‘ईडी’ सरकार सुधरने को तैयार नहीं… अब छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास की जमीन धंसी!.. घटिया निर्माण के चलते गत अगस्त में ढह गई थी मूर्ति

सुनील ओसवाल / मुंबई

मालवण में राजकोट किले पर नवनिर्मित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के चबूतरे में गड्ढा होने की चौंकानेवाली घटना सामने आई है। प्रतिमा की बार्इं ओर एक बड़ा गड्ढा बन गया है। वहां जमीन काफी नीचे धंस गई है। इससे पता चला है कि चबूतरे के आसपास का निर्माण घटिया गुणवत्ता का है, जो सरकार द्वारा किए गए दावों की पोल खोलता है। इस संबंध में एक वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, महाराज की प्रतिमा के गिरने का कोई खतरा नहीं है, बल्कि केवल बगल में गड्ढा बन गया है। इस घटना के बाद यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि चबूतरे के आसपास का काम घटिया गुणवत्ता का हुआ है या नहीं।
बता दें कि मालवण में राजकोट किले पर स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की ४० फुट ऊंची प्रतिमा २६ अगस्त २०२४ को घटिया निर्माण के कारण ढह गई थी। इस घटना के बाद बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। इसके बाद महायुति सरकार ने बड़े ही धूमधाम से मूल स्थल पर नई भव्य प्रतिमा स्थापित की। तलवार सहित प्रतिमा की कुल ऊंचाई ८३ फुट है और चबूतरे की ऊंचाई १० फुट है।
इस नई प्रतिमा का अनावरण मई में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया था। हालांकि, महज एक महीने में ही प्रतिमा के पास जमीन धंसने की घटना सामने आई है।
निर्माण की गुणवत्ता पर उठे सवाल
चबूतरे के किनारे एक बड़ा गड्ढा दिखाई दे रहा है और इस संबंध में सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने बड़ी हड़बड़ी शुरू कर दी है। हालांकि, राजकोट किले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के चबूतरे से सटी जमीन धंस गई है, लेकिन प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि प्रतिमा पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल प्रतिमा को कोई खतरा नहीं है। इस प्रतिमा के आधार के पास की भूमि के धंसने से एक बार फिर प्रशासन और निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ खड़े हुए हैं।

दादा की बढ़ रही है लालसा… बनना चाहते हैं चीनी मिल के अध्यक्ष!.. वोटरों को लुभाने के लिए थैली खोलने का लगा आरोप

सामना संवाददाता / मुंबई

राज्य के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार की लालसा बढ़ती जा रही है। उन्हें डीसीएम से ज्यादा एक चीनी मिल का अध्यक्ष बनने में रुचि है। तभी तो मालेगांव सहकारी शुगर मिल के चुनाव में दादा ने सीधे अपना नाम आगे किया है। अजीत पवार वहां अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। उनका कहना है कि यहां इस पैâक्ट्री का अध्यक्ष मैं ही बनूंगा।
बता दें कि मालेगांव शुगर पैâक्ट्री के चुनाव को लेकर अजीत पवार गुट और राकांपा (शरद चंद्र पवार) में कड़ी प्रतिस्पर्र्धा दिख रही है। उनकी इस इच्छा को लेकर विरोधियों ने तगड़ा तंज कसा है। राकांपा (शरद चंद्र पवार) के चंद्रकांत तावरे ने सवाल किया है कि मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा छोड़कर अब शुगर पैâक्ट्री के अध्यक्ष बनने दौड़ पड़े हैं, इससे क्षेत्र में उनकी क्या प्रतिष्ठा रह गई? तावरे ने कहा अगर अजीत पवार को लोगों का भला करना ही था, तो उन्होंने छत्रपति सहकारी कारखाने के जरिए क्यों नहीं किया? जो कारखाने उनके हैं, उन्हें अच्छे दाम क्यों नहीं देते?
पैसों की जरूरत नहीं
अजीत पवार ने कहा अगर चेयरमैन मैं रहूं, तो शुगर कमिश्नर और सहकार मंत्री क्या कर लेंगे? अगर मैं चेयरमैन बना तो मजदूरों की समस्याएं सही तरीके से हल करूंगा। उन्होंने कहा कि अजीत पवार को पैसों की जरूरत नहीं, बाप-दादाओं की कृपा से सबकुछ अच्छा चल रहा है। मुझे सत्ता की भूख नहीं है।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर
इस चुनाव प्रचार के दौरान दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। अजीत पवार के सीधे हस्तक्षेप के बाद अब यह चुनावी जंग शब्दों की जंग में तब्दील हो गई है। इस चुनाव में चार पैनल आमने-सामने हैं।

