फिर डिरेल हुई रेल … बदलापुर में मालगाड़ी ने बदला रूट घंटों लोकल व मेल सेवाएं ठप

– ९ ट्रेनें रद्द और १२ ट्रेनें शॉर्ट टर्मिनेट
सामना संवाददाता / बदलापुर
आजकल रेलवे विभाग की खामियों की चलते देश में कहीं न कहीं बड़े रेल हादसे हो रहे हैं। इसी तरह का हादसा कल बदलापुर स्टेशन पर होने से बाल-बाल बचा। कल बदलापुर रेलवे स्टेशन के समीप एक मालगाड़ी मुंबई से कर्जत की तरफ जा रही थी। पांच बजे के करीब मालगाड़ी बदलापुर के मेन लाइन प्लेटफॉर्म नंबर दो की तरफ न जाकर प्लेटफार्म नंबर एक की तरफ चल दी। इस तरह से मालगाड़ी का रूट बदलने से बड़ी घटना घट सकती थी।

बताया जाता है कि मालगाड़ी सिग्नल पार कर दूसरे प्लेटफॉर्म में प्रवेश कर गई। इस घटना के कारण अप ट्रैफिक को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया, जबकि डाउन ट्रैफिक शुरू करने में काफी समय लगा। यह पीक समय के दौरान होने के कारण मध्य रेलवे की सेवा काफी देरी से चली। इस बीच ९ ट्रेनें रद्द और १२ ट्रेनें शॉर्ट टर्मिनेट करनी पड़ीं।
बता दें कि शाम पांच बजे के करीब कल्याण की तरफ से एक मालगाड़ी जेएसडब्लू कंपनी का स्टील का प्लेट लेकर कर्जत की तरफ जा रही थी, जिसे मेन लाइन से आगे जाना था। ऐसा न होकर मालगाड़ी बदलापुर होम प्लेटफॉर्म अर्थात एक नंबर प्लेटफॉर्म की तरफ चल दी। अचानक चालक को रूट बदलने की जानकारी हुई तो चालक ने गाड़ी को रोक दी।
यात्री सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं
यदि चालक ने गाड़ी नहीं रोकी होती और बदलापुर के एक नंबर प्लेटफॉर्म पर कोई लोकल खड़ी होती तो बड़ा हादसा हो जाता। फिलहाल दो घंटे तक बदलापुर, कर्जत, खोपोली लोकल के साथ कई मेल गाड़ियों का आवागमन बंद रहा। कर्जत से कल्याण लोकल को चलाया गया। इस घटना ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न कर दी हैं। रेलवे प्रशासन की तत्परता और सुरक्षा उपायों पर सवाल उठने लगे हैं। लोगों ने इस घटना को लेकर रेलवे प्रशासन की निंदा की है और सुरक्षा उपायों को और अधिक सख्त करने की मांग की है।

कृषि विभाग की विज्ञापनबाजी पर साढ़े चौदह करोड़ का खर्च! … सरकार की शुरू है फिजूलखर्ची

सामना संवाददाता / मुंबई
विधानसभा चुनाव के मद्देनेजर लाडली बहन योजना के विज्ञापनबाजी पर २७० करोड़ की फिजूलखर्ची के बाद भी घाती सरकार की मनमानी रूकने का नाम नहीं ले रही है। अब राज्य सरकार ने कृषि विभाग की विज्ञापनबाजी पर १४.६९ करोड़ रुपए खर्च करने का पैâसला किया है। लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी किसानों की नाराजगी का असर न पड़े इसके लिए कृषि विभाग विज्ञापन अभियान शुरू करने जा रहा है। लोकसभा चुनाव में महिलाओं और किसानों के असंतोष से महायुति को तगड़ा झटका लगा था। इसलिए मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना की घोषणा की गई। विधानसभा चुनाव पर नजर रखते हुए इस योजना को महिलाओं तक पहुंचाने के लिए प्रचार-प्रसार पर २७० करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस बीच किसानों को खुश करने के उद्देश्य से शिंदे ने खरीफ सीजन की बैठक में लोकसभा चुनाव में हार के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हम किसानों के लिए योजना बनाते हैं, लेकिन आप उन योजनाओं को जनता तक नहीं पहुंचाते। इसलिए कृषि विभाग अपनी योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रचार-प्रसार पर साढ़े चौदह करोड़ रुपए खर्च करेगा।
डिजिटल मीडिया में जमकर खर्च
सोशल मीडिया के माध्यम से विज्ञापन पर ढाई करोड़, डिजिटल मीडिया पर एक करोड़, मराठी भाषा में बल्क एसएमएस पर ढाई करोड़, निजी होर्डिंग पर दो करोड़, पोस्टर और बैनर की छपाई पर एक करोड़ चालीस लाख रुपए खर्च किए जाएंगे।

