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कश्मीर-मणिपुर में लोगों की जान जा रही है और ये जीत का जश्न मना रहे हैं!… उद्धव ठाकरे का जोरदार हमला

मोहन भागवत जैसे वरिष्ठ नेता के दुख जताने के बाद क्या प्रधानमंत्री मणिपुर जाएंगे? अब कश्मीर फिर सुलग रहा है। कश्मीर के मामले में धारा-३७० का मुद्दा निकाला गया। प्रचार में इसका जमकर ढोल पीटा गया, लेकिन असल में इसे हटाए ही नहीं हैं। उस धारा को सुरक्षित रखा गया है।’

सामना संवाददाता / मुंबई

जम्मू-कश्मीर में लगातार आतंकी हमले जारी हैं। अबकी बार वाले कहां गए? वहां अब क्यों नहीं जा रहे हैं? यह जिम्मेदारी किसकी है? मोहन भागवत ने एक साल बाद मणिपुर हिंसा पर बयान देते हुए कहा कि वह जल रहा है। हालांकि, अभी तक प्रधानमंत्री और गृहमंत्री वहां नहीं गए। हद तो यह है कि उन्होंने आज तक इस पर एक शब्द तक नहीं बोला। कश्मीर में धारा-३७० हटाने का प्रचार किया, लेकिन कश्मीर में इससे क्या फर्क पड़ा। लोगों की जान जा ही रही है और ये जीत का जश्न मना रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार सरकार बनाई। उसके बाद तीन दिनों में तीन हमले हुए। फिर भी क्या मोदी वहां नहीं जाएंगे? आज भी मोदी के मन में प्रतिपक्ष को खत्म करने का आनंद होगा। यदि उनसे यह सब संभाला नहीं जा रहा तो उन्हें प्रधानमंत्री पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। इन शब्दों में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने मोदी पर निशाना साधा। शिवसेनापक्षप्रमुख ने कल मुंबई स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार अनिल परब के वचननामे की घोषणा की। इस अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर निशाना साधा।

संघ ने ऑर्गनाइजर के माध्यम से भाजपा को कड़े शब्द सुनाए हैं। देश में मतदाताओं ने भाजपा पर पत्थर फेंके हैं। फिर भी क्या अब भाजपा सुधरेगी? अथवा अब भी वे देश में विपक्षी पार्टियों को खत्म करने का काम करते रहेंगे। विपक्ष जनता के मुद्दों को संसद से लेकर विधानसभा तक में उठाता है। अगर इसी विपक्ष को मोदी खत्म करने में लगे हैं, तो ये सरकार निकम्मी है।

क्या भागवत की बातों को प्रधानमंत्री गंभीरता से लेंगे?
संघ, भाजपा की नींव माना जाता है। भाजपा को अब उनकी भी जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री के शपथ के साथ ही कश्मीर में लोगों की जान जा रही है। सुरक्षा रक्षकों पर हमला किया गया। अब आप इसके बारे में कुछ बात करेंगे या बस अपना ढोल पीटते रहेंगे? इन शब्दों में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या मोहन भागवत की बातों को प्रधानमंत्री गंभीरता से लेंगे? वरना भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें अब संघ की जरूरत नहीं है।
कब सुधरेगी भाजपा?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आजीवन सदस्य रतन शारदा ने भाजपा को तमाचा जड़नेवाला एक लेख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखपत्र ‘ऑर्गनाइजर’ में लिखा है। इस लेख के जरिए भाजपा से कहा गया कि अजीत पवार को साथ लेने से भाजपा की वैल्यू कम हो गई है। इस पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि संघ ने ऑर्गनाइजर के माध्यम से भाजपा को कड़े शब्द सुनाए हैं। देश में मतदाताओं ने भाजपा पर पत्थर फेंके हैं। फिर भी क्या अब भाजपा सुधरेगी? अथवा अब भी वे देश में विपक्षी पार्टियों को खत्म करने का काम करते रहेंगे। विपक्ष जनता के मुद्दों को संसद से लेकर विधानसभा तक में उठाता है। अगर इसी विपक्ष को मोदी खत्म करने में लगे हैं, तो ये सरकार निकम्मी है।
निर्वाचन क्षेत्रों की अलग-अलग समस्याएं होती हैं। आम मतदाताओं के साथ ही उनके कुछ अलग मुद्दे भी हैं। ग्रेजुएशन के बाद उनके सामने सबसे बड़ा सवाल यह होता है कि वे आगे क्या करें। इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए शिवसेना ने लगातार उनके लिए काम किया है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं मुंबई में स्नातक मतदाताओं से अपील करता हूं कि जैसे आपने पांच टर्म शिवसेना को आशीर्वाद दिया है। उस रिश्ते को हम और मजबूत करेंगे। हम आपकी समस्याओं का ईमानदारी से समाधान करेंगे। इस बार भी आप शिवसेना को ही वोट दें। चुनाव २६ जून को है। उस दिन कोई छुट्टी नहीं होती। कार्यालय जाने से पहले शिवसेना को वोट दें और फिर काम पर जाएं।
मैं मुंबई में स्नातक मतदाताओं से अपील करता हूं कि जैसे आपने पांच टर्म शिवसेना को आशीर्वाद दिया है। उस रिश्ते को हम और मजबूत करेंगे। हम आपकी समस्याओं का ईमानदारी से समाधान करेंगे। इस बार भी आप शिवसेना को ही वोट दें। चुनाव २६ जून को है। उस दिन कोई छुट्टी नहीं होती। कार्यालय जाने से पहले शिवसेना को वोट दें और फिर काम पर जाएं।’

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