‘क्या खूब दिखती हो, बड़ी सुंदर लगती हो’  …गीतों के ऐसे मुखड़े बन सकते हैं ५ साल के दुखड़े!

अदालत ने इसे माना महिला सम्मान में अदावत
राजन पारकर / मुंबई
हम भले ही २१वीं सदी में पहुंच गए हैं, मगर अभी भी समाज का माहौल पूरी तरह से परिपक्व नहीं हुआ है। खासकर किसी भी महिला की सुंदरता की तारीफ करने से पहले १०० बार सोचना जरूरी है। कहने का मतलब है कि ‘क्या खूब लगती हो, बड़ी सुंदर दिखती हो’ जैसे गाने सिर्फ फिल्मों में ही अच्छे लगते हैं। रियल लाइफ में ऐसे गीतों के मुखड़े गानेवालों के लिए दुखड़े बन सकते हैं। दरअसल, इस तरह का एक मामला अदालत में पहुंच चुका है। अदालत ने इसे महिला सम्मान के लिए अदावत अर्थात शत्रुता रखनेवाला माना है। हाल ही में इस मामले में दिंडोशी कोर्ट की टिप्पणी आंखें खोलनेवाली है। ऐसे में किसी भी महिला के प्रति सोशल मीडिया पर तारीफ करना भी भारी पड़ सकता है। बता दें कि यौन उत्पीड़न मामले में छेड़छाड़ का दोषी पाए जाने पर बीएनएस के तहत १ साल से लेकर ५ साल व धारा ७५ के तहत गैर-जमानती सजा हो सकती है।

किसी अपरिचित महिला को
‘तुम सुंदर हो’ संदेश
माना जाएगा यौन उत्पीड़न!
अदालत की सख्त टिप्पणी

पहले लोग प्रेम का इजहार प्रेम पत्र भेजकर करते थे। आज जमाना व्हॉट्सऐप का है। एक शख्स को व्हॉट्सऐप पर एक महिला की सुंदरता की तारीफ करना भारी पड़ गई। महिला को यह बात इतनी बुरी लगी कि उसने उक्त शख्स के खिलाफ केस कर दिया। हाल ही में दिंडोशी सत्र न्यायालय में यह मामला सामने आया है। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए कहा कि किसी अपरिचित महिला को ‘तुम बहुत सुंदर दिखती हो’ संदेश भेजना यौन उत्पीड़न माना जाएगा।
ये था मामला
मिली जानकारी के अनुसार, महिला को एक पुरुष लगातार व्हॉट्सऐप पर संदेश भेजता था। रात ११ से १२.३० बजे के बीच वह महिला को विभिन्न फोटो और संदेश भेजता था। कुछ संदेश ऐसे थे, ‘तू पतली है, बहुत होशियार है, दिखने में भी गोरी है। मैं ४० साल का हूं, क्या तेरा शादी हो चुका है?’ ऐसे संदेश वह लगातार महिला को भेजता था। कई बार उसने ‘मुझे तू मुझे पसंद है’ ऐसा भी संदेश भेजा था।

तीन महीने की हुई थी सजा
इस मामले में महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में कोर्ट ने २०२२ में आरोपी को दोषी ठहराया था। उसे तीन महीने की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद उसने दिंडोशी सत्र न्यायालय में अपील की थी। इस दौरान आरोपी ने कोर्ट में अपनी दलील दी। उसने कहा कि राजनीतिक द्वेष के कारण उसे इस मामले में फंसाया जा रहा है, लेकिन न्यायालय ने किसी ठोस सबूत के अभाव में आरोपी की दलील खारिज कर दी।

कोई झूठे मामले में नहीं फंसा सकता
न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि कोई भी महिला इस तरह से आरोपी को झूठे मामले में फंसा कर अपनी प्रतिष्ठा दांव पर नहीं लगाएगी। अपरिचित महिला को ऐसा संदेश भेजना यौन उत्पीड़न है। ये संदेश महिला की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाते हैं।

शिंदे के गले में फांस,  बोरीवली-ठाणे टनल परियोजना में घोटाला! …आरबीआई की मंजूरी के बिना ही विदेशी बैंक से ली गई गारंटी