धारावी में सड़क पर उतरे हिंदू संगठन के हजारों लोग! … शिंदे की पुलिस के सामने हत्या से अभी भी तनाव

– पुलिस ने ४ को किया गिरफ्तार, ३ आरोपी फरार
– दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
राजेश जायसवाल / मुंबई
धारावी के राजीव नगर में २६ वर्षीय आरएसएस कार्यकर्ता अरविंद वैश्य की रविवार को सरेआम पुलिसकर्मियों के सामने ही कथित तौर पर तलवार से काटकर हत्या से अभी भी पूरे इलाके में तनाव व्याप्त है। मंगलवार को अरविंद की अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें भारी संख्या में लोग सड़क पर उतर गए थे। इस दौरान हिंदू संगठनों ने गुस्से में जमकर नारेबाजी की और पुलिस स्टेशन के सामने ही हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। हालांकि, पुलिस ने तुरंत भीड़ को काबू करते हुए एक शख्स को हिरासत में लिया और किसी तरह से मामला शांत कराया।
इस मामले में परिमंडल-५ के पुलिस उपायुक्त तेजस्वी सातपुते ने बताया कि रविवार को धारावी में हुई हत्या के सिलसिले में दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। रविवार को दो आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया। इसके साथ ही मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे सरकार
हत्या के बाद हिंदू संगठन काफी नाराज हैं। विश्व हिंदू परिषद के राजीव चौबे ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि अरविंद वैश्य हिंदू था। वह आरएसएस से जुड़ा था इसलिए उसकी पुलिस के सामने निर्मम हत्या की गई, इससे अधिक दुर्भाग्य की बात और क्या हो सकती है। अरविंद की गलती थी कि उसने पुलिस स्टेशन में आकर पुलिस से मदद मांगी थी। सरकार हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे। महाराष्ट्र सरकार से हमारी मांग है कि मारे गए वैश्य परिवार को मुआवजा दिया जाए और अरविंद की हत्या में कुल सात हमलावर शामिल थे, पुलिस फरार आरोपियों को गिरफ्तार करे और मामले की जांच कर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।

एनडीए में बिखराव … नहीं `चलेंगे’ भाजपा के साथ!… बीजेपी की पदयात्रा में सपोर्ट देने से एचडी कुमारस्वामी का इनकार

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
जेडीएस नेता और केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्‍वामी ने बीजेपी को चौंकाते हुए कहा है कि वो कर्नाटक में उनकी पदयात्रा का समर्थन नहीं करेंगे। कर्नाटक में मुख्‍य विपक्षी दल बीजेपी, मुख्‍यमंत्री सिद्दारमैया के नेतृत्‍व वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ ३ से १० अगस्‍त के बीच पदयात्रा निकालने जा रही है। सिर्फ इतना ही नहीं कुमारस्‍वामी ने यहां तक कह दिया कि वो इस मामले में बीजेपी को नैतिक समर्थन तक नहीं देंगे। जेडीएस और बीजेपी का कर्नाटक में गठबंधन है और कुमारस्‍वामी केंद्र में भारी उद्योग और इस्‍पात मंत्री हैं।
पत्रकारों ने जब उनसे वजह पूछी तो उन्‍होंने कहा कि हम एनडीए सरकार में बीजेपी के सहयोगी दल हैं, लेकिन उन्‍होंने अपनी पदयात्रा के लिए हम लोगों से पूछना जरूरी नहीं समझा। हमसे कोई सलाह नहीं ली गई। हमारी कोर कमेटी की मंगलवार को बैठक हुई, उसमें इस मुद्दे पर बीजेपी को समर्थन नहीं देने का पैâसला लिया गया। उन्‍होंने कहा कि केरल में भारी बारिश के कारण सैकड़ों लोगों की जान जोखिम में पड़ गई है और जो लोग वहां गए हैं, उनका लौटना फिलहाल मुश्किल हो रहा है। इन सबके बीच बीजेपी ने बिना किसी सलाह-मशविरे के अपने आप पदयात्रा का प्‍लान बना लिया। ऐसी परिस्थिति में जब केरल में हालात इतने खराब हैं, तो ऐसे वक्‍त पर इस तरह की पदयात्रा का विचार उचित नहीं है। ये वक्‍त प्रभावितों की मदद का है और उनकी भावनाओं से जुड़ने का है। कुमारस्‍वामी के इस स्‍टैंड से बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है, क्‍योंकि वो अपनी पदयात्रा में जेडीएस का भी समर्थन चाह रही थी।

