झुंझुनू में ईडी की छापेमारी में करोड़ों की क्रिप्टो करेंसी बरामद

झुंझुनू। राजस्थान में झुंझुनू जिले के जखोड़ा गांव में 6 दिन पहले लगभग 17 घंटे तक जितेन्द्र कस्वां के घर पर ईडी के द्वारा की गई छापेमारी का खुलासा कर दिया गया है। टीम ने पीपीवाईवाईएल एप्प के मामले को लेकर कार्रवाई की थी। 28 से 30 नवंबर तक दिल्ली, गुरुग्राम, जोधपुर, झुंझुनू, हैदराबाद, पुणे और कोलकाता में 13 जगह छापेमारी की कार्रवाई की गई थी। तलाशी अभियान के दौरान ईडी को 47 लाख रुपए की अस्पष्टीकृत नकदी, विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, चेक बुक, एटीएम कार्ड, पैन कार्ड, डिजिटल हस्ताक्षर और ट्रस्ट वॉलेट सीक्रेट वाक्यांश बरामद किए गए और उन्हें जब्त कर लिया गया। इसके अलावा निजी वॉलेट से 1.36 करोड़ रुपए मूल्य की क्रिप्टो मुद्रा भी जब्त की गई जिसके बाद इस गोरखधंधे में इस्तेमाल हो रहे बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया।

दरअसल ईडी ने रुपए की साइबर धोखाधड़ी के संबंध में सीबीआई, आर्थिक अपराध शाखा, दिल्ली द्वारा दर्ज दो एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। बताया जा रहा है कि इस पूरे घोटाले में शामिल लोगों ने सट्टेबाजी, जुआ, अंशकालिक नौकरियों और फिशिंग घोटालों आदि के माध्यम से करोड़ों रुपये कमाए हैं।

एफआईआर में बताया गया है कि जालसाजों ने 5,000 से अधिक भारतीय बैंक खातों के माध्यम से पैसे निकाले और बाद में इसे संयुक्त अरब अमीरात स्थित भुगतान प्लेटफॉर्म “पीवाईवाईपीएल“ पर अपलोड कर दिया। साइबर धोखाधड़ी के पैसे का एक हिस्सा मास्टर/वीजा, इंडियन बैंक एटीएम कार्ड के माध्यम से दुबई में नकद में निकाला गया था। ईडी ने सैकड़ों बैंक खातों में डेबिट, क्रेडिट लेनदेन और क्रिप्टो करेंसी की खरीद का विवरण देने वाले 2,000 से अधिक दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

सिद्ध संत श्री रामायणी जी महाराज का खलटका आश्रम के लिए प्रस्थान, शिष्यों ने लिया आशीर्वाद

दीपक तिवारी

विदिशा में श्री दादाजी मनोकामना पूर्ण सिद्ध श्री हनुमान मंदिर रंगई रेलवे पुल विदिशा के महंत सिद्ध संत श्री विशंभरदास जी रामायणी महाराज ने आज सुबह खलटका आश्रम के लिए प्रस्थान किया। उनका आशीर्वाद लेने के लिए सभी शिष्य मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि श्री दादाजी मनोकामना पूर्ण सिद्ध श्री हनुमान मंदिर रंगई रेलवे पुल विदिशा आश्रम महाराज जी के पूज्य गुरुजी अनंत विभूषित श्री परमेश्वर दास जी महाराज की तपोस्थली है। महाराज जी का एक अन्य विशाल आश्रम मां नर्मदा के किनारे खलटका में बन रहा है। जहां संत सेवा, गौसेवा के साथ नर्मदा परिक्रमावासियों के लिए अन्नक्षेत्र चल रहा है। महाराज जी ने विदिशा आश्रम में लगभग एक माह आराधना उपरांत खलटका आश्रम के लिए बुधवार को प्रस्थान किया। प्रस्थान करने से पहले महाराज जी ने दादाजी हनुमान जी, गणेश जी, शंकर जी , मां राजराजेश्वरी देवी, स्वामी रामानंद महाराज के दर्शन किए।
इस अवसर पर महाराज जी का आशीर्वाद लेने के लिए शिष्यों के अलावा शहर के भक्तगण मौजूद रहे।

