आउट ऑफ पवेलियन : शतरंज की दुनिया का जहरीला कांड …क्या वो जहर देकर मार डालना चाहती थी?

अमिताभ श्रीवास्तव

शतरंज की दुनिया में ऐसा शायद ही कभी हुआ हो कि कोई खिलाड़ी अपनी प्रतिद्वंद्वी को जहर देकर मार डालना चाहती हो। उसने ऐसा किया था मगर जांच में कोई आरोप सिद्ध न हो सका और वो बरी हो गई। जी हां, सीसीटीवी वैâमरे पर एक शतरंज खिलाड़ी को प्रतिद्वंद्वी के बोर्ड में पारे के साथ जहर मिलाते हुए पकड़ा गया था, मगर अभियोजन पक्ष द्वारा मामला वापस ले लिए जाने के बाद उसे छोड़ दिया गया। इस खौफनाक फुटेज में ४० वर्षीय रूसी शतरंज खिलाड़ी अमीना अबकारोवा को उस स्थान पर जहरीला रसायन पैâलाते हुए दिखाया गया, जहां उनकी प्रतिद्वंद्वी को टूर्नामेंट मैच के लिए बैठना था। बाद में उनकी प्रतिद्वंद्वी ३० वर्षीय उमायगानत ओसमानोवा की पिछले अगस्त में दक्षिणी रूस में दागेस्तान शतरंज चैंपियनशिप में खेलते समय बेहोश होकर गिर जाने से मृत्यु हो गई। दरअसल, फुटेज में अबकारोवा को टूर्नामेंट कक्ष में जाते हुए तथा अपने प्रतिद्वंद्वी के बोर्ड के पास जाने से पहले इधर-उधर देखते हुए पाया गया था। फिर वह बोर्ड पर एक गहरे भूरे रंग का पाउडर, जिसे पारा समझा गया, ब्रश से लगाती हुई दिखाई दी तथा उसे शतरंज के एक मोहरे से चारों ओर पैâला देती है। अबकारोवा को तब गिरफ्तार किया गया जब डॉक्टरों ने पाया कि उमायगानत को जहर दिया गया था और टूर्नामेंट स्थल के सुरक्षा फुटेज की समीक्षा से पता चला कि अबकारोवा ने छेड़छाड़ की है। लेकिन अब यह सामने आया है कि अबकारोवा को कभी भी दंडित नहीं किया गया, न ही उस पर औपचारिक आरोप लगाया गया और न ही उसे अदालत में ले जाया गया, जबकि जांचकर्ताओं ने निर्धारित किया था कि पीड़िता की चोटें इतनी गंभीर नहीं थीं। रूसी मीडिया के अनुसार, चूंकि अबकारोवा को जहर दिए जाने के बाद उसके स्वास्थ्य पर कोई दीर्घकालिक प्रभाव नहीं पड़ा, इसलिए उसे बताया गया कि मामला स्थगित कर दिया गया है।

करोड़पति किशन का रहस्य
कहां से कमाते हैं इतना पैसा?
न वो टीम में हैं और न ही फिलवक्त उनका बल्ला चल रहा है बावजूद क्रिकेट का यह युवा खिलाड़ी करोड़पति है और लगातार पैसा कमा रहा है। कहां से आ रहा है इतना पैसा कि वो अपने महंगे शौक पूरे करता जा रहा है? जी हां, बात कर रहे हैं ईशान किशन की। इस बल्लेबाज को महंगी गाड़ियों में घूमने का काफी शौक है। उनके पास बीएमडब्ल्यू ५ सीरीज, मर्सिडीज-बेंज सी क्लास और फोर्ड मुस्तांग जीटी जैसी लक्जरी गाड़ियां उपलब्ध हैं। ईशान का ड्रेसिंग सेंस भी काफी खर्चीला है। बाएं हाथ के बल्लेबाज ईशान कमाई के मामले में भी सबसे आगे हैं। खेल हलकों की चर्चा की मानें तो इस खिलाड़ी का नेटवर्क ६२ करोड़ रुपए के आसपास है। इस खिलाड़ी की कमाई आईपीएल से भी अच्छी-खासी हो जाती है। आईपीएल-२०२४ तक मुंबई इंडियंस ईशान किशन को १५.२५ करोड़ रुपए दे रही थी, लेकिन अब आईपीएल-२०२५ के लिए सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें ११.२५ करोड़ रुपए देने का पैâसला किया है। बीसीसीआई के कॉन्ट्रैक्ट से बाहर होने के बावजूद भी ईशान किशन की कमाई घरेलू सीरीज से भी हो जाती है। दिलीप ट्रॉफी खेलने के लिए ईशान किशन को ६० हजार रुपए प्रतिदिन दिए जाते हैं। इसके अलावा यह बल्लेबाज ब्रांड एंडोर्समेंट के जरिए भी अच्छी कमाई कर लेता है। सोशल मीडिया अकाउंट पर अच्छी पैâन फॉलोइंग होने के कारण कंपनियां इन्हें विज्ञापन करने का ऑफर देती हैं। ईशान किशन की ब्रांड वैल्यू में भी काफी उछाल देखने को मिला है। पिछले २ सालों में उनकी पैâन फॉलोइंग काफी ज्यादा बढ़ी है। इंस्टाग्राम पर ईशान को ७.३ मिलियन लोग फॉलो करते हैं, जिसका फायदा उन्हें विज्ञापन करने के लिए भी मिलता है।
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)

राज ‘तंत्र’ : दूध सी सफेदी…!