हाई कोर्ट पहुंचा मामला
सामना संवाददाता / मुंबई
विकास का दावा करनेवाली ‘ईडी’ सरकार के घोटाले बाहर आने लगे हैं। ताजा मामला बोरीवली-ठाणे टनल का है। इस परियोजना में घोटाला हुआ है और यह शिंदे के गले में फांस बननेवाला है। शिंदे के सीएम रहते ही इस परियोजना का टेंडर निकला था।
ठाणे-बोरीवली टनल परियोजना घोटाला अब हाई कोर्ट पहुंच गया है। ‘ईडी’ सरकार पर आरोप है कि आरबीआई की मंजूरी के बिना ही विदेशी बैंक से वैâसे गारंटी ली गई? इस परियोजना का काम जिस मेघा इंजीनियरिंग कंपनी को दिया गया है उसने एमएमआरडीए को १६,६०० करोड़ रुपए की बैंक गारंटी दी है।
‘यूरो एक्जिम बैंक’ ने कैसे दी बैंक गारंटी?
शिंदे सरकार ने घोडबंदर रोड पर ट्रैफिक कम करने के लिए ठाणे-बोरीवली डबल टनल परियोजना बनाकर इसका टेंडर निकाला था। अब इसमें घोटाले का आरोप लगा है। बिना आरबीआई की मंजूरी के यूरोप की सेंट लूसिया के ‘यूरो एक्जिम बैंक’ ने बैंक गारंटी दी है। इस याचिका में कहा गया है कि यह गैर कानूनी है। याचिका में यह आरोप भी लगाया गया है कि इसमें राजनेताओं का दखल हो सकता है।

भाजपा सरकार की हड़बड़ी का नतीजा …कोस्टल रोड पर पड़ने लगे क्रैक! …मनपा की बेशर्मी, ‘सबकुछ ठीक है’

सामना संवाददाता / मुंबई
गत वर्ष चुनावी फायदा उठाने के लिए भाजपा सरकार ने हड़बड़ी में कोस्टल रोड का उदघाटन कर दिया था। अब इसका साइड इफेक्ट सामने आने लगा है। कोस्टल रोड पर कई जगह व्रैâक पड़ गए हैं। इस रोड को बनाने में १४,००० करोड़ रुपए की लागत आई है। हाजी अली के पास सड़क पर पैचवर्क का वीडियो वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इस पर संज्ञान लिया है। मामला महाराष्ट्र के मुख्य सचिव तक पहुंच चुका है, जिससे मुंबई मनपा की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
जल्दबाजी में उद्घाटन सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रहा है कि सड़क की सतह उखड़ रही है और उसे अस्थायी पैचवर्क से ठीक किया गया है। सोशल मीडिया पर लोगों ने मनपा को आड़े हाथों लेते हुए सवाल किया कि क्या चुनाव से पहले जल्दबाजी में सड़क खोलने की वजह से निर्माण की गुणवत्ता से समझौता किया गया? मनपा ने सफाई दी कि मानसून के कारण सड़क के जोड़ (जॉइंट्स) खुल गए थे, जिसे अस्थायी पैचवर्क से ठीक किया गया।

हर चरण में खामी
मार्च २०२४ से अब तक कोस्टल रोड को चरणबद्ध तरीके से खोला गया, लेकिन हर चरण में खामी सामने आई। अगर समय रहते निर्माण की पूरी जांच होती, तो आज पैचवर्क करने की जरूरत ही नहीं पड़ती। क्या मनपा ने सही समय पर निरीक्षण किया या सिर्फ उद्घाटन की जल्दबाजी में इसे नजरअंदाज कर दिया?

‘मलाई’ खाने में ‘घाती’ माहिर!
आदित्य ठाकरे का जोरदार हमला

कोस्टल रोड पर हाजी अली से वर्ली तक दरार पड़ गए हैं। इन दरारों को डामर से भरा गया है। इस पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता, युवासेनाप्रमुख व विधायक आदित्य ठाकरे ने पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि ‘घाती’ और उनके लाडले ठेकेदार केवल सड़क के ऊपर का ‘मलाई’ खाने में माहिर हैं।
आदित्य ठाकरे ने ‘एक्स’ पर इसे लेकर किए गए पोस्ट में कहा है कि हमने पहले ही कहा था कि ‘घाती’ जहां हाथ लगाते हैं, वह काम लटक जाता है। साथ ही खर्च भी बढ़ जाता है और काम का सत्यानाश हो जाता है। कोस्टल रोड पर ‘हाजी अली से वर्ली’ तक सड़क पर किए गए पैच वर्क इसी का ताजा उदाहरण है। इस तरह का जिक्र आदित्य ठाकरे ने किया। आदित्य ठाकरे ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार होती तो उत्तम गुणवत्ता वाली कोस्टल रोड २०२३ में ही बनकर तैयार हो गई होती। साथ ही अब तक उस पर सायकल ट्रैक, बाग तैयार कर उसे नागरिकों को सौंप दिया जाता।

