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पंचनामा : जनता पूछ रही सवाल : ठाणे मेंटल अस्पताल का कब होगा उद्धार?

नवीनीकरण प्रस्ताव की फाइल पर कुंडली मारकर बैठे हैं स्वास्थ्य मंत्री

शिंदे सरकार में स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत की कृपा से ठाणे मेंटल अस्पताल के नवीनीकरण का काम लटका पड़ा है। सूत्रों के मुताबिक नौ महीने पहले ही अस्पताल के नवीनीकरण का तैयार प्रस्ताव मंजूरी के लिए स्वास्थ्य मंत्री के टेबल पर पहुंच गया था, लेकिन उन्हें इतना भी समय नहीं मिल रहा है की वे उस प्रस्ताव को मंजूरी दे सकें। कुल मिलाकर यह कहा जा रहा है कि खुद मंत्री ही फाइल पर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं। ऐसे में जनता सवाल पूछ रही है कि आखिर ठाणे मेंटल अस्पताल के नवीनीकरण का प्रस्ताव पास क्यों नहीं हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्री इस अस्पताल का उद्धार कब करेंगे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने ठाणे रेलवे स्टेशन पर भीड़ को कम करने के उद्देश्य से कोपरी रेलवे स्टेशन निर्माण के लिए मेंटल अस्पताल की १४.८३ एकड़ जमीन की मांग की थी। इस जमीन में छह महिला वॉर्ड भी हैं। इसके बाद इस सरकार ने अप्रैल २०२३ में एक सामान्य प्रस्ताव पारित किया था। इसके अलावा हाई कोर्ट ने भी स्टेशन के लिए भूमि के उपयोग की अनुमति दे दी। साथ ही कोर्ट ने सरकार को पूरे अस्पताल के नवीनीकरण के साथ-साथ छह नए वार्ड बनाने का भी निर्देश दिया था। उन वॉर्डों को अक्टूबर के अंत तक अस्थाई रूप से बनाया जाना था। इतना ही नहीं १,८५० बेड वाले इस अस्पताल में स्थित सभी पुरानी और जर्जर हो चुकी इमारतों को तोड़कर उनके स्थान पर नई इमारतों का निर्माण किया जाना है। इस प्रयोजन के लिए ६७५ करोड़ रुपए खर्च का प्रावधान किया गया। प्रस्ताव को पहले राज्य स्वास्थ्य विभाग के पास भेजा गया। वहां से प्रस्ताव हाई पावर कमीशन के पाले में चला गया, जहां प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने के बाद उसे फिर से स्वास्थ्य विभाग के पास भेज दिया गया। फिलहाल, मेंटल अस्पताल के नवीनीकरण प्रस्ताव की फाइल एक अगस्त २०२३ को ही स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत की टेबल पर पहुंची, जिस पर वे बीते नौ महीनों से खुद ही कुंडली मारकर बैठे हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री के बाद मुख्यमंत्री की अनुमति लगेगी। इसके बाद काम का अध्यादेश जारी किया जाएगा। इस बारे में जानकारी देते हुए विभाग के अधिकारी मोरे ने कहा कि फाइल स्वास्थ्य मंत्री के पास है, जिसे मंजूर न करने का कारण वे ही बता सकते हैं।

ये होंगी सुविधाएं
बुनियादी ढांचे में ३२७८ बेड का पुरुष, महिला, बच्चों का वॉर्ड, नर्सिंग छात्रावास, कर्मचारी और डॉक्टर क्वार्टर, रिश्तेदारों और अधिकारियों के लिए अलग-अलग रहने की सुविधाएं, एक सभागार, एक डे केयर सुविधा, रिहैबिलिटेशन सेंटर, न्यरो साइक्रेटिक वॉर्ड समेत अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल होगा। इसी तरह की लगभग आठ एक, दो और तीन मंजिल वाली इमारतें शामिल होंगी। इसके साथ ही मरीजों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी पढ़ाए जाएंगे।

तीन साल में पूरा होगा काम
जानकारी के मुताबिक जीआर पारित होने के बाद निविदा को अंतिम रूप दिया जाएगा। वर्तमान योजना के अनुसार प्रत्येक चरण के लिए डेढ़ साल की आवश्यकता होगी, इसलिए पूरे नवीनीकरण में कुल तीन साल लगेंगे।

