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चुनाव में शिकस्त से जागा यूपी में सत्तासीन जनप्रतिनिधियों का स्वाभिमान! …अफसरों के जनप्रतिनिधियों का फोन न उठाने पर भरी बैठक में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने लगाई फटकार

विक्रम सिंह / सुल्तानपुर

लोकसभा चुनाव में झटका खाने के बाद हताशा से घिरे यूपी के सत्ताधारी भाजपा व उसके सहयोगी दलों को अब जनप्रतिनिधियों के सम्मान की सुधि आने लगी है। बुधवार को अयोध्या मंडल के सुल्तानपुर जिले में यूपी सरकार के प्राविधिक शिक्षा व उपभोक्ता मामलों के मंत्री आशीष पटेल ने सरकार के विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान अफसरों को जमकर लताड़ लगाई। कहा कि, जिले के अधिकांश अफसर जनप्रतिनिधियों का फोन नहीं उठाते। अब कभी भी ये शिकायत नहीं मिलनी चाहिये। जनप्रतिनिधियों के द्वारा प्राप्त होने वाली शिकायतों और जनसमस्याओं का संबंधित अधिकारी प्राथमिकता के आधार पर निराकरण करें।

सुल्तानपुर जिले के प्रभारी भी हैं कैबिनेट मंत्री पटेल। चुनाव में सिटिंग सांसद मेनका गांधी की हार के बाद से पहली बार वे जिले में आए थे। उनपर एक आरोप ये भी है कि चुनाव के दौरान उनका सजातीय कुर्मी वोटर भाजपा के बेस वोटर होने के बावजूद सुल्तानपुर में खिसक कर सपा में चला गया। ऐसा तब हुआ जब प्रभारी मंत्री, भाजपा जिलाध्यक्ष, विधायक व कई जिम्मेदार पार्टी पदाधिकारी कुर्मी जाति से ही हैं। फिलहाल चुनावी नतीजों के बाद माह भर से हताश दिख रहे सत्ताधारी जनप्रतिनिधि बुधवार को अफसरों के साथ मीटिंग में बैठे नजर आए। कलेक्ट्रेट सभागार में कानून व्यवस्था व विकास कार्यों के संबंध में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड के माध्यम से समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।

डीएम कृत्तिका ज्योत्स्ना व एसपी सोमेन बर्मा, सीडीओ अंकुर कौशिक आदि की मौजूदगी में बैठक शुरू हुई। बीजेपी के एमएलसी शैलेन्द्र प्रताप सिंह अपने बदले अंदाज़ के अनुसार ‘फॉर्म’ में दिखे तो शहर विधायक विनोद सिंह ने भी मुखर होकर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर पुलिस कप्तान सोमेन बर्मा पर भौहें तिरछी कीं। हालांकि भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. आरए वर्मा शांत दिखे। प्रभारी मंत्री ने कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान पुलिस से सम्बन्धित कई प्रकरणों पर पुलिस अधीक्षक को आवश्यक कार्यवाही के लिये निर्देशित किया। एमएलसी सिंह ने कई थानों से सम्बन्धित प्रकरणों को लेकर पुलिस को खींचा। अलबत्ता एसपी बर्मा ने प्रभारी मंत्री को आश्वस्त किया कि सुझाये गये सभी बिन्दुओं का अनुपालन किया जायेगा। इसके बाद अतिरिक्त उर्जा, कृषि विभाग, विद्युत समस्याएं, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सामाजिक सहायता कार्यक्रम, जल जीवन मिशन, लोक निर्माण विभाग, विद्युत, खाद्य एवं आपूर्ति, कृषि रक्षा रसायन, प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण/शहरी) आदि विभागों की योजनाओं की गहन समीक्षा हुई। मंत्री पटेल ने मुख्यमंत्री की ‘जीरो टॉलरेन्स की नीति‘ के अनुपालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने और प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के बीच समन्वय के लिये संवाद के बाबत जिलाधिकारी के नेतृत्व में माह में एक बार बैठक के निर्देश दिये। उन्होंने ‘जल जीवन मिशन’ के तहत संचालित ‘हर घर नल जल योजना’ के सम्बन्ध में अधिशासी अभियन्ता जल निगम को पाइप लाइन बिछाने के पश्चात रोड की मरम्मत के सम्बन्ध में सही जानकारी न देने व बिजली अभियंता से बिल संबंधी शिकायतों का डेटा ने देने पर स्पष्टीकरण तलब कर लिया है।

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