२०४० तक मायानगरी में पानी ही पानी … डूब जाएगी १३ फीसदी मुंबई! …सेंटर फॉर स्टडी ऑफ साइंस की नई रिपोर्ट में खुलासा

सामना संवाददाता / मुंबई
बंगलुरू स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर स्टडी ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड पॉलिसी (सीएसटीईपी) ने अपनी नई रिपोर्ट में खुलासा किया है कि समुद्र का बढ़ता जलस्तर २०४० तक मायानगरी में पानी ही पानी हो जाएगा। यानी मुंबई में १३.१ फीसदी से अधिक जमीन को पानी निगल लेगा। मतलब कि यदि उत्सर्जन पर लगाम न लगाई गई तो समुद्र के बढ़ते जलस्तर की वजह से मुंबई में करीब ८३० वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पानी में डूब जाएगा, वहीं सदी के अंत तक यह आंकड़ा बढ़कर १,३७७.१३ वर्ग किलोमीटर (२१.८ फीसदी) तक पहुंच सकता है। ऐसा ही कुछ दूसरे तटीय शहरों के मामले में भी देखने को मिलेगा।
रिपोर्ट में यह भी अंदेशा जताया गया है कि अगले १६ वर्षों में चेन्नई का ७.३ फीसदी (८६.८ वर्ग किलोमीटर) हिस्सा पानी में डूबा होगा। यह क्षेत्र सदी के अंत तक बढ़कर १८ फीसदी (२१५.७७ वर्ग किलोमीटर) से ज्यादा हो जाएगा। इसी तरह २०४० तक यनम और थूथुकुड़ी में करीब दस फीसदी हिस्सा पानी में डूब जाएगा। पणजी और चेन्नई में यह आंकड़ा पांच से दस फीसदी के बीच रहने का अंदेशा है। वहीं समुद्र का बढ़ता जलस्तर कोच्चि, मैंगलोर, विशाखापत्तनम, हल्दिया, उडुपी, पारादीप और पुरी में एक से पांच फीसदी जमीन को निगल सकता है।
मुंबई और चेन्नई की तुलना में मैंगलोर, हल्दिया, पारादीप, थूथुकुड़ी और यनम में कहीं ज्यादा जमीन पानी में डूब चुकी होगी। गौरतलब है कि अपनी इस रिपोर्ट में सीएसटीईपी ने देश के १५ तटीय शहरों और कस्बों में समुद्र के बढ़ते जलस्तर का आंकलन किया है। इनमें विशाखापत्तनम, पणजी, मंगलोर, उडुपी कोचीन, कोझिकोड, तिरुवनंतपुरम, मुंबई, पाराद्वीप, पुरी, यनम, चेन्नई, कन्याकुमारी, तूतीकोरिन और हल्दिया का समावेश है।
मुंबई से जुड़े आंकड़ों को देखें तो रिपोर्ट के मुताबिक सदी के अंत तक उच्च उत्सर्जन परिदृश्य में वहां समुद्र का जलस्तर १०१.४ सेंटीमीटर तक बढ़ सकता है, जो मुंबई के २२ फीसदी हिस्से को अपने आगोश में ले लेगा। इसी तरह चेन्नई में जलस्तर ९४.७ सेंटीमीटर तक बढ़ सकता है, जो वहां के १८.२ फीसदी (२१६ वर्ग किलोमीटर) से ज्यादा हिस्से को निगल लेगा।

मनरेगा पर भी मोदी सरकार की टेढ़ी नजर …५ साल में ४.४३ करोड़ से ज्यादा ‘जॉब कार्ड’ कैंसिल

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
केंद्र की मोदी सरकार ने वित्त वर्ष २०१९-२० से अब तक ४.४३ करोड़ से ज्यादा मनरेगा ‘जॉब कार्ड’ निरस्त कर दिए हैं। यह जानकारी राज्यसभा में केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने एक सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन को दी है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष २०१९-२० से २०२४-२५ के बीच कुल ४,४३,०४,६६१ मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) योजना जॉब कार्ड निरस्त किए गए हैं। मंत्री पासवान ने कहा कि जॉब कार्डों का सत्यापन राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा की जानेवाली एक नियमित प्रक्रिया है।
जॉब कार्ड को उचित सत्यापन के बाद रद्द किया जा सकता है, जब जॉब कार्ड फर्जी या नकली हो या काम करने के लिए परिवार का सदस्य इच्छुक न हो, अथवा परिवार ग्राम पंचायत से स्थायी रूप से विस्थापित हो गया हो या जॉब कार्ड में सिर्फ १ व्यक्ति का नाम हो और उस व्यक्ति की मृत्यु हो गई हो।

