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अमित शाह जब ‘मातोश्री’ की शरण में आए … तो उन्हें परिवारवाद नहीं दिखा था क्या? … उद्धव ठाकरे का जोरदार हमला

सामना संवाददाता / मुंबई
उद्धव ठाकरे यानी परिवारवाद। कहते हो कि एक व्यक्ति, परिवार दल नहीं चला सकता है। फिर अमित शाह आप २०१४ और २०१९ में ‘मातोश्री’ में शिवसेनाप्रमुख की तस्वीर के सामने शरणागत होने और मुझसे बात करने आए थे, तो क्यों आए थे? ‘मातोश्री’ की शरण में आए तब आपको परिवारवाद नहीं दिखाई दिया? इस तरह का जोरदार हमला शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल जनसंवाद सभा के दौरान किया।
शिवसेना, शिवसेनाप्रमुख द्वारा स्थापित किया गया पक्ष है। उनका पुत्र जनता के आशीर्वाद से इस पक्ष का प्रमुख है। हां, हमारा परिवारवाद तब भी था, आज भी है और कल भी रहेगा। क्योंकि मूल रूप से मुझे मेरे परिवारवाद पर गर्व है। आपको कदाचित नहीं होगा, इस तरह का सनसनीखेज तंज भी उद्धव ठाकरे ने अमित शाह पर कसा। आप ‘मातोश्री’ पर आए और बाद में घात किया। ढाई-ढाई साल तक मुख्यमंत्री पद का दिया गया वचन आपने तोड़ा। आपने हमारी पीठ में खंजर घोंपा। इसका उल्लेख करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारा हिंदुत्व दूसरे किसी के साथ घात करनेवाला नहीं हैं। यदि कोई हमारी पीठ पर वार करेगा, तो उसकी अंतड़ी वैâसे निकालनी है यह सिखानेवाला हिंदुत्व हमें छत्रपति शिवाजी महाराज ने बताया है। इस तरह की चेतावनी भी उन्होंने दी।

भ्रष्टाचारी अभय योजना यही है मोदी की गारंटी! … उद्धव ठाकरे की कोकण में तूफानी सभा