अरुण कुमार गुप्ता

९० के दशक के एक बहुप्रचलित कपड़े धोने के साबुन के विज्ञापन की वह टैग लाइन लोगों के जेहन में शायद आज भी हो, जिसमें कहा जाता था दूध सी सफेदी…वॉशिंग पावडर…। भाजपा ने दूरदृष्टि रखते हुए वॉशिंग मशीन के साथ ढेर सारे वॉशिंग पावडर भी जमा कर लिए। अब उसी वॉशिंग मशीन और वॉशिंग पावडर का इस्तेमाल वह दागी नेताओं को बेदाग करने में कर रही है। हां! तो हम जिसके संबंध में बात कर रहे हैं आप समझ गए होंगे। वही अपने दादा। जिन्हें हमारे वर्तमान सीएम फडणवीस साहब पिछले चुनाव में पानी पी-पीकर ७० हजार करोड़ रुपए का सिंचाई घोटाले का आरोप लगाकर कहते थे दादा जेल जाएंगे और चक्की पिसिंग, चक्की पिसिंग। दादा ने चक्की तो नहीं पीसा उसके उलट उपमुख्यमंत्री जरूर बना दिए गए। यहां तक तो बात ठीक है…पर इससे भी कई कदम आगे अब उन्हें दिल्ली में बेनामी संपत्ति लेन-देन अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा राहत देते हुए उनके और उनके परिवार के खिलाफ बेनामी संपत्ति के स्वामित्व के आरोपों को खारिज कर दिया गया। यह कोई अचंभित करनेवाली बात नहीं है। यह तो होने ही वाला था, क्योंकि दादा ने वॉशिंग मशीनवाली पार्टी का जो दामन थाम लिया है। अब विपक्ष भले ही भाजपा पर जमकर निशाना साधे या यह कहे कि भाजपा की वॉशिंग मशीन में सब साफ हो जाते हैं। कहते रहे, कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि आज दादा दूध सी सफेदी जैसा चमके हैं कल और भी दागी धुलने वाले हैं।

फडणवीस का फंडा!
देवेंद्र फडणवीस को फंडा फिट करने में माहिर कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। मुख्यमंत्री बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस कई मुद्दों पर खुलकर बोल रहे हैं। चुनावी जीत से लेकर महायुति में दरार की बात पर भी उन्होंने अपनी राय रखी। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे नाराज चल रहे थे तो उन्होंने कहा कि ये सब अफवाह है। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एकनाथ शिंदे स्वभाव से भावुक हैं, जबकि उनके दूसरे डिप्टी सीएम अजीत पवार अधिक व्यावहारिक व्यक्ति हैं। फडणवीस ने यह भी कहा कि महायुति गठबंधन ने बहुत मेहनत की, लेकिन पिछले ढाई साल ‘रोलर कोस्टर की सवारी की तरह’ रहे। उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन में कोई ज्यादा देरी नहीं हुई और न ही शिंदे जी किसी मुद्दे पर नाराज थे। एक गुट था जो चाहता था कि शिंदे समन्वय समिति के अध्यक्ष बनें। कोई नाराजगी नहीं थी। फडणवीस की यह बातें बिल्कुल साफ कर रही है कि वे अपना रास्ता बिल्कुल साफ चाहते हैं। इसी चाहत में वे उनकी बातें अमूल… की याद दिला रही है और फडणवीस का फंडा बिल्कुल क्लियर है।

दिल ऐसा किसी ने मेरा…
वर्ष १९७५ में आई फिल्म अमानुष का वह गीत तो आपको याद ही होगा। दिल ऐसा किसी ने मेरा…। शायद यही हाल घाती यानी एकनाथ शिंदे साहब का हुआ है। यदि यह बात कहें तो सही कहा जा सकता है, क्योंकि शिंदे साहब का हाल बीजेपी ने ऐसा ही किया है, लेकिन अब शिंदे साहब कुछ कर भी नहीं सकते हैं क्योंकि अब तीर कमान से निकल चुका है। इससे पहले, शिंदे ने लंबे समय तक डिप्टी सीएम पद स्वीकारने को लेकर भी सस्पेंस बनाए रखा था। अब पछताने के सिवाय कुछ नहीं बचा है। घाती यानी शिंदे बहुत बड़ा अरमान पालकर शिवसेना से अलग हुए। कुछ समय के लिए सीएम बनकर फूलकर कुप्पा भी हो गए, लेकिन यह बात भूल गए कि वे बीजेपी के घरफोड़ी नीति में फंस गए हैं। अब बीजेपी ने अपना असली चेहरा दिखाया और उन्हें उपमुख्यमंत्री की डोर में उलझा दिया। अब सुना जा रहा है कि शिंदे गृह मंत्रालय की मांग पर अड़े हुए हैं, लेकिन देवेंद्र फडणवीस हैं कि देने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में अब यही कहा जा सकता है कि दिल ऐसा किसी…ने नहीं, बीजेपी ने तोड़ा, अमानुष बनाकर छोड़ा।

