आकाशीय कहर : बदलापुर और चंदवक में गिरी बिजली…4 की मौत, 3 घायल

मंगलेश्वर त्रिपाठी / जौनपुर

जिले में रविवार की शाम आसमान से मौत बरसी। तेज बारिश, हवा और गरज के बीच बदलापुर और चंदवक क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने से कुल 4 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए।
बदलापुर : किशोरी की मौत, दो घायल
कोतवाली क्षेत्र के खजुरन गांव में तेज बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से सुल्तानपुर जनपद के लउआ गांव निवासी धीरेंद्र गौतम की 14 वर्षीय बेटी अनामिका की मौके पर ही मौत हो गई। वह अपने ननिहाल उमाकांत गौतम के घर आई थी और आम बीनने के लिए बाग में गई थी, वहीं महराजगंज के मीरापुर केवल निवासी पप्पू की बेटी अंकिता घायल हो गई, जो अपने फूफा के घर आई थी।
दूसरी घटना जमुनीपुर गांव में हुई, जहां घनश्यामपुर निवासी 35 वर्षीय रमाशंकर बर्फ बेच रहे थे। बिजली गिरने से वह गंभीर रूप से झुलस गए। रमाशंकर को जिला अस्पताल रेफर किया गया है, जबकि अनामिका को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
चंदवक : बगीचे में आम बीनते समय तीन की मौत
इधर चंदवक क्षेत्र में भी आकाशीय बिजली का कहर टूटा। एक बगीचे में आम बीनने के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से दो सगे भाइयों समेत तीन लोगों की मौत हो गई।
घटना के बाद गांव में मातम का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है।

भाजपा का एक और शिगूफा-31 मार्च 2026 तक देश नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा

प्राथमिकी दर्ज होने के तीन वर्ष के भीतर हो मुकदमों का निस्तारण!

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि सरकार अगले पांच साल में ऐसी व्यवस्था बनाने जा रही है जिससे हर नागरिक को प्राथमिकी दर्ज होने के तीन साल के अंदर न्याय मिल सके। शाह ने यह भी दावा किया कि 31 मार्च 2026 तक देश नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा। गृह मंत्री ने उत्तर प्रदेश पुलिस में 60,244 नवनियुक्त सिपाहियों को नियुक्ति पत्र वितरण के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, यह तीनों कानून “मैं आज आप सबके सामने बोलकर जा रहा हूं कि पांच साल के अंदर देश में ऐसी व्यवस्था बन जाएगी कि कोई भी प्राथमिकी दर्ज हुई तो नागरिक को उच्चतम न्यायालय तक तीन साल के अंदर न्याय मिल जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘सीसीटीएनएस, आईसीजेएस और फॉरेंसिक साइंस की सारी सुविधाओं और तकनीक के आधार पर न्याय को आगे बढ़ाने की व्यवस्था करनी है।’ शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 11 साल के कार्यकाल में देश सुरक्षित हुआ है। ‘सबसे बड़ी बात है कि मोदी जी के 11 साल में देश सुरक्षित हुआ है। देश के 11 राज्यों में नक्सलवाद हुआ करता था। अब 11 सालों में 11 राज्यों में से नक्सलवाद तीन जिलों में बचा है और मेरी बात याद रखना, 31 मार्च 2026 को यह देश नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा।’

 

मिशन सिंदूर के आगे भाजपा नेता हुआ धड़ाम!…पूर्व विधायक ने उर्मिला को पत्नी के रूप में स्वीकारा

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ

भाजपा के पूर्व विधायक सुरेश राठौर और फिल्म अभिनेत्री उर्मिला सनावर के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद पर रविवार को विराम लग गया। पूर्व विधायक ने उर्मिला को पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया है। उर्मिला ने इस पल को अपने मिशन सिंदूर की जीत बताया। एक होटल में ज्वालापुर के पूर्व विधायक सुरेश राठौर और फिल्म अभिनेत्री उर्मिला सनावर ने पत्रकार वार्ता की। उन्होंने कहा कि आपसी मतभेद को लेकर कुछ विवाद हो गया था, लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है। अभिनेत्री ने कहा कि अपना हक पाने के लिए व्यक्ति को संघर्ष करना पड़ता है। आज उन्हें उनके पति सुरेश राठौर मिल गए हैं, इसको लेकर काफी उत्साहित हूं। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों के बीच कुछ लोगों ने साजिश कर जो गलतफहमियां बनाई हुई थीं, वह अब खत्म हो चुकी हैं। वह अपने एक नए जीवन की शुरुआत करने जा रही हैं।