बिहार में ९९ लाख कार्ड रद्द
मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष २०२४-२५ में ३० जुलाई तक कुल २२,२४,९८२ जॉब कार्ड निरस्त किए हैं। उन्होंने कहा कि २०२३-२४ में १.०२ करोड़ जॉब कार्ड निरस्त किए गए, जबकि २०२२-२३ में यह संख्या २.२५ करोड़ और २०२१-२२ में ५० लाख थी। उन्होंने कहा कि पिछले ५ साल में बिहार में करीब ९९ लाख जॉब कार्ड निरस्त किए गए, जबकि उत्तर प्रदेश में करीब ९१ लाख, ओडिशा में करीब ४२ लाख, मध्य प्रदेश में करीब ३७ लाख जॉब कार्ड निरस्त किए हैं।

कुर्ला के हलाव पुल पर फेरीवालों का कब्जा … छेड़छाड़ और पॉकेटमारी की बढ़ीं घटनाएं! …पैदल चलना हुआ दूभर

मनपा और पुलिस प्रशासन मौन

अशोक तिवारी / मुंबई
कुर्ला-पश्चिम के हलाव पुल में गोल बिल्डिंग और फ्रेंड्स कॉलोनी के सामने से लेकर कार्तिका हाई स्कूल तक अवैध रूप से फेरी वालों ने पूरी सड़क पर कब्जा कर रखा है, जिससे लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है और हमेशा भीड़ जैसी स्थिति बनी रहती है। अगर सड़क पर दोनों तरफ से एक साथ वाहन आ जाएं तो उन्हें गुजरने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। भीड़ के कारण चोर-उचक्के पॉकेटमारी को अंजाम देते हैं। साथ ही पर्स चोरी और चेन स्नैचिंग की भी घटना सामने आती है।
आए दिन होती है
महिलाओं से छेड़छाड़
यहां अक्सर शोहदे महिलाओं से छेड़छाड़ भी करते हैं, पिछले दिनों एक फेरीवाले ने नाबालिग लड़की के साथ छेड़खानी की थी। विनोबा भावे नगर पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया था, लेकिन हैरत की बात यह है की जमानत पर छूटने के बाद वह फेरीवाला फिर से ठेला लगाकर धंधा करने लगा। यहां रहनेवाले स्थानीय लोगों ने मनपा के एल वॉर्ड तथा विनोबा भावे नगर पुलिस स्टेशन में कई बार सुरक्षा और अवैध कब्जे को लेकर कई बार शिकायत की, लेकिन पुलिस और मनपा एक-दूसरे का काम बताकर अपनी जान छुड़ाते नजर आते हैं।
बढ़ी सड़क हादसों की आशंका
बता दें कि यहां पर कार्तिका हाई स्कूल और माइकल हाई स्कूल है, जहां पर सैकड़ों की संख्या में छोटे-छोटे बच्चे प्रतिदिन पढ़ने आते हैं। फेरीवालों द्वारा सड़क कब्जा करने की वजह से आए दिन बच्चे वाहनों से टकराकर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। स्कूल छूटने के समय पर यहां पर इतना ज्यादा ट्रैफिक हो जाता है कि बच्चों को पैदल सड़क पार करने के लिए भी आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ता है।

फेरीवालों से हफ्ता वसूलती है मनपा
नाम न छापने की शर्त पर एक फेरीवाले ने बताया कि मनपा ने एक प्राइवेट एजेंट नियुक्त कर रखा है, जो प्रति गाड़ियों से रोज का ३०० रुपए के हिसाब से वसूली करता है। इसके बदले में अगर मनपा की उठाने वाली गाड़ी निकलती है तो मनपा के अधिकारी ही उस एजेंट को फोन करके सूचना दे देते हैं, जिसके बाद फेरीवाले तत्काल वहां से हट जाते हैं। जब मनपा की गाड़ी वापस लौट जाती है तो फेरीवाले पुन: सड़क पर अपना ठेला लगा देते हैं।