किसान कर्जमाफी संभव नहीं… फाइनेंसियल क्राइसिस में सरकार!.. वरिष्ठ मंत्री की स्वीकारोक्ति

रामदिनेश यादव / मुंबई

राज्य में राजनीतिक लाभ के लिए महायुति सरकार तमाम खर्चीली योजनाओं को शुरू कर सरकारी खजाने को खाली कर दिया है। आज स्थिति यह है कि किसी विशेष काम के लिए भी सरकार कर्ज का इंतजार करती है। राज्य सरकार फाइनेंसियल क्राइसिस से गुजर रही है। एक वरिष्ठ मंत्री ने यह स्वीकार किया है कि सरकार वित्तीय संकट से जूझ रही है। उस मंत्री ने दबी जुबान में कहा कि लाडली बहन योजना से सरकार की तिजोरी पर सबसे अधिक बोझ बढ़ा है।
मंत्री प्रकाश आबिटकर ने कहा कि राज्य चलाते समय ‘लाडली बहन’ योजना के कारण जो आर्थिक बोझ आ रहा है, उसी वजह से किसानों को कर्जमाफी में देरी हो रही है। सरकार जो भी निर्णय लेगी, वह सभी किसानों के हित में ही होगा। प्रकाश आबिटकर ने कहा कि सरकार कर्जमाफी में जानबूझकर देरी नहीं कर रही है, हमें यह समझना चाहिए कि इस समय सरकार पर वित्तीय हालात खराब है।
उन्होंने किसानों की कर्जमाफी की मांग को लेकर अनशन कर रहे प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू कडू एक जुझारू नेता हैं, जो किसानों के लिए संघर्ष कर रहे हैं इसलिए उनकी तबीयत भी महत्वपूर्ण है। इसीलिए उन्हें आश्वस्त कर भूख हड़ताल को खत्म कराया गया। बता दें कि छह महीने पहले राज्य में विधानसभा चुनाव हुए थे। इस चुनाव में महायुति को सबसे बड़ी सफलता मिली। इस चुनाव के समय महायुति के नेताओं ने राज्य की महिलाओं को ‘लाडली बहन योजना’ के तहत हर महीने २,१०० रुपए की आर्थिक सहायता देने का वादा किया था। साथ ही किसानों की कर्जमाफी का भी आश्वासन दिया गया था। राज्य में महायुति की सरकार बने छह महीने हो चुके हैं, लेकिन अब तक ये वादे पूरे करने में सरकार सफल नहीं हुई है। खास बात यह है कि लाडली बहन योजना से राज्य सरकार पर भारी आर्थिक बोझ पड़ा है।

गोगावले का राजनीतिक चरित्र गंदा!.. परांजपे ने की भरत के विभाग की जांच की मांग

सामना संवाददाता / मुंबई

महायुति सरकार में इन दिनों शामिल तीनों दलों के बीच घमासान मचा हुआ है। एक ओर जहां भाजपा और एकनाथ शिंदे गुट के बीच मतभेद गहराते जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर रायगढ़ जिले के पालकमंत्री पद को लेकर अजीत पवार गुट के साथ भी संघर्ष जारी है। शिंदे गुट पर अजीत पवार गुट हमला करने का एक भी मौका नहीं छोड़ता है। हाल ही में शिंदे गुट के मंत्री भरत गोगावले ने शिवसेना और अजीत पवार गुट पर हमला क्या बोला, अजीत पवार गुट के नेता व प्रवक्ता आनंद परांजपे ने तो पूरी तरह से गोगावले को लताड़ दिया।
परांजपे ने कहा कि जिस शिवसेना ने ही तुम्हें पहचान दी, राजनीति में ऊपर लाया और अब उन्हीं पर इस प्रकार के आरोप लगाकर तुमने यह साबित कर दिया है कि तुम्हारा राजनीतिक चरित्र गंदा है। शिवसेना पर कुछ भी आरोप लगाना बिल्कुल गलत है। मैं भी शिवसेना में काम कर चुका हूं, लेकिन तुम्हारी तरह गद्दारी कभी नहीं किया। आगे बोलते हुए परांजपे ने कहा कि जिला परिषद के सभापति से लेकर विधायक बनने तक शिवसेना ने तुम्हें पहचान दी। अगर अब तुम वही पहचान भूल गए हो, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है और अगर शिवसेना ने तुम्हें बड़ा किया है, तो ऐसे शिवसेना पर आरोप लगाना तुम्हारे राजनीतिक चरित्र पर सवाल उठाता है। ऐसा तीखा प्रहार आनंद परांजपे ने भरत गोगावले पर किया। इसी के साथ ही परांजपे ने सीएम फडणवीस से गोगावले के विभाग की जांच करने की मांग की। उन्होंने कहा कि तमाम सिंचाई परियोजनाओं की उनके क्षेत्र में जांच की जानी चाहिए।

