नींव ही जिसकी धंस गई, ख्वाहिशों के मुकाम पर
लौट आई है वो फिर वहीं, काम से एक नए काम पर
लकड़ी वो जैसे अंधों की, सुव्यवस्थित कार्य प्रबंधों की
जनमानस में है वो जी रही, मधुर प्रगाढ़ संबंधों सी
खोई है ख्यालों में, उलझे-उलझे सवालों में
उलझे लटें समेट लूं या थोपूं खुद को निवालों में
कर्तव्यों के झुरमुट से, मन में न कोई शूल रही
अपनों की ही ख्वाहिश पर, खुद को ही वो भूल रही
नव सर्जन का द्योतक वो, नव पीढ़ी की जो सीढ़ी है
कर्जदार है जग सारा, घर-घर जो ये गृहणी है!
कर्तव्य पथ पर चलकर जिसने, उफ्फ! तक न इक बात कही
गृहणी है एक अनमोल रतन, ये शब्द कोई मजाक नहीं।
-विशाल चौरसिया (स.अ.)
आज़मगढ़,उत्तर प्रदेश
गृहणी
खूबसूरत जलवा
मैंने तो उसे सिर्फ देखा और सुना
वो क्या कह रही है
इससे पहले कि मैं कुछ बोल पाता
इतने पर ही कुछ यूं प्रतीत हुआ कि
वो मुझे जान गई है, अच्छी तरह समझ गई है
एक ‘दिलकश मुस्कान’ फेंक आहिस्ता-आहिस्ता
वो मेरी दृष्टि से ओझल होती चली जा रही थी
और मैं दूर तक-देर तक उसे ताकता रह गया
सोचता रह गया कि अब लौटेगी
अब पलट आएगी मेरी तरफ
मुझ पर अपनी अदा का
खूबसूरत जलवा दोहराने
मगर नहीं, मेरा अनुमान, मेरी प्रतीक्षा
सब विफल सिद्ध हुए, अब तक तो
उसका साया भी उसी के साथ हो लिया था
इसे मेरा मायूस मन समझता भी तो क्या?
अंततः मैं हाथ मलता रह गया।
इसी सोच में चिर देर तक डूबा रहा कि
इससे तो अच्छा होता कि वो
मुझसे रुबरू नहीं होती
न मेरे सामने से गुजरती, न कुछ कहती
और न ही कुछ कहकर वो मुस्कुराती
ना मेरा चित्त हर लेती न मैं विचलित होता
जानें मेरे नसीब में ये नजारा दुबारा हो न हो
शायद इस जन्म में मुलाकात हो ना हो,
क्या पता किसको खबर!
-त्रिलोचन सिंह अरोरा
मिर्जापुर में प्राइवेट बैंककर्मी से लूट!
मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
मिर्जापुर में कैश वैन लूटकांड के बाद एक बार फिर सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया गया है। उसके बाद जमालपुर थाना क्षेत्र के भदावल गांव के पास ओडी अदलहाट मार्ग पर एक फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी से 19 लाख रुपए लूट लिए गए। इस घटना से जहां सुनने वाले लोग थर्रा गए, वहीं पुलिस घटना को संदिग्ध मान रही है। पिछले साल सितंबर में मिर्जापुर में ही दिनदहाड़े कैश वैन पर दावा बोलकर लूटपाट की गई थी। बताया जाता है कि प्रवीण उर्फ राहुल पटेल पुत्र इंद्रपाल पटेल, निवासी जमालपुर मिल्की माईक्रो फाईनेंस कंपनी के ब्लाक कोआर्डिनेटर हैं। उनके अनुसार वह शुक्रवार को वाराणसी के रोहनिया, चुनार और कैलहट से कैश इकट्ठा कर अदलहाट ओड़ी मार्ग से घर वापस लौट रहा था। उसके साथ गांव निवासी साथी दीपू खरवार था, जो कि बाइक पर पीछे रुपयों भरा बैग लेकर बैठा था। रात में करीब 12 बजे भदावल गांव के पास जब वह लोग पहुंचे तो चार पांच की संख्या में अज्ञात लुटेरों ने उसकी बाइक के आगे अपनी बाइक सटाकर रोक दिया। दीपू खरवार से बैग छीनकर भाग निकले। हम दोनों का मोबाइल फोन भी छीन ले गये। पीड़ित ने थाने में तहरीर देकर कार्रवाई करने की गुहार लगाई है। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है। थानाध्यक्ष रामनारायन सरोज ने बताया कि प्रथम दृष्टया लूट का मामला संदिग्ध लग रहा है। कितने रुपए बैग में था कंफर्म नहीं है। कलेक्शन किए गए स्थान से ब्योरा जुटाया जा रहा है।
दारोगा ने रिश्वत में मांगा पांच किलो आलू !
मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
कन्नौज में चौकी इंचार्ज द्वारा रिश्वत में पांच किलो आलू की मांग करने के दौरान हुई बातचीत का ऑडियो वायरल होने पर एसपी ने चौकी प्रभारी को निलंबित कर मामले की विभागीय जांच शुरू कर दी है। सौरिख थाना के चपुन्ना-भावलपुर पुलिस चौकी का है। यहां तैनात प्रभारी एसआई रामकृपाल का मोबाइल में किसी से बात करने का एक ऑडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें वह पांच किलो आलू की मांग कर रहा है। फरियादी अपनी असमर्थता जताते हुए दो किलो ही आलू देने की बात कह रहा है। इस पर चौकी प्रभारी की ओर से पहले तो नाराजगी जताई जा रही है। उसके बाद तीन किलो आलू देने को कहा, जिस पर फरियादी रजामंदी जता रहा है। हालांकि, बाद में फिर वह दो किलो ही देने पर तैयार हुआ। इस पर चौकी प्रभारी किसी काम का हवाला देते हुए सुनाई पड़ रहे हैं।
एक मिनट 54 सेकंड की इस बातचीत का ऑडियो सामने आने पर पुलिस ने इसकी जांच करवाई। एसपी अमित कुमार आनंद ने बताया कि छिबरामऊ सीओ के माध्यम से मिली जांच रिपोर्ट के आधार पर चौकी प्रभारी रामकृपाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसकी जांच सीओ सिटी को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की विभागीय कार्रवाई की जाएगी। काम के बदले में रिश्वत के लिए पांच किलो आलू की मांग करने को लेकर अलग-अलग चर्चा है। इसे लेकर कहा जा रहा है कि यह सब्जी की डिमांड की जा रही है या रुपए मांगने का कोई कोड इस्तेमाल किया जा रहा है। एसपी का कहना है कि यह जांच के बाद ही सामने आ सकेगा।
झारखंड में कलाकारों के लिए विशेष पाॅलिसी लाएंगे-हेमंत सोरेन
अनिल मिश्र / रांची
झारखंड की राजधानी रांची सहित पूरे प्रदेश में मनाई जाने वाली दो दिवसीय विश्व आदिवासी दिवस महोत्सव का भव्य तरीके से समापन हो गया। इस अवसर पर पूरे प्रदेश में आदिवासियों ने अपनी पारंपरिक रीति-रिवाज सहित पारंपरिक परिधानों में सज-संवरकर बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी राजनीतिक दलों के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी हिस्सा लिया। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों का भी योगदान अनुकरणीय रहा। पूरे प्रदेश में इस अवसर पर मांदर (ढोल) की थाप पर आदिवासी युवक और युवतियां नाचते-थिरकते नजर आए। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर संपूर्ण झारखंड प्रदेश में मांदर की थाप की गूंज गुंजती रही।
विश्व आदिवासी दिवस महोत्सव का मुख्य आकर्षण झारखंड की राजधानी रांची के बिरसा मुंडा उद्यान पार्क रहा। विश्व आदिवासी दिवस महोत्सव में यहां देशभर से आए आदिवासी कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस महोत्सव में देशभर की समृद्ध आदिवासी कला और संस्कृति की झलक देखने को मिला।
दो दिवसीय चलने वाले इस विश्व आदिवासी महोत्सव का समापन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया। इस समापन समारोह को संबोधित करते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी की उपलब्धता और देश के अलग-अलग कोने से आये हुए आदिवासी किस तरह की चुनौतियां का सामना कर रहे हैं। आज कई सारी चीजें मेरे सामने लाई जाती हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने समारोह में आने वाले कलाकारों से वादा किया कि अगर वो विधानसभा चुनाव में जीतकर आते हैं तो २०२५ में कलाकारों के लिए एक अलग पाॉलिसी लाएंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आदिवासियों से अपील करते हुए कहा कि हम लोग के साथ काफी चुनौतियां हैं। इसको डटकर मुकाबला करना है। आज आदिवासी सभी क्षेत्रों में पीछे हैं। आज हम लोग सिविल सेवा से लेकर ज्यूडिशियरी में भी नगण्य स्थिति में हैं। हम लोगों को जल, जंगल और जमीन के साथ-साथ शिक्षा में भी आगे आकर समाज के सभी लोगों के साथ-साथ कदम मिलाकर चलना होगा।