काहें बिसरा गांव : ठंढ के प्रकोप में कउड़ा का साथ

पंकज तिवारी
कोहरे के प्रकोप से पूरा गांव धुआं-धुआं हो गया था। ओसारे में से दलान और इनारा तक दिखाई नहीं पड़ रहे थे। गाय, भैंस के गले में बंधी घंटियां सुनाई तो पड़ रही थीं पर नजर नहीं आ रही थी। आजकल सूरज चचा भी बेबस से दिखाई पड़ने लगे थे, ऐसा लगने लगा था कि उनकी मां ने उनके लिए भी मोटा वाला स्वेटर बीन दिया है, जिसे पहनते ही प्रकाश कहीं दब सा जा रहा था। बेचारे प्रकाश बांट तो रहे थे पर रास्ते में ही बंदरबांट हो जा रहा था। धुंध का प्रकोप ऐसा था कि एक दुआरे कउड़ा पर बैठे लोग दूसरे दुआरे बैठे लोगों से बात तो कर ले रहे थे पर आंखें फाड़कर देखने के बाद भी बस धुआं ही देख पा रहे थे। नीम, जामुन, अमरूद के पेड़ से बदर-बदर की आवाज आ रही थी। धरती जैसे भीगी चादर ओढ़े सो रही हो और ओस घासों के साथ मिलकर जैसे चिढ़ाने में व्यस्त हो। खेत-खलिहान सब ‘भीगा-भीगा तन-मन है, भीगा-भीगा जीवन है’ गाने में व्यस्त थे‌।
बेचारी दादी कउड़ा बारे ओसारे में बैठी थी, हथेली की नसें बाहर आ जाने को आतुर दिख रही थीं। दादी मटर छीलने के लिए लेकर आई थी। निमोना बहुत पसंद है ददा को, अभी मटर को पीसना भी था पर दादी का मन तो कउड़ा के आंच से हटना ही नहीं चाह रहा था, मसलन मटर की छीमी वैसे ही धरी रह गयी थी‌। ददा शाम को बथुआ भी खोंट लाए थे पर उसमें समय लगेगा इसलिए रात को बनेगा, दादी की बात ददा को मानना ही पड़ा था। झूलन ददा दादी की हर बात मानते थे। हाथ-पैर धुलकर ददा भी आ गए। ठिठुरन इस कदर हावी थी कि दांत की किटकिटाहट साफ-साफ सुनी जा सकता था। चीखुर बीन कर ददा पहले ही जमा लिए थे। बंसवारी से, बगइचा से खरपतवार जो दादी बीनकर लाती थी सो अलग। पुअरा से बना बीड़ा कउड़ा के चारों तरफ धरा हुआ था। ओसारे में ही एकदम कोने पुअरा से ही दादी ने गोनरा सा कुछ बना दिया था। करियई कुकुर वहीं बच्चा दी थी और अब उन्हें अच्छे से पाल रही थी, बाकी बाहरी कुत्तों से बचाने के लिए तो दादी हमेशा सज्ज रहती थीं। खबर थी कि मौका पाते ही सियार भी दबोच लेते हैं पिल्लों को। उनका कुहुकना सुन ददा उधर ही चल पड़े। बच्चों को पुचकारने के बाद वापस आ गए और कउड़ा के बगल ही रखे बीड़े पर बैठ गये और बोल पड़े- ‘गोरुआरे में से भंइस, गाय निकालइ में निर्गति होइ जाथइ। राति कंई केतनउ पुअरा अउर राखी डारि दऽ मुला सबेरे कींचा में गोड़ धंसबइ करे। भंइसिउ लगाउब भारी होइ गवा बाऽ। कभंउ-कभंउ मन करथऽ कि कुलिन के छोड़ि के खेदि देई मुला फेरि दहिए, माठा, घीए क सुधि आइ जाथऽ। कींचा से धोतियउ खराब होइ जाथऽ। बरसीन क कटाई उहउ शीते में बहुतइ बवाल काम होथऽ, मुला काम त काम हउ करइ के पड़बइ करे।’ कड़कड़ाती ठंड से कांपते हाथ-पांव के बाद भी ददा लगातार गोरुआरी में व्यस्त रहते थे। बड़ी बात तो ये कि जहां सब तीन-तीन स्वेटरों के बीच गठरी जैसे दिखाई देने लगे थे, वहीं ददा सिर्फ बनियान और धोती पर ही बिल्कुल फुर्ती के साथ सारा काम निपटाये जा रहे थे। कउड़ा के पास बैठते ही ददा जैसे मगन हो उठे। कौन ऐसा होगा जो इस शीत लहर के भीषण प्रकोप वाले समय में कउड़ा को नजरअंदाज कर सके। पढ़ने वाले पढ़ाई भूल गए थे तो लोग अपना काम-धंधा सब बिसरा दिए थे। सभी बस जान बचाने के फेर में थे। ‘लड़िकन के हम छुइत नाहीं, सयान हयेन सब भाई, बुढ़वन के हम छोड़ित नाहीं केतनउ ओढ़ंइ रजाई’ ठंढ पर कहे गए इस कहावत का असर साफ दिखाई पड़ रहा था। बच्चे तो खेलते-कूदते दिख भी जाते थे पर बुजुर्गों के लिए समय बड़ा भारी था। जहां देखिए वहीं कउड़ा का बखान या कउड़ा चालीसा गाया जा रहा था। ददा को देखते ही दादी कउड़ा पर और चीखुर रख दी, कउड़ा भक्क से जल उठा।
क्रमश:
(लेखक बखार कला पत्रिका के संपादक एवं कवि, चित्रकार, कला समीक्षक हैं)