भाजपा ने दिया अनुराग ठाकुर को नया टास्क … ९९ बार गाली खाकर आओ तभी मंत्री बनोगे! … अखिलेश का अनुराग पर तीखा हमला

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
इन दिनों संसद में जमकर हंगामा हो रहा है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी के नेता और हिमाचल प्रदेश स्थित हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर पर तीखा हमला किया है। अखिलेश यादव ने अनुराग ठाकुर पर तंज कसा है। अखिलेश ने कहा कि अनुराग ठाकुर से कहा गया है, `९९ बार गाली खाकर आओ, तब आप मंत्री बनोगे।’ सपा नेता ने कहा कि आप हरेक पर नजर रखते हैं। एक समय ऐसा आया था यूपी के सदन में जहां शूद्र को लेकर कई चर्चा शुरू हो गई थी। जब मैं मंदिर के दर्शन करने गया, तो कई ताकतें नहीं चाहती थीं कि मैं पूजा-पाठ, हवन-पूजन करूं। वो दिन मैं नहीं भूल सकता, जिस दिन सीएम आवास को गंगाजल से धोया गया था। किसी सीएम के घर को गंगाजल से वैâसे साफ किया जा सकता है। यूपी के पूर्व सीएम ने कहा कि बीजेपी पीडीए से घबराई हुई है। हमारे पीडीए ने एमवाई को हराने का काम किया है। जाति जनगणना होनी चाहिए, पता चले कि किसकी कितनी संख्या है।
भाजपा पर बोला हमला
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, `ये जाति का सवाल नया नहीं है, जाति का सवाल बहुत पुराना है। जाति का सवाल जिसे जानना है उसे डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की किताब एनिहिलेशन ऑफ कास्ट जरूर पढ़नी चाहिए। इनके (बीजेपी) पास क्या जाति तोड़ो आंदोलन का कोई विकल्प है। जिसको जाति को लेकर दिक्कत और परेशानी है उसे मंडल कमीशन की किताब आज ही खरीद लेनी चाहिए और प्रस्तावना पढ़नी चाहिए। अगर जाति जनगणना की मांग हो रही है तो इसमें कोई गलत नहीं है। हमारे बहुत सारे पैâसले और नीतियां तभी अच्छे होंगे जब जाति जनगणना होगी।

ट्रैफिक विभाग हुआ मालामाल! … लोक अदालत के जरिए रु. ४,९७,१८,४५० दंड वसूली

ठाणे ट्रैफिक पुलिस उपायुक्त डॉ. विनयकुमार राठौड़ ने बताया कि ९० लाख ५३ हजार ६५० रुपये का जुर्माना वसूला गया है। साथ ही राष्ट्रीय लोक अदालत को मिले अच्छे प्रतिसाद को देखते हुए सुलह अदालतों में लंबित मामलों को निपटाने का अभियान सितंबर २०२४ में फिर से चलाया जाएगा। हालांकि, ठाणे परिवहन विभाग सभी नागरिकों से अपील करता है कि वे इस अभियान का पूरा लाभ उठाएं।

