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बैंक का कर्ज बढ़ा तो वकील ने लिखी खुद के अपहरण की कहानी! … 20 दिन में पुलिस ने ढूंढा

 

उमेश गुप्ता / वाराणसी

नाटकीय ढंग से 20 दिन पहले लापता अधिवक्‍ता सुरेंद्र कुमार पटेल को एसओजी टीम और मंडुवाडीह पुलिस ने मंगलवार को प्रयागराज से बरामद कर लिया। अधिवक्‍ता ने बैंकों से कर्ज लिया था और उसकी अदायगी नहीं कर पा रहा था। सुरेंंद्र की पहली पत्‍नी से तलाक हो चुका है और दूसरी पत्‍नी भी साथ नहीं रहती। एडीसीपी क्राइम सरवणन टी ने पुलिस लाइन में मीडिया के सामने इसका खुलासा किया। खुलासे के दौरान द सेंट्रल बार एसोसिएशन के पदाधिकारी और वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता भी मौजूद रहे। एडीसीपी ने अधिवक्‍ता की बरामदगी करनेवाली पुलिस टीम को एक लाख रुपए पुरस्‍कार की घोषणा की है।

गौरतलब है कि मंडुवाडीह थाना क्षेत्र के लखनपुर के निवासी सुरेंद्र पटेल 27 मार्च को घर से निकले। इसके बाद फुलवरिया गेट नंबर चार के पास से अपने भाई को फोन किया कि उनकी जान खतरे में है और मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर दिया। इसके बाद उनके भाई पहुंचे तो गेट नम्‍बर चार के पास उनकी मोटरसाइकिल लावारिस हालत में मिली। इसके बाद भाई ने अनहोनी की आशंका जताते हुए मंडुवाडीह थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस कमिश्‍नर ने अधिवक्‍ता की बरामदगी के लिए अपर पुलिस उपायुक्त अपराध के नेतृत्व में थाना मंडुवाडीह, एसओजी और सर्विलांस सेल की टीम गठित की। सर्विलांस टीम ने सोमवार को प्रयागराज रेलवे स्‍टेशन से अधिवक्‍ता को बरामद कर लिया।

एसीसीपी ने बताया कि पुलिस की जांच में अधिवक्ता सुरेन्द्र पटेल 20 मार्च को प्लान के तहत OLX से पुराना मोबाईल खरीदा और उसी दिन उसमें नया सिम लगाया, लेकिन किसी से वार्ता नहीं की। 27 मार्च को मोबाइल (नया व पुराना) बन्द रखा। फिर 28 मार्च को बिजनौर में नया मोबाइल ऑन किया। इसके बाद हरियाणा, पंजाब व गुजराज होते हुए 4 अप्रैल को को मुंबई गया, वहीं पर 14 मार्च तक रहा और उसके बाद मध्य प्रदेश आया। फिर अधिवक्‍ता ने मध्य प्रदेश में नया मोबाइल बन्द कर पुराना मोबाइल ऑन किया। उसकी बरामदगी के लिए महाराष्ट्र और ग्वालियर के लिए पहले से ही टीमें रवाना कर दी गई थीं। तीसरी टीम (सर्विलांस, एसओजी व थाना मंडुवाडीह) तकनीकी निगरानी से प्रयागराज रेलवे स्टेशन के पास से बरामद किया।

पूछताछ में सुरेन्द्र पटेल ने बताया कि उसने कई बैंकों से लोन लिया गया था। उसकी किस्तें टूट रही थीं। बैंकों की ओर से वसूली के लिए बार-बार फोन किया जा रहा था। इससे तंग आकर मैने बैंकों के फोन नम्‍बर ब्लाक कर दिया था। फिर भी नए-नए नंबरों से फोन आ रहे थे। परेशान होकर मैं अपना सिम बन्द कर, नया फोन व सिम लेकर गायब हो गया और अपहरण की झूठी सूचना दे दी। उसने बताया कि मैं 27 मार्च को अपने बाइक से 11 बजे घर से निकला। योजना के तहत अपनी बाइक को फुलवरिया गेट नंबर चार स्थित गुमटी के पास खड़ा कर दिया। फिर वहां से पैदल ही कैंंट स्टेशन जाकर ट्रेन से बिजनौर, हरियाणा, गुजरात होते हुए मुंबई गया। जाते समय रास्ते से अपने भाई को भ्रमित करने के लिए एक टेक्स्ट मैसेज स्वयं के अपहरण का डाल दिया। ताकि मेरे घरवाले गेट नम्‍बर चार से मेरी बाइक प्राप्त कर लें। सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्‍यक्ष मुरलीधर सिंह ने बताया कि सुरेंद्र की पहली पत्‍नी से तलाक हो चुका है। दूसरी पत्‍नी भी साथ नही रहती। सुरेंद्र ने बैंकोंं से साढ़े चार लाख रुपए का कर्ज लिया था।

अधिवक्‍ता को बरामद करनेवाली पुलिस टीम में प्रभारी सर्विलांस इंस्‍पेक्‍टर दिनेश यादव, प्रभारी एसओजी मनीष मिश्रा, एसआई अमित कुमार यादव, विनोद विश्वकर्मा, हेड कांस्‍टेबल सत्येश राय, ब्रह्मदेव, दिवाकर वत्स, सुनील राय, कांस्‍टेबल आलोक मौर्य, पवन तिवारी, पंकज, रमाशंकर यादव, विराट सिंह, अंकित मिश्रा, दिनेश कुमार, मण्डुवाडीह थाना प्रभारी भरत उपाध्याय, एसआई पवन कुमार यादव, श्यामधर बिन्द, सत्यप्रकाश सिंह, हेड कांस्‍टेबल सुनील राय, शक्ति सिंह, शत्रुघ्न सिंह, कांस्‍टेबल अमित तिवारी, अवनीश यादव, रणधीर सिंह, विकास कुमार, सूर्यभान सिंह रहे।

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