प्रौद्योगिकी राष्ट्रवाद को दिल से अपनाना ही होगा: प्रो. विनय

सीएसजेएमयू कानपुर के वाइस चांसलर प्रो. विनय कुमार पाठक ने बतौर मुख्य अतिथि कहा, वैश्विक पटल पर मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी में चीन 17 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ अव्वल है, जबकि भारत की हिस्सेदारी महज 03 प्रतिशत है। इसका मुख्य कारण है, भारत असेम्बलिंग पर ध्यान देता है। चीन की इस हिस्सेदारी में प्रौद्योगिकी राष्ट्रवाद की बड़ी भूमिका है। भारत को प्रौद्योगिकी राष्ट्रवाद को दिल से ही अपनाना होगा। डिग्री की अपेक्षा नए आइडिया का महत्व अधिक है। ताइवान का उदाहरण देते हुए बोले, ताइवान की कुल 28 यूनिवर्सिटीज़ सेमीकंडक्टर्स का उत्पाद कर रही हैं। यूनिवर्सिटीज़ को स्टुडेंट्स के आइडियाज़ को महत्व देना होगा। वैश्विक दौड़ में बने रहने के लिए समय के साथ बदलती हुई तकनीक से हमें अपडेट रहना होगा। अटल जी की कविता आओ फिर से दिया जलाएं को कोट करते हुए बोले, भारत के युवाओं को ट्रांसलेशनल रिसर्च और प्रोडक्ट को अपनाकर ही फिर से विश्व गुरू बनना होगा। प्रो. विनय बोले, बिना प्रोडक्ट के कोई भी देश नंबर वन नहीं हो सकता। यूनिवर्सिटीज़ को पेटेंट फाइलिंग और स्टार्टअप्स पर विशेष फोकस करने की दरकार है। प्रो. पाठक तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ कंप्यूटिंग साइंसेज़ एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी- सीसीएसआईटी की सिस्टम मॉडलिंग एंड एडवांसमेंट इन रिसर्च ट्रेंड्स- स्मार्ट-2024 पर दो दिनी 13वीं इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के समापन सत्र में बोल रहे थे। इससे पूर्व प्रो. विनय कुमार पाठक ने बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्ज्वलित करके ऑडी में वेलिडेक्ट्री सेशन का शुभारम्भ किया। आईआईटी कानपुर के सलाहकार-2 प्रो. जे रामकुमार गेस्ट ऑफ ऑनर, वीसी प्रो. वीके जैन, जीजीएसआईपीयू, दिल्ली के डॉ. संजय के मलिक, कॉन्फ्रेंस जनरल चेयर एवं टीएमयू के फ़ैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग के डीन प्रो. आरके द्विवेदी, सीसीएसआईटी के वाइस प्रिंसिपल एवम् कॉन्फ्रेंस चेयर प्रो. अशेन्द्र कुमार सक्सेना आदि की उल्लेखनीय मौजूदगी रही। कॉन्फ्रेंस के कुल 20 तकनीकी सत्रों के 12 ट्रैक में देश-विदेश के शोधार्थियों ने कुल 153 रिसर्च पेपर्स प्रेजेंट किए। दूसरी ओर कल्चरल संध्या में सीसीएसआईटी के छात्रों ने कॉलेज लाइफ, हॉरर डांस, स्टेट डांस, रामायण डांस, मंगलाचरण, सिंगिंग आदि की प्रस्तुति देकर मेहमानों और अपनों का दिल जीत लिया।

स्मार्ट कॉन्फ्रेंस में सीएसजेएमयू कानपुर के वाइस चांसलर प्रो. विनय कुमार पाठक को एकेडमिक एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया। फोर्ड मोटर्स, यूएसए के डेटा इंजीनियर डॉ. भुवनेश सिंह को वर्चुअली बेस्ट पीएचडी थिसिस अवार्ड में अव्वल रहे। टीएमयू के डॉ. नूपा राम चौहान और तुलाज इंस्टिट्यूट के डॉ. त्रिपुरेश जोशी को संयुक्त रूप से द्वितीय, जबकि एफओई की डॉ. अलका वर्मा तीसरे स्थान पर रहीं। बेस्ट पोस्टर अवार्ड में मो. हमजा प्रथम, यशवीर यादव द्वितीय और जतिन चौधरी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। बेस्ट प्रोजेक्ट अवार्ड में आर्यन जैन अव्वल रहे, जबकि प्रशांत एंड टीम सेकेंड और प्रशांत जोशी थर्ड स्थान पर रहे।यूपी के संग-संग उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एंड कश्मीर, कर्नाटक समेत कुल 16 राज्यों के शोधार्थियों ने भी शिरकत की। कॉन्फ्रेंस के दौरान आईईईई यूपी सेक्शन के प्राधिकारीगण- आईआईटी, कानपुर के सेक्शन चेयर प्रो. योगेश एस. चौहान, एमएनएनआईटी, इलाहाबाद के अवार्ड्स एंड रिकग्निशन प्रो. आशीष कुमार सिंह, आईआईटी बीएचयू वाराणसी के सचिव डॉ. राजीव कुमार सिंह, एमएमएमयूटी गोरखपुर के डॉ. प्रभाकर तिवारी, आईआईआईटी इलाहाबाद के इमिडिएट पास्ट चेयर डॉ. सतीश के. सिंह और बीटीकेआईटी द्वारहाट के संयुक्त सचिव श्री वरुण कुमार कक्कड़ विशिष्ट अतिथि ब्लेंडेड मोड में मौजूद रहे। संचालन फैकल्टीज़ डॉ. सोनिया जयंत, डॉ. शालिनी निनोरिया और डॉ. इंदु त्रिपाठी ने किया।