काला शुक्रवार! …सड़क दुर्घटनाओं में मौत का तांडव … २० मरे, कई घायल

-एक ही परिवार के ६ लोगों की गई जान
– सांसद पप्पू यादव के परिवार के ४ लोगों की मौत
-कच्छ में बस और ट्रक की टक्कर ७ की मौत २० घायल
-३ स्कूटी सवार को कार ने रौंदा

शुक्रवार का दिन देशभर में सड़क दुर्घटनाओं के भयावह मंजर के कारण काला साबित हुआ। अलग-अलग हादसों में 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हो गए। महाकुंभ से लौट रहे एक ही परिवार के छह लोगों की दर्दनाक मौत से कोहराम मच गया, वहीं पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव के परिवार के चार सदस्यों की दुर्घटना में मौत हो गई। गुजरात के कच्छ में बस और ट्रक की टक्कर में सात लोगों ने दम तोड़ दिया, जबकि 20 घायल हो गए। इसी तरह, भदोही में स्कूटी सवार तीन लोगों को कार ने कुचल दिया, जिसमें दादा-पोते की मौके पर ही मौत हो गई। इन हादसों ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।

महाकुंभ स्नान से लौट रहे एक ही परिवार के छह लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ से पवित्र स्नान कर लौट रहे एक ही परिवार के छह लोगों की भीषण सड़क हादसे में मौत हो गई। घटना जगदीशपुर थाना क्षेत्र के दुल्हीनगंज के पास शुक्रवार सुबह हुई। मरने वालों में दंपति, उनकी दो बेटियों समेत छह लोग हैं। बताया जा रहा है कि शुक्रवार अहले सुबह परिवार के सभी लोग महाकुंभ स्नान कर लौट रहे थे। तभी, आरा-मोहनिया नेशनल हाईवे पर जगदीशपुर थाना क्षेत्र के दुल्हनगंज बाजार स्थित पेट्रोल पंप के पास ड्राइवर ने झपकी ले ली और कार हाईवे पर खड़े ट्रक से टकरा गई। मरने वालों में पटना के जक्कनपुर थाना क्षेत्र के छपरा कॉलोनी, मच्छड़दानी गली के रहनेवाले हैं।

सांसद पप्पू यादव की रिश्तेदार डॉ. सोनी सहित ४ लोगों की मौत
बिहार प्रदेश के पूर्णिया जिला के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. सोनी कुमारी यादव सहित चार की लोगों की सड़क हादसे में मौत हो गई। सभी लोग कुंभ नहाकर प्रयागराज से पूर्णिया लौट रहे थे। वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन हाईवे पर बिरनो थाना क्षेत्र के मिर्जापुर के पास इनकी बोलेनो कार ट्रक में घुस गई। हादसा इतना भीषण था कि चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं एक की हालत गंभीर है। मरने वालों में डॉ. सोनी कुमारी यादव की बुआ, एक क्लिनिक सहायक, एमआर और ड्राइवर सलाउद्दीन शामिल हैं। सोनी अपने पीछे दो जुड़वा मासूम बेटों को छोड़कर चली गईं।

३ स्कूटी सवार को कार ने रौंदा
दादा-पोता की मौत
भदोही जिले के ऊंज थाना क्षेत्र में शुक्रवार को महाकुंभ में स्नान के बाद काशी विश्वनाथ का दर्शन करने वाराणसी जा रहे स्कूटी सवार तीन लोगों को तेज गति से गुजर रही कार (स्कॉर्पियो) ने पीछे से रौंद दिया जिससे एक व्यक्ति और उसके पोते की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। ऊंज थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) रमाकांत यादव ने बताया कि शुक्रवार दोपहर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या १९ पर जिले के ऊंज थाना क्षेत्र में जंगीगंज ओवरब्रिज पर तेज गति से गुजर रही स्कॉर्पियो कार ने स्‍कूटी सवारों को रौंद दिया और इसके बाद चालक वाहन के साथ भाग गया।