चुनाव में बावनकुले की मैच फिक्सिंग…बेईमानी से की जीत हासिल… कांग्रेस के आरोप से आगबबूला हुए भाजपाई

सामना संवाददाता / मुंबई

कुछ दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र की विधानसभा भाजपा ने वोटों की ‘चोरी’ की है। उन्होंने मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा उठाते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के कामठी विधानसभा क्षेत्र का उल्लेख किया था, जिसके बाद कांग्रेसी आक्रामक हो गए हैं। कांग्रेस नेता सुरेश भोयर ने आरोप लगाया कि चुनाव में बावनकुले ने मैच फिक्सिंग की है।
उनके इस आरोप लगने के बाद भाजपाई खफा हो गए हैं। कांग्रेस के उम्मीदवार रहे सुरेश भोयर को भाजपा नेताओं ने झूठा करार दिया है। भाजपाइयों ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा बुलाई गई सभी पार्टियों के पदाधिकारियों और मतदाता पंजीकरण अधिकारियों की बैठक में कांग्रेस के नेता सो रहे थे क्या? अगर फर्जी मतदाता बनाए गए थे तो उसी समय आपत्ति क्यों नहीं जताई गई, ऐसा सवाल भाजपा ने कांग्रेस से पूछा है।
बता दें कि राहुल गांधी ने मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा उठाते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के कामठी विधानसभा क्षेत्र का उल्लेख किया था। इस पर बावनकुले ने कहा था। इस विवाद के बीच कांग्रेस के कामठी से उम्मीदवार सुरेश भोयर ने आरोप लगाया कि महज १५ दिनों में मतदाता सूची में १२ हजार नाम ऑनलाइन जोड़े गए, साथ ही मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मजदूरों को मतदाता बनाया गया। इस तरह उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से आरोप लगाया कि बावनकुले ने बेईमानी से जीत हासिल की।

मीरा-भायंदर में हो रहा है मैंग्रोव्ज का विनाश!..वन विभाग की निष्क्रियता के खिलाफ आंदोलन…२० जून को विभागीय कार्यालय पर धरना देंगे पर्यावरण प्रेमी

