शिंदे राज में जनता की जेब पर कैंची …मुंबईकरों को मिलेगा महंगा दूध!

किसानों को नहीं मिल रहा उचित मूल्य
 कल किया जोरदार प्रदर्शन

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई और पुणे शहर में गोकुल दूध महंगा होने से आम जनता का बजट न केवल डगमगा गया, बल्कि उनकी जेबों पर वैंâची भी चलेगी। बताया गया है कि बढ़ते खर्च और दूध के पाउडर में होनेवाली किल्लत के कारण दूध की कीमत में बढ़ोतरी की गई है। दूसरी तरफ दूध की दर में भले ही वृद्धि हो रही है, लेकिन किसानों को उचित दर नहीं मिल रहा है। इसके खिलाफ राज्य के कई जिलों में किसानों ने आंदोलन कर विरोध प्रदर्शन किया। कल हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दूध उत्पादक किसानों के लिए दूध की दरों में प्रति लीटर ३० रुपए तो ५ रुपए अनुदान देने का निर्णय लिया गया तो वहीं पाउडर वाले दूध में भी ३० रुपए का अनुदान देने की बात कही गई। एक जुलाई से यह दर लागु की गई है।
दूध कंपनियों ने बढ़ाए दाम
मुंबई और पुणे शहर में दूध महंगा हो गया है। गोकुल दूध संघ ने पुणे और मुंबई में गाय के दूध की बिक्री दर बढ़ा दी है। एक जुलाई से गाय के दूध की कीमत दो रुपए प्रति लीटर बढ़ गई है। हालांकि, पुणे और मुंबई को छोड़कर महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में बिक्री दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। बता दें कि जून की शुरुआत में अमूल और मदर डेयरी ने दूध के दाम दो रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिए थे। इसके बाद कर्नाटक मिल्क फेडरेशन की ओर से नंदिनी दूध की कीमत बढ़ा दी गई। अब गोकुल दूध के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं। ऐसे में मुंबई और पुणे में आम आदमी का मासिक बजट बिगड़ने वाला है।
आक्रामक हुए किसान
दूध उत्पादक किसानों का आरोप है कि भले ही दूध की कीमतें बढ़ गई हैं, लेकिन किसानों को दूध की उचित कीमत नहीं मिल रही है। इसके चलते सोलापुर जिले के करमाला तालुका के केम में आंदोलन चल रहा है। दूध डेयरी के चेयरमैन समेत दूध उत्पादक किसानों ने दूध से नहाते हुए नारेबाजी की है। राज्य सरकार द्वारा दूध की दरों की घोषणा के बाद भी दूध उत्पादक आक्रामक हैं।

मनपा की नाकामी में जुड़ा एक और तमगा …टीबी मरीजों की सेवा में रोड़ा!