चुनाव में लटका काम
फिलहाल लोकसभा चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा हो चुकी है और आदर्श आचार संहिता लागू हो चुका है। अब मेंटल अस्पताल के नवीनीकरण का काम लटक गया है। दूसरी ओर यदि सत्ता परिवर्तन होता है, तो इसका सीधा असर मेंटल अस्पताल के नवीनीकरण पर पड़ने का डर सताने लगा है। इससे बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग पहले ही अध्यादेश जारी करने के लिए पूरी ताकत लगाया था, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के सामने किसी की एक नहीं चली और आज परिस्थिति और जटिल होती हुई नजर आ रही है।

दो चरणों में होगा नवीनीकरण
बंगलुरु के मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान की तर्ज पर अस्पताल के नवीनीकरण को दो चरणों में पुरा करने की तैयारी है। इसके तहत पहले अस्पताल के आधे हिस्से का नवीनीकरण किया जाएगा। इस बीच मरीजों को दूसरे आधे हिस्से में स्थानांतरित किया जाएगा। नया बुनियादी ढांचा कुल १,१२,७४५ वर्ग मीटर भूमि पर बनाया जाएगा, जिसमें लगभग ३१,००० वर्ग मीटर समर्पित हरित क्षेत्र शामिल हैं। इसमें २४ इमारतों का निर्माण किया जाएगा, जिसमें एक, दो, तीन, चार, छह, १२ मंजिली इमारतों का समावेश है।

स्वास्थ्य विभाग से हरी झंडी मिलते ही शुरू हो जाएगा काम
लोकसभा चुनाव में आचार संहिता लागू हो गया है। इसलिए मेंटल अस्पताल के नवीनीकरण को लेकर तैयार प्रस्ताव का काम रुका हुआ है। हालांकि जैसे ही आचार संहिता खत्म होती है, प्रस्ताव को लेकर अस्पताल प्रशासन की तरफ से फॉलोअप शुरू कर दिया जाएगा। इस प्रस्ताव को लेकर स्वास्थ्य मंत्री पूरी तरह से सकारात्मक हैं। उनके निर्देशानुसार मेंटल अस्पताल के नवीनीकरण के काम को शीघ्र ही शुरू किया जाएगा।
डॉ. नेताजी मुलिक, ठाणे मेंटल अस्पताल

ध्यान नहीं दे रही शिंदे सरकार
ठाणे मेंटल अस्पताल का नवीनीकरण किया जाना बहुत ही जरूरी हो गया है। अस्पताल के विभिन्न वॉर्डों में आठ-नौ सौ मरीजों का इलाज चल रहा है। मौजूदा चिकित्सा अधीक्षक के नेतृत्व में भले ही इस समय अस्पताल का कामकाज सही तरीके से चल रहा है, लेकिन मरीजों के इलाज के लिए अत्याधुनिक उपकरणों की जरूरत है, जिसकी पूर्ति नवीनीकरण के बाद ही हो सकेगा। हालांकि इस पर शिंदे सरकार ध्यान नहीं दे रही है, जो चिंता का विषय है।
विनय कुमार सिंह, समाजसेवी

स्वास्थ्य की बजाय जोड़-तोड़ की राजनीति में हैं मशगूल
महाराष्ट्र में कुर्सी बचाए रखने के लिए ईडी सरकार में शामिल मंत्री-संत्री केवल जोड़- तोड़ की राजनीति में मशगूल हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में जो आज तक नहीं हुआ वह अब हो रहा है। दूसरी तरफ जनता कई जटिल समस्याओं से गुजर रही है, इस सरकार का उसका बिल्कुल भी भान नहीं है। स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। मरीजों की अस्पतालों में मौतें हो रही हैं। लेकिन दिखावे के तौर पर समिति गठित कर पल्ला झाडने का काम यह सरकार कर रही है। इसका खामियाजा ठाणे के मेंंटल अस्पताल समेत कई अस्पताल भुगत रहे हैं।
एड. शिक्षा यादव, ठाणे

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