महाराष्ट्र का पानी कैसा है, दिखा देंगे… झूठ बोलकर चुनाव जीतनेवाले गद्दारों को गाड़ देंगे!..ठाणे में गरजे उद्धव ठाकरे
-गडकरी रंगायतन में शिवसेना का भगवा सप्ताह
सामना संवाददाता / मुंबई
ठाणे के गणकरी रंगायतन में कल शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने जोरदार गर्जना करते हुए भाजपा और उसके सहयोगियों की धज्जियां उड़ा डालीं। उद्धव ठाकरे ने गरजते हुए कहा कि जिन लोगों ने झूठ बोलकर चुनाव जीता है, उन्हें गाड़ देंगे। इस अवसर पर उपस्थित शिवसैनिकों ने ‘उद्धव साहेब आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं’ के जोरदार नारों से सभागार को गुंजायमान कर दिया।
महाराष्ट्र में गद्दारों की सरकार एक तरफ जहां राज्य से उद्योग और रोजगार दूसरे राज्यों को भेज रही है तो वहीं तमाम भूखंड बंदरों को बेचने में जुटी हुई है। महाराष्ट्र को लूटने वाली इस असंवैधानिक सरकार के प्रति लोगों में भारी नाराजगी है। लूट के पैसे से और झूठ बोलकर चुनाव जीतने वाले गद्दारों को आगामी विधानसभा चुनाव में जमीन में गाड़ देंगे। ऐसी जोरदार गर्जना शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने घातियों पर किया।
ठाणे के गडकरी रंगायतन में आयोजित शिवसैनिकों के विशाल सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने शिंदे सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि झूठ और घोषणाओं के सहारे चुनाव नहीं जीता जा सकता है। यह सरकार चुनाव को देखते हुए सिर्फ योजनाओं की बारिश कर रही है, लेकिन उसे अमल में लाने की योजना का अकाल पड़ा है।
उन्होंने कहा कि मुंबई में लोकसभा चुनाव में पैसे और धांधली से गद्दारों ने चुनाव जीता है। शिंदे गुट पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग सांप ही नहीं, बल्कि केंचुआ हैं। इन्होंने उत्तर पश्चिम की लोकसभा सीट पर अमोल कीर्तिकर को चोरी से हराया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि पूरा कोकण हमारा है। यहां शिवसेना के सदस्यों को हराना संभव ही नहीं हो सकता था, लेकिन इन लोगों ने धोखाधड़ी और झूठ बोलकर चुनाव जीता है।
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर उद्धव ठाकरे ने कहा कि अभी समय गया नहीं है। विधानसभा चुनाव के लिए अभी दो से तीन महीने बाकी हैं। ऐसे में हम सभी को यह जो गद्दार मित्र परिवार है, इसे उखाड़ फेंकने के लिए मेहनत से जुट जाना है। उन्होंने कहा कि लोकसभा की लड़ाई लोकतंत्र के शत्रु के खिलाफ थी, लेकिन विधानसभा चुनाव की लड़ाई महाराष्ट्र को लूटने वालों के खिलाफ है। चुनाव आने पर जनता इन्हें दिखा देगी कि इनका क्या हस्र होना है। उन्होंने कहा कि ठाणे मनपा की स्थिति बहुत खराब है। यहां लूट मची हुई है। कॉन्ट्रैक्ट तो मिल रहे हैं, लेकिन काम नहीं हो रहे हैं।
हिंदू विश्वासघात नहीं करता
हिंदूवादी मामले पर उन्होंने भाजपा पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि ये लोग भगवा की बात करते हैं, लेकिन सच्चे हिंदू नहीं हैं। उद्धव ठाकरे ने कहा कि जो विश्वासघात करता है, वह हिंदू नहीं हो सकता है। हिंदू कभी विश्वासघात नहीं करता है।
लाडली बहनों को १,५०० की भीख!
