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इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोकड़े की रार! …गुरुवार तक चुनाव आयोग को मिल जानी चाहिए रकम की जानकारी …सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को फिर रगड़ा; दिया अल्टीमेटम

सामना संवाददाता / मुंबई
कंपनियों द्वारा रोकड़ा देकर इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने का मामला शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस मामले में रार बढ़ती ही जा रही है। इस बारे में एसबीआई द्वारा जानकारी छुपाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। एसबीआई को फिर रगड़ते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केवल विशिष्ट या सीमित जानकारी नहीं बल्कि पूरी जानकारी देनी है। बिल्कुल भी छिपाना नहीं है, मनमानी नहीं करनी है। गुरुवार, २१ मार्च तक चुनावी बॉन्ड से जुड़े सभी विवरण कोर्ट में पेश करना जरूरी है। ऐसा सख्त अल्टीमेटम सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को दिया है।
कल सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को तीसरी बार भी जोरदार फटकार लगाते हुए सख्त हिदायत दी कि नगदी (रोकड़ा) खरीदे गए चुनावी बॉन्ड की भी जानकारी उपलब्ध कराई जाए। इसके अतिरिक्त चुनावी बॉन्ड को खरीदने वालों और आया हुआ पैसा किस राजनीतिक दल को गया, यह सभी जानकारी कोर्ट को उपलब्ध कराने के लिए एसबीआई बाध्य है। कोर्ट ने एसबीआई को जानकारी छुपाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आपने अब तक पूरी जानकारी क्यों नहीं दी? आपसे चुनावी बॉन्ड की विशेष जानकारी भी घोषित करने को भी कहा गया था। कोर्ट ने यह भी कहा कि बॉन्ड खरीदने वाले और किस राजनीतिक दल के खाते में पैसा गया, इसकी जानकारी भी सामने आनी चाहिए। सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमने तो पिछली सुनवाई में एसबीआई को नोटिस जारी किया था। क्योंकि हमने आदेश में पूरी जानकारी देने को कहा था लेकिन एसबीआई ने बहुत सी जानकारी साझा नहीं की। यहां तक कि बॉन्ड नंबर भी नहीं दिया गया। निर्देश दिया जाता है कि एसबीआई कोर्ट के पूरे आदेश का पालन करे, जो उसे करना चाहिए।

सभी बॉन्ड के यूनिक नंबर यानी अल्फा न्यूमेरिक नंबर सहित तमाम जानकारी चुनाव आयोग को मुहैया कराए। कोर्ट ने स्टेट बैंक आफ इंडिया से अगले तीन दिनों में बॉन्ड्स के यूनिक नंबर सहित सारी जानकारी चुनाव आयोग से साझा करने को कहा है। आयोग को हिदायत दी गई है कि बैंक से मिली जानकारी फौरन अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर आम जनता को सुलभ कराए। इस मामले पर एसबीआई के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि हमने कोर्ट के आदेश का पालन किया है। संभव है कि कोर्ट के आदेश और हमारे समझने में कोई गफलत हो गई होगी। हमने पूरी जानकारी तरतीब से साझा करने के लिए ही वक्त मांगा था।

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