सिल्वर स्ट्राइड्स: मिनिथॉन की २५ साल की उपलब्धियां

सामना संवाददाता / भायंदर
रायन ग्रुप ऑफ स्कूल्स अपने रायन मिनिथॉन रोड रेस के २५वें संस्करण के साथ वापस आ गया है, जिसे रायन इंटरनेशनल स्पोर्ट्स क्लब द्वारा देशभर के बारह शहरों नागपुर, औरंगाबाद, मुंबई, मैंगलोर, जबलपुर – जयपुर, चंडीगढ़, फरीदाबाद, नई मुंबई, बंगलुरु, सूरत,रायपुर और नासिक में आयोजित किया जाएगा। हमें नई मुंबई के नेरुल शहर में पहली रायन मिनिथॉन रोड रेस की घोषणा करते हुए गर्व है। यह अपनी स्थापना के बाद से २०५ वीं रेस होगी। रायन मिनिथॉन रायन ग्रुप द्वारा भारत में आयोजित सबसे बड़ी रोड रेस सीरीज में से एक है, जिसमें इसकी स्थापना के बाद से लगभग ९ लाख बच्चे भाग ले चुके हैं। हम नई मुंबई के नेरुल में एक बार फिर बड़े उत्साह के साथ सीरीज को शुरू करने पर प्रसन्न हैं। रायन ग्रुप में हम मानते हैं कि बच्चे के व्यक्तित्व और कौशल के समग्र विकास के लिए एक स्वस्थ दिमाग की आवश्यकता होती है। हमारा प्रयास है कि छात्रों को कक्षा की चहारदीवारी से बाहर निकाला जाए और मोबाइल फोन के प्रति उनके बढ़ते झुकाव को कम किया जाए तथा खेल गतिविधि को एक उपकरण के रूप में उपयोग करके शारीरिक फिटनेस और टीम भावना के तत्व का निर्माण किया जाए और उन्हें विभिन्न स्तरों पर खेल में उत्कृष्टता प्राप्त करने का अवसर भी प्रदान किया जाए। रायन इंटरनेशनल स्पोर्ट्स क्लब पूरे देश में विभिन्न खेल आयोजनों की आयोजित करता है। १८ राज्यों और ४० शहरों में फैले रायन और सेंट जेवियर्स ग्रुप ऑफ स्कूल्स बच्चों को खेलों में अपनी प्रतिभा खोजने और उनके सपनों और आकांक्षाओं को साकार करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

इसकी जानकारी देते हुए प्रबंध निर्देशिका, रायन ग्रुप ऑफ स्कूल्स डॉ. मैडम ग्रेस पिंटो ने बताया कि रायन मिनिथॉन के २५वें संस्करण का मुंबई चरण १५ दिसंबर, २०२४ को होगा, जिसमें मुंबई, ठाणे और नई मुंबई के हजारों छात्र भाग लेंगे। इस कार्यक्रम की मेजबानी बोरीवली पश्चिम में सेंट लॉरेंस हाई स्कूल द्वारा की जाएगी। हर गुजरते साल के साथ मिनिथॉन एक बड़ी सफलता रही है और देश के सभी कोनों में फैल गई है।

सिस्टर निवेदिता विश्वविद्यालय के चांसलर सत्यम रॉय चौधरी को मानद शिक्षाविद की उपाधि से सम्मानित