उद्धव ठाकरे ने कहा कि यही लोग पहले कहते थे भाइयों और बहनों, विदेशी बैंकों में जो पैसा पड़ा है, उसे वापस लाएंगे और प्रत्येक व्यक्ति के खाते में १५ लाख जमा करेंगे, लेकिन वह तो उनका चुनावी जुमला था। अब राज्य में बहनों के साथ झूठ बोलकर उन्हें चुनाव तक उलझा रहे हैं। उन्हें १,५०० रुपए देने की योजना है। यह क्या लाडली बहनों को १,५०० रुपये की भीख दी जा रही है? इस दौरान ऐसा सवाल भी उद्धव ठाकरे ने उठाया।
बालासाहेब का आशीर्वाद हमारे साथ -संजय राऊत
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर जोरदार तंज कसते हुए शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत ने कहा कि ठाणे के लोग अब फिल्म बनाने लगे हैं मानो वे सीएम नहीं, बल्कि एक किंग प्रोड्यूसर बन गए हैं। उन्होंने कहा कि मेरे पास भी एक स्क्रिप्ट है और हम भी नमक हराम २ फिल्म बनाएंगे और ठाणे के सभी नमक हराम लोगों को दिखाएंगे। इस बार विधानसभा चुनाव में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष का डंका बजेगा। हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे का आशीर्वाद हमारे साथ है, इसलिए हमारी भारी जीत होगी। ठाणे शिवसैनिकों का है। ठाणे में शिवसेना की आवाज गूंजेगी। इस दौरान उन्होंने नाग पंचमी का संदर्भ लेते हुए कहा कि ठाणे के एक सांप को हमने बहुत सालों तक दूध पिलाया, लेकिन उसने हमें ही डस लिया है। उन्होंने कहा कि ठाणे विधानसभा चुनाव में इस बार शिवसेना का डंका बजेगा। शिवसैनिक पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गद्दारों ने इस बार लोकसभा चुनाव में धांधलेबाजी और पैसे खर्च करके जीत हासिल की। इन लोगों ने महाराष्ट्र का नाम डुबा दिया है।
रोखठोक : देश सिर्फ स्तब्ध हुआ!
संजय राऊत
विनेश फोगाट ने १०० ग्राम वजन कम होने के कारण ओलिंपिक में अपना कुश्ती का ‘पदक’ गवां दिया। विनेश जीती हुई कुश्ती हार गर्ईं। आपने क्या किया? इस घटना से हमारा देश सिर्फ स्तब्ध हुआ। विश्वगुरुओं के भारत ने वह ‘जोर’ नहीं लगाया, जो केन्या जैसे छोटे देश ने अपने खिलाड़ियों के साथ हुए अन्याय के खिलाफ लगाया। हम केवल स्तब्ध हो गए!
विनेश फोगाट ने ओलिंपिक में जीता हुआ पदक गवां दिया, जिस पर भारत में सिर्फ आक्रोश व्यक्त किया गया। भारत पूरी तरह से क्रिकेटमय देश बन गया है। क्रिकेट में जब भारत हारता है तो पूरे देश में सूतक लगने जैसा वातावरण छा जाता है। अहमदाबाद के मोदी स्टेडियम में जब भारत क्रिकेट विश्व कप हार गया तो कई घरों में चूल्हे नहीं जले, लेकिन जब पहलवान विनेश फोगट ने ओलिंपिक के फाइनल राउंड में पहुंचकर जीता हुआ पदक गवां दिया तो कितने लोगों को वास्तव में दुख हुआ? विनेश फोगाट ने ५० किलोग्राम वर्ग में कुश्ती लड़ी, लेकिन फाइनल में उनका वजन १०० ग्राम बढ़ गया, जिससे उन्हें प्रतियोगिता और ओलिंपिक से ही बाहर कर दिया गया और भारतीय ओलिंपिक संघ ने इसका जोरदार विरोध भी नहीं किया। पीएम मोदी रूस-यूक्रेन युद्ध रोक सकते हैं! (ऐसी उनके अंधभक्तों की अंधश्रद्धा।) विश्वगुरु के रूप में, वे दुनिया में अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर सकते हैं। मोदी के लिए बताया जाता है कि सब कुछ संभव है, लेकिन पेरिस ओलिंपिक में एक भारतीय महिला पहलवान के साथ अन्याय हुआ। उस महिला के साथ वे न्याय नहीं दिला सके और विनेश फोगाट जीती हुई बाजी हार गईं। फोगाट ने अब कुश्ती को ही राम-राम कर दिया है, यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है!