प्रधानमंत्री जन-धन योजना, प्रधानमंत्री फसल योजना, प्रधानमंत्री अमुक योजना, तमुक योजना की तरह ही भाजपा की भ्रष्टाचारी अभय योजना है। जिन्होंने भ्रष्टाचार किया है, वे भाजपा में आएं, इस तरह की यह मोदी गारंटी है। इस तरह का जोरदार हमला शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल किया। अब होली आ रही है…वो सिर्फ बोलकर नहीं, बल्कि तानाशाही की होलिका जलाकर मनाएं। इस तरह का आह्वान भी उद्धव ठाकरे ने इस दौरान उपस्थित तमाम कोकण वासियों से किया।
उद्धव ठाकरे के जनसंवाद दौरा का तूफान कल कोकण में पहुंचा था। गुहागार और दापोली में हुई सभा में हजारों कोकणवासी उपस्थित हुए। सम्मेलन में उद्धव ठाकरे ने हजारों कोकणवासियों की उपस्थिति में भाजपा और गद्दारों पर तीखा हमला किया। इस दौरान शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा के फोड़ो और राजनीति करो नीति पर जोरदार चाबुक चलाते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा यानी भाड़ोत्री जनता पार्टी हो गई है। मौजूदा समय में उनका नीचे सिर और ऊपर पैर यानी शीर्षासन शुरू हो गया है। भास्कर जाधव को किसी ने नर्तक कहा। नर्तक बोलनेवालों की ओर से ही दिल्ली में मुजरा और गल्ली में हंगामा शुरू है। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि इन्हें केवल मधु से सनी उंगली चटा दिए अथवा कोने में गुड़ रख दिए तो ये शांत हो जाएंगे। ये किसी काम के नहीं हैं, इन पर ध्यान मत दीजिए, क्योंकि हमारी लड़ाई उनसे नहीं है। भाड़े की जनता पार्टी के पास लोग नहीं बचे हैं, इसलिए वे हमारे लोगों को ही तोड़कर उन्हें गद्दारी का दूध पिला रहे हैं और फिर उन्हें हम पर ही छोड़ रहे हैं। वो इतने घटिया हैं कि कल मारामारी हमारे बीच ही होगी। इस भाड़े की जनता पार्टी के कपड़े साफ रहेंगे, खून हमारा बहेगा। उद्धव ठाकरे ने तंज कसते हुए कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि वे इस बात को नहीं समझ रहे हैं।
राष्ट्रपति बनकर बैठ जाएंगे मोदी
चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर भी उद्धव ठाकरे ने मोदी पर सीधा हमला किया। उन्होंने कहा कि मनपा का चुनाव अभी तक नहीं हुआ है। कश्मीर में चार-पांच सालों से विधानसभा चुनाव नहीं हुए। इस बार लोकसभा चुनाव में वे जीतते हैं तो महाराष्ट्र में चुनाव होगा या नहीं यह कह पाना मुश्किल है। लोकसभा चुनाव हुआ कि मोदीजी वहां राष्ट्रपति बनकर बैठ जाएंगे। राष्ट्रपति पद्धति शुरू करेंगे और फिर जैसे रूस में राष्ट्रपति पुतिन न्यायाधीश की नियुक्ति करते हैं, वैसे ही चुनाव आयुक्त की तरह ही ये न्यायाधीश की भी नियुक्ति करने लगेंगे। बंगाल के जस्टिस गंगोपाध्याय इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए। आज तक के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है। आज तक यह प्रथा थी कि न्यायाधीश अपने कार्यकाल के बाद पार्टी में शामिल हो जाते थे और राज्यसभा सांसद बन जाते थे। ये तरीका भी गलत था, लेकिन गंगोपाध्याय एक कदम आगे निकल गए। उन्होंने तृणमूल पर कटाक्ष किया और वे यहीं नहीं रुके। उन्होंने साफ कहा कि पिछले कुछ दिनों से भाजपा उनके संपर्क में थी। न्यायाधीश खुलेआम बोल रहे हैं कि मैं भी भाजपा के संपर्क में था। ऐसे में पूरी न्यायिक प्रक्रिया ही इन्होंने तहस-नहस कर दी होगी। उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारा सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है। ऐसे में क्या हम संपर्क कर सकते हैं? कोई हमारे लिए दरवाजा खोलेगा? उन्होंने कहा कि हर चीज के लिए एक सीमा है, उसे मैं संभाल रहा हूं। हमारे केस में भी कोर्ट की तरफ से देरी हो रही है, फिर भी हमने विश्वास बरकरार रखा है कि आज, कल नहीं तो परसों अयोग्यता मामले पर पैâसला आएगा और हमें न्याय मिलेगा। इस तरह की आशा और प्रार्थना करता हूं। फिर गंगोपाध्याय द्वारा पिछले कुछ सालों में तृणमूल के खिलाफ किया गया पैâसला भाजपा समर्थित नहीं होगा, क्या यह हम मान सकते हैं? इस तरह की भाजपा समर्थित काली बिल्लियों को यदि न्यायिक प्रक्रिया में नियुक्त करने जा रहे हैं और कल ४०० पार करने के बाद खुलेआम इन्हें नियुक्त करेंगे, तो हिंदुस्थान और पाकिस्तान के बीच अंतर क्या रहा? इस तरह का रोकठोक सवाल भी उन्होंने इस दौरान उपस्थित किया।
तानाशाही की होलिका जलानी है
उद्धव ठाकरे ने कहा कि पिछले दो दिनों से यवतमाल और वाशिम में था। वहां भारी उत्साह दिखाई दिया। कोकण मेरे हक का है। यह हमारा ही है। इस तरह भास्कर जाधव का कहना सही ही है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि काम के समय कई बार लोग अपने घरवालों को ही भूल जाते हैं लेकिन मैं भूलनेवालों में से नहीं हूं। कोकण का आशीर्वाद लेकर ही मैं पूरे महाराष्ट्र में घूम रहा हूं। आपको याद दिलाने की जरूरत नहीं है। शिवसेनाप्रमुख भी इसी कोकण में आपके सामने नतमस्तक हुए थे। इसीलिए आपका रिश्ता एकदम मजबूत है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोकण शिवसेना के हक का है। ठाकरे घराना और कोकण वासियों का नाता क्या है ये कोकणवासी ही बताएंगे। भाजपा वाले भी बताएं की उनका कोकण से क्या नाता रहा है। कोकण वासियों ने यदि उन्हें स्वीकार किया तो मैं चला जाऊंगा। इस तरह की चुनौती भी उन्होंने इस दौरान दी। कोकण में गुंडागर्दी से बेधड़क लड़ने वाले भास्कर जाधव के साथ पूरी तरह से शिवसेना खड़ी है।
संज्ञानी हैं कोकणवासी
उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा की सभ्यता अब बाहर आ चुकी है। मुझे लगता है कि उनके रामभाऊ प्रबोधिनी में गाली-गलौज और गंदे तौर-तरीके सिखाए जाते होंगे। जिस तरह से उनका कामकाज चल रहा है, उसे देखने के बाद मैं यवतमाल और वाशिम में सभी के सामने अफसोस भी जता चुका हूं। असभ्यता और इस तरह की भाषा का बिल्कुल भी जवाब न दें। उन्होंने कहा कि मेरी कोकण की जनता पूरी तरह से संज्ञानी है।
इन हल्के बर्तनों से मुंह न लगाएं
उद्धव ठाकरे ने चेताते हुए कहा कि कोकण में मोदी के छेद पड़े हुए हल्के बर्तन जिस भाषा में शिवसेना पर टिप्पणी कर रहे हैं, वैसा शिवसैनिक मोदी पर नहीं करेंगे, क्योंकि हम हिंदू हैं। उन्होंने कहा कि इन हल्के बर्तनों से मुंह न लगाएं। ये तिनके हैं और इनकी राजनीतिक जीवन भाजपा पर अवलंबित है। भाजपा जिस समय इन्हें गेटआउट करेगी, तब गिलास लेकर बाहर कतार में खड़े रहेंगे। इस तरह की खिल्ली भी उद्धव ठाकरे ने उड़ाई।

 

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