सामना संवाददाता  / मुंबई

सिस्टर निवेदिता विश्वविद्यालय के चांसलर और टेक्नो इंडिया ग्रुप के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक सत्यम रॉयचौधरी को इटली की प्रतिष्ठित अल्बर्टिना एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट्स द्वारा 2024 के मानद शिक्षाविद की उपाधि से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें शिक्षा और कला के क्षेत्र में उनके अत्यधिक योगदान के लिए दिया गया है। यह एक गौरव का क्षण है क्योंकि इस प्रतिष्ठित यूरोपीय सम्मान को प्राप्त करने वाले वे पहले भारतीय हैं।

इस अवसर पर कोलकाता में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें इटली के माननीय कॉन्सुल जनरल रिकार्डो डल्ला कोस्टा और अल्बर्टिना एकेडमी के गणमान्य सदस्यों के साथ कई प्रमुख हस्तियां उपस्थित थीं। इस सम्मान समारोह में सत्यम रॉयचौधरी द्वारा बीते 40 वर्षों में शिक्षा और कला के क्षेत्र में किए गए योगदान को विशेष रूप से सराहा गया।

रॉयचौधरी के नेतृत्व में, टेक्नो इंडिया ग्रुप ने शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहलें की हैं और वे भारतीय शिक्षा प्रणाली को वैश्विक स्तर पर मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयासरत रहे हैं। उनका यह सम्मान उनके दूरदर्शी नेतृत्व, शिक्षा में उनके योगदान और समाज के विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

सिस्टर निवेदिता विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. डॉ. ध्रुबज्योति चट्टोपाध्याय ने चांसलर को बधाई देते हुए कहा, “यह न केवल सिस्टर निवेदिता विश्वविद्यालय बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। सत्यम रॉयचौधरी का यह सम्मान उनके उत्कृष्ट नेतृत्व और शिक्षा तथा समाज में उनके महत्वपूर्ण योगदान का प्रमाण है। उनकी यह उपलब्धि हमें प्रेरित करती है और साथ ही, भारत की शिक्षा व्यवस्था की वैश्विक पहचान को और मजबूत करती है।”

सत्यम रॉयचौधरी का यह सम्मान भारत और अंतरराष्ट्रीय शिक्षा जगत में भारतीय नेतृत्व की बढ़ती उपस्थिति का प्रतीक है।

संविधान दिवस पर केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नासिक में श्रद्धांजलि और जागरूकता कार्यक्रम

नासिक: सिद्ध पिंपरी स्थित केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नासिक परिसर में 26 नवंबर 2024 को संविधान दिवस समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुंबई में 26 नवंबर 2008 को आतंकवादी हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

कार्यक्रम की शुरुआत में स्वागत भाषण देते हुए कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. रंजय कुमार सिंह ने भारतीय संविधान के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “भारतीय संविधान का निर्माण 8 महीने की गुलामी की दासता में ब्रिटिश सरकार के अधीन हुआ था, जबकि देश को स्वतंत्रता 15 अगस्त 1947 को मिली। यदि संविधान का निर्माण आज़ादी के बाद हुआ होता, तो इसका स्वरूप कुछ और होता। यह संविधान देश का राष्ट्रीय ग्रंथ है, जिसे हर वर्ग, धर्म और संप्रदाय ने स्वीकार किया है।”

डॉ. सिंह ने आगे कहा, “डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जिस चिंतन और दृष्टिकोण के साथ संविधान को तैयार किया था, अगर उस पर सच्चाई से अमल किया गया होता, तो भारत पहले ही विश्व शक्ति बन चुका होता। संविधान को अंगीकार किए हुए 75 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन समय के साथ जो बदलाव अपेक्षित थे, वे अभी तक नहीं हुए हैं। यदि हमें सच में ‘विकसित भारत’ बनाना है, तो हमें संविधान की समीक्षा करनी होगी और उसे वास्तविकता में ढालना होगा।”

मुख्य अतिथि, एससी कॉलेज के उप प्राचार्य डॉ. वी. बी. कदम ने संविधान दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा 2015 में भारत सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय ने की थी, जो डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ-साथ संविधान के अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य करता है। यह दिन हमारे देश की प्रगति और समावेशी समाज बनाने की प्रतिबद्धता को याद दिलाता है और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देता है।”