गुजरात के कच्छ में बस और ट्रक की टक्कर
७ की मौत २० घायल
गुजरात के कच्छ में शुक्रवार को बस और ट्रक के बीच जोरदार टक्कर हो गई। इस हादसे में मौके पर ही सात लोगों की मौत हो गई और करीब २० अन्य लोग घायल हुए हैं, जिसमें कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह हादसा कच्छ के केरा मुंद्रा रोड के नजदीक हुआ है। बस में ४० लोग सवार थे। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस आगे से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे में लगभग २० लोग घायल हुए हैं। सभी को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है.

महाकुंभ में थम नहीं रही महाठगी …अब फर्जी हेलिकॉप्टर साइट पर उड़े लोगों के पैसे

सामना संवाददाता / मुंबई
महाकुंभ मेले में ट्रेन से पहुंचना मुश्किल हो गया है। टिकट की जद्दोजहद और भीड़ की वजह से श्रद्धालु वहां पहुंच नहीं पा रहे हैं। ऐसे में कुछ ठगों ने इसका फायदा उठाते हुए हेलिकॉप्टर से पहुंचाने का फर्जीवाड़ा शुरू किया है। फर्जी वेबसाइट के जरिए श्रद्धालुओं को ठगा जा रहा है। कफ परेड पुलिस ने ऐसे ही एक गिरोह का पर्दाफाश किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, इन दिनों प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। ट्रेनों का रद्द होना, टिकट की मारामारी और भीड़ की वजह से लोग महाकुंभ मेले में पहुंच नहीं पा रहे हैं। इसका फायदा एक गिरोह ने उठाना चाहा और हेलिकॉप्टर के जरिए महाकुंभ मेले तक पहुंचाने का फर्जीवाड़ा शुरू किया। आरोपियों ने बाकायदा फर्जी वेबसाइट के जरिए लोगों को ठगना शुरू किया। पुलिस के मुताबिक, आरोपी हेलिकॉप्टर की सवारी बुक करने के नाम पर ऑनलाइन धोखाधड़ी कर रहा था। यह मामला तब सामने आया, जब एक महिला ने कफ परेड पुलिस स्टेशन में ठगे जाने की शिकायत दर्ज करवाई। पीड़ित महिला ने पुलिस को बताया कि उसने विज्ञापन में देखा कि महाकुंभ मेले में जाने के लिए रियायती दरों में हेलिकॉप्टर की सेवाएं दी जा रही हैं। १७ जनवरी को ३५ वर्षीय महिला ने दी गई वेबसाइट पर क्लिक कर अपनी सीट बुक करवाई और ऑनलाइन ६० हजार ६५२ रुपए का भुगतान कर दिया। बाद में पीड़िता को पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है। महिला ने इस बाबत कफ परेड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने चार आरोपियों को बिहार से गिरफ्तार किया है, जबकि एक महिला भी गिरफ्तार हुई है।

आखिर सरकार को झुकना पड़ा! …पोषण आहार में छात्रों को फिर से मिलेगा अंडा!

भारी विरोध के बाद सरकार ने बदला फैसला
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र सरकार ने अपने ही पैâसले को पलटते हुए मध्याह्न भोजन योजना में फिर से अंडे और केले देने का एलान किया है। पहले सरकार ने २८ जनवरी को एक आदेश जारी कर अंडों और चीनी की फंडिंग बंद कर दी थी, जिससे लाखों छात्रों के पोषण पर असर पड़ सकता था। इस पैâसले का भारी विरोध हुआ, जिसके बाद सरकार को झुकना पड़ा।
अंडा हटाने का क्यों हुआ विरोध?
२०२३ में सरकार ने ५० लाख बच्चों के लिए हफ्ते में एक बार अंडे या केले देने की योजना शुरू की थी। इसके लिए ५० करोड़ रुपए का बजट रखा गया था, लेकिन कुछ संगठनों के विरोध के बाद सरकार ने अचानक इसे बंद कर दिया। शिक्षा विशेषज्ञों, स्कूल प्रबंधन समितियों और शिक्षकों ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि बच्चों को पोषण से वंचित करना गलत है।