लोकसभा चुनाव में हार के बाद … ईडी सरकार को सभी लगने लगे हैं लाडले! -जयंत पाटील ने कसा तंज

सामना संवाददाता / मुंबई
लोकसभा चुनाव के बाद विधान सभा चुनाव में हार आंखों के सामने दिख रही है। इसको देखते हुए ईडी सरकार को सभी लाडले लगने लगे हैं। इसलिए रोज नए-नए चुनावा चूरन दे रही है। इस तरह का तंज एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने मुंबई में मीडिया से बात करते हुए ईडी सरकार पर कसा।
जयंत पाटील ने कहा कि सारा फंड दो-तीन महीने के लिए ही आवंटित किया जाना है। यह सब केवल अल्पवधि के लिए है। निजी तौर पर प्रशासन के माध्यम से यह उपक्रम चलाए जा रहे है। लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में उन्हें कोई पसंद नहीं था। लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद अब महाराष्ट्र में भी लोग लाडले यानी प्यारे लगने लगे हैं, ऐसा पाटील ने कहा। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि यह लाड़-प्यार केवल दो-तीन महीने के लिए है। विशालगढ़ की घटना पर पूछे गए सवाल पर पाटील ने कहा कि इस तरह के हमले कायरतापूर्ण हरकत है। इस मामले में राज्य सरकार को उचित सावधानी बरतनी चाहिए थी।
आघाड़ी सफलता है महत्वपूर्ण
विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे के बारे में पूछे गए सवाल पर जयंत पाटील ने कहा कि महाविकास आघाड़ी की सफलता हमारे लिए अधिक महत्वपूर्ण है। पाटील ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में एनसीपी और शिवसेना में नए चेहरे देखने को मिलेंगे। जयंत पाटील ने कहा कि हाल ही में राज्य सरकार की ओर से कई घोषणाएं की गई हैं। पहले भी सरकार ने जो घोषणा की थी वे अब तक पूरी नहीं हुई हैं इसलिए राज्य की जनता सरकार की इस घोषणा पर विश्वास करने को तैयार नहीं है।
जयंत पाटील ने कहा कि जुलाई महीने में राज्य में भारी बारिश हुई थी। कई लोगों की जान चली गई। किसानों को भारी नुकसान हुआ। किसान संकट में है। लेकिन राज्य सरकार द्वारा पंचनामा नहीं किया गया है। सरकार देखने को तैयार नहीं है क्योंकि सरकार के पास पैसा नहीं है। आंगनवाड़ी सेविकाओं को वेतन का भुगतान नहीं किया। राज्य सरकार इन सब पर ध्यान देने को तैयार नहीं है, सिर्फ हवा-हवाई बातें चल रही हैं, ऐसा जयंत पाटील ने कहा।

जम्मू-कश्मीर में आईएसआई और आतंकी संगठनों के लिए कर रहे थे काम …५ पुलिसकर्मी समेत ६ कर्मचारी बर्खास्त