२४ काउंसलरों को घर बैठाने का आदेश
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा ने टीबी के पूर्ण उन्मूलन के उद्देश्य से जन जागरूकता अभियान चलाया है। इसी के तहत कुछ साल पहले टीबी मुक्त हुए २४ लोगों का चयन करते हुए उन्हें इस बीमारी के शिकार लोगों के पास जाकर काउंसलिंग करने की जिम्मेदारी दी गई थी। टीबी मरीजों के संपर्क में आने पर बीमारी दोबारा होने का खतरा होने के बावजूद इन्होंने जिम्मेदारी को स्वीकार किया। कुछ ही समय में टीबी रोग के चलते मानसिक तनाव से जूझ रहे ऐसे मरीजों के लिए सभी आधार बन गए थे। हालांकि, मनपा प्रशासन ने अचानक इन सभी २४ लोगों को घर बैठने का आदेश दे दिया है। इससे न केवल २४ लोग बेरोजगार हो गए हैं, बल्कि टीबी उन्मूलन में रोड़ा पैदा होने की आशंका पैदा हो गई है। ऐसे में कहा जा रहा है कि मनपा की नाकामी में एक और तमगा लग गया है।
‘कुशल टीबी रोग साथी’ पद पर किया गया नियुक्त
यह अवधारणा सामने आई कि जो लोग टीबी से उबरने वाले यदि मरीजों को अपना अनुभव साझा करते हैं तो इसका अनुकूल प्रभाव हो सकता है। इसी के मद्देनजर कुछ साल पहले टीबी से पीड़ित २४ लोग नियमित दवा लेने से ठीक हो गए। इसके बाद उन्हें ‘कुशल टीबी रोग साथी’ के पद पर नियुक्त करते हुए सभी को बाकायदा नियुक्ति पत्र भी दिया गया। ‘सक्षम टीबी रोग साथी’ को मानधन के रूप में प्रति माह १०,६०० रुपए का भुगतान किया जाता था। २४ केंद्रों में २४ ‘सक्षम टीबी रोग साथी’ नियुक्त किए गए थे, फिर से टीबी होने की संभावना के बाद भी सभी ने जोखिम पर इस कार्य को स्वीकार किया और पिछले तीन सालों से सुबह नौ से शाम चार बजे के बीच मरीजों से मिल कर अपने कामों को ईमानदारी से निभा रहे हैं। हालांकि, मनपा ने उन्हें एक संदेश भेजकर काम पर से निकाल दिया है।
मुंबई मनपा ने टीबी उन्मूलन के लिए विभिन्न गतिविधियों, योजनाओं आदि को लागू करना शुरू कर दिया है।

पेपर लीक पर बिल : १० साल की सजा एक करोड़ दंड …प्रतियोगिता परीक्षाओं में रुकेगी गड़बड़ी

विधानसभा में पेश हुआ विधेयक
सामना संवाददाता / मुंबई
पेपर लीक को लेकर विपक्षी दलों ने न सिर्फ राज्य सरकार को, बल्कि केंद्र सरकार को भी निशाने पर लिया है। इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाना समय की मांग बन गया है। इसी सिलसिले में प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण विधेयक कल विधानसभा में पेश किया गया। इस विधेयक में पेपर लीक के अपराध के लिए १० साल की वैâद और १ करोड़ रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।
उत्पादन शुल्क मंत्री शंभुराज देसाई ने विधानसभा में विधेयक पेश किया। इस अधिनियम के तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे। इस अपराध के लिए तीन से १० साल की जेल की सजा का प्रावधान है। इसी तरह अपराधी पर १० लाख से १ करोड़ रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। बिल में कहा गया है कि जुर्माना न भरने पर जेल की सजा बढ़ाई जा सकती है।
जांच के लिए उप-अधीक्षक स्तर का एक अधिकारी ये करेंगे जांच
प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार की जांच केवल पुलिस उपाधीक्षक या सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी द्वारा ही की जाएगी। इसी तरह विधेयक में यह भी स्पष्ट किया गया है कि राज्य सरकार को इन मामलों की जांच किसी भी राज्य जांच विभाग को सौंपने का अधिकार होगा।

‘ये’ होंगे अपराधी
प्रतियोगी परीक्षा के पेपर लीक में अभ्यर्थी की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी अन्य व्यक्ति के सहयोग से संलिप्तता होना।
परीक्षा में किसी भी प्रकार की नकल करना, कॉपी के लिए अलिखित, नकल किए गए, मुद्रित सामग्री या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से प्राप्त सामग्री का गैरकानूनी उपयोग करना।
परीक्षा में कोई भी अनुचित और अन्य अनधिकृत सहायता लेना। साथ ही किसी भी अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक या मैकेनिकल संसाधन या उपकरण का उपयोग करना।