सुरेश गोलानी / मुंबई

मीरा-भायंदर क्षेत्र में मैंग्रोव्ज वनों के हो रहे विनाश की लगातार बढ़ती घटनाओं के बावजूद उसे रोकने में प्रशासन की निष्क्रियता के खिलाफ पर्यावरण प्रेमियों ने रविवार सुबह शांतिपूर्ण तरीके से अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। भायंदर में मैंग्रोव्ज वनों की स्वैच्छिक सफाई के दौरान निकले कचरे से युवा पर्यावरण प्रेमियों ने वन विभाग और अन्य संबंधित विभागों की जनविरोधी रवैए की कड़ी निंदा करते हुए बीट कार्यालय के बाहर एक संदेश लिखा कि ‘अक्षय गजभिये जनता के सेवक हैं, राजा नहीं’।
ज्ञात हो कि अक्षय गजभिये उप वन संरक्षक (डीसीएफ) पद पर कार्यरत हैं। विरोध प्रदर्शन में शामिल पर्यावरण प्रेमी हर्षद ढगे का आरोप है कि शहर में वन क्षेत्र के विनाश के बारे में नागरिकों की सैकड़ों शिकायतों के बावजूद, रेंज वन अधिकारी ( आरएफओ), प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) और डीसीएफ न सिर्फ उनकी अनदेखी कर रहे हैं, बल्कि सूचना के अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत पूछे गए सवालों का जवाब देने में आनाकानी और आरटीआई कार्यकर्ताओं के साथ बदसलूकी से भी पेश आते हैं। लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए गजभिये ने दावा किया है कि वन विभाग से संबंधित सभी शिकायतों पर कार्रवाई की जाती है, लेकिन जो क्षेत्र राजस्व एवं अन्य विभागों के अधीन होते हैं, हम उस विभाग से जुड़े अफसरों को उसकी आधिकारिक जानकारी देने का काम करते हैं। उच्च न्यायालय ने मैंग्रोव्ज सुरक्षा और संरक्षण हेतु स्पष्ट तौर से कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनमें विनाश और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए सीसीटीवी द्वारा निगरानी, मानचित्रण (मैपिंग), सुरक्षात्मक दीवारें और गश्ती प्रणाली का प्रमुखता से समावेश है।
हाई कोर्ट के दिशा-निर्देशों का कार्यान्वयन नहीं
पर्यावरण प्रेमियों का आरोप है कि इनमें से ज्यादातर दिशा-निर्देशों का कार्यान्वयन नहीं किया गया है। डीसीएफ गजभिये और न्यायालय के आदेश का बार-बार उल्लंघन करनेवाले अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई तथा दिशा-निर्देशों का तत्काल अनुपालन की मांग करते हुए पर्यावरण प्रेमियों ने चेतावनी दी है कि यदि सात दिन के भीतर उचित कार्रवाई नहीं की गई तो २० जून को मैंग्रोव्ज विभागीय कार्यालय पर धरना दिया जाएगा।

मैंग्रोव काटकर फाइव स्टार होटल की थी योजना… भाजपा नेताओं के मंसूबे नाकाम!… ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश से फिरा पानी…पर्यावरणविदों ने जताया संतोष

सामना संवाददाता / मुंबई

भाजपा के कुछ कथित नेताओं ने हजारों मैंग्रोव काटकर और जैव विविधता को नष्ट करके केगांव खाड़ी में फाइव स्टार होटल बनाने की योजना बनाई थी। हालांकि, ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती के बाद यह योजना नाकाम हो गई है। मैंग्रोव विभाग के अधिकारियों ने बड़ी संख्या में बल तैनात कर इस खाड़ी में १०० मीटर तक समुद्र में मौजूद पत्थर और मिट्टी की रुकावट को हटा दिया है। इस कार्रवाई के बाद पर्यावरणविदों ने संतोष जताया है।
उरण-पनवेल के कुछ भाजपा नेताओं ने केगांव ग्राम पंचायत की सीमा में समुद्र तट पर सर्वे क्रमांक २३८, क्रमांक १२ में फाइव स्टार होटल बनाने की योजना बनाई थी। मुंबई से पर्यटकों को समुद्र के रास्ते लाने के लिए स्पीड बोट के लिए जेटी बनाने की भी योजना थी। इसके लिए सत्ता का दुरुपयोग कर समुद्र में ही १०० मीटर गहरा, २.५ मीटर चौड़ा और एक मीटर ऊंचा पत्थर व मिट्टी का भराव कर दिया गया। सीआरजेड का उल्लंघन कर इस अवैध भराव के लिए बड़ी संख्या में मैंग्रोव का वध किया गया। इस मामले में स्थानीय लोगों व मछुआरों की शिकायत के बाद लघु उद्योग पारंपरिक मत्स्य श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकुमार पवार ने मैंग्रोव वन सुरक्षा व संरक्षण समिति में शिकायत दर्ज कराई थी। वन विभाग व मैंग्रोव वन सुरक्षा व संरक्षण समिति ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया था, लेकिन कार्रवाई करने से जानबूझकर परहेज किया गया। इसके चलते नंदकुमार पवार ने पुणे स्थित नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट में अपील की थी। मछली प्रजनन स्थल साफ किए गए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद मैंग्रोव वन विभाग ने लगातार तीन दिनों तक कार्रवाई करते हुए पत्थर व मिट्टी के भराव को हटाने व स्थल को बहाल करने के लिए पोकलेन, जेसीबी व डंपर का इस्तेमाल किया है। वन विभाग मैंग्रोव सेल के अधिकारी किशोर सोनावणे ने यह जानकारी दी। इससे मछली प्रजनन स्थल भी खाली हो गए हैं। नंदकुमार पवार ने कहा कि इससे पर्यावरणीय क्षरण को कम करने में भी मदद मिलेगी और स्थानीय मछुआरों को लाभ होगा।