सामना संवाददाता / ठाणे
राष्ट्रीय लोक अदालत में ठाणे शहर पुलिस आयुक्तालय के ठाणे यातायात विभाग में दायर ८ हजार ४४४ मामलों का निपटारा किया गया और ७४ लाख ७५ हजार ०५० रुपए का जुर्माना वसूला गया। साथ ही लोक अदालत के संबंध में भेजे गए नोटिस के कारण नागरिकों ने ४ करोड़ ९७ लाख १८ हजार ४५० रुपए की जुर्माना राशि का भुगतान किया है और २७ जुलाई २०२४ को लोक अदालत के दिन २ चालान के तहत कुल १८ लाख ६० हजार १५० रुपए की राशि का भुगतान किया गया है। एक हजार ६८५ चालान का भुगतान वाहन चालकों ने सीधे किया है।
बता दें कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत जुर्माना लगाया जाता है। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस के रजिस्टर्ड मोबाइल फोन पर जुर्माना चालान भेजकर जुर्माना राशि वसूल की जाती है। जुर्माना देने में लापरवाही बरतने वाले मोटर चालकों पर मुकदमा चलाया जाता है। लेकिन ऐसे कई मामले लंबित हैं और अदालत उन मामलों को निपटाने के लिए हर तीन महीने में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन करती है। इस दौरान अधिक से अधिक वाहन चालकों, आम नागरिकों को लोक अदालत तथा उनके विरूद्ध दायर मामलों में समझौता कराकर जुर्माने की राशि वसूल कराई जाती है। २७ जुलाई २०२४ को ठाणे आयुक्तालय की सभी अदालतों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया था। चूंकि लोक अदालत के महत्व को पहले ही हेल्प डेस्क के माध्यम से आम जनता तक पहुंचाया जा चुका है, इसलिए इस बार ठाणे आयुक्तालय को जनता से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली और जुर्माना वसूला जा सका है।

मीरा रोड के पात्र फेरीवालों को मिलेगी जगह …आयुक्त के आश्वासन के बाद आमरण अनशन समाप्त

– शांतिनगर में जगह को लेकर ७ दिनों से कर रहे थे अनशन
प्रेम यादव / भायंदर
शांतिनगर में जगह को लेकर फेरीवालों का पिछले सात दिनों से जारी आमरण अनशन कल समाप्त हो गया। अनशन का नेतृत्व ‘आजाद हॉकर्स यूनियन’ के जय सिंह कर रहे थे। मनपा आयुक्त के आश्वासन के बाद फेरीवालों ने अनशन खत्म किया।
मीरा रोड के शांतिनगर में अक्टूबर में मनपा की कार्रवाई के बाद हटाए गए फेरीवालों ने भायंदर-पश्चिम में सुभाषचंद्र बोस मैदान के बाहर सात दिनों तक आमरण अनशन किया। मनपा आयुक्त ने पात्र फेरीवालों को जगह देने का आश्वासन दिया, जिसके बाद अनशन समाप्त हो गया।
मीरा रोड स्टेशन से जैन मंदिर तक की लगभग ३०० मीटर लंबी सड़क पर २२ अक्टूबर २०२३ से पहले ४०० से अधिक फेरीवालों ने कब्जा जमा रखा था। ३० फीट चौड़ी इस सड़क के १५-२० फीट हिस्से पर फेरीवालों का नियंत्रण था, जिससे वहां गाड़ियों का आना-जाना ही नहीं, बल्कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया था। सैकड़ों शिकायतों के बावजूद फेरीवालों की दादागिरी और मनमानी पर कोई लगाम नहीं लगाई जा सकी थी, जिससे स्थानीय निवासियों और दुकानदारों को भारी परेशानी हो रही थी।
स्थिति तब गंभीर हो गई, जब २२ अक्टूबर २०२३ को सुरेंद्र राजपुरोहित नामक एक दुकानदार पर फेरीवालों ने इसलिए हमला कर दिया, क्योंकि उन्होंने अपनी दुकान के सामने एक फेरीवाले को गाड़ी पार्किंग से रोका था। इस घटना के बाद स्थानीय दुकानदारों ने फेरीवालों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