मोहन सरकार में लापता होती लाडली …३ साल में ३१ हजार लेडीज गायब, ७२४ मामले दर्ज

औसतन रोज ३१ होती गुम, मौज में भाजपा सरकार?
सामना संवाददाता / इंदौर
मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार का काम-काज गजब तरीके से चल रहा है। एक तरह से प्रदेश की मोहन यादव सरकार महिलाओं के लिए लाडली बहन योजना लाकर उन्हें अपनी तरफ खिंच रही है, जबकि दूसरी तरफ वही लाडली बहन प्रदेश में बड़ी तेजी से गायब हो रही है, लेकिन मोहन सरकार भी इसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर रही है। यही वजह है कि लापता लेडीज को लेकर पुलिस स्टेशन में नाममात्र ही मामला ही दर्ज हो रहा है। आंकड़े चुकाने वाले हैं। मध्य प्रदेश में पिछले ३ साल में ३१,००० महिलाएं और लड़कियां लापता हो गई हैं, इस तरह राज्य में २०२१ से २०२४ के बीच २८,८५७ महिलाएं और २,९४४ लड़कियां लापता शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में हर दिन औसतन २८ महिलाओं और ३ लड़कियों के लापता होने की खबर है। ये आंकड़े मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक और पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में बताए गए हैं। सदन में बताया गया कि लापता होने वाली संख्या इतनी ज्यादा होने के बावजूद आधिकारिक तौर पर सिर्फ ७२४ गुमशुदगी के मामले दर्ज किए गए हैं। उज्जैन में पिछले ३४ महीनों में ६७६ महिलाएं लापता हुई हैं। इसके बावजूद एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया। वहीं इंदौर में २,३८४ महिलाएं लापता हैं। ये आंकड़े राज्य के किसी भी ज़िले के लिए सबसे ज्यादा हैं। इनमें एक ही महीने में ४७९ महिलाएं लापता हुर्इं, लेकिन सिर्फ १५ मामले दर्ज किए गए। ये एक महीने में दर्ज किए गए किसी सबसे ज्यादा लापता महिलाओं की संख्या भी है वहीं सागर जिले से सबसे ज्यादा २४५ लड़कियां लापता हुई हैं।

मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा गुमशुदगी
मध्य प्रदेश में लड़कियों, महिलाओं के साथ-साथ लापता बच्चों की भी संख्या सबसे ज्यादा है। जुलाई २०२३ में गृह मंत्रालय ने संसद में एनआरसीबी के आंकड़े जारी किए थे। इसमें बताया गया कि मध्य प्रदेश में २०१९ से २०२१ के बीच करीबन २ लाख महिलाएं और लड़कियां लापता हुई थीं। किसी दूसरे राज्य में इस तरह के लापता होने के मामले नहीं देखे गए। २०२२ में हर दिन ३२ बच्चे लापता हुए। इनमें से २४ लड़कियां थीं, जो कुल लापता हुए बच्चों का ७५ प्रतिशत है।

राहुल से लिपटकर फफक पड़े परिजन … हाथरस पहुंचे राहुल गांधी

 बोले-संसद में उठाएंगे मुद्दा, पीड़ितों को दिलाएंगे
सामना संवाददाता / अलीगढ़
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार की सुबह अलीगढ़ के पिलखना में हाथरस हादसे में मृतकों के परिजनों से मुलाकात की। पिलखना नगर पंचायत के फरियान मोहल्ले में चार लोगों की सूरज पाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग में दो जुलाई को सिकंदराराऊ के फुलरई में मौत हो गई थी। राहुल गांधी का काफिला सुबह ७.३० बजे पिलखना पहुंच गया। यहां पर राहुल ने सबसे पहले मृतक मंजू देवी के परिवारवालों से मुलाकात की। इस दौरान मृतकों के परिजन राहुल गांधी से लिपटकर फफक-फफक कर रो पड़े।
राहुल गांधी ने मृतक मंजू देवी के पति छोटेलाल व उनकी बेटियों से हादसे के बारे में विस्तृत जानकारी ली। मृतक मंजू देवी के पति छोटेलाल ने राहुल गांधी को बताया कि हादसे में उनकी पत्नी व उनका छोटा बेटा पंकज अब इस दुनिया में नहीं रहे। मृतक के पति ने राहुल गांधी को बताया कि वह कई वर्षों से बाबा के सत्संग में जाते थे। राहुल गांधी ने मृतक के परिवार वालों से शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हादसा गंभीर है, इसमें दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
मृतकों के परिजनों को न्याय का भरोसा दिलाया। राहुल गांधी ने कहा कि इस हादसे का जो भी जिम्मेदार है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले को वे संसद में उठाएंगे और पीड़ितों की हरसंभव मदद करेंगे।
आधे घंटे तक बांटा दुख-दर्द
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पिलखाना में करीब आधे घंटे तक मृतकों के परिजनों के साथ उनका दुख-दर्द बांटा। एक परिवार से एक जगह जबकि दो परिवारों से एक ही जगह मुलाकात की। सुबह साढ़े सात बजे राहुल गांधी दिल्ली से सड़क मार्ग के रास्ते अलीगढ़ के पिलखना पहुंचे। सुबह करीब आठ बजे राहुल गांधी काफिले के साथ हाथरस के लिए रवाना हो गए। न्याय