अब सरकार ने क्या किया?
भारी दबाव के बाद शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने घोषणा की कि अब हफ्ते में एक बार फिर से अंडे और केले दिए जाएंगे। इतना ही नहीं, सरकार ने इस योजना के लिए बजट भी बढ़ाकर १०० करोड़ रुपए कर दिया है।
बाकी राज्यों में क्या हो रहा है?
मध्याह्न भोजन में अंडों को लेकर कई राज्यों में विवाद हो चुका है। मध्य प्रदेश और गोवा में भी अंडे पर रोक लगी थी, जबकि कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों ने इसे बढ़ा दिया। कर्नाटक में अब बच्चों को हफ्ते में छह दिन अंडे मिलेंगे, जबकि केरल सरकार ने भी बजट बढ़ाकर अंडा और दूध देने की योजना बनाई है।

५ महीनों में ३,००० किमी की गिद्ध ने भरी उड़ान …महाराष्ट्र से छत्तीसगढ़ के जंगलों में पहुंचा

-भूखा-प्यासा, बेजार मिला पक्षीराज
-वन विभाग की लापरवाही हुई उजागर

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र के ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व (टीएटीआर) से उड़ान भरने वाला सफेद पीठ वाला गिद्ध (एन१०) ५ महीने में ३,००० किमी की दूरी तय करने के बाद छत्तीसगढ़ के जंगलों में कमजोर और डीहाइड्रेटेड हालत में मिला।
वन विभाग और बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) ने इस गिद्ध को जीपीएस टैग कर जंगल में छोड़ा था, लेकिन उड़ान के दौरान उसकी कोई निगरानी नहीं की गई। महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तेलंगाना होते हुए छत्तीसगढ़ तक यह गिद्ध अपने सफर में भूख और प्यास से जूझता रहा। अगर समय रहते इस पर ध्यान दिया जाता, तो इसकी हालत इतनी खराब नहीं होती।
संरक्षण के नाम पर कागजी दावे
सरकार और वन विभाग गिद्धों की घटती संख्या को लेकर बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। १९९० से २००६ के बीच डाइक्लोफेनाक नामक दवा के कारण गिद्धों की संख्या तेजी से घटी थी, जिसे २००६ में बैन कर दिया गया। इसके बाद गिद्ध संरक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया, लेकिन जमीनी स्तर पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
वन विभाग का कहना है कि गिद्ध को पूरी तरह स्वस्थ करने के बाद अचनकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रशासन गिद्धों की सही देखभाल करेगा या फिर संरक्षण के नाम पर सिर्फ आंकड़े बढ़ते रहेंगे?

कैग के हाथ में धामी की गर्दन! …साइकिल-टूलकिट घोटाले का उत्तराखंड के सीएम के पास उत्तर नहीं

-करोड़ों की हेरा-फेरी में फंस सकते हैं भाजपाई मुख्यमंत्री
-पहाड़ों पर राजनैतिक माहौल गरमाया
सामना संवाददाता / देहरादून
उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (वैâग) की ३१ मार्च २०२२ को समाप्त वित्त वर्ष की रिपोर्ट में यह सामने आया कि बोर्ड द्वारा खरीदी गई टूलकिट, साइकिल और राशन किट अपात्र लोगों को बांट दी गर्इं या गायब हो गर्इं।
बोर्ड ने २०१८ से २०२२ के बीच ३२.७८ करोड़ रुपए की ८३,५६० साइकिलें एक आईटी कंपनी से खरीदीं, जबकि यह कंपनी केवल आईटी सेवाओं के लिए सूचीबद्ध थी। देहरादून जिले में ३७,६६५ साइकिलें वितरित करने के लिए भेजी गई थीं, लेकिन केवल ६,०२० ही प्राप्त हुर्इं और वितरित की गर्इं। बाकी साइकिलों का कोई अता-पता नहीं है। वैâग रिपोर्ट में मुख्यमंत्री पुष्र्‍कर सिंह धामी की गर्दन भी फंसी हुई बताई जाती है। बताया जाता है कि इसीलिए सीएम धामी घोटाले पर जवाब नहीं दे पा रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर पहाड़ों पर राजनीति गरमाई हुई है।
प्रसूति योजना में भी अनियमितता पाई गई। मातृत्व लाभ के रूप में दी जानेवाली राशि को नियम विरुद्ध तरीके से १०,००० रुपए से बढ़ाकर १५,००० और २५,००० रुपए कर दिया गया। इस योजना के तहत २२५ मामलों में १९.७५ लाख रुपए का अतिरिक्त भुगतान किया गया। नियमों के अनुसार, श्रमिक की मृत्यु के ६० दिनों के भीतर मुआवजा दिया जाना चाहिए, लेकिन देहरादून और ऊधमसिंह नगर में औसतन १४० दिन बाद मुआवजा दिया गया।