पूर्व विधायक सुरेश राठौर ने कहा कि राजनीतिक, सामाजिक और वैवाहिक जीवन में धूमिल छवि को संवारने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने उर्मिला को सार्वजनिक रूप से पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया है। उनकी पहली पत्नी और परिजनों ने भी स्थिति को समझा है। उन्होंने माना कि वह उर्मिला के सच्चे प्यार के आगे झुक गए हैं। पूर्व विधायक और अभिनेत्री के बीच पिछले काफी समय से विवाद था। यहां तक कि थाने में तहरीर भी दे दी गई थी। सोशल मीडिया पर भी कई बार मामला उछला था। मगर इस विवाद का अब पटाक्षेप होता दिख रहा है।

पापा

पापा ने अपनी खुशियां बेच दी,
हमें पढ़ाने में अपने जूते बेच दिए,
हमारी फीस चुकाने में
तपती धूप में दिन भर रिक्शा चलाया
हमारी भूख मिटाने में
अपनी इच्छा को त्याग कर दो-दो रुपए
बचाए, हमें पहनाने में
कितना भी कष्ट सहूं,पर कितना कुछ कर लूं
अपने बच्चे के खिलखिलाने में
पापा की अंगुली थामे, हम बाजार जाते
सब कुछ दिला दिया, हमारे मुस्कराने में
पापा का हाथ सर पे परमात्मा का हाथ है
जीवन की रंग-बिरंगी, खुशियों की सौगात है
पिता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
-वंदना मौर्या, इंदौर

हरजाई मौका

मिलना था मौका
मिल गया धोखा
चुरा ली मेरी अमानत
अदृश्य हो गई कामना
मौसम हुआ बेगाना
बहारें हुईं हरजाई
सोच रहे थे ख्यालों में
हमें नहीं पता था
हम भी खड़े हैं सवालों में
दिल में खुद ही उत्तर गए जवाबों में
हाथ में आते-आते छिन गया
पड़ गए हम बवालों में
सोच रहे थे अभी आज कल मिल जाएगा
पर मिले हमको सालों में
कितनी शिद्दत से रखा था
मन में घरौंदा बनाने का
पर सिक्के फिसल गए पाताल में
जिंदगी कब चलेगी सवेरे के आकार में
गुजारिश है मेरी आसमानी सरकार से
पुकारे मुझे भी सब कोई अच्छे खिताब से।
-अन्नपूर्णा कौल, नोएडा

पिता क्या है!

पिता की बाहें अपार हैं
पिता की बाहों में विस्तार है
अम्बर सा फैला तेरा प्यार है
पिता, तू परिवार का संसार है।
पिता, तू अवनी सा उदार है
जीवन तेरा दिया उपहार है
अपना रखें न लेशमात्र ध्यान
परिवार के सुख का आधार है।
पिता, तू मां के माथे की बिंदिया है
उसके मांग का सिंदूर है
हमें दे कर जन्म तूने
मां को पूर्ण नारित्व का दिया उपहार है।
पिता, तू सागर सा गहरा है
जिसमें भरा असीम प्यार है
कभी-कभी कुछ लहरें क्रोध की उठती
उत्तरदायित्व निभाने की पकड़ी पतवार है।
पिता, तू मंदिर सा पावन है
अपनत्व की मूरत है
गुस्से में भी पिता का
वरद हस्त ही उठता है।
पिता, तू परिवार का कल्पवृक्ष है
सभी सुविधाएं जुटाता है
प्यार से सिचों पिता के सम्मान को
भविष्य पिता ही संवारता है।
पिता, तू कामधेनु है
बिन मांगे अमृत सा पोषण देता है
मौन, शांत चित्त हो रहता
आत्मीयता का झरना है।
पिता की गोद में बैठना कभी-कभी ही मिलता
उसकी उंगली पकड़ चलना सबने सीखा
कंधों पर चढ़ना भी भाता है।
संतान को बोझ नहीं मानता
बच्चों के लिए चिंतातुर रहता
बुढ़ापे तक काम करने की ठानता है।
पिता तुम्हारे लिए वर्ष में एक दिन नहीं
मेरा जीवन ही समर्पित है।
-बेला विरदी