ये किसका अभिनंदन! …जिन्हें देनी चाहिए बधाई …उनकी ही तस्वीरें पोस्टर से हैं गायब

टीम इंडिया के सत्कार पर विधान परिषद में सत्तादल-विपक्ष में घमासान
सामना संवाददाता / मुंबई
११ साल बाद टी-२० वर्ल्डकप जीतने वाली हिंदुस्थानी टीम का गुरुवार को मुंबईकरों ने जोरदार स्वागत किया, लेकिन विधानमंडल में होनेवाले चार मुंबईकर एथलीटों के सम्मान समारोह को लेकर कल विधान परिषद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोक-झोंक हुई। विपक्षी सदस्यों ने तंज कसते हुए कहा कि ये किसका अभिनंदन है, जिन्हें बधाई दी जानी चाहिए, उनकी ही तस्वीरें ही पोस्टर से गायब हो गई हैं। इस पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्यों के बीच जमकर घमासान हुआ। आखिरकार विधान परिषद सभापति ने सत्ता और विपक्ष के सदस्यों को शांत कराया।
प्रश्नोत्तर काल के दौरान कांग्रेस के विधायक भाई जगताप ने हिंदुस्थानी टीम को बधाई देने वाले पोस्टर का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पोस्टर पर मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों की तस्वीरें थीं। हालांकि, जिन लोगों को बधाई देने के लिए यह पोस्टर लगाया गया था, उनकी तस्वीरें पोस्टर से गायब थीं। टीम इंडिया के अभिनंदन पोस्टर पर खिलाड़ियों के नाम और फोटो कुछ नहीं है। इसमें सिर्फ मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों की तस्वीरें हैं। खिलाड़ियों का सम्मान करना गर्व की बात है। ऐसे ही सबको बुलाओ। हम सब टीम इंडिया का स्वागत करेंगे, लेकिन इस पोस्टर को कोई लीग जीते जाने की तरह दिखाया जा रहा है।
शिवसेना ने किया समर्थन
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के एड. अनिल परब ने भी भाई जगताप का समर्थन करते हुए कहा कि यह देश के लिए गर्व की बात है कि हिंदुस्थान ने विश्व कप जीता है। ये भी अच्छा है कि हमारा विधानमंडल ने टीम इंडिया को सम्मानित करने का फैसला किया है, लेकिन विपक्ष भी इस सदन का सदस्य है। उन्हें भी इस समारोह में शामिल करें। हमें इस सम्मान से क्यों वंचित रखा गया है? उन्होंने कहा कि हम देश के नागरिक हैं। हमारी मांग है कि सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम की जानकारी विधानमंडल को होनी चाहिए। यह ठीक नहीं है कि आपने हमारे विपक्षी नेताओं को इस हद तक पहुंचा दिया है कि हम ऐसे अच्छे कार्यक्रम में भी नहीं आ सकते। यह सही नहीं है।
सभी को कार्यक्रम में शामिल होने का आमंत्रण
अनिल परब ने कहा कि सभी को आमंत्रित करें, सुनहरे पलों के भागीदार हमें भी बनने दें। बस इतनी ही मांग है। इस बीच सभापति ने कहा कि कार्यक्रम पहले से ही तय किया गया था। इसलिए विपक्ष को लिखित निमंत्रण नहीं मिला होगा। उपसभापति ने कहा कि आप सभी को टीम इंडिया के सम्मान समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाता है।