आदेश का उल्लंघन कर बांटे २० हजार कंबल
ऊधमसिंह नगर जिले में भी बड़ी अनियमितता सामने आई, जहां २१६ श्रमिकों को दो बार, २८ लाभार्थियों को तीन बार और छह लाभार्थियों को चार बार साइकिलें बांटी गर्इं। इसके अलावा, मंत्रालय द्वारा २५ मार्च २०२१ को जारी आदेश का उल्लंघन कर बोर्ड ने २०,०५३ कंबल भी बांटे। इसी तरह, कर्मकार बोर्ड ने ३३.२३ करोड़ रुपए मूल्य की टूलकिट भी एक अन्य आईटी कंपनी से खरीदीं। जांच में पाया गया कि देहरादून में २२,४२६ टूलकिट वितरित करने के लिए भेजी गई थीं, लेकिन इनमें से केवल १७१ टूलकिट ही वितरित की गर्इं। शेष २२,२५५ टूलकिटों का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। लाभार्थियों से कोई रसीद भी नहीं ली गई।

राशन किट में भी हुआ घोटाला
मई २०२० में कोविड महामारी के दौरान बोर्ड ने पंजीकृत श्रमिकों को घर-घर जाकर राशन किट वितरित करने का आदेश दिया। इसके लिए ९.३६ करोड़ रुपए की ७५,००० राशन किट खरीदी गर्इं, लेकिन जांच में पाया गया कि ये किट उन लोगों को भी वितरित कर दी गई जो बोर्ड में पंजीकृत ही नहीं थे। इसके अलावा, आईटीआई लिमिटेड नामक आईटी सेवाओं की कंपनी से ५३.५८ करोड़ रुपए की राशन किट खरीदी गर्इं। इस कंपनी ने नियमों का उल्लंघन करते हुए ३.५१ करोड़ रुपए का सेंटेज शुल्क भी लिया, जो अनुचित था। बोर्ड ने श्रमिकों की बेटियों या महिला श्रमिकों के विवाह के लिए दी जानेवाली आर्थिक सहायता की राशि ५१,००० रुपए से बढ़ाकर १,००,००० रुपए कर दी। यह निर्णय नियमों के विरुद्ध था, जिससे दिसंबर २०१८ से नवंबर २०२१ तक १,४६८ लाभार्थियों को ७.१९ करोड़ रुपए अधिक वितरित कर दिए गए। पात्रता की भी सही से जांच नहीं की गई।

फ्लाईओवर तैयार, उद्घाटन के लिए सीएम का इंतजार! …जनता को ट्रैफिक जाम से राहत देने के लिए नहीं मिली नेताजी की तारीख