नई दंगल
आमिर खान ने ‘दंगल’ फिल्म का निर्माण किया था। यह कुश्ती क्षेत्र की दो लड़कियों के संघर्ष की, उनके पिता की लड़ाई की, मान-अपमान की और अंत में उनकी जीत की कहानी है। यह फिल्म हरियाणा की फोगाट बहनों के जीवन पर ही आधारित थी। ये कथानक रोमांचक और धमाकेदार थी। कुश्ती के क्षेत्र में किस तरह की राजनीति चलती है, वह इस फिल्म के माध्यम से पर्दे पर देखने को मिली। भारतीय कुश्ती संघ में महिला पहलवानों को कैसी चुनौतियों से होकर गुजरना पड़ता है, ये विनेश फोगाट ने दुनिया के सामने लाया। प्रशिक्षु महिला पहलवानों के शोषण के खिलाफ विनेश फोगाट और उनके साथियों को दिल्ली के ‘जंतर-मंतर’ पर विरोध प्रदर्शन करना पड़ा। इस आंदोलन को कुचलने के लिए पुलिस बल का प्रयोग किया गया। भारत की इस महान महिला पहलवान को पुलिस ने कैसे घसीटते हुए बाहर निकाला, ये दुनिया ने देखा। फिर भी विनेश फोगाट ने प्रशिक्षण लिया और ओलिंपिक में जगह बनाई, लेकिन ‘हमारे खिलाफ साजिश रची जा रही है। देखते हैं ओलिंपिक में क्या होता है,’ ऐसा फोगाट ने पेरिस जाने से पहले कहा था। विनेश फोगाट ने स्वर्ण मेडल निश्चित किया था। वह गले में पड़ने से पहले ही उन्हें बर्खास्त कर दिया गया और देश सिर्फ स्तब्ध हुआ। यदि किसी को अनुचित तरीके से प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया है तो उसके खिलाफ अपील करने की सहूलियत ओलिंपिक में है। पेरिस ओलिंपिक में ही ऐसा हुआ है। सिर्फ उस देश में दम होना चाहिए। केन्या जैसे छोटे और कमजोर देश ने जो किया, वो भारत के बड़बोले नेता और विश्वगुरु प्रधानमंत्री क्यों नहीं कर पाए? केन्या की खिलाड़ी Faith Kipyegon ने ५,००० मीटर दौड़ स्पर्धा में अच्छा प्रदर्शन किया। उसे विनेश फोगाट की तरह ही बाहर कर दिया गया। उसका रजत पदक छीन लिया गया। केन्याई सरकार और ओलिंपिक प्रशासन ने पूरी ताकत लगा दी। अपने खिलाड़ी पर लगा अपात्रता का फैसला निरस्त करवाया। उसे उसका रजत पदक दिलवाया। ऐसा सरकार में ‘दम’ हो, तभी हो पाता है। अब एक नई जानकारी सामने आई है। ओलिंपिक में गोल्ड मेडल छीन लेने से भारत देश और इस देश की सरकार सिर्फ स्तब्ध हुई, लेकिन निराशा के बावजूद विनेश अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए खड़ी हो गईं। विनेश व्यक्तिगत रूप से ऑर्बिट्रेशन में गईं। ऐसे में अपनी प्रतिष्ठा पर आंच न आए, इसलिए भारतीय ओलिंपिक संघ ने उनका समर्थन किया। पेरिस में कुछ स्वयंसेवी वकील, स्वयंसेवी संगठन, PRO BONO उसका मुकदमा लड़ेंगे। PRO BONO का अर्थ है नि:शुल्क सेवा। ये सब फोगाट ने खुद ही किया। तब तक हमारा ओलिंपिक संघ क्या कर रहा था? भारत का ओलिंपिक संघ अप्रभावी हो गया है। यदि संभव हो तो भारत को इसे खत्म ही कर देना चाहिए।
बाल काटे फिर भी