ठाणे इंटरनल रिंग रेलवे मेट्रो अधर में!..वर्षों से लटकी परियोजना को दिया गया १,४०० करोड़ रुपए…डेडलाइन २०२९ तक पूरा होने की उम्मीद नहीं

सामना संवाददाता / मुंबई

लंबे समय से अधर में लटकी ठाणे सर्कुलर मेट्रो परियोजना के पहले चरण के लिए १,४०० करोड़ रुपए की मंजूरी मिल गई है। यह परियोजना सबसे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा प्रस्तावित की गई थी, लेकिन वर्षों तक अधर में लटकी रही। शिंदे के कार्यकाल में इस परियोजना पर रत्ती भर काम नहीं हुआ। वहीं अब इसकी डेडलाइन २०२९ बताई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही प्रारंभिक कार्य शुरू किया जाएगा और एक औपचारिक भूमिपूजन समारोह आयोजित किया जाएगा।
२९ किलोमीटर लंबा यह मेट्रो कॉरिडोर जिसे ‘ठाणे इंटरनल रिंग रेलवे मेट्रो’ का नाम दिया गया है, इस प्रोजेक्ट को केंद्र और राज्य सरकार से मंजूरी मिल चुकी है और इसकी कुल परियोजना लागत १,४०० करोड़ रुपए है। इस मार्ग में से २६ किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड होगा और ३ किलोमीटर भूमिगत रहेगा। यह मेट्रो ठाणे शहर के प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ेगी, जिनमें लोकमान्य नगर, पोखरण रोड्स १ और २, हीरानंदानी मीडोज, वागले इस्टेट, राबोड़ी और ठाणे स्टेशन शामिल हैं। इसमें सभी रूट अलाइनमेंट को अंतिम रूप दे दिया गया है, जिसमें २२ एलिवेटेड (उच्च स्तरीय) और २ भूमिगत स्टेशन शामिल हैं। भूमिगत खंड विशेष रूप से पुराने और नए ठाणे रेलवे स्टेशनों को आपस में जोड़ेगा।
वडवली और कावेसर में डिपो स्थानों के लिए सर्वेक्षण जारी हैं और डिपो निर्माण के लिए निविदाएं भी अंतिम चरण में हैं। बालकुम से रैलादेवी खंड के लिए एक अलग निविदा, जो सीआरजेड (तटीय विनियमन क्षेत्र) संबंधी चिंताओं के कारण विलंबित थी, उसे आगामी तीन महीनों में जारी किए जाने की उम्मीद है।
पूरी परियोजना को दिसंबर २०२९ तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके लिए ठाणे महानगरपालिका, एमएसईडीसीएल, एमएमआरडीए, जलापूर्ति और ड्रेनेज विभाग सहित विभिन्न नगर निकायों के साथ समन्वय के लिए विस्तृत योजना तैयार की जा रही है। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रोजेक्ट में देरी हो सकती है। उन्होंने बताया कि यदि यह परियोजना समय पर पूरी हो जाती है तो ठाणे रिंग मेट्रो से ट्रैफिक जाम में भारी कमी आने, यात्रा समय घटने और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

हिम्मत है तो सिंचाई घोटाले की फाइल सामने लाएं!.. दादा गुट के नेता आनंद परांजपे ने दी शिंदे गुट को चुनौती