भारत के संग-संग सऊदी अरब, यूएसए, यूएई, नाइजीरिया, श्रीलंका, नॉर्थ अमेरिका, ओमान समेत कुल 08 देशों के आईटी विशेषज्ञ ने डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग, सूचना सुरक्षा एवं इंजीनियरिंग, उभरती हुई प्रौद्योगिकियां, आईओटी और वायरलेस संचार, ब्लॉक चेन प्रौद्योगिकी, उद्योग 4.0, शिक्षा 4.0, सिस्टम मॉडलिंग और डिज़ाइन क्रिर्यान्वयन उपकरण, सर्किट, सामग्री और प्रसंस्करण, संचार और नेटवर्क प्रसारण, शासन, जोखिम और अनुपालन, रोबोटिक्स नियंत्रण इंस्ट्रूमेंटेशन और स्वचालन, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी जैसे कुल 12 विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए। तकनीकी सत्र के संग-संग स्मार्ट कॉन्फ्रेंस में वीएसटी यूनिवर्सिटी, रूस के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. डेनिला पैरिगिन, मेटा, यूएसए के सॉफ्टवेयर इंजीनियर श्री सौरभ कंसल, अमेज़न के सॉफ्टवेयर डवलपमेंट इंजीनियर-2 श्री स्पर्श जैन, आरडब्ल्यूटीएच आचेन यूनिवर्सिटी, जर्मनी के आईएसीएम रिसर्च एसोसिएट फेलो डॉ. सत्यवीर सिंह, अमेज़न वेब सर्विसेज, बेलेव्यू, वाशिंगटन, यूएस के सॉफ्टवेयर डवलपमेंट इंजीनियर श्री मिलव कुमार शाह, किचनर ओंटारियो, कनाडा की डाटा इंजीनियर डॉ. निहारिका, माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाइड प्रोफेशनल और एसक्यूएल के डवलपर श्री नीरज द्विवेदी, एमएनआईटी जयपुर के निदेशक प्रो. एनपी पाधी, एसएमवीडीयू, कटरा के डॉ. मनोज कुमार गुप्ता, यूएसएसी, उत्तराखंड के वैज्ञानिक प्रो. प्रियदर्शी उपाध्याय, जीजीएसआईपीयू, आरईसी बिजनौर के निदेशक डॉ. नीलेंद्र बादल, एनआईएआईडी, सीआरएमएस के वरिष्ठ डेटाबेस डवलपर श्री पंकज द्विवेदी, आरईसी, बांदा के डॉ. विभाष यादव, ओरेकल सॉफ्टवेयर डवलपमेंट के निदेशक श्री प्रवीण केआर इलमुरुगन और जेएनयू, नई दिल्ली के डॉ. करण सिंह आदि की ब्लेंडेड मोड में गरिमामयी मौजूदगी रही।

भारत जानो प्रतियोगिता में ऋषि व सृष्टि ने मारी बाजी, देव, शिवांश को दूसरा आरुवी व आयशा तीसरे स्थान पर

विक्रम सिंह/सुल्तानपुर

भारत विकास परिषद की कुशभवनपुर इकाई ने नई पीढ़ी को धर्म-संस्कृति-सभ्यता व देश के इतिहास-भूगोल का सार्थक ज्ञान कराने की मुहिम छेड़ रखी है। इसी क्रम में आयोजित भारत को जानो प्रतियोगिता शहर के टाइनी टाट्स पब्लिक स्कूल में भी आयोजित की गई। जिसके विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कृत करने व आदर्श शिक्षकों का सम्मान शनिवार को ‘गुरु वंदन छात्र अभिनंदन’ समारोह के अंतर्गत किया गया।

लालडिग्गी स्थित टाइनी टाट्स परिसर में प्रिंसिपल अंजली श्रीवास्तव की अध्यक्षता व कमला नेहरू प्रौद्योगिकी संस्थान के कंप्यूटर विभाग में प्रोफेसर डॉ.डीएल गुप्त के मुख्य आतिथ्य में परिषद कुशभवनपुर इकाई अध्यक्ष आलोक कानोडिया ने परीक्षा परिणाम की घोषणा की। जिसके अनुसार समारोह के प्रथम चरण में प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों क्रमशः वरिष्ठ वर्ग में टॉप करने वाले ऋषि यादव व कनिष्ठ वर्ग की टॉपर सृष्टि यादव समेत दूसरा व तीसरा स्थान हासिल करने वाले देव सिंह, शिवांश शर्मा, आरूवी पांडेय और आयशा यादव को स्मृति चिह्न, प्रमाणपत्र आदि प्रदान किये गए। समारोह के दूसरे चरण में विद्यालय के आदर्श शिक्षक लालमणि गुप्ता व देवी सहाय पांडे का मुख्य अतिथि डॉ. गुप्त ने सम्मान किया और प्रशस्तिपत्र प्रदान किए।

तीसरा चरण प्रारम्भ हुआ प्रवक्ता आशुतोष के संयोजन में। जिसमें सभी विशिष्ट अतिथियों और परिषद पदाधिकारियों ने विद्यार्थियों से सीधा सामूहिक संवाद किया। के एन आईटी प्रोफेसर गुप्त ने भारत को जानने की इस मुहिम को नौनिहालों तक ले जाने की मुहिम को सराहा तो वहीं परिषद संरक्षक अरुण कुमार श्रीवास्तव ने इसके औचित्य पर प्रकाश डाला। संगठन अध्यक्ष आलोक कानोडिया ने प्रेरक शब्दों में शिक्षा-शिक्षक-शिक्षार्थी के महत्व को इंगित किया। समारोह में पूर्व सचिव धनंजय मुखर्जी, पूर्व कोषाध्यक्ष सच्चिदानंद कसौधन,
परिषद सचिव प्रशांत टंडन, दिनेश कसौधन, दीपक जायसवाल,अभिषेक बरनवाल, अभिषेक सागर, रवि रस्तोगी आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