चार दिवसीय विराट धर्म सम्मेलन के चौथे दिवस पर उमड़ा अपार जन सैलाब…भारत बनेगा फिर से जगद्गुरू-श्री हरि चैतन्य महाप्रभु

सामना संवाददाता / देहरादून

प्रेमावतार, युगदृष्टा, श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर एवं विश्व विख्यात संत स्वामी हरि चैतन्य पुरी जी महाराज ने आज उत्तराखंड के करणपुर के गढीनेगी में ए.एन. झा इंटर कॉलेज में उपस्थित भक्त समुदाय को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम विश्व बंधुत्व व विश्व के कल्याण की भावना रखते हैं, परंतु उससे पूर्व अपनी जन्मभूमि इस भारत मां की समृद्धि व खुशहाली की कामना करते हैं। हम अपने प्रति दूसरों के द्वारा किए अपराधों को क्षमा कर सकते हैं, परंतु अपनी भारत मां के प्रति, मानवता के प्रति किए अपराधों को कदापि क्षमा नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि समस्त विश्व संभावित भयानक युद्घ के यंत्रणा काल से गुजर रहा है। ऐसे में हम सभी राष्ट्रवासियों को समस्त प्रकार की संकीर्णताओं व मतभेदों को त्यागकर आपसी प्रेम, एकता व सद्भाव को बनाए रखना है। राष्ट्र व समाज को विभिन्न आधारों पर तोड़ने व बांटने की नीच कुत्सित व घृणित साजिशों को सफल नहीं होने देना है। हम सभी को आत्मअन्वेषण करना चाहिए कि राष्ट्र के उत्थान, विकास के लिए, आजादी को बरकरार रखने व शांति का साम्राज्य स्थापित करने में हमारा क्या योगदान है? हम सभी राष्ट्रवासी ऐसा संकल्प लें कि शहीदों की कुर्बानियों को व्यर्थ न जाने दें। आज हर कोई अपने-अपने अधिकार के लिए तो बहुत जागरूक है। हमारा कोई विरोध नहीं, परंतु हमारा कोई कर्तव्य भी है। परिवार, क्षेत्र, राष्ट्र और समाज के लिए उसे भी पहुंचाने व पालन करें।
उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण विश्व आज युद्ध की संभावनाओं के यंत्रणा काल से गुजर रहा है। हम सभी समस्त प्रकार की संकीर्णताओं और मतभेदों को त्यागकर आपसी प्रेम एकता सद्भाव व सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखें। विश्व शांति के अग्रदूत हमारे प्यारे भारत वर्ष में आज अशांति दुर्भाग्यपूर्ण व चिंता का विषय है। हम अशांति के घटक न बनें, शांति का साम्राज्य स्थापित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। यहां शांति होगी व यहीं से एक बार फिर से शांति का संदेश सारी दुनिया में भारत की पवित्र धरा से ही पहुंचेगा।
जगद्गुरु रहा है हमारा प्यारा भारत। आज कमियां भारत में नहीं, हम भारतवासियों में आयी है। विचारपूर्वक उन्हें दूर करें, भारत फिर से जगद्गुरु के पद पर प्रतिष्ठापित होगा। पड़ोसी राष्ट्र को उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि पाक को अपने नापाक़ इरादे बदलने चाहिए। भारत को आतंक के साये में पिछले कई दशक से अघोषित युद्ध की स्थिति में झोंक रखा है। आए दिन होने वाली घुसपैठ, आतंकवादी हमले, आतंकवादी ट्रेनिंग कैंप चलाकर सैनिकों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार करके अमानवीयता की सारी हदें तोड़ रखी हैं। इन नापाक़ हरकतों से बाज आएं, वरना हमेशा की तरह मुंह की खानी पड़ेगी। चीन को भी आगाह करते हुए कहा है कि यह भारत वर्ष तब का भारत वर्ष नहीं, आज हमारी सैन्य शक्ति दुनिया में बहुत मजबूत है। हमने कभी युद्ध नहीं चाहा, हम पर हमेशा युद्ध थोपे गए। भारत सर्वे भवंतु सुखिनः व विश्व बंधुत्व का भाव रखता है। पृथ्वी ही नहीं, संपूर्ण ब्रह्माण्ड में शांति चाहता है।
भारत जैसे पवित्र राष्ट्र में जहां श्रीराम, श्रीकृष्ण जैसे अवतारों ने गाय की सेवा व पूजा करके महिमा प्रतिष्ठापित की हो, वहां गायों की दुर्दशा व गौ हत्या शर्मनाक है, जिस पर पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिए। जिस देश में वर्ष में दो बार नवरात्रि व विभिन्न मांगलिक अवसरों पर कन्या पूजन किया जाता हो, वहां कन्या भ्रूण हत्या जैसा जघन्य अपराध निंदनीय व शर्मनाक है। घटता हुआ लिंग अनुपात भविष्य के लिए चिंता का विषय है व कन्या भ्रूण हत्या के विरुद्ध कठोर कानून बनने चाहिए तथा समाज में जागृति पैदा करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज लोग अधिकारों के लिए जागरूक हुए हैं, जो अच्छी बात है, लेकिन राष्ट्र व समाज के लिए अपने कर्तव्यों को भी पहचानें व पालन करें तो और भी अच्छा होगा। समाज की विभिन्न जटिलतम समस्याओं का राजनीतिकरण न करके आपसी प्रेम मेलजोल व सौहार्दपूर्ण वातावरण में सुलझाने का प्रयास करें। कथा प्रवचन, योग, आयुर्वेद, चिकित्सा व शिक्षा आदि का व्यवसायीकरण दुखद है। धर्म के अनुष्ठान (कथा, प्रवचन, यज्ञ, तीर्थयात्रा आदि) तो बढे़ हैं, लेकिन आचरण अपेक्षाकृत उतना नहीं बढा़। जबकि धर्म मात्र अनुष्ठान का नहीं, अपितु आचरण का विषय है।