सामना संवाददाता / मुंबई

सिंचाई घोटाले की फाइल जहां भी अटकी है, हिम्मत है तो उसे सामने लाएं। ऐसी खुली चुनौती दादा गुट के नेता आनंद परांजपे ने शिंदे गुट को दी है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम भी अगले सात दिनों में आपकी आपराधिक प्रवृत्ति, रायगड में किए गए वित्तीय घोटाले और जिला परिषद में चेयरमैन रहते हुए किए गए घोटालों को उजागर करेंगे।
शिंदे गुट के मंत्री भरत गोगावले के बयान के बाद अजीत पवार गुट के नेता आनंद परांजपे ने उनकी आलोचना की। भरत गोगावले ने कहा था कि रायगड जिले के ’थ्री इडियट’ में से एक ’इडियट’ दादा गुट का प्रदेश अध्यक्ष बना है। ऐसा कहते हुए उन्होंने सुनील तटकरे पर हमला बोला था। रायगड में पालकमंत्री पद की दावेदारी कर रहे शिंदे गुट के मंत्री भरत गोगावले पर राजनीतिक अपरिपक्वता और इंसान के तौर पर संवेदनशीलता की कमी है। ऐसा तंज परांजपे ने गोगावले पर कसा। सुनील तटकरे के घर में हुई त्रासदी के बाद पूरा परिवार अभी तक उबर नहीं पाया है। इसके बावजूद गोगावले का तटकरे की आलोचना ही एक सूत्रीय कार्यक्रम चल रहा है। परांजपे ने कहा कि तटकरे ने विधानसभा में भी गठबंधन धर्म का पालन किया, लेकिन अगर वे ऐसा नहीं करते तो भरत गोगावले क्या दो और उम्मीदवार शिंदे गुट के गिरते। वे सिंचाई घोटाले की फाइल जहां भी अटकी हो, उसे सामने लाएं। यह गोगावले के लिए खुली चुनौती है।

जे पावर ग्रुप का संकल्प हर बच्चे तक पहुंचेगी शिक्षा…गोवंडी के होनहार ३५० विद्यार्थियों का हुआ सम्मान

सगीर अंसारी / गोवंडी

गोवंडी क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समाजसेवी संस्था जे पावर ग्रुप के अध्यक्ष जमीर कुरैशी द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें १०वीं और १२वीं कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले ३५० से अधिक छात्रों को ट्रॉफी, मेडल, प्रमाणपत्र और नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में ९० प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले ६५ से अधिक विद्यार्थियों, ८५-९० प्रतिशत के बीच १०० से अधिक छात्रों, ८०-८५ प्रतिशत के बीच १०० से अधिक छात्रों और ८० प्रतिशत से कम अंक लाने वाले लगभग १०० छात्रों को प्रोत्साहित किया गया। गोवंडी टॉपर मोहम्मद ईहान (एसएससी इंग्लिश मीडियम) को ९५.६० प्रतिशत अंक लाने पर प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया।
कार्यक्रम में ‘स्टार्स ऑफ गोवंडी’ के तहत उन छात्रों को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने शिक्षा पूरी कर अपने-अपने क्षेत्र में सफलता प्राप्त की है, जैसे यूपीएससी, पुलिस सेवा और मेडिकल आदि। इस अवसर पर मुख्य अतिथियों में मोटिवेशनल स्पीकर अहसान सय्यद, यूपीएससी प्रतियोगी सृष्टि कुलवे और पुलिस इंस्पेक्टर मुनव्वर सुल्ताना जैसे प्रेरणादायक व्यक्तित्वों की उपस्थिति रही।
इस कार्यक्रम में १० जरूरतमंद और होनहार विद्यार्थियों को ५-५ हजार रुपए की स्कॉलरशिप दी गई, ताकि वे अपनी शिक्षा बिना किसी रुकावट के पूरी कर सकें। जे पावर ग्रुप का यह प्रयास गोवंडी जैसे क्षेत्रों में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और हर बच्चे को बराबरी का मौका देने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।
शिक्षित बच्चा बदल सकता है परिवार की तस्वीर
जमीर कुरैशी ने इस मौके पर कहा कि मैंने भी एक सामान्य परिवार से निकलकर संघर्ष किया है। मैंने देखा है कि वैâसे एक शिक्षित बच्चा पूरे घर की तस्वीर बदल सकता है। इसलिए आज जे पावर ग्रुप का हर सदस्य यह प्रण ले चुका है कि हम हर बच्चे तक शिक्षा पहुंचाएंगे-चाहे उसके पास किताब हो या नहीं। हम हर उस विद्यार्थी के साथ खड़े हैं, जो सपने देखता है और उन्हें पूरा करने का हौसला रखता है।