सामना संवाददाता / मुंबई
कभी प्याज निर्यात पर प्रतिबंध, कभी काजू, कभी आम, अब आप इस भाजपा का ही निर्यात कर दीजिए। भाजपा को समुद्र पार भेज दीजिए और इसे तड़ीपार कर दीजिए। इस तरह का जोरदार हमला करते हुए शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने जनता से कहा कि भाजपा को वोट देना मतलब विनाश को देना है। इसके साथ ही उन्होंने आश्वासन भी दिया कि ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार आने के बाद कोकण में बारसू, जैतापुर जैसे विनाशकारी प्रकल्प जमीन पर ही नहीं बल्कि कागजों पर से भी रद्द कर डालूंगा।
रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में महाविकास आघाड़ी के शिवसेना प्रत्याशी विनायक राऊत के प्रचारार्थ रत्नागिरी में आयोजित एक विशाल सभा में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने मार्गदर्शन दिया। इस दौरान उद्धव ठाकरे ने भाजपा, मोदी-शाह, घाती गुट व नारायण राणे पर जोरदार तंज कसा। उन्होंने कहा कि मैं कोकण में चुनाव प्रचार से नहीं डरता। कोकण शिवसेना और ठाकरे परिवार का हृदय है। अगर शिवसेना को तोड़ने की कोशिश भी हुई तो आप मेरे साथ हैं। उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना को फोड़कर, फिर चोरी की और पक्ष का चुनाव चिह्न और नाम गद्दार को दे दिया।
पूरी मशीनरी का इस्तेमाल कर शिवसेना पक्ष और चिह्न चुरा लिया। अब भाजपा ने उस गद्दार पर नकेल कसते हुए सीटों में कटौती कर दी। कोकण की जो सीट इतने सालों तक शिवसेना की थी वो अब भाजपा के पास चली गई है। उन लाचारों को पता नहीं कि गद्दारों के मालिक दिल्ली में बैठे हैं। वे शिवसेना के साथ कोकण का रिश्ता तोड़ने जा रहे हैं। उन्हें नहीं पता कि कोकण में जांभा पत्थर है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि फिलहाल आईपीएल के दिन चल रहे हैं। मैच देखते समय पंचायत होती है कि यह खिलाड़ी इस टीम में था। अब वह उस टीम में चले गए। देश की राजनीति में भी यही हुआ है। आईपीएल का मतलब इंडियन पॉलिटिकल लीग हो गया है। मोदी का अब सुर नहीं मिल रहा। वे चाहे जितना भी बोल लें, लेकिन मोदी का पहले वाला आत्मविश्वास अब नहीं रहा। पहले तो हम भी झांसे में आ गए थे। शिवसेना जब साथ थी तो उनका रुआब क्या था? उनका एक अकेला सब पर भारी यह शब्द हुआ करता था। अब उस ५६ इंच के सीने की हवा निकल गई है। अब क्या गति हो गई है? ये सब देखकर अटल जी की आत्मा रो रही होगी। अटल जी ने कहा था कि अगर मुझे सत्ता मिल रही होगी तो मैं उसे चुटकी में भी नहीं पकड़ूंगा। लेकिन अब वे सोच रहे होंगे कि कौन सी पार्टी में गए थे? शिवसेना जब आपके साथ थी, तब आपको कितनी बार आना पड़ता था, आपकी कितनी सभाएं हुईं? विनाश काले विपरीत बुद्धि, यदि विनाश होनेवाला होता है तो बुद्धि भटक जाती है। यह भगवान का आशीर्वाद है, नियति का संकेत है।