कार्यक्रम के अध्यक्षीय भाषण में, परिसर के निदेशक प्रोफेसर श्री गोविंद पांडेय ने भारतीय संविधान की अहमियत को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “भारतीय संविधान नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को सुनिश्चित करता है और यह हर भारतीय के लिए आवश्यक है कि वे संविधान के बारे में जानें और समझें।”

कार्यक्रम के अंत में एक क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षा शास्त्री छात्र चंदर खंडेवाल ने प्रथम, प्रशांत कुमार झा ने द्वितीय और रोशन सिल्के बालके ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। सांत्वना पुरस्कार शिक्षा शास्त्री छात्र विलास राव और प्रतीक दवे को दिया गया।

संविधान दिवस कार्यक्रम के आयोजन में डॉ. दीपांविता दास, डॉ. लक्ष्मेंद्र और डॉ. जी. सागर रेड्डी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। धन्यवाद ज्ञापन शैक्षणिक सलाहकार मगेश इंदपवार ने किया, जबकि मंच संचालन कार्यक्रम के संयोजक डॉ. शैलेष पवार ने किया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी और छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित थे, जिन्होंने भारतीय संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः व्यक्त किया।

‘सुसंस्कार’ के माध्यम से भारतीय संस्कृति का उत्सव

सामना संवाददाता / मुंबई

सुसंस्कार 2024 का आयोजन 8 दिसंबर 2024, रविवार, को भरतरत्न लता मंगेशकर ऑडिटोरियम, दहिसर-ईस्ट, में सुबह 11:00 बजे से आयोजित होगा। जिसमें विदुषी रुचि शर्मा के कुशल मार्गदर्शन में, उनकी शिष्याएं कथक नृत्य की सुंदरता और गरिमा को प्रस्तुत करेंगी, जो भारतीय परंपराओं और मूल्यों को दर्शाती है। आइए, इस अद्भुत सांस्कृतिक यात्रा का हिस्सा बनें और भारतीय संस्कृति की समृद्धि का अनुभव करें, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती है।
भारत, विविधता से भरी एक अद्भुत भूमि, सदियों पुराने परंपराओं, कला रूपों और सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों का जीवंत ताना-बाना है। प्राचीन ज्ञान में निहित, भारतीय संस्कृति मूल्य, सामंजस्य और रचनात्मकता का प्रतीक है, जो गहरी पहचान और गर्व की भावना को बढ़ावा देती है। इसकी अनमोल विरासत पीढ़ियों को जोड़ने और सीमाओं से परे प्रेरणा प्रदान करती है। इसी सांस्कृतिक विरासत की झलक मिलेगी ‘सुंसंस्कार’ में, एक कथक नृत्य प्रस्तुति, जिसे विदुषी रुचि शर्मा की प्रतिभाशाली शिष्याएं प्रस्तुत करेंगी। विदुषी रुचि शर्मा, जो 15 घंटे के मैराथन कथक प्रदर्शन का विश्व रिकॉर्ड रखती हैं और हाल ही में उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हुई हैं। एलआईसी ऑफ इंडिया और एचपीसीएल के सहयोग प्राप्त इस कला, संस्कृति और धरोहर का उत्सव सभी के लिए निःशुल्क है। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: 9833481313

कार्यक्रम विवरण:

  • तिथि: 8 दिसंबर 2024, रविवार
  • समय: सुबह 11:00 बजे
  • स्थान: भरतरत्न लता मंगेशकर ऑडिटोरियम, दहिसर-ईस्ट, मुंबई
  • आयोजक: विदुषी रुचि शर्मा और उनकी शिष्याएं
  • सम्पर्क नंबर: 9833481313

‘बेचारे’ बन गए शिंदे! …ठाणे पालक मंत्री पद भी खतरे में …जिले में ९ सीटें जीतनेवाली भाजपा ने ठोका दावा