ठंड के बढ़ते ही काशी में चोर हुए सक्रिय, रोहनिया थाना क्षेत्र में बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर के मकान को चोरों ने खंगाला

 

उमेश गुप्ता/वाराणसी

ठंड बढ़ने के साथ ही चोरों का आतंक शुरू हो गया है। चोरों ने जगतपुर डिग्री कॉलेज के पीछे (रोहनिया) में बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर के मकान को खंगाल दिया है। चोरों ने मकान में आभूषण व नगद सहित लगभग 21 लाख रुपए की चोरी की है। सूचना पर पहुंचे रोहनिया थाना प्रभारी तथा डॉग स्क्वायड एवं फॉरेंसिक टीम ने चोरी की घटना की जांच पड़ताल की। घटना के सम्बन्ध में पीड़ित ने थाने को तहरीर दे दी है।

मिली जानकारी के अनुसार मूल रुप से बलिया के निवासी दीपनारायन सिंह बीएसएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है। उन्होंने एक मकान जगतपुर पीजी कालेज के पीछे बनवाया है, जहां उनकी पत्नी और बच्चे रहते है। दीपनारायण सिंह 1 माह की छुट्टी पर 25 नवंबर को आए और 26 को अपनी पत्नी रेनू सिंह के साथ गांव चले गए। मकान में उनकी लड़की अनामिका सिंह (लबली) और लड़का दीपांशु सिंह थे। रात में खाना खाकर दोनों अपने-अपने भी कमरे में सोने चले गए। शनिवार सुबह जब वह जगे तो देखा कि कमरे का सामान अस्त-व्यस्त है। जिस पर उन्होंने फोन कर अपनी मां को बताया। रेनू सिंह जब अपने पति के साथ घर पहुंची तो कमरों की स्थिति देख दंग रह गई। रेनू सिंह ने बताया कि चोरों ने हार, मंगलसूत्र, चेन, मॉगटीका, नथिया, चूड़ी, अंगूठी कान की बाली व झुमका, चाँदी का पावजेब, चाँदी का पायल, बिछिया और ₹ 80 हजार नगद समेट ले गए।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने जब घटनास्थल का मुआयना किया तो वहां से नाक की 5 सोने की कील, नाक की नथुनी सोने की 3, व 500 की 16 नोट, 100 की 18 नोट, 200 की 2 नोट, 10 की एक गड्‌डी, 20 के 2 नोट, 10 के 4 नोट, 5 के 2 नोट व 1 व 2 रुपए के 8 सिक्के मिले। पुलिस ने पीड़ित परिवार को वापस कर दिया है। रोहनिया पुलिस सीसीटीवी कैमरे खंगालने में जुटी है।

शिवांग संख्या व अंजली के मॉडल सर्वश्रेष्ठ …जिलास्तरीय विज्ञान मेले में केएनआईसी व एसके प्रेसिडेंसी के होनहार अव्वल

विक्रम सिंह/सुल्तानपुर
नगर के कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड एजुकेशन लाल डिग्गी में जनपद स्तरीय विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता व विज्ञान मेले का आयोजन जिला विज्ञान क्लब ने शनिवार को किया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में केएनआईटी के निदेशक डॉ. आर के उपाध्याय, सिटी मजिस्ट्रेट विदुषी सिंह, रवि शंकर जिला विद्यालय निरीक्षक तथा जटाशंकर सह जिला विद्यालय निरीक्षक सुल्तानपुर की उपस्थिति में संपन्न हुई। जिला विज्ञान कब सुल्तानपुर के जिला समन्वयक शैलेंद्र चतुर्वेदी ने कार्यक्रम का संचालन तथा प्रधानाचार्य मृदुल कुमार सिंह ने प्रतियोगिता का संयोजन किया। विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता में तेइस विद्यालयों के १०० विज्ञान मॉडलों का प्रदर्शन किया गया।

मुख्य अतिथि डॉ आर के उपाध्याय ने छात्रों को विज्ञान के चुनौती तथा इसे जीवन शैली में अपनाने के लिए मार्गदर्शन किया। नई टेक्नोलॉजी से अवगत कराते हुए बहुत से उदाहरण देकर अभिभावकों को छात्र-छात्राओं को उत्साहवर्धन के लिए संदेश दिया। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि सिटी मजिस्ट्रेट विदुषी सिंह ने विद्यार्थियों को सफल जीवन के लिए शुभकामनाएं दी तथा जिला विद्यालय निरीक्षक रविशंकर ने सफल कार्यक्रम और उत्कृष्ट मॉडल प्रतिभा के लिए प्रतिभागियों को उत्साहित किया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान केएनआईसी लाल डिग्गी की छात्र शिवांग चतुर्वेदी, द्वितीय स्थान केएनआईसी करौंदिया की छात्रा संख्या पांडेय, तृतीय स्थान एसके प्रेसिडेंसी पब्लिक स्कूल की छात्रा अंजली विश्वकर्मा तथा श्रीविश्वनाथ इंटर कॉलेज कलान के छात्र विनायक पांडे व सनबीम विद्यालय के छात्र आशुतोष मिश्र ने क्रमशः दो सांत्वना पुरस्कार ने प्राप्त किया। पुरस्कार वितरण जिला विद्यालय निरीक्षक रविशंकर ने किया तथा आए प्रतिभागियों और अधिकारियों का आभार व्यक्त किया।