जय सिंह ने कहा कि भले ही मनपा आयुक्त ने पात्र फेरीवालों को बैठने के लिए जगह उपलब्ध कराने की बात कही हो, यह हमारी जीत है। हाई कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यदि पात्रता के मापदंड पर अमल हुआ तो सभी फेरीवालों को फिर से जगह मिल जाएगी। उन्होंने इस लड़ाई को फेरीवालों के हक और न्याय की जीत बताया। हालांकि, उन्होंने कहा लिखित आश्वासन का इंतजार है। लिखित आश्वासन मिलने के बाद ही पूर्ण रूप से आंदोलन खत्म किया जाएगा।

राहुल गांधी ने फूंका सामाजिक न्याय की लड़ाई का बिगुल! … कांग्रेस का दावा

सामना संवाददाता / मुंबई
समाज के सभी घटकों को जनसंख्या के अनुपात में न्याय और अधिकार मिले, इसके लिए जातिवार जनगणना कराना आवश्यक है। कांग्रेस पार्टी और इंडिया गठबंधन में उसके सहयोगी दल जातिवार जनगणना कराने के लिए कटिबद्ध हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी जातिवार जनगणना का कड़ा विरोध कर रही है। लोकसभा में जब नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जातिवार जनगणना का मुद्दा उठाया तो भाजपा के अनुराग ठाकुर ने कहा कि जिसकी जाति का कोई अता-पता नहीं है, वे जातिवार जनगणना की मांग कर रहे हैं। उन्होंने इस तरह का बयान देकर इस देश के बहुजन और पिछड़ी जनजाति के लोगों का अपमान करके भाजपा की मनुवादी प्रवृत्ति को दर्शाया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सामाजिक न्याय की लड़ाई का बिगुल फूंक दिया है और भाजपा चाहे जितना भी विरोध कर ले, फिर भी देश में जातिवार जनगणना होगी ही। इस तरह का हमला महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने किया है। साथ ही उन्होंने आंदोलन की भी चेतावनी दी है।
मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने हिंदुस्थान के ८० प्रतिशत से अधिक बहुजन समाज का अपमान किया है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस भाजपा के इस रवैये की निंदा करती है। भाजपा का एजेंडा जाति और धर्म के आधार पर राजनीति करना है। लोकसभा सदन में विरोधी पक्षनेता की जाति को पूछनेवाले लोग उसी मानसिकता के हैं, जिन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक को इनकार कर दिया था। इन्हीं लोगों ने जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज, महान समाज सुधारक गोपाल गणेश आगरकर, महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले, लोकराजा राजर्षि शाहू महाराज, विट्ठल रामजी शिंदे, महापुरुष डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, पेरियार, प्रबोधनकार ठाकरे जैसे महान महापुरुष के कामों में अड़चनें पैदा किए थे। जिन समाज सुधारकों, महापुरुषों ने समाज में वंचितों, दलितों, दीनों और कमजोरों की आवाज उठाई, उन सभी को अपमान, उत्पीड़न और अयोग्य आलोचना का सामना करना पड़ा। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने दिखा दिया है कि २१वीं सदी में भी ये रवैया कायम है।

विज्ञापन में झूठी सुविधाओं की घोषणा करने वाले डेवलपर्स पर कसेगी नकेल! … महारेरा का निर्णय