सुनील ओसवाल / मुंबई
राज्य में मुख्यमंत्री और गृह मंत्री पद को लेकर चल रहे सियासी विवाद के बीच एक नई खबर ने एकनाथ शिंदे को और ज्यादा परेशान कर दिया है। ठाणे जिले को शिंदे अपना गढ़ मानते हैं इसलिए वहां के पालक मंत्री पर अपना हक समझते हैं। मगर अब ठाणे के पालक मंत्री का पद भी खतरे में है। वहां के पालक मंत्री पद पर भाजपा ने अपना दावा ठोक दिया है। मुख्यमंत्री और गृह मंत्री पद के हाथ से फिसलने के बाद शिंदे के लिए यह एक और झटका साबित हो रहा है। ऐसे में जीतने के बाद भी शिंदे बेचारे बन गए हैं।
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अब ठाणे जिले के पालक मंत्री पद को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है। इस पद पर भाजपा के तीन विधायकों ने दावा ठोक दिया है। ये हैं रवींद्र चव्हाण, किसन कथोरे और संजय केलकर। ऐसे में राजनीतिक पंडितों का अनुमान है कि ठाणे में भाजपा-शिंदे के बीच की तकरार बढ़ेगी। ऐसे में यदि शिंदे को शहरी विकास विभाग मिलता है तो इसका असर भाजपा के प्रभुत्व वाले जिलों में चल रहे कार्यों पर पड़ सकता है। बता दें कि भाजपा द्वारा ठाणे जिले में १०० फीसदी स्ट्राइक रेट रखने के बाद अब पार्टी ठाणे जिले के पालक मंत्री के लिए बेचैन हो गई है।

शिंदे को भंवर में छोड़
ठाणे मनपा का चुनाव
अकेले लड़ सकती है भाजपा!

हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ठाणे जिले की नौ में से नौ सीटें जीतीं, जबकि शिंदे गुट को सात में से छह सीटों पर सफलता मिली है। ऐसे में भाजपा इस जिले के पालक मंत्री पद को हथियाने की ताक में है। राज्य में भाजपा एक बार फिर नंबर वन पार्टी बन गई है, ऐसे में अब ठाणे जिले में भी भाजपा की ओर से पालक मंत्री पद की मांग जोर पकड़ रही है। इसके अलावा भाजपा ने स्थानीय पदाधिकारियों को ठाणे मनपा चुनाव पूरी ताकत से लड़ने का आदेश दिया है। सुनने में आ रहा है कि भाजपा यहां से अकेले चुनाव लड़ने पर मंथन कर रही है। गौरतलब है कि ढाई साल पहले राज्य में महायुति सरकार आने के बाद भाजपा की ओर से ठाणे जिले का संरक्षक मंत्री पद पाने का दबाव डाला गया था, लेकिन शिंदे गुट ठाणे जिले के पालक मंत्री पर अपनी पकड़ बनाए रखने में सफल रहा। बता दें कि पिछले ढाई साल में ठाणे और पालघर जिलों में २५ से २८ हजार करोड़ रुपए के काम शुरू किए गए हैं। नई सरकार में यह खाता किसके पास होगा, इसे लेकर खींचतान चल रही है और अगर यह खाता किसी अन्य नेता के पास जाता है, तो क्या नए शहरी विकास मंत्री उतनी ही धनराशि देंगे, जितनी शिंदे ने ठाणे-पालघर जिले को दी थी, इस पर संदेह है। इसके चलते शिंदे गुट के कई विधायक, पूर्व नगरसेवक और पदाधिकारी पहले शुरू किए गए कार्यों को लेकर आशंकित हैं।

संपादकीय : हारेंगे नहीं ‘गजाभाऊ’!

