मुख्यपृष्ठनए समाचारसीओ जियाउल हक हत्या मामले में राजा भैया की मुश्किलें बढ़ीं 

सीओ जियाउल हक हत्या मामले में राजा भैया की मुश्किलें बढ़ीं 

–  फिर जांच करने पहुंची सीबीआई… संसय बरकरार!

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

2 मार्च 2013 में अखिलेश यादव की सरकार पर धब्बा बनी कुंडा के सीओ जियाउलहक की पीट-पीट कर की गई हत्या की जांच करने गुरुवार को सीबीआई कुंडा पहुंची। इस मामले की फाइल बंद हो चुकी थी, लेकिन शहीद सीओ की पत्नी डॉ. परवीन आजाद के अंतिम दम तक लड़नेकी जिद से सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर फिर से जांच आरंभ हो गई है। इसी क्रम में बुधवार को सीबीआई टीम प्रतापगढ़ पहुंची। घटनास्थल कुंडा क्षेत्र के बलीपुर गांव का निरीक्षण किया और दो लोगों से पूछताछ भी की।
पांच सदस्यीय टीम सबसे पहले पुलिस लाइन पहुंचीं, जहां से कार द्वारा बलीपुर रवाना हुई। सूत्रों के अनुसार, बलीपुर चौराहे पर पहुंची टीम के सदस्य कार से नीचे नहीं उतरे, क्योंकि चौराहे पर बुधवार को गांव की बाजार लगती है, जिससे वहां भारी भीड़ थी। कार में बैठे-बैठे ही घटनास्थल देखा। करीब दो घंटे तक गांव में घूमने के बाद टीम ने गांव के ही दो लोगों से पूछताछ भी की। इसके बाद वापस हथिगवां थाने पहुंचकर कुछ जानकारी जुटाई। इसके बाद मुख्यालय लौट गई। हथिगवां के बलीपुर में 2 मार्च 2013 को प्रधान नन्हें यादव उसके भाई सुरेश यादव और कुंडा सीओ जियाउल हक हत्याकांड में दर्ज चार मुकदमों की सीबीआई ने एक साथ विवेचना करते हुए न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल की थी।
जांच के दौरान सीबीआई ने आरोपी कुंडा विधायक राजा भैया, गुलशन यादव समेत उनके चार सहयोगियों के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। वर्ष 2014 में ट्रायल कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट खारिज करते हुए जांच जारी रखने के लिए कहा था। इस आदेश पर बाद में हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। इस आदेश को सीओ जियाउल की पत्नी डॉ. परवीन आजाद ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने सीबीआई को जांच जारी रखने के ट्रायल कोर्ट के निर्णय को बहाल कर दिया था। इस संदर्भ में पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने बताया कि सीओ हत्याकांड से जुड़े मामले की जांच करने के लिए सीबीआई टीम आई है। वह अपने स्तर से जांच करेगी। सीओ जियाउल हत्याकांड में राजा भैया व उनके सहयोगियों की भूमिका की जांच करने करने आई सीबीआई टीम प्रयागराज में कैंप कार्यालय बनाएगी। इस बात की चर्चा पुलिस महकमे में होती रही। पूर्व में जांच करने आई सीबीआई ने कुंडा नगर पंचायत कार्यालय को अपना कैंप कार्यालय बनाया था। टीम आने के पहले ही कैंप कार्यालय में जांच से जुड़े सभी संसाधन मुहैया कराए गए थे। सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने पुलिस व जिला प्रशासन से किसी प्रकार का सहयोग अभी तक नहीं मांगा है।
सीबीआई की दस्तक के साथ ही बलीपुर से लेकर कुंडा तक माहौल गर्मा उठा है। जैसे ही सीबीआई के बलीपुर गांव में दस्तक देने की भनक लगी। उसके कुछ देर बाद ही बलीपुर चौराहे पर मौजूद लोगों की भीड़ खिसकने लगी।

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