जिला समन्वयक शैलेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि प्रथम द्वितीय व तृतीय पुरस्कार साथ दो प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार और,समस्त प्रतिभागियों को प्रतिभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। पंद्रह सर्वश्रेष्ठ चयनित विज्ञान मॉडलों को निर्धारित तिथि पर मंडलस्तरीय प्रदर्शनी के लिए अयोध्या में प्रतिभाग करने के लिए निर्देशित किया जाएगा। विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता में श्री विश्वनाथ इंटर कॉलेज कलान के प्रधानाचार्य डॉ. आशुतोष सिंह, केएनआईसी करौंदिया के प्रधानाचार्य डॉ एनडी सिंह, जिला विज्ञान क्लब के सह समन्वयक राधेश्याम पांडे, उप प्रधानाचार्य शैलेश कुमार तिवारी, एनएन गुप्ता, दीपक सोनी, अजय सिंह, संदीप सिंह, संजय सिंह, बलविन्दर कौर, नेहा गुप्ता, आशा टण्डन, मानसी, रजनीश कुमार, निरंकार श्रीवास्तव तथा भारी संख्या में अभिभावक, शिक्षक, शिक्षिका तथा विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।

इस कार्यक्रम में प्रदेश स्तर पर सहारनपुर में आयोजित डॉ. संपूर्णानंद वाद विवाद प्रतियोगिता में प्रदेश में द्वितीय स्थान पर चयनित श्रीविश्वनाथ इंटर कॉलेज कलान की छात्रा सुंदरी तिवारी को भी पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप में केएनआईटी सुल्तानपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कपिल सक्सेना तथा डॉ. रजनीश उपस्थित रहे। कार्यक्रम का स्टेज संचालन मिस सहबा कलीम के नेतृत्व में छात्राओं अर्शला फातिमा एवं मनश्वी मिश्रा के द्वारा किया गया।

विवाह पंचमी पर विदिशा में सीताराम विवाह की धूम

तिमि जनक रामहि सिय समरपी बिस्व कल कीरति नई….

 

दीपक तिवारी

विदिशा। हिमवंत जिमि गिरिजा महेसहि हरिहि श्री सागर दई।
तिमि जनक रामहि सिय समरपी बिस्व कल कीरति नई॥
क्यों करै बिनय बिदेहु कियो बिदेहु मूरति सांवरीं।
करि होमु बिधिवत गांठि जोरी होन लागीं भांवरीं॥
अर्थात-जैसे हिमवान ने शिवजी को पार्वतीजी और सागर ने भगवान विष्णु को लक्ष्मीजी दी थीं, वैसे ही जनकजी ने श्री रामचन्द्रजी को सीताजी समर्पित कीं, जिससे विश्व में सुंदर नवीन कीर्ति छा गई। विदेह (जनकजी) कैसे विनती करें, उस सांवली मूर्ति ने तो उन्हें सचमुच विदेह (देह की सुध-बुध से रहित) ही कर दिया। विधिपूर्वक हवन करके गठजोड़ी की गई और भांवरें होने लगीं।

विवाह पंचमी के अवसर पर बिल्कुल इसी तरह नजारा दिखाई दिया श्री दादाजी मनोकामना पूर्ण सिद्ध श्री हनुमान मंदिर रंगई रेलवे पुल विदिशा प्रांगण में। जहां धूमधाम के साथ श्री राम विवाह का आयोजन हुआ। श्री राम बारात शाम को बैंड बाजों के साथ गणेश मंदिर से निकली।

बग्घी पर सवार होकर निकले दूल्हा श्री राम

आकर्षक बग्घी पर श्री राम भगवान, लक्ष्मण जी और हनुमान जी, पुजारी नारायण दास महाराज के साथ आकर्षक वेशभूषा में विराजमान हुए। वहीं सजे हुए घोड़ों पर ध्वज पताका के साथ रंगई आश्रम के ओमहरि दास महाराज और दिनेश शास्त्री बैठे हुए आगे चल रहे थे। बाराती साफा पहनकर रंग बिरंगे कपड़ों में राम बारात की शोभा बढ़ा रहे थे। मंदिर की महिला मंडल और ब्राह्मण महिला मैत्री मंडल की सदस्य और शहर की महिलाओं में श्री सीताराम विवाह का उत्साह देखते ही बन रहा था। सब लोग डीजे और बैंड बाजा की धुन पर नाचते-गाते और जय श्री राम के नारे लगाते चल रहे थे।

वर माला के बाद सीताराम जी की पांव पखराई हुई

राम बारात के रंगई मंदिर पहुंचने पर द्वाराचार के बाद विधि-विधान से श्री सीताराम विवाह समारोह हुआ। वर माला के बाद पांव पखराई का कार्यक्रम हुआ, जिसमें सभी लोगों ने सीताराम भगवान के पांव पखराई कर उनका आशीर्वाद लिया। विवाह समारोह के बाद भंडारे में सभी ने प्रसादी ग्रहण की।