महाराज श्री के दर्शनार्थ व दिव्य प्रवचनों को सुनने के लिए स्थानीय, क्षेत्रीय व दूर दराज से काफी संख्या में भक्तजन पहुंचे। अपने धाराप्रवाह प्रवचनों से उन्होंने सभी भक्तों को मंत्रमुग्ध व भाव विभोर कर दिया। सारा वातावरण भक्तिमय हो उठा व ”श्रीगुरु महाराज”, “कामां के कन्हैया” व “लाठी वाले भैय्या“ की जय जयकार से गूंज उठा।
श्री हरि कृपा सेवा समिति के कार्यकर्ताओं ने श्री महाराज जी का 63 किलो की गुलाब के फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान मौसम सुहावना बना रहा। सुप्रसिद्ध भजन गायक टेक चंद शर्मा, नानक चंद शर्मा, गोविंद सैनी व पप्पू लहरी ने गुरू महिमा की सुंदर प्रस्तुतियां दीं। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए। कार्यक्रम के बाद विशाल भण्डारे का भी आयोजन हुआ, जिसमें हज़ारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ अर्जित किया। 9 जून से रोज 2 बजे से 4 बजे तक मेडिकल कैंप भी लगाया गया।
कल 65वां श्री हरि प्राकट्योत्सव विश्व में 360 से भी अधिक स्थानों पर धूमधाम से श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। सभी ने बधाई गाते हुए, नाचते हुए कार्यक्रम की शोभा बढ़ायी। संपूर्णं कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यूट्यूब पर श्री हरि कृपा आश्रम व अन्य चैनलों पर किया गया। शासन और प्रशासन ने भी पूरी व्यवस्था की।
परम पूज्य श्री महाराज जी के पावन अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित विशाल व भव्य शौर्य सम्मान समारोह व विराट धर्म सम्मेलन में हरि भक्तों की अपार भीड़ उमड़ी। सम्पूर्ण कार्यक्रम में एक लाख से अधिक श्रद्धालु उपस्थित हुए। इस बीच अनेक पूर्व मुख्यमंत्री, अनेक मंत्री, पूर्व मंत्री, अनेक सांसद व विधायक, पूर्व सांसद व विधायक, भाजपा व कांग्रेस के बड़ी संख्या में प्रमुख राजनेता, अनेक न्यायाधीश व अधिकारी व क्षेत्र के गणमान्य लोग श्री महाराज जी से आशीर्वाद लेने पहुंचे। आज भी विशाल भक्तों की भीड़ के साथ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, पूर्व मंत्री ज्योति शाह, पूर्व मंत्री दुर्गापाल, विधायक आदेश चौहान, पूर्व विधायक डॉ. शैलेंद्र मोहन सिंघल, पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल, विधायक त्रिलोक चीमा, विधायक दीवान बिष्ट, ज़िलाध्यक्ष मनोज पाल, जिला प्रभारी शिवप्रसाद काला, मेयर दीपक बाली, पूर्व मेयर ऊषा चौधरी, पूर्व चेयरमैन भगीरथ चौधरी, बद्री केदार मंदिर मंदिर समिति अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, गुरविंदर चंदोक, आशीष गुप्ता, कश्मीर सिंह, पंकज छाबड़ा, राज गुम्बर इत्यादि भी उपस्थित रहे। अनेक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार, शहीद परिवार, बड़ी संख्या में सैन्य अधिकारी व पूर्व सैनिक, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी गगन पासवान, अविनीश सुधा, देश व विश्व के अनेक सुप्रसिद्ध डॉक्टर, बड़ी संख्या में पत्रकार भी उपस्थित रहे। निःशुल्क चिकित्सा शिविर में बड़ी संख्या में लोगों ने लाभ उठाया। सुप्रसिद्ध भजन गायकों के भजन, कलाकारों व बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी को भाव विभोर कर दिया।
महाराज जी के जन्मोत्सव के उपलक्ष में प्रधानमंत्री, महामहिम राष्ट्रपति, अनेक राज्यों के मुख्यमंत्री व राज्यपालों, देश के प्रसिद्ध संतों की शुभकामनाएं व बधाई संदेश प्राप्त हो रहे हैं।
श्री हरि चैतन्य महाप्रभु के अवतरण “दिवस पर लगाया एक निःशुल्क मैडिकल कैंप।
हजारों लोगों ने विश्व प्रसिद्ध डॉक्टर संजय हिलाले के परामर्श का उठाया लाभ
विश्व प्रसिद्ध संत प्रेमावतार, युगदृष्टा, श्री हरि कृपा पीठाधीश्वर स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज के 66वें प्राकट्योत्सव के उपलक्ष में आयोजित विराट धर्म सम्मेलन में जहां देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु पहुंचे, वहां सुसंदेश फाउंडेशन के सौजन्य से विशाल निःशुल्क ई.एन.टी, मेडिकल कैंप लगाया गया, जिसमें मुंबई के सुप्रसिद्ध डॉक्टर संजय हिलाले व उनके सहयोगी डॉक्टरों की टीम ने हजारों रोगियों की निःशुल्क जांच करके परामर्श व बड़ी संख्या में रोगियों को दवाई भी वितरित की। निःशुल्क मैडिकल कैंप का उद्घाटन परम पूज्य स्वामी श्री हरि चैतन्य महाप्रभु के द्वारा फीता काटकर मंत्रोच्चारण के साथ किया गया।
उल्लेखनीय है कि सुसंदेश फाउंडेशन के द्वारा समाज सेवा के विभिन्न प्रकल्पों को स्वामी श्री हरि चैतन्य महाप्रभु के संदेश के प्रचार प्रसार व निःशुल्क मेडिकल कैंपों के माध्यम से एक महान प्रयास करके असंख्य लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है।