सामना संवाददाता / श्रीनगर
जम्मू और कश्मीर में ड्रग्स बेचकर आतंकवाद को फंड करने के आरोप में ६ सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। इनमें ५ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। जांच में पता चला है कि ये लोग पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठनों के नेटवर्क का हिस्सा थे। ये नेटवर्क ड्रग्स की तस्करी करता था और इससे होनेवाली कमाई से आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता था। एक अधिकारी ने बताया कि पांच पुलिसकर्मियों और एक शिक्षक समेत ६ सरकारी कर्मचारी ड्रग्स बेचकर आतंकवाद को फंड करने में शामिल पाए गए। इनकी पहचान हेड कांस्टेबल फारूक अहमद शेख, कांस्टेबल खालिद हुसैन शाह, कांस्टेबल रहमत शाह, कांस्टेबल इरशाद अहमद चाकू, कांस्टेबल सैफ दीन और सरकारी शिक्षक नाजिम दीन के रूप में हुई है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने संविधान के अनुच्छेद ३११(२) (सी) का इस्तेमाल करते हुए इन्हें तुरंत बर्खास्त करने का आदेश दिया। इस धारा के तहत सरकार राष्ट्रपति या राज्यपाल को यह अधिकार है कि अगर उन्हें राज्य की सुरक्षा के हित में यह लगे कि किसी कर्मचारी के खिलाफ जांच करना उचित नहीं है तो वे बिना किसी जांच के उसे बर्खास्त कर सकते हैं।
अब तक ७० सरकारी कर्मचारी बर्खास्त
२०१९ में धारा ३७० हटाए जाने के बाद से अब तक प्रशासन ने इसी आधार पर ७० सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। पिछले महीने भी आतंकवाद में शामिल होने के आरोप में दो पुलिस कांस्टेबलों सहित चार सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया था। इन चारों की पहचान पुलिस कांस्टेबल मुश्ताक अहमद पीर और इम्तियाज अहमद लोन, स्कूल शिक्षा विभाग के जूनियर असिस्टेंट बाजिल अहमद मीर और ग्रामीण विकास विभाग के ग्राम स्तर के कार्यकर्ता मोहम्मद जैद शाह के रूप में हुई थी।

२५ घंटे के होंगे दिन! … पृथ्वी से धीरे-धीरे दूर जा रहा है चांद

सामना संवाददाता / मुंबई
चंदा मामा के रूप में बचपन से ही हमारा लगाव चंद्रमा से होता है। चंद्रमा सदियों से पृथ्वी के ऊपर अंतरिक्ष में मौजूद है। चांद न सिर्फ हमारी धरती का प्राकृतिक उपग्रह है, बल्कि इसका हमारे साथ भावनात्मक रिश्ता भी है। चांद की गतिविधियों का हमारी पृथ्वी पर काफी प्रभाव पड़ता है। मसलन समुद्र में आनेवाले ज्वार-भाटा! एक रिसर्च के मुताबिक, चांद हमारी धरती से लगातार दूर जा रहा है। यह आने वाले समय को बदल कर रख देगा। वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि चांद हर साल धरती से ३.८ सेमी दूर जा रहा है। ऐसे में कुछ वर्षों बाद हमारे पृथ्वी पर एक दिन २४ की जगह पर २५ घंटे का हो जाएगा।

चांद के दूर जाने से धीमी हो रही है पृथ्वी की गति! -स्टडी से हुआ खुलासा
चांद हमारी धरती से दूर जा रहा है। इससे हमारी धरती प्रभावित होगी। विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय की एक टीम ने ९० मिलियन वर्ष पुराने चांद को लेकर बड़ी चेतावनी जारी की है। रिसर्च में बताया गया है कि चंद्रमा पृथ्वी से लगभग ३.८ सेंटीमीटर प्रति वर्ष की दर से दूर जा रहा है। इसका परिणाम यह होगा कि २०० मिलियन वर्षों में पृथ्वी पर दिन २५ घंटे का हो जाएगा। अध्ययन से पता चलता है कि १.४ बिलियन वर्ष पहले पृथ्वी पर एक दिन १८ घंटे का होता था, लेकिन चंद्रमा के लगातार पृथ्वी से दूर जाने की वजह से दिन का समय लगातार बढ़ रहा है। इस घटना का मुख्य कारण पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण और दोनों पिंडों के ज्वारीय बल से संबंधित है। विश्वविद्यालय में भूविज्ञान के प्रोफेसर स्टीफन मेयर्स ने कहा, ‘जैसे-जैसे चंद्रमा दूर होता जा रहा है, पृथ्वी की गति धीमी हो रही है।’