संयुक्त महाराष्ट्र की स्थापना के बाद मुंबई में मराठी मानुस की जो दयनीय स्थिति हुई थी उसी की पुनरावृत्ति फिर से होती दिखाई दे रही है। सोशल मीडिया पर देवेंद्र फडणवीस की आलोचना से फडणवीस के एक खासमखास ‘बाहरी’ समर्थक इस कदर गुस्साए कि उसने एक अज्ञात मराठी मानुस ‘गजाभाऊ’ को ‘दुनिया में जहां भी होगा, उसे उठाकर लाएंगे’ की धमकी दे डाली। उठाकर लाकर उसकी क्या पूजा करोगे? उठाकर लाएंगे और मारेंगे, खत्म करेंगे, यही उस धमकी का निहितार्थ है। यह इस बात का सटीक उदाहरण है कि कैसे इन लोगों ने मुंबई में भाजपा के समर्थन के चलते हंगामा बरपाया है और वे किस तरह मराठी जनता को धमकी दे रहे हैं। ‘गजाभाऊ’ किरदार सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हैं। वे महाराष्ट्र, मराठी मानुस जैसे विषयों पर अपनी मजबूत राय व्यक्त करते रहते हैं। ये जनाब राज्य के सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर मुखरता से अपनी राय रखते हैं और सोशल मीडिया पर इसे लेकर वाद-प्रतिवाद भी होते रहते हैं।
भाजपा के नामर्द मराठा
भाजपा कार्य ‘ट्रोल’ का जैसे को तैसा जवाब देने का महाराष्ट्र के ‘गजाभाऊ’ मर्द मावले की तरह कर रहे हैं और उसका दर्द भाजपा के समर्थकों के पेट में हो रहा है। आश्चर्य की बात है कि बात पेट दर्द से लेकर सीधी धमकियों तक पहुंच गई, लेकिन फडणवीस का ध्यान इस पर नहीं गया। यह सरेआम कहा जाता है कि फडणवीस की पार्टी के अधिकांश उम्मीदवार वोट शेयर से नहीं, बल्कि पैसे, जांच प्रणाली और ईवीएम हेर-फेर से जीते हैं इसीलिए यदि उनकी जीत पर कोई सवाल उठाता है तो उनके लोग आलोचकों पर टूट पड़ते हैं। यह स्वस्थ लोकतंत्र नहीं है। फडणवीस के जीतते ही, कई बैंक घोटालों, अपहरण और लूटमार जैसे अपराधों में फंसा एक व्यक्ति ‘सागर’ बंगले में जाता है और फडणवीस को अपने कंधों पर बिठाकर नाचता है, वही व्यक्ति बाद में मराठी मानुस को मारने की धमकी देता है और भाजपा के नामर्द मराठा इस पतन को खुली आंखों से देखते हैं। यह महाराष्ट्र धर्म की अवमानना ​​है।
‘गजाभाऊ’ का दुश्मन, महाराष्ट्र का दुश्मन।
‘गजाभाऊ’ को एक व्यक्ति नहीं, बल्कि मराठी जनमानस का प्रतीक माना जाना चाहिए और जो कोई भी उन्हें सार्वजनिक रूप से धमकी देता है उसे महाराष्ट्र और मराठी जनमानस का दुश्मन माना जाना चाहिए। यदि इस शत्रु ने फडणवीस को उठाकर नचाया होगा तो महाराष्ट्र की जनता को यह छवि अपने मस्तिष्क में अंकित कर लेनी चाहिए। आज हमारे पास सत्ता नहीं है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कल