गड्ढे में गडकरी के दावे! …अमदाबाद-मुंबई हाईवे की हालत खस्ता

-टोल वसूली जारी
अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
अमदाबाद-मुंबई हाईवे, जिसे देश की आर्थिक राजधानी को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग माना जाता है, इन दिनों यह महामार्ग बुरे दौर से गुजर रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दावा किया था कि खराब राजमार्गों पर टोल वसूली नहीं की जाएगी, लेकिन गडकरी के दावे का अधिकारियों पर कोई असर नहीं हुआ। इस हाईवे की हालत खस्ता होने के बावजूद भी धड़ल्ले से टोल वसूली शुरू है।
उल्लेखनीय है कि हाइवे की हालत इतनी खराब है कि सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिससे यातायात बाधित हो रहा है और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। रोजाना इस हाईवे पर हजारों वाहन चालक आवगमन करते है, लेकिन उन्हें खराब सड़कों के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन गड्ढों की वजह से न केवल वाहन चालक बल्कि पैदल यात्रियों को भी भारी परेशानी से दो-दो हाथ करना पड़ रहा है।
अवैध मलबे की डंपिंग
सबसे अधिक चिंताजनक बात यह है कि हाईवे के अगल-बगल अवैध मलबे की डंपिंग की जा रही है, जिसे रोकने में हाईवे अथोरिटी पूरी तरह विफल रही है। इन अवैध डंपिंग स्थलों से न केवल हाईवे का सौंदर्य बिगड़ रहा है, बल्कि पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा, मलबे के ढेर सड़क पर फैलने से ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
खराब हाईवे पर क्यों हो रही है टोल वसूली
यात्रियों का कहना है कि वे रोजाना टोल का भुगतान करते हैं, लेकिन बदले में उन्हें अच्छी सड़कों की सुविधा नहीं मिल रही है। टोल वसूली की यह नीति न केवल अनुचित है, बल्कि यात्री अधिकारों का भी हनन है। हाईवे अथोरिटी की लापरवाही और प्रबंधन में कमी से हाइवे की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है, जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है।

ट्रैफिक जाम और गड्ढों के विरोध में अनोखा आंदोलन
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के कुप्रबंधन के विरोध में स्थानीय नागरिकों और कांग्रेस पार्टी भूमिपुत्र संगठन ने अमदाबाद में राष्ट्रीय राजमार्गों पर बैंड-बाजा बजाकर प्रदर्शन किया। साथ ही गड्ढों के चारों ओर फूलों की माला बनाकर और उन गड्ढों में नृत्य करके विरोध जताया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाईवे पर २ घंटे तक हाईवे अथॉरिटी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। इस मौके पर भूमिपुत्र फाउंडेशन के सुशांत पाटील, कांग्रेस के विजय पाटील, अनिल अल्मेडा और स्थानीय नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

 

यूपी में किसानों के ‘सम्मान’ से लूट …प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की नहीं मिल रही है पूरी रकम