विनेश फोगाट का वजन सौ ग्राम बढ़ गया। अगर विनेश के सिर के बाल काटे जाते तो भी १०० ग्राम कम हो जाता। सौ ग्राम क्या अपात्र ठहराने का ‘आंकड़ा’ है? सेमीफाइनल के बाद विनेश फोगाट का वजन कैसे बढ़ गया? सेमीफाइनल में जीत के बाद जब उसका वजन बढ़ गया तो उसके कोच और अन्य चिकित्सा अधिकारी क्या कर रहे थे? क्या विनेश ने भारतीय कुश्ती संघ की ओछी राजनीति के कारण पेरिस ओलिंपिक की कुश्ती में अपना स्वर्ण पदक गंवाया? जब विनेश ने कुश्ती संघ में व्याप्त शोषण के खिलाफ आवाज उठाई थी, तब प्रधानमंत्री मोदी ने मौनव्रत धारण कर रखा था। वो मौनव्रत उन्होंने विनेश के ‘पदक’ गवांने के बाद तोड़ा। प्रधानमंत्री ने ‘देश की बेटी’ कहते हुए उन्हें धीरज दिया और देश आपके साथ है, ऐसा कहा। उससे क्या होगा? कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में कहा, ‘विनेश के पदक खोने से देश को दुख हुआ है, लेकिन भाजपा को शायद खुशी के लड्डू फूटते हुए दिखाई दे रहे हैं।’ यही सच्चाई है। भारत की खुशियों पर ‘सौ’ ग्राम भारी पड़ गया। एक संदिग्ध सौ ग्राम ने भारत की खुशी छीन ली। विश्वगुरु और उनकी सत्ताधारी पार्टी रूस के साथ यूक्रेन के युद्ध को रोकने में सफल रही, लेकिन जिस फ्रांस से ‘राफेल’ खरीदा गया, उस फ्रांस में सौ ग्राम के कारण गंवाया हुआ पदक हासिल नहीं कर पाए।
पचता नहीं
विनेश फोगाट का स्वर्ण पदक मोदी और उनके लोगों के लिए पचाना मुश्किल रहा होगा। क्योंकि विनेश भाजपा की ‘प्यारी बेटी’ या ‘प्यारी बहन’ नहीं है। प्यारी बहनें सरकार को आरोपियों के कटघरे में खड़ा नहीं करतीं। विनेश ने वो गलती की थी। ‘जंतर-मंतर’ पर विनेश ने देश की अनगिनत प्यारी बहन-बेटियों के शोषण के खिलाफ आवाज उठाई थी। दिल्ली के ‘जंतर-मंतर’ पर कई रातें जागकर बिताईं। जब विनेश ने देखा कि न्याय नहीं मिल रहा है और भाजपा सरकार सुन नहीं रही है तो उन्होंने सारे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक प्रधानमंत्री के दरवाजे पर रख दिए। तब विनेश को बदनाम करने का कोई मौका भाजपा ने नहीं छोड़ा था। विनेश का ओलिंपिक में पदक जीतना मतलब भाजपा सरकार को थप्पड़ जड़ने जैसा ही है। यह इतिहास में दर्ज किया जाएगा कि दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था और उस व्यवस्था के विश्वगुरु अपनी लाड़ली बेटी के साथ खड़े नहीं हुए। भारत की राजनीतिक दूषित व्यवस्था ने विनेश फोगाट को हराया, यह भी उस इतिहास में रेखांकित किया जाएगा। विनेश फोगाट देश की बेटी है। उस बेटी के लिए अब देश क्या करेगा? देश के खेल मंत्री संसद में कहते हैं, विनेश फोगाट के प्रशिक्षण पर सरकार ने ७७ लाख रुपए खर्च किए। ये पैसा भाजपा ने अपने चुनावी फंड के खाते से नहीं दिया था। यह जनता का पैसा है। फोगाट लड़ी, जीती और हार गईं। देश सिर्फ स्तब्ध हुआ। सत्ताधारियों ने चेहरे पर दु:ख दिखाया, लेकिन अंदर-ही-अंदर वे खुशी से झूम रहे थे। इस बेटी के लिए देश क्या करेगा? उसे भारतरत्न देंगे? अवश्य दें। विनेश को सर्वसम्मति से राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त सदस्य के रूप में राज्यसभा भेजकर उसका सम्मान करें।
भारत के जो लोग अंतर्राष्ट्रीय ओलिंपिक संघ के सदस्य हैं, उन्हें निषेध के तौर पर तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।
सिर्फ स्तब्ध होकर क्या करोगे?
