
ये होगीं सुविधाएं
बुनियादी ढांचा ३,२७८ बेड पुरुष, महिला, बच्चा वॉर्ड, नर्सिंग छात्रावास, कर्मचारी और डॉक्टर क्वार्टर, रिश्तेदारों और अधिकारियों के लिए अलग-अलग रहने की सुविधाएं, एक सभागार, एक डे केयर सुविधा, रिहैबिलिटेशन सेंटर, न्यरो साइक्रेटिक वॉर्ड समेत अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा और इसी तरह की लगभग आठ एक, दो और तीन मंजिल वाली इमारतें शामिल होंगी। इसके साथ ही मरीजों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी पढ़ाए जाएंगे।
तीन सालों में पूरा होगा काम
जानकारी के मुताबिक जीआर पारित होने के बाद निविदा को अंतिम रूप दिया जाता है। वर्तमान योजना के अनुसार प्रत्येक चरण के लिए डेढ़ साल की आवश्यकता होगी, इसलिए पूरे नवीनीकरण कार्य को पूरा करने में कुल तीन साल लगेंगे।

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