कृषि विभाग की मिलीभगत से अनपढ़ किसान हो रहे हैं शिकार
सामना संवाददाता / लखनऊ
फर्रुखाबाद जिले में केंद्र सरकार की ओर से किसानों को दी जा रही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में जनसेवा केंद्रों पर धोखाधड़ी हो रही है। बातों में फंसाकर आधी रकम देकर किसानों को सम्मान निधि का भुगतान किया जा रहा है। केंद्र संचालक से बातचीत के वायरल ऑडियो में कृषि विभाग के जिम्मेदारों को पैसे देने का मामला सामने आया है। जिले में केंद्र संचालक व कृषि विभाग की मिलीभगत से अनपढ़ किसान ठगे जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, गंगा किनारे कटरी क्षेत्र के १०-१२ गांवों के सैकड़ों किसान शिकार बन रहे हैं।
इससे साफ है कि किसानों से ठगी में केंद्र संचालक और कृषि विभाग की मिलीभगत से गंगा की कटरी क्षेत्र के १२ गांवों के सैकड़ों किसान शिकार हो रहे हैं। मऊदरवाजा थाने के गांव बड़ी गुलरिया के एक किसान और शहर के मोहल्ला सलावत खां के जनसेवा केंद्र संचालक से बातचीत का ऑडियो बुधवार रात वायरल हुआ। इसमें युवक गरीब, अनपढ़ किसानों को किसान सम्मान निधि के भुगतान में ठगी की बात कह रहा, तो केंद्र संचालक कई किसानों के नाम लेकर २४ हजार में १२ हजार, १० में पांच हजार, छह में तीन हजार रुपए लेने की बात कह रहा है। ११ मिनट ५२ सेकंड के ऑडियो में केंद्र संचालक युवक कुछ भी न कर पाने की धमकी भी दे रहा है।

योगी के मंत्री को करना पड़ा विरोध का सामना …कीचड़ में लेटकर जताई नाराजगी

सामना संवाददाता / लखनऊ
लखनऊ के प्रभारी और योगी सरकार में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना कल आलमबाग के गीतापल्ली क्षेत्र में सफाई-व्यवस्था का जायजा लेने गए थे, जहां उन्‍हें विरोध का सामना करना पड़ गया। एक स्थानीय निवासी ने कीचड़ पर लेटकर अपनी नाराजगी जताई। जल निगम और नगर निगम की लापरवाही से परेशान लोगों की कोई सुनवाई न होने पर मंत्री के निरीक्षण की सूचना पाकर वे घरों से बाहर आ गए और मंत्री से अपनी नाराजगी जताई।
विरोध बढ़ता देखकर मंत्री को वापस होना पड़ा तो हर किसी ने कहा, आगे चलकर देखिए। मंत्री कार से जाने लगे तो लोगों ने कहा, ‘कहां जा रहे हैं, खड़े होकर देखिए।’ एक व्यक्ति मंदिर के सामने जमा पानी में बैठ गया। वह मंत्री से कार से उतरकर समस्या को देखने को कह रहा था, लेकिन मंत्री ने कहा, कार्रवाई होगी, तसल्ली रखिए, कहकर कार से आगे बढ़ते चले गए। मंत्री सुरेश खन्ना चार वॉर्डों की सफाई-व्यवस्था देखने को निकले थे।

पंढरपुर तीर्थयात्रा में शामिल होंगे राहुल गांधी …भाजपा का बढ़ा टेंशन!

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी की निगाहें अब विधानसभा चुनाव पर हैं। यही वजह है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी अब पुणे जा रहे हैं, जहां वह वार्षिक पंढरपुर तीर्थयात्रा में शामिल होंगे। बताया जाता है कि महाविकास आघाड़ी के नवनिर्वाचित सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल एनसीपी (शरदचंद पवार) प्रमुख शरद पवार के साथ राहुल गांधी से मुलाकात की और उन्हें वार्षिक तीर्थयात्रा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। कांग्रेस सांसद प्रणीति शिंदे और एनसीपी (शरदचंद पवार) सांसद धैर्यशील मोहिते-पाटिल भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। कांग्रेस विधायक संजय जगताप ने कहा कि राहुल गांधी १३ या १४ जुलाई को तीर्थयात्रा में शामिल होंगे और तीर्थयात्रियों के साथ कुछ दूरी तक चलते हुए संत ज्ञानेश्वर महाराज और संत तुकाराम महाराज पालकी का आशीर्वाद लेंगे। राहुल गांधी को पंढरपुर तीर्थयात्रा में शामिल करने के कदम को महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले मतदाताओं के बीच एमवीए की पहुंच को और मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। यही वजह है कि भाजपा अब राहुल की इस यात्रा का विरोध कर रही है।