शिंदे गुट के सांसद की कार पर होकर सवार करने गया था जमीन पर जबरन कब्जा!… श्रीकांत शिंदे के करीबी के खिलाफ मामला दर्ज
-वसई में धरने पर बैठे हैं लोग
रामदिनेश यादव / मुंबई
शिंदे गुट के नेता तमाम गैरकानूनी कार्यों में लिप्त हो गए हैं। कल संसद की स्टिकर लगी गाड़ी से शिंदे गुट के नेता एक जमीन पर जबरन कब्जा करने पहुंचे थे। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों पर मामला दर्ज किया है।
राज्य में शिवसेना से गद्दारी कर भाजपा के साथ सत्ता में आए शिंदे गुट के नेताओं ने तमाम गैरकानूनी कार्यों को अंजाम देना शुरू कर दिया है। शिंदे गुट के नेता अब गुंडागर्दी की बदौलत अतिक्रमण, अवैध निर्माण आदि को अंजाम दे रहे हैं। हालात यह है कि जमीन पर कब्जा करने के लिए शिंदे गुट के नेता सांसद की गाड़ी में गुंडे भरकर ले जाते हैं। ऐसा ही एक मामला नायगांव में आया है। यहां सीएम शिंदे का खास गुंडा व पार्टी का पदाधिकारी लगभग दो दर्जन गुंडों के साथ नायगांव में एक जमीन पर कब्जा करने के लिए संसद का स्टिकर लगी गाड़ी लेकर पहुंचा था। स्थानीय लोगों के विरोध के बाद पुलिस भी सकते में आई। बड़े दबाव के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह गाड़ी मुख्यमंत्री के बेटे व सांसद श्रीकांत शिंदे की है। इस पर उनके नाम पर जारी स्टिकर लगाया गया है। पुलिस के अनुसार, नायगांव जूचंद्र इलाके के ३ एकड़ भूखंड पर अचानक लोकसभा सांसद की स्टिकर लगी इनोवा गाड़ी ‘एमएच- ०४ एलई ३९९०’ और एक अन्य गाड़ी में लगभग डेढ़ दर्जन महिला व पुरुष पहुंचे और जबरन जमीन पर कब्जा करने लगे। इसकी खबर मिलते ही जमीन के मालिक असलम खान और उनके समर्थक सईद भी पहुंचे। पुलिस के अनुसार, जमीन पर असलम खान का कब्जा है। किसी वजह से इसे लेकर कोर्ट में विवाद चल रहा है। जमीन का विवाद वसई न्यायालय में विचाराधीन है। इसकी अगली सुनवाई २८ अगस्त को होनी है। इसके बावजूद न्यायालय की अवमानना करते हुए शिंदे गुट के गुंडे जमीन पर कब्जा करने के लिए पहुंचे थे। पुलिस ने एक बिल्डर के प्रबंधक समेत शिंदे गुट के नेता उदय पारसेकर, शबाना खान, ममता मुकेश ठाकुर के अलावा अन्य १० लोगों को नामजद किया है।
श्रीकांत शिंद की गाड़ी पर भूमाफिया!
नायगांव पुलिस द्वारा जब्त की गई इनोवा गाड़ी पर लगा सांसद का स्टिकर फर्जी है या गाड़ी किसी सांसद की है? यह सवाल उठने लगा है। सांसद के स्टिकर का दुरुपयोग कर पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाने के इस मामले की जांच बेहद जरूरी है। शिंदे गुट के पदाधिकारी इस आरोपी पर पहले भी कई मामले दर्ज हैं। बताया जाता है कि है सीएम शिंदे इसके कंधे के सहारे अवैध काम को बढ़ावा दे रहे हैं। उसकी जांच भी बेहद जरूरी है।
रक्षा बंधन से पहले लगा ‘लाडली बहनों’ को झटका!..बड़ी संख्या में अपात्र हो रही हैं बहनें
-अभी तक लाखों आवेदन हो चुके रद्द
सामना संवाददाता / मुंबई
रक्षा बंधन त्योहार आने के पहले ही राज्य की लाखोें बहनों को ‘ईडी’ सरकार ने झटका दिया है। सरकार की ‘मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना’ के तहत जिन बहनों ने आवेदन किया था, उनमें से काफी बहनें अपात्र हो गई हैं।