प्रेम यादव / भायंदर
मीरा रोड के एस.के. स्टोन से शिवार गार्डन को जोड़ने वाला दूसरा फ्लाईओवर बनकर तैयार हो चुका है, लेकिन उद्घाटन न होने के कारण यह अभी तक चालू नहीं किया गया है। इस पुल के शुरू होने से इस क्षेत्र में यातायात की समस्या में काफी कमी आने की उम्मीद है।
फ्लाईओवर का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इसे १९ फरवरी २०२५ को जनता के लिए खोलने की योजना थी। हालांकि, उद्घाटन समारोह अभी तक नहीं हो पाया, जिससे लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत नहीं मिल पाई है। एमएमआरडीए द्वारा कुछ मामूली कार्य पूरे किए जा रहे हैं, लेकिन ये कार्य पुल की शुरुआत में कोई बाधा नहीं डाल रहे हैं। फिलहाल, उद्घाटन की तारीख मंत्रियों के समय के इंतजार में रुकी हुई है।
मेट्रो और सड़क का संगम
इस क्षेत्र की ट्रैफिक समस्या को हल करने के लिए मेट्रो और सड़क परिवहन को एक साथ विकसित किया गया है। इस डबल डेकर वायाडक्ट में पहला स्तर सड़क यातायात के लिए है, जबकि दूसरे स्तर पर मेट्रो लाइन (दहिसर से भायंदर) का संचालन किया जाएगा। इस योजना में कुल १० ऊंचे मेट्रो स्टेशन और ३ फ्लाईओवर शामिल हैं, जिनसे ट्रैफिक का दबाव काफी कम होने की उम्मीद है।
पहला फ्लाईओवर चालू, दूसरा इंतजार में, तीसरा अंतिम चरण में मीरा-भायंदर में तीन फ्लाईओवरों का निर्माण किया जा रहा है।
पहला फ्लाईओवर, जो प्लेजेंट पार्क और सिल्वर पार्क को जोड़ता है, चालू हो चुका है।
दूसरा फ्लाईओवर, जो एस.के. स्टोन से शिवार गार्डन तक है, तैयार है लेकिन उद्घाटन की प्रतीक्षा कर रहा है।
तीसरा फ्लाईओवर, जो एस.के. स्टोन से गोल्डन नेस्ट तक बनाया जा रहा है, अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है।

यात्रियों को मिलेगी राहत
इन तीनों फ्लाईओवरों के संचालन में आने के बाद क्षेत्र की ट्रैफिक व्यवस्था में बड़ा सुधार होगा। यातायात जाम की समस्या काफी हद तक खत्म होगी और सफर का समय १५-२० मिनट तक कम हो जाएगा। अभी लोग भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेनों, बसों और महंगे ऑटोरिक्शों पर निर्भर हैं। फ्लाईओवर चालू होने के बाद यात्रियों को सुगम और सुविधाजनक यात्रा का लाभ मिलेगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि उद्घाटन की तारीख कब तय होती है और जनता को ट्रैफिक से राहत कब मिलती है।

भाजपा सरकार के दावे फेल : राज्य में घटी १६ फीसदी सरकारी नौकरियां!

  • ३४ प्रतिशत पद हैं रिक्त
    सामना संवाददाता / मुंबई
    केंद्र की भाजपा सरकार के दावों के विपरीत पिछले कुछ दशकों से महाराष्ट्र में सरकारी कर्मचारियों की संख्या में भारी कमी आई है और अल्पसंख्यक समुदाय के कर्मचारियों की संख्या भी घटी है। इसलिए कहा जाता है कि श्रमिक वर्ग में विविधता कम हो गई है। इस बीच, विभिन्न सामाजिक तत्वों को मुख्यधारा में लाने के लिए बनाई गई नीतियों के कारण २०१५ से २०२३ की अवधि के दौरान आरक्षित समूहों से संबंधित कर्मचारियों की संख्या ६८.४ से बढ़कर ७१.१ प्रतिशत हो गई है। जबकि इस अवधि में ईसाई, मुस्लिम और जैन जैसे अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित कर्मचारियों की संख्या ४.७४ प्रतिशत से घटकर ४.०८ प्रतिशत हो गई है।
    महाराष्ट्र सरकार के वित्त एवं सांख्यिकी निदेशालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, २०१५ से २०२३ की अवधि के दौरान महाराष्ट्र सरकार में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या ५.७१ लाख से घटकर ४.७८ लाख हो गई है। राज्य सरकार में कुल ७.२४ लाख पद हैं। इसका मतलब है कि राज्य सरकार के पास फिलहाल ३४ फीसदी रिक्तियां हैं। जबकि प्रति लाख जनसंख्या पर ५७० पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में प्रति लाख जनसंख्या पर केवल ३७७ कर्मचारी ही कार्यरत हैं।
    सरकार के सूत्रों का कहना है कि राज्य के ६.१५ लाख करोड़ रुपए के बजट का लगभग ३५ प्रतिशत इस पर खर्च करना होगा, क्योंकि कर्मचारियों के वेतन और पेंशन की लागत अधिक है। इसीलिए राज्य सरकार ने पिछले कुछ वर्षों से कर्मचारियों की चरणबद्ध कटौती की नीति अपनाई है। हालांकि राज्य सरकार के कर्मचारियों की कुल संख्या में कमी आई है।