सामना संवाददाता / मुंबई
ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कई डेवलपर्स विज्ञापन देते हैं कि आवास परियोजना स्विमिंग पुल सहित कई पांच सितारा सुविधाएं प्रदान करेगी, लेकिन अक्सर ये सुविधाएं वास्तव में मुहैया नहीं कराई जातीं या फिर समय पर नहीं मिल पातीं। लेकिन अब डेवलपर्स की इस धोखाधड़ी पर लगाम लगेगी। यानी अब डेवलपर्स की नकेल कसेगी। महारेरा ने अब डेवलपर्स के लिए परियोजना में सभी सुविधाओं का विवरण उस तारीख के साथ घोषित करना अनिवार्य कर दिया है जब वे महारेरा पंजीकृत परियोजनाओं को प्रदान की जाएंगी। यह जानकारी अब अनुबंध १ में बिक्री समझौते के हिस्से के रूप में प्रदान की जानी आवश्यक होगी।
हाउसिंग प्रोजेक्ट में स्विमिंग पुल, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, थिएटर, एक्सरसाइज स्कूल जैसे कई पहलू शामिल हैं। इनमें से कई सुविधाएं और छूट जरूरी नहीं कि वास्तव में आगे बढ़ने के बाद ही उपलब्ध हों। न ही उन्हें घर के कब्जे के समय ही उपलब्ध कराया जाता है। बड़ी परियोजनाओं के कई चरण होते हैं। ऐसे में इस आखिरी चरण में कई सहूलियतें मिल सकती हैं। इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, महारेरा ने अब डेवलपर्स के लिए सुविधाओं के सभी विवरण प्रदान करना अनिवार्य कर दिया है, जिसमें वह तारीख भी शामिल है जब वे उपलब्ध होंगी। प्रमुख परियोजनाओं में चरणवार उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं का तिथिवार ब्यौरा देना भी अनिवार्य कर दिया गया है। घर खरीदारों के लिए इसके महत्व को ध्यान में रखते हुए महारेरा द्वारा इस प्रावधान को अपरिवर्तनीय बना दिया गया है। महारेरा की ओर से ऐसा आदेश जारी किया गया है और इसके बाद इसे महारेरा में रजिस्टर्ड सभी हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर लागू कर दिया गया है।
अब बिक्री समझौते के अनुबंध १ में सुविधाओं का विवरण देना भी अनिवार्य होगा। यह छठा प्रावधान पहले से प्रमाणित बिक्री अनुबंधों में प्राकृतिक आपदा, दायित्व अवधि, मैट क्षेत्र, स्थानांतरण और पार्किंग के कृत्यों के बाद अपरिवर्तनीय होगा। अब से मॉडल बिक्री समझौते की अनुसूची में इन सुविधाओं और सुविधाओं का व्यापक विवरण प्रदान करना भी अनिवार्य होगा।
परिवर्तनों का विवरण भी आवश्यक है
सुविधाओं या सार्वजनिक क्षेत्रों में किसी भी बड़े सुधार, परिवर्तन, स्थानांतरण या मरम्मत के लिए महारेरा की मंजूरी आवश्यक है। महारेरा की मंजूरी के बिना इन बदलावों पर विचार नहीं किया जाएगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि डेवलपर द्वारा स्थान और सुविधाओं की संख्या में एकतरफा बदलाव नहीं किया जा सकता है। इसके लिए उन्हें २/३ निवासियों की सहमति की आवश्यकता होगी। बताया जा रहा है कि महारेरा के ये नए नियम सुविधाओं के नाम पर उपभोक्ताओं से धोखाधड़ी को रोकेंगे।

 

 

आखिरकार सुधाकर शिंदे का हुआ ट्रांसफर …शिंदे के फैसलों को क्या रद्द करेगी सरकार? …नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार का तीखा सवाल

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा के अतिरिक्त आयुक्त सुधाकर शिंदे नियमों के खिलाफ जाकर कामकाज कर रहे थे, ऐसे में उनका आखिरकार तबादला कर दिया गया है। हालांकि, नियमों के विपरीत पद पर बैठे अधिकारी द्वारा आठ महीनों में लिए गए पैâसलों को क्या सरकार रद्द करेगी? इस तरह का तीखा सवाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने ईडी सरकार से पूछा है। मीडिया से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेवट्टीवार ने कहा कि नियमों के खिलाफ जाकर मुंबई मनपा के अतिरिक्त आयुक्त के तौर पर कामकाज हाथ में लेनेवाले सुधाकर शिंदे का आखिरकार ट्रांसफर हो गया है। इसे लेकर हमने लगातार फॉलोअप किया था। नवंबर २०२३ के बाद सुधाकर शिंदे की सेवा में विस्तार नहीं दिया जा सकता है। इस तरह का साफ उल्लेख ट्रांसफर के आदेश में किया गया है। इसलिए नवंबर २०२३ से जुलाई २०२४ इन आठ महीनों में सुधाकर शिंदे द्वारा लिए गए पैâसलों की जांच होनी चाहिए।
विजय वडेवट्टीवार ने कहा कि आठ महीनों में सुधाकर शिंदे के लिए गए पैâसलों पर अपनी भूमिका शिंदे सरकार स्पष्ट करे।