महायुति सरकार में गड्ढों में गुम हैं सड़कें! … नेता प्रतिपक्ष वडेट्टीवार का आरोप

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में सड़कों का हाल यह है कि गड्ढों में सड़कें गुम हो गई हैं। पुणे-बैंगलोर राष्ट्रीय राजमार्ग के विस्तार में देरी, सड़क के गड्ढे वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। गड्ढों से भरे राजमार्ग पर टोल क्यों दें? यह सवाल स्थानीय नागरिकों ने पूछा है। अवैध टोल वसूली के बावजूद सरकार और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है और सब कुछ खुली आंखों से देख रहा है नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने मांग की है कि महायुति सरकार को केवल विज्ञापन देने के बजाय राज्य की सड़कों पर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही कांग्रेस के आंदोलन पर ध्यान देने की बात करते हए टोल में छूट देने की भी मांग की।
वडेट्टीवार ने कहा कि कोल्हापुर सांगली, सातारा, पुणे कांग्रेस कमेटी की ओर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं टोल बूथों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पुणे-बैंगलोर राष्ट्रीय राजमार्ग के विलंबित विस्तार से सड़क के गड्ढे वाहन चालकों के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं। गड्ढों से भरे हाईवे पर टोल क्यों दें? ऐसा सवाल स्थानीय नागरिकों द्वारा पूछा जा रहा है।

ठेकेदारों का पैसा खत्म हो गया
मुंबई बेंगलुरु नेशनल हाईवे के काम में देरी होने के कारण कल कांग्रेस नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और कहा, टोल की क्या जरूरत है? वडेट्टीवार ने कहा कि सड़क सुरक्षित नहीं है, सारे काम में देरी हो रही है लेकिन टोल वसूली जारी है। सरकार को कांग्रेस के आंदोलन पर ध्यान देना चाहिए और टोल में छूट देनी चाहिए।

सरकार की उदासीनता, मृत हुए श्मशान भूमि! …सिर्फ कागजों पर हुआ विकास


– मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी

सामना संवाददाता / ठाणे
ठाणे मनपा सीमा में सरकार की उदासीनता की वजह से कई श्मशान भूमि मृतप्राय सा हो गए हैं। ठाणे में ४१ श्मशान भूमि है, जिनमें से कुछ ही श्मशान भूमि अच्छी स्थिति में हैं। ठाणे मनपा के माध्यम से ३२ श्मशान भूमि का एकीकृत विकास कार्यक्रम शुरू किया गया है। पिछले वर्ष जून माह में प्रस्ताव तैयार कर लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया था। राज्य सरकार ने ३० करोड़ का फंड स्वीकृत किया है, लेकिन फिर भी मोघरपाड़ा स्थित विद्युत शवगृह एक माह से बंद है। कलवा मनीषा नगर इलाके में श्मशान भूमि का काम छह साल बाद भी ५० फीसदी ही पूरा हो सका है। इससे साफ होता है कि श्मशान भूमि का विकास सिर्फ कागजों पर ही सिमट कर रह गया है।

इन श्मशानों में हैं कमियां
– ढोकली क्षेत्र में श्मशान भूमि केवल नाम के लिए है। कसारवडवली श्मशान घाट की हालत खस्ताहाल है। मानपाड़ा में श्मशान का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। डोंगरीपाड़ा, मोघरपाड़ा श्मशान घाट की भी हालत बहुत अच्छी नहीं है।
– ठाणे-पूर्व में कोपरी कब्रिस्तान की हालत खराब है और वहां राख, लकड़ी और अन्य सामग्री फेंकी जा रही हैं, जिससे अंतिम संस्कार के लिए आनेवाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
– कलवा श्मशान भूमि का काम पिछले छह सालों से चल रहा है। इसके लिए ६ करोड़ का फंड स्वीकृत किया गया, लेकिन आज भी ५० फीसदी काम बाकी है। कोपरी के श्मशान को लेकर चल रहा विवाद आखिरकार खत्म हो गया। बालकुम ढोकली इलाके में दो श्मशान भूमि हैं। हालांकि, ढोकली श्मशान भूमि में अंतिम संस्कार पर रोक लगा दी गई है। इस जगह के आस-पास बड़ी-बड़ी दुकानें होने के कारण शवों को लाने वालों को अन्य जगहों पर भेज दिया जाता है।
श्मशानों में हैं ये समस्याएं
कुछ श्मशानों में सुरक्षात्मक दीवार, पानी की सुविधा, पेंटिंग, मरम्मत कार्य, उस स्थान तक पहुंचने के लिए सड़क का निर्माण, ओट का निर्माण, बैठने की व्यवस्था, बिजली की स्थापना और अतिरिक्त कर्मचारियों की आवश्यकता होती है। जब श्मशान का निरीक्षण किया गया तो उस स्थान पर कोई सुविधा नजर नहीं आई। कसारवडवली श्मशान घाट की हालत खस्ता है। यहां पानी, लकड़ी व अन्य सुविधाओं का नामोनिशान तक नहीं है। इसलिए निवासियों को मोघरपाड़ा श्मशान जानाा पड़ता है। कुछ श्मशानों को छोड़कर बाकी जगहों पर कोई आधुनिक सुविधाएं नहीं हैं। ज्यादातर जगहों पर दाह संस्कार के लिए लकड़ी के इस्तेमाल से प्रदूषण ही बढ़ता जा रहा है।