भदोही-मिर्जापुर लोकसभा के पूर्व सांसद एवं समाजवादी पार्टी के नेता रामरती बिंद का लंबी बीमारी से रविवार को वाराणसी में निधन

मिर्जापुर-भदोही से सपा के चुने गए थे सांसद, विधायक और मंत्री भी रहे

पूर्व सांसद भी दल बदल के दलदल में रहे उलझते, लेकिन रहे समाजवादी

भदोही । भदोही-मिर्जापुर लोकसभा के पूर्व सांसद एवं समाजवादी पार्टी के नेता रामरती बिंद (85) का लम्बी बीमारी से रविवार को वाराणसी में निधन हो गया। बिंद काफी दिनों से अस्वस्थ चल रहें थे। वाराणसी में उन्हें ईलाज के लिए भर्ती कराया गया था।

रामरती बिंद भदोही-मिर्जापुर क्षेत्र से 13 वीं लोकसभा में मिर्जापुर-भदोही निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। बिंद उत्तर प्रदेश की तत्कालीन सपा सरकार में भी मंत्री रहे। 2007 के मिर्जापुर -भदोही लोस उपचुनाव में उन्हें रमेश दुबे से हार का सामना करना पड़ा। समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य पूर्व सांसद उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री बिंद बेहद मिलनसार और सरल व्यक्ति रहे। भदोही की राजनीति में उन्हें गाँधी के उपनाम से लोकप्रिय एवं जनप्रिय नेता थे।