नहीं आएगी। राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। पांच साल पहले चंद्राबाबू आंध्र में हार गए थे, लेकिन आज वह पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आए और उनकी बैसाखी पर मोदी प्रधानमंत्री बने। सत्ता में आते ही चंद्राबाबू ने सबसे पहले क्या किया, जिन लोगों ने, जब वे सत्ता में नहीं थे, उन पर और उनके लोगों पर हमले किए, अपमानित किया और तेलुगू अस्मिता पर हमला किया, ऐसे लोगों को अच्छी तरह सबक सिखाया। कुछ लोगों के हाथ-पैर काट छांट दिए गए। जगनमोहन रेड्डी ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर जो कुछ हुआ उसका रक्तरंजित चित्रमय प्रदर्शन किया, लेकिन राजनीति में बदला लेने का फॉर्मूला कायम है और अब बदले के शस्त्र भी बदल गए हैं।
शहादत का अपमान
एक मराठी मानुस को उठाकर ले आने और खत्म करने की भाषा बोलनेवालों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए। मुंबई के खून को चूसकर कमाई के टॉवर्स बढ़े हैं। मुंबई की उस मिट्टी के नीचे १०५ शहीदों के प्राण और आत्माएं हैं। १०५ शहीदों की शहादत की वजह से मुंबई महाराष्ट्र को मिली। मराठी मानुस के श्रम और रक्त से प्राप्त मुंबई का मोल शायद ‘कमला’ बाई के भक्तों को नहीं है, क्योंकि वे महाराष्ट्र के संघर्ष में कभी नहीं थे, लेकिन असंख्य स्वाभिमानी ‘गजाभाऊ’ तब भी थे और आज भी हैं। इनमें से असंख्य गजाभाऊ ने लाठियां खार्इं, कारावास भोगा, गोलियां खार्इं और महाराष्ट्र के दुश्मनों को गाड़ दिया। आज मुंबई में अडानी, लोढ़ा, गुंडों का झुंड ही घुस आया है और मराठी लोगों की नाकेबंदी शुरू कर दी। अब मराठी मानुस को उठाकर लाने मारने की भाषा शुरू हो गई है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी धमकी देनेवाले लोग फडणवीस के भीतरी वैंâप के हैं! इसलिए मराठी मानुस को अधिक एकजुट और सावधान रहना होगा। साथ ही उतना ही निर्भय होकर ‘हर-हर महादेव’ का जयघोष भी करना है।
फडणवीस जवाब दें
बेशक ये अच्छा हुआ, इस बहाने भाजपा के पेट में पल रही मराठी नफरत की उबकाई बाहर आ गई। अब महाराष्ट्र राज्य का नेतृत्व उन्हीं के हाथ में जा रहा है इसलिए लड़ाई को रोका नहीं जा सकता। गजाभाऊ, अब क्या करोगे? वे ‘मारते-मारते-मरो’ मंत्र को जागृत करके लड़ेंगे और महाराष्ट्र के शत्रुओं को मारेंगे। फडणवीस, आप किसके पक्ष में खड़े होंगे? गजाभाऊ या आपको कंधे पर उठाकर नाचनेवाले महाराष्ट्र के दुश्मनों के पक्ष में? जो भी है एक ही बार में बता दीजिए!

