मुख्यपृष्ठनए समाचारविदेश भेजने के नाम पर 70 लाख लेकर फरार हुए कबूतरबाज

विदेश भेजने के नाम पर 70 लाख लेकर फरार हुए कबूतरबाज

– 100 की संख्या में युवक पहुंचे पडरौना कोतवाली

सामना संवाददाता / कुशीनगर

विदेश भेजने के नाम पर कबूतरबाजों ने सौ लोगों से 70 लाख रुपए लिए और फरार हो गए। कबूतरबाजों ने 100 लोगों को शिकार बनाया है। पडरौना से सटे रामकोला रोड पर एक टेक्निकल इंस्टीट्यूट के नाम पर कार्यालय खोलकर विदेश भेजने वालों के चंगुल में फंसकर कुशीनगर सहित गोरखपुर, बलिया, देवरिया, बिहार तक के करीब 100 लोगों से 60-70 लाख रुपए लेकर फरार हो गए। जिस कार्यालय के पते से उन्हें रसीद काटी गई थी, वह कार्यालय भी बंद मिला। रुपए लेने वाले लोग अपना कार्यालय बंद कर भाग चुके हैं। सूचना के बाद पुलिस उस स्थान पर पहुंची, जहां यह कार्यालय संचालित हो रहा था। वहां इंस्टीट्यूट में ताला बंद होने के कारण मकान मालिक को थाने बुलाया गया।
मिली जानकारी के अनुसार, पडरौना कोतवाली में गोरखपुर के उरुवा बाजार से आए बृजभूषण सिंह ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका भेजने के लिए उनसे 30 हजार, अंकित सिंह से 30 हजार और नरेंद्र प्रजापति से 20 हजार रुपए, गोरखपुर के झंगहा निवासी शैलेश कुमार से 45 हजार रुपए, उरुवा के गोविंद यादव से 40 हजार रुपए, महराजगंंज जनपद के परतावल निवासी प्रदीप प्रजापति को हांगकांग भेजने के लिए 40 हजार रुपए लिए थे। बिहार के गोपालगंज जिले के राजापुर गांव से आए अच्छे पटेल ने बताया कि उजबेकिस्तान भेजने के नाम पर उनसे 40 हजार, बलिया जिले के बांसडीह निवासी कमलेश कुमार से 40 हजार रुपए, बलिया जिले के रसड़ा निवासी दुर्गेश चौहान से 40 हजार रुपए लिए हैं। देवरिया जिले के तरकुलवा निवासी घनश्याम शर्मा से उजबेकिस्तान भेजने के लिए 45 हजार रुपए, ज्ञानशंकर शर्मा से 43 हजार रुपए, अभिनंदन कुमार से 43 हजार रुपए, विनोद कुमार गोंड से 43 हजार रुपए, अर्जुन प्रसाद से 43 हजार रुपए एवं इसी गांव के चार अन्य युवकों से भी 43 हजार रुपए प्रति व्यक्ति लिया है। पडरौना कोतवाली पहुंचे इन युवकों में से घनश्याम शर्मा के भाई राधेश्याम शर्मा ने बताया कि उनके भाई मुंबई में अपने 10 अन्य साथियों के साथ फंसे हुए हैंं। वहीं बृजभूषण सिंह ने बताया कि उनके साथ के उरुवा निवासी गोविंद यादव फ्लाइट टिकट कैंसिल करा दिए जाने के कारण दिल्ली से वापस लौट रहे हैं। पडरौना के कोतवाल सुशील शुक्ला ने बताया कि अभी इन लोगों की तरफ से कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। मामला संज्ञान में है, जहां कार्यालय संचालित हो रहा था। वहां पुलिस भेजी गई थी। विदेश भेजने वालों में कोई नहीं मिला। जांच शुरू कर दी गई है।

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