हालांकि सपा से सांसद रह चुके रामरती बिंद ने भी सत्ता की चाहत में बार-बार पार्टी बदला। 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा का टिकट कटने से नाराज बिंद अपना दल का दामन थामते हुए चुनाव भी लड़ा था। चुनाव में मिली हार के बाद विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बसपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। इसके बाद वे लोकसभा चुनाव के ठीक पहले उन्होंने बसपा का साथ छोड़ते हुए भी भाजपा की सदस्यता हासिल कर ली थी।

पूर्व सांसद रामरती बिंद का रविवार वाराणसी में ईलाज के दौरान एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। बिंद काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। बिंद भदोही जनपद के नेवादा (रोही) बिसौली के निवासी थे। उनका पार्थिक शरीर पैतृक आवास नेवादा रोही में अंतिम दर्शन के लिए रखा जायेगा। पूर्व सांसद के निधन पर राजनैतिक दलों के राजनेताओं और समाजवादी पार्टी के लोगों ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।

मानस सिंदूर कथा प्रवचन के लिए काशी पहुंचे मुरारी बापू, बाबा विश्वनाथ के दरबार में लगाई हाजिरी तो भड़क उठे काशी के सनातनी

-मुरारी बापू ने भी कथा के दौरान मांगी माफी

उमेश गुप्ता/वाराणसी

संत मुरारी बापू का सदैव पलके बिछाकर स्वागत करने काशीवासी इन दिनों बापू के काशी में नौ दिवसीय मानस सिंदूर कथा और बाबा विश्वनाथ के दरबार में जलाभिषेक किए जाने को लेकर नाराज हैं। यहां तक कि बापू का प्रतीक पुतला तक फूंक डाला। इसके पीछे इनका तर्क है कि संत मुरारी बापू अपनी पत्नी नर्मदाबा के निधन के तीन दिन बाद ही काशी आए हैं जो शास्त्रों के अनुसार इनका सूतक काल है, लेकिन वे इस दौरान बाबा विश्वनाथ के दरबार में न सिर्फ दर्शन पूजन किए बल्कि नौ दिवसीय श्री राम कथा का प्रवचन भी कर रहे हैं जो शास्त्रो के अनुसार वर्जित है।

दूसरी ओर इन विरोधी के बीच राम कथा के दूसरे दिन मुरारी बापू ने सूतक को लेकर मचे विवाद पर माफी मांगी। उन्होंने कहा, “मेरी पत्नी के निधन के बाद यदि किसी को मेरे दर्शन या कथा कहने से ठेस पहुंची हो, तो मैं क्षमा चाहता हूं। इसके लिए मानस क्षमा कथा भी कहूंगा। मैं प्रभु की कथा करता रहूंगा, यही मेरा संकल्प है।”

गौरतलब है कि मोरारी बापू की यह 958वीं राम कथा है, जो 22 जून तक चलेगी। पत्नी के निधन के महज तीन दिन बाद बापू ने बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया था, जिससे स्थानीय सनातनी समुदाय ने आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि परिजन के निधन के बाद सूतक काल लगता है, जिसमें पूजा-पाठ और धार्मिक प्रवचन नहीं होते।

इस विरोध में कुछ लोगों ने अस्सी चौराहे पर मुरारी बापू का पुतला भी फूंका। जवाब में बापू ने कहा था, “हम वैष्णव हैं। जो नियमित रूप से पूजा-पाठ करते हैं, उन पर सूतक लागू नहीं होता। भगवान का भजन करना शांति देता है, विवाद नहीं।”

हालांकि, अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने मोरारी बापू की आलोचना करते हुए कहा, “सूतक काल में कथा करना निंदनीय है। यह धर्म से हटकर केवल अर्थ की चाह का संकेत है, जो समाज के लिए गलत उदाहरण है।”

दरअसल, बापू ने अपनी पत्नी के निधन के महज तीन दिन बाद काशी आकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए थे और कथा भी शुरू की थी। इसे लेकर कई सनातनी संगठनों और संतों ने कड़ा विरोध जताया था। विरोध करने वालों का कहना था कि सूतक काल में पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान नहीं किए जाते, लेकिन मुरारी बापू ने परंपरा को तोड़ा।