भारत में हो रही है लोकतंत्र की हत्या! … आदित्य ठाकरे ने बोला हमला

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में ईवीएम द्वारा दिए गए नतीजों का विरोध करते हुए मालशिरस के मारकडवाड़ी गांव के निवासियों ने बैलेट पेपर पर चुनाव कराने का निर्णय लिया था, लेकिन मतदान के दिन पुलिस ने गांव में धारा १४४ लागू कर दी, कर्फ्यू लगा दिया। जिसके कारण यह चुनाव प्रक्रिया रद्द करनी पड़ी।
इस घटना को लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष नेता, विधायक और युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने चुनाव आयोग पर कड़ा प्रहार किया है।
आदित्य ठाकरे ने ट्वीट करते हुए कहा कि आखिर चुनाव आयोग क्यों डर गया? इस सरकार ने मारकडवाड़ी में कर्फ्यू लगाने का आदेश क्यों दिया है? एक झूठ को छुपाने के लिए दूसरा झूठ बोला जा रहा है।

चोरी से प्राप्त किए गए नतीजे से भारत में लोकतंत्र की हत्या किस तरह हो रही है, इसे पूरी दुनिया देख रही है। यह मुद्दा अब महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे रहा है। बता दें कि आदित्य ठाकरे ने इससे पहले भी चुनाव आयोग की चुनावी प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए थे, ईवीएम मशीन में गड़बड़ी और चुनाव आयोग पर पक्षपात को लेकर आरोप लगाए थे।

लोकतंत्र का मजाक उड़ा रही है भाजपा …सरकार गठन को लेकर फैली अराजकता राजनीतिक संकट, महाराष्ट्र में ‘महाशक्ति’ ने रचा है खेल…संजय राऊत का बीजेपी पर जोरदार हमला

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जो अराजकता फैली हुई है, वह एक तरह का राजनीतिक संकट है। तीन दलों को पूर्ण बहुमत मिला है, लेकिन जनता को इस बहुमत पर भरोसा नहीं है। ऐसा जोरदार हमला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता और सांसद संजय राऊत ने भाजपा पर बोला।
उन्होंने सीएम पद और सरकार के गठन में महायुति की ओर से की जा रही देरी को लेकर कहा कि महाराष्ट्र में जो चल रहा है, वह भाजपा की ‘महाशक्ति’ द्वारा रचा गया खेल है। दिल्ली में बैठी भाजपा की ‘महाशक्ति’ देवेंद्र फडणवीस को दरकिनार करने के लिए यह सारा खेल खेल रही है। उन्होंने कहा कि जिन्हें सरकार बनानी है, वे खुद उलझन में हैं। उन्हें अपने बहुमत और नतीजों पर विश्वास नहीं है। सरकार बनाने का दावा नहीं किया गया है। महायुति राजभवन में बहुमत साबित करने तक नहीं जा रही है। राज्यपाल भी सरकार बनाने का निमंत्रण नहीं दे रहे। यह पूरी प्रक्रिया संदिग्ध है। अगर ऐसी स्थिति में हम होते, तो अब तक राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका होता।
एकनाथ शिंदे पर संजय राऊत ने कहा कि असली शिवसेना से अलग होने के कारण शिंदे गुट को इस तरह के अपमान सहने पड़ रहे हैं। दो साल पहले भाजपा उन्हें साथ लेकर चल रही थी, क्योंकि उनकी मंशा हमारी असली शिवसेना को तोड़ने और महाराष्ट्र को कमजोर करने की थी। अब शिंदे को भाजपा की असलियत समझ आ रही होगी। भाजपा का बाहरी स्वरूप और अंतरंग दोनों अलग हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अजीत पवार और शिंदे गुट के बीच संघर्ष पैदा करने की साजिश रची जा रही है। अजीत पवार दिल्ली में कई गुप्त मुलाकातें कर रहे हैं। महाराष्ट्र में सरकार बनाने की तैयारी हो रही है, लेकिन नेता दिल्ली में घूम रहे हैं। ऐसे में जो सरकार बनेगी, वह एक प्रकार से लोकतंत्र का मजाक ही होगा। संजय राऊत ने मारकडवाड़ी में धारा १४४ लगाए जाने पर भी सवाल उठाए।

उन्होंने कहा कि जिन मतदाताओं ने वोट दिया है, उन्हें भी नतीजों पर भरोसा नहीं है। कई जगहों पर लोग चुनाव नतीजों का विरोध कर सड़कों पर उतर रहे हैं। मारकडवाड़ी जैसे गांवों में लोग बैलेट पेपर से मतदान कराने की मांग कर रहे हैं। मारकडवाड़ी में जहां बैलेट पेपर से मतदान होना था, वहां धारा १४४ लगाकर लोगों को घर से बाहर निकलने से रोका गया। लोकतांत्रिक तरीके से मतदान करवाने की मांग कर रहे लोगों को धमकियां दी जा रही हैं। यह ध्यान देने वाली बात है कि मारकडवाड़ी में भाजपा को भारी हार का सामना करना पड़ा।