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भ्रष्टाचार की जलवाहिनी फूटी, डूबे रु. २२१ करोड़! … दिवा में हजारों लीटर पानी बर्बाद

सामना संवाददाता / ठाणे
दिवा परिसर में २२१ करोड़ रुपए खर्च कर डाली गई जलवाहिनी के लगातार टूटने और लाखों लीटर पानी बर्बाद होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) दिवा शहर संगठक रोहिदास मुंडे ने जलवाहिनी डालने में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है और जांच की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि दिवा के लोग पेयजल संकट का सामना कर रहे हैं। सत्ता के संरक्षण में पल रहे टैंकर माफिया मालामाल हो रहे हैं। टैंकर माफिया लोगों को पानी पिला रहे हैं। वे जितना चाहें, उतना पानी उनके लिए उपलब्ध है। आम लोग ज्यादा पैसे देकर पानी खरीदने को मजबूर हैें। पानी की समस्या को दूर करने के लिए मनपा ने २२१ करोड़ रुपए मंजूर किए थे। पिछले महीने स्थानीय सांसद श्रीकांत शिंदे ने बड़े ही धूमधाम से भूमिपूजन किया था और कहा था कि शील फाटा एमआईडीसी की मुख्य जल़वाहिनी से नई जलवाहिनी को जोड़ दिए जाने से पानी की समस्या खत्म हो जाएगी, लेकिन पानी की समस्या खत्म होने के बजाय और बढ़ती जा रही है। नई जलवाहिनियों के टूटने और फटने का सिलसिला शुरू हो गया है। मुंडे ने बताया कि सोमवार को गणेश नगर में एक जलवाहिनी के टूटने से हजारों लीटर पानी बर्बाद हो गया। भूमि पूजन के बाद से अब तक म्हात्रे गेट, रेलवे फाटक सहित आधे दर्जन से अधिक जगहों पर नई जलवाहिनियां टूट चुकी हैं और लाखों लीटर पानी बर्बाद हो चुका है। उन्होंने जलवाहिनी के काम में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है और पूरे मामले की जल्द से जल्द जांच करने की मांग की है। जांच न होने पर उन्होंने आंदोलन करने की चेतवानी दी है।

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