सीताराम जी की छवि को देख मंत्रमुग्ध हुए लोग

भगवान श्री राम के रुप में रिया दीक्षित, सीता जी के रूप में भव्या चौहान, लक्ष्मण के रूप में अवनीश दीक्षित और हनुमान जी के रूप में भक्ति भदौरिया के दर्शन कर लोग मंत्रमुग्ध हो गए।
सीताराम विवाह उत्सव में पंडित रामनारायण शास्त्री, पंडित राजीव दीक्षित, पत्रकार पंडित दीपक तिवारी, पंडित मनीष आचार्य, पंडित हरिकेश दुबे, पंडित शशांक गौतम, पंडित अखिलेश शर्मा, रघुवीर रघुवंशी, आशीष चौहान, अनूप चौहान के अलावा मंदिर के महिला मंडल और ब्राह्मण महिला मैत्री मंडल की ओर से अंबिका शर्मा, अर्चना दीक्षित, रिंकी दुबे, कंचन शर्मा, मंजू पांडे, अनामिका शर्मा, श्वेता देवलिया, रितु देवलिया, आभा शर्मा, भावना भदौरिया, अनीता रघुवंशी, नीति चौहान समेत कई महिलाएं और भक्त शामिल हुए और श्री सीताराम विवाह का जमकर आनंद लिया।

बंगलादेश पर बमके यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय …कहा ‘बंगलादेश में अत्याचार, चुप बैठी मोदी सरकार’

विक्रम सिंह/सुल्तानपुर
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार को लेकर गहरी चिंता जताई है। शनिवार को यूपी सरकार में मंत्री रह चुके वरिष्ठ कांग्रेसी मुईद अहमद के निजी विद्यालय में आयोजित वार्षिकोत्सव में शामिल होने वे सुल्तानपुर जिला मुख्यालय आए थे। इस दौरान पत्रकारों से मुखातिब राय ने सवाल-जवाब के दौरान केंद्र व प्रदेश की सरकारों को विभिन्न मसलों पर घेरने की कोशिश की। ‘बांग्लादेश’ पर स्पष्ट रूप से कहा कि वहां अत्याचार हो रहा है। मोदी सरकार को एक्शन लेना चाहिये लेकिन वो चुप बैठी है। जबकि संभल हिंसा पर योगी प्रशासन पर वे ये कहकर खूब बरसे कि वहां सरकार ने अत्याचार और अन्याय किया है। जिन लोगों ने फायरिंग की। गोली चलवाई। हत्या कराई। उनपर मुकदमा दर्ज हो दोषी अधिकारी जेल भेजे जांय। यदि योगी सरकार ऐसा न कर सकी तो जब २०२७ में यूपी में हमारी सरकार बनेगी तो निश्चित तौर पर हम उन अधिकारियों को जेल भेजने का काम करेंगे। इसके बाद वे शहर में में पूर्व मंत्री अहमद के बहादुरपुर रोड स्थित नेशनल पब्लिक स्कूल के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए। पार्टी जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा,शहर अध्यक्ष शकील अंसारी, टीएसी सदस्य अशोक सिंह हिटलर व राष्ट्रीय मीडिया कोआर्डिनेटर राजेश तिवारी समेत बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता व नेताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया।

महाकुंभ के पूर्व आयी रिपोर्ट से उड़े हर किसी के होश! … यमुना का पानी पीने और नहाने लायक तो छोड़िए छूने लायक भी नहीं!

यमुना के पानी से कैंसर

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

केंद्रीय जल आयोग ने आगरा में पोइया घाट के साथ दो जगह और मथुरा में एक स्थान पर यमुना नदी के पानी के सैंपल की जांच में इन भारी धातुओं को पाया है। पूरे देश में आगरा और मथुरा उन 187 शहरों में शामिल हैं, जहां नदियों में तीन भारी धातुएं पाई गई हैं। यमुना नदी का पानी पीने और नहाने लायक तो छोड़िए सिंचाई के लायक भी नहीं है। केंद्रीय जल आयोग की स्टेटस ऑफ ट्रेस एंड टॉक्सिक मेटल्स इन इंडियन रिवर्स रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। यमुना में क्रोमियम, निकिल, लेड, आयरन जैसी भारी धातुएं मानक से ज्यादा हैं। यह लोगों को ह्रदय, किडनी और कैंसर जैसी बीमारियों की ओर धकेल रही हैं। आयोग की वेबसाइट पर यह रिपोर्ट जारी की गई है।

आगरा और मथुरा का पानी सबसे खराब गुणवत्ता में
केंद्रीय जल आयोग ने नदियों के पानी में आर्सेनिक, कैडमियम, क्रोमियम, कॉपर, आयरन, मरकरी, निकिल, लेड और जिंक धातुओं की जांच की थी, जिसमें आगरा और मथुरा में तीन तीन धातुएं पाई गई हैं, जिन्हें आयोग ने पानी की सबसे खराब गुणवत्ता वाली कैटेगरी में रखा है।

यमुना नदी के पानी में भारी धातुओं के घुलकर जहरीला बनाने में इलेक्ट्रोप्लेटिंग इकाइयां, केमिकल फैक्टरियों का कचरा, वेल्डिंग, रिफाइनिंग, मैटलर्जी, लकड़ी, कोयला जलाना, फाउंड्री से निकला वेस्ट, पेस्टिसाइड, कचरा डंप करना, ऑटोमोबाइल, डिटरजेंट, पानी के पाइप, फर्टिलाइजर का इस्तेमाल जिम्मेदार हैं। आगरा में यमुना नदी के पानी में भीतर ये धातुएं ज्यादा प्राप्त हुई हैं। निकिल 28.87, क्रोमियम 135.15, लेड 23.41, पानी मिले इन केमिकलों के दुष्प्रभाव से त्वचा रोग, पेट के रोग, अल्सर, फेंफड़ों की खराबी, इम्यून सिस्टम कमजोर करने, हृदय रोग, लेड कॉलिक, किडनी, लिवर फेल होने, फेंफड़ों का कैंसर, जींस में बदलाव आदि की शिकायतें होने लगती हैं।