रक्षा बंधन का त्योहार नजदीक आ रहा है। मगर इसके पहले ही राज्य की लाखोें बहनों को ‘ईडी’ सरकार ने झटका दिया है। राज्य सरकार की ‘मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना’ के तहत जिन बहनों ने लाभ के लिए आवेदन किया था, उनमें से ज्यादातर बहनों को निराशा हाथ लगने वाली है। इसकी वजह है कि बड़ी संख्या में बहनों के आवेदन रद्द किए जा रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार के कर्मचारी बड़ी संख्या में लाडली बहनों के आवेदनों को खारिज कर रहे हैं। वे इन बहनों को अपात्र बता रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, मुंबई, ठाणे, पालघर जिले में लगभग दो लाख आवेदन खारिज कर दिए गए हैं। जानकारों की मानें तो राज्यभर में लगभग १३ लाख आवेदन खारिज होने की संभावना है। अब तक १.४० करोड़ महिलाओं ने आवेदन किया है। सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार के कर्मचारियों ने ‘मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना’ के तहत आए आवेदनों की स्क्रूटनी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, मुंबई में लगभग ५० हजार और ठाणे में ५६ हजार तथा पालघर में ४३ हजार आवेदन खारिज हुए हैं। जबकि राज्य में यह आंकड़ा १३ लाख से अधिक जा सकता है। पालघर जिले की बहनों ने २ लाख ९६ हजार आवेदन दायर किए हैं, जिनमें से ४२ हजार ४६७ आवेदन रद्द कर दिए गए हैं। जांच के दौरान आंशिक त्रुटि पाए जाने के कारण आवेदन रद्द कर दिए गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि ३१ अगस्त तक इन त्रुटियों को सुधार लिया गया तो संबंधित लाभार्थियों को पिछले दो माह का लाभ मिलने की उम्मीद है, अन्यथा उन्हें लाभ से वंचित होना पड़ेगा। उल्लेखनीय
कब सुधरेगा महावितरण? गणेश मंडलों का डिपॉजिट किया हजम!.. अतिरिक्त आयुक्त ने लगाई फटकार
सामना संवाददाता / ठाणे
गणेशोत्सव मंडल महावितरण कंपनी की हरकतों से परेशान हैं, इसकी जानकारी हाल ही मे हुई गणेशोत्सव मंडल की बैठक में मंडलों के पदाधिकारियों द्वारा मनपा को की गई शिकायत से हुई है। स्थाई मीटर की मांग के बाद भी इस बैठक में चौंकानेवाली जानकारी सामने आई कि दिवा के मंडल से ५४ हजार का बिल वसूला गया, जबकि मीटर सात दिन बाद ही काट दिया गया। मंडल के पदाधिकारियों ने यह भी मांग की है कि गणेशोत्सव मंडलों को अस्थाई मीटर के बजाय स्थायी मीटर दिए जाए। मनपा के अतिरिक्त आयुक्त ने इस संदर्भ में महावितरण को फटकार लगते हुए मंडलों को आश्वस्त किया है कि मनपा और महावितरण उचित निर्णय लेगा।
बता दें कि ठाणे महानगर पालिका ने हाल ही में नरेंद्र बल्लाल सभागार में गणेशोत्सव मंडलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई। इस बैठक में स्थानीय पुलिस स्टेशन के अधिकारी, परिवहन विभाग, महावितरण, टोरेंट आदि विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। साथ ही मनपा की ओर से अतिरिक्त आयुक्त-१ संदीप मालवी, अतिरिक्त आयुक्त-२ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक में मंडलों ने जानकारी देते हुए पिछले साल की तरह इस साल भी गणेश मंडलों ने महावितरण के मनमानी कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी जताई। मंडलों का आरोप है कि पिछले साल महावितरण द्वारा ली गई जमा राशि अब तक नहीं मिली है। कुछ लोगों ने यह भी सवाल उठाया कि अगर पैसे देने के बाद भी पैसा वापस नहीं मिलता है तो इसका समाधान निकाला जाना चाहिए।
गणेश मंडलों की समस्याओं का हो स्थाई समाधान
दूसरी ओर, दिवा में सुमित मित्र मंडल (दिवा पूर्व) के अध्यक्ष उमेश राठौड़ ने कहा कि महावितरण किसी प्रकार का सहयोग मंडलों को नहीं करती है। उन्होंने कहा कि पिछले साल उन्होंने मीटर लिया था लेकिन सात दिन बाद मीटर भी महावितरण के लोग काट ले गए और ५४ हजार का बिल भेज दिया गया। उन्होंने इसका स्थाई समाधान करने का अनुरोध मनपा प्रशासन से किया। मंडलों को अस्थायी मीटर उपलब्ध कराने के बजाय स्थाई मीटर उपलब्ध कराने की मांग की हैं। इसी के तहत महावितरण की ओर से जानकारी दी गई कि हमने ऐसी सेवा शुरू कर दी है। साथ ही इस दौरान पारसिक, कोलशेत समेत अन्य विसर्जन घाटों पर भी मुलभुत सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की गई।