नारकीय दशा में है उल्हासनगर का एक्साइज विभाग का कार्यालय …कीचड़ से सराबोर है रास्ता वातावरण में फैली रहती है बदबू

कचरे की है भरमार मच्छर, चूहों और सांपों का है आतंक
अनिल मिश्रा / उल्हासनगर 
उल्हासनगर कैंप नंबर तीन, इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी के सामने स्थित है एक्साइज विभाग का कार्यालय। राज्य सरकार को अधिक आय एक्साइज विभाग के द्वारा ही होती है, इसके बावजूद एक्साइज विभाग का कार्यालय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। कार्यालय इतनी दयनीय स्थिति में है कि कई लोग उसकी तुलना तबेले से करते हैं। या तबेले से भी बदतर स्थिति कार्यालय की बताते हैं। कार्यालय में व्याप्त गंदगी के चलते मच्छरों का प्रकोप हमेशा बना रहता है। यहां चूहे भी दौड़ते दिखाई देते हैं जो फाइलों को नुकसान पहुंचाते हैं। यही नहीं चूहों के कारण कार्यालय में सांप भी घुस आते हैं। कर्मचारी हमेशा डर के साये में काम करते हैं।
उद्घाटन के इंतजार में नई इमारत
कार्यालय की दशा इतनी खराब है कि सामान तक को व्यवस्थित रखने के लिए जगह नहीं है। एक्साइज कार्यालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस कार्यालय को एसडीओ कार्यालय में बनाई गई इमारत में स्थानांतरित किया जाना है साथ ही कार्यालय में विभाग द्वारा कार्रवाई कर लाए गए सामानों और वाहनों को भी रखा गया था, जिसके कारण सफाई करने में दिक्कत होती थी। कुछ वाहनों की नीलामी भी कर दी गई है और अभी कुछ वाहनों की नीलामी प्रक्रियाधीन है। कार्यालय छोटा है, जिसके कारण गंदगी व्याप्त है। इस कार्यालय के स्थानांतरण के बाद इसको गोडाउन बनाया जाएगा। जिस इमारत में कार्यालय शिफ्ट होगा उसका उद्घाटन मुख्यमंत्री करेंगे, परंतु समय नहीं देने के कारण उद्घाटन कई सालों से नहीं हो पा रहा है। कार्यालय के प्रवेश द्वार के सामने का रास्ता कीचड़ से सराबोर है। कचरे से वातावरण में बदबू पैâली रहती है। कार्यालय में  विभाग के निरीक्षक अधिकारी, उप निरीक्षक अधिकारी, सहायक उपनिरीक्षक अधिकारी से लेकर  कर्मचारी और क्लर्क काम करते हैं, इसके बावजूद इसकी बदहाली को दूर करने के लिर्ए उपाय नहीं किए जा रहे हैं। कार्यालय में उठती बदबू, गंदगी का असर कार्यालनीय कामकाज पर भी पड़ता है।

 

 

 

 

 

 

 

स्वाद यात्रा : कैप्सा लवर का ठिकाना, मुंबई दरबार रेस्टोंरेंट …वेज-नॉनवेज में हैं कई वेराइटीज