स्वामी जी ने आगे कहा, “मुरारी बापू को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे ब्रह्मचारी, ब्रह्मनिष्ठ या राजा किस श्रेणी में आते हैं, जिन्हें सूतक नहीं लगता? यदि वे संन्यासी हैं, तो क्या उन्होंने जीवित रहते हुए अपना पिंडदान किया है? यह सब समाज को भ्रमित करने जैसा है।”

बता दे कि सूतक काल वह अवधि होती है जिसमें परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु के बाद कुछ दिनों तक धार्मिक कार्यों को वर्जित माना जाता है। सनातन परंपरा के अनुसार, इस दौरान मंदिर जाना, पूजा करना, कथा कहना वर्जित होता है। मोरारी बापू की ओर से इस परंपरा का उल्लंघन करने के आरोप लगाए जा रहे हैं।

टीला ढहने से आधा दर्जन मकान जमींदोज, दो बालिकाओं सहित तीन की मौत

एक दर्जन लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका
रेस्क्यू अभियान जारी, मलबे में तब्दील हुए मकान

डॉ. कमल कान्त उपमन्यु

मथुरा। कच्ची सड़क घनी आबादी वाले क्षेत्र में आज दोपहर एक साथ आधा दर्जन मकान जमींदोज होकर मलबे के ढेर में बदल गए। मलबे के ढेर में दबकर 3 लोगों की मौत हो गई। मृतक बालिकाएं दोनों सगी बहनें बतायी जा रही हैं। टीले पर बने मकान में रहने वाले परिवार और पास ही निमार्णाधीन दीवार पर काम कर रहे मजदूरों समेत एक दर्जन लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। सूचना मिलते ही जिलाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह, एसएसपी श्लोक कुमार समेत नगर निगम, प्रशासन और दमकल की टीमें मौके पर पहुंची हैं। रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। यह घटना शाहगंज दरवाजा क्षेत्र में सिद्ध बाबा मंदिर के पास हुई। यहां बाड़े में जेसीबी से खुदाई चल रही थी। तभी अचानक मिट्टी ढही और एक के बाद एक कई मकान मलबे में तब्दील हो गए। टीला खिसकने से यहां चीखपुकार मच गई।

सूचना पर जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह एसएसपी श्लोक कुमार सहित पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारीअधिकारी घटना स्थल पर पहुंच गए और बचाव कार्य शुरू करा दिया गया। हादसे में तीन लोगों की मौत हुयी है। जिनमें तोताराम और दो सगी बहनें यशोदा (6) और काव्या (3) वर्ष हंै। अधिकारियों ने राहत कार्य और तेज करने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे प्रभावित क्षेत्र से दूर रहें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब हादसा हुआ तो ऐसा लगा कि भूकंप आ गया हो। लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिला। लोग कुछ समझ पाते उससे पहले ही एक के बाद एक कई मकान मलबे में तब्दील हो गए। आधा दर्जन मकान जो ढहे हैं, वो मिट्टी के टीले पर बने हुए थे। ये विनोद हलवाई, बजरंगी सैनी, विजय, सूरज, राधा मुन्नी, पन्नालाल के मकान हैं।

चार लोगों को मलबे से निकाला गया, जिन्हें गंभीर हालत में जिला अस्पताल भेजा गया। इनमें दो बच्चियां शामिल थीं। यशोदा और काव्या दोनों सगी बहनें अपनी नानी के यहां आईं थीं। ये दोनों बच्ची वृंदावन के गौतमपाड़ा निवासी मोहन लाल की बेटियां हैं। ये दोनों बच्चियां एक ही कमरे में सोई हुयी थीं, जिनकी इस हादसे में मौत हो गयी।

मौजूद मृतकों के परिजनों ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया कि यदि समय रहते बचाव दल मौके पर पहुंच जाता तो दर्जनों लोगों को मौत के मुंह में जाने से रोक लिया जाता। जिला अस्पताल में मौजूद प्रियांशु शर्मा ने बताया कि डेढ़ दर्जन लोग माया टीला के नीचे दबे पड़े हुए है जिन्हें निकला जाना बाकी है।

जिला अस्पताल पहुंचे मथुरा वृंदावन विधायक श्रीकांत शर्मा ने बताया कि उन्होंने इस घटना के संदर्भ में मुख्यमंत्री को अवगत कराया है । घटनामें लिप्त दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नीरज अग्रवाल का कहना था कि किसी भी स्थिति में चिकित्सा सेवा देने के लिए जिला अस्पताल में पूरे इंतजाम है