संदीप पांडेय

मुंबई में तरह-तरह के डिश लवर हैं। कुछ को वेज फूड में अलग-अलग वेराइटीज पसंद हैं तो वहीं किसी को नॉनवेज डिश के फूड्स। लोग अपनी पसंदीदा फूड की तलाश अलग-अलग रेस्टोरेंट में करते हैं। कुछ की तो ये तलाश पूरी हो जाती है तो वहीं कई की तलाश अधूरी भी रह जाती है। आज हम अपने इस स्वाद यात्रा में कैप्सा लवर का सॉल्यूशन लेकर आए हैं। आज हम आपको एक ऐसे रेस्टोरेंट से परिचय कराएंगे, जहां का कैप्सा काफी मशहूर है फिर चाहे वो वेज कैप्सा हो या फिर नॉनवेज। यह रेस्टोरेंट कोई और नहीं, बल्कि लोअर परेल और करी रोड जंक्शन ब्रिज के पास में स्थित मुंबई दरबार रेस्टोरेंट है।
कभी किसी दोस्त ने मुझे मुंबई दरबार का कैप्सा चखने की सलाह दी थी और आज वो दिन आ ही गया, क्योंकि मैं आज जिस ब्रिज पर खड़ा हूं यह वही ब्रिज है, जिसकी बगल में मुंबई दरबार रेस्टोरेंट स्थित है। अब इतने समय के बाद ऐसा मौका आया है तो फिर भला इस रेस्टोरेंट का कैप्सा चखे बिना कैसे आगे बढ़ सकता हूं। बिना देरी किए हमने रेस्टोरेंट में एंट्री करके एक टेबल पर बैठ गया और इस बार बिना मेन्यू देखे ही पनीर कैप्सा ऑर्डर कर दिया। कुछ देर में हमारा ऑर्डर में हमारे टेबल पर सामने आ गया। पनीर, राइस और ग्रेवी के कॉम्बिनेशन का ये वेज कैप्सा खाकर मजा ही आ गया। इतना ही नहीं, नॉनवेज में चिकन कैप्सा, मटन कैप्सा और प्रॉन्स कैप्सा भी लाजवाब है।
मैं अधिक जानकारी के लिए काउंटर पर पहुंचा तो वहां रेस्टोरेंट के ऑनर पांडुरंग दगडू गुजर से मुलाकात हुई, जिन्होंने मुझे बताया कि मुंबई दरबार साल २००० से सुबह ११.३० से रात १२.३० तक अपने ग्राहकों की सेवा में तत्पर रहता है। रेस्टोरेंट में एसी की भी व्यवस्था है। साथ ही होम डिलिवरी की भी सुविधा है। यहां पार्टीज का भी ऑर्डर लिया जाता है। इस रेस्टोरेंट के कई और भी ऑउटलेट हैं, जो परेल, माहिम, माझगांव और ग्रांट रोड में स्थित है।
वेज डिश – पनीर चिल्ली ड्राई, पनीर क्रिस्पी, पनीर सेजवान कैप्सा, पनीर अरबी कैप्सा, पनीर ईरानी कैप्सा, पनीर हैदराबादी कैप्सा, गार्लिक राइस, मशरूम राइस, गार्लिक राइस विथ ग्रेवी, सिंगापुर राइस और हॉन्ग कॉन्ग राइस इत्यादि।
नॉनवेज डिश – चिकन लॉलीपॉप, बटर चिकन बोनलेस, चिकन बेगम बहार, चिकन दरबार कैप्सा, चिकन टिक्का बोनलेस, चिकन तंदूरी, मुर्ग रोस्टेड मसाला, प्रॉन्स ड्रैगन राइस विथ ग्रेवी, मटन चिल्ली कैप्सा, मटन हैदराबादी कैप्सा और प्रॉन्स मालवाणी कैप्सा इत्यादि।
सूप – स्वीट कॉर्न सूप, दरबार सूप, रॉयल सूप
स्वीट – कैरेमल कस्टर्ड, मटका रबड़ी
पता- शिवस्मूर्ति बिल्डिंग, एन. एम. जोशी मार्ग, लोअर परेल और करी रोड ब्रिज जंक्शन, मुंबई – ४०००१३
कॉन्टैक्ट नंबर- ०२२२३०६१८२६, ०२२२३०६०७०७, ०२२२३०६०८०८, ८७६८००६८००