टी-२० विश्वकप के जीत की खुमारी भारतीय लोगों के सिर से अभी तक उतर नहीं पाई है। उधर जिम्बाब्वे दौरे पर गए भारत के धुरंधरों को जिम्बाव्वे ने धूल चटाई है। जी हां, वही जिम्बाब्वे की टीम जो विश्वकप में क्वॉलिफाई भी नहीं कर पाई थी। बता दें कि कल जिम्बाब्वे और इंडिया के बीच मैच खेला गया। मेजबान टीम ने ५ मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले को १३ रनों से अपने नाम किया। शुभमन गिल की कप्तानी वाली भारतीय टीम ११६ रनों का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाई। इस साल टी-२० इंटरनेशनल में भारत की यह पहली हार है। पहले खेलते हुए जिम्बाब्वे ने ९ विकेट पर ११५ रन बनाए थे। भारतीय पारी १०२ रनों पर सिमट गई। भारतीय टीम के विकेट गिरने का सिलसिला पहले ही ओवर में शुरू हो गया। अभिषेक शर्मा बिना कोई रन बनाए पैवेलियन लौट गए। तीसरे नंबर पर उतरे ऋतुराज गायकवाड़ भी सिर्फ ७ रन ही बना सके। रियान पराग के बल्ले से २ रन निकले तो रिंकू सिंह का खाता नहीं खुला। भारत के लिए वाशिंगटन सुंदर अंत तक लड़ते रहे। ६१ रन पर ७ विकेट गिरने के बाद आवेश खान और वाशिंगटन सुंदर के बीच २३ रनों की साझेदारी हुई। आवेश १६ रन बनाकर आउट हुए तो सुंदर अकेले पड़ गए। आखिरी तीन ओवर में भारत को ३० रनों की जरूरत थी। १८वें ओवर में १२ रन बने। सुंदर सामने ११वें नंबर का बल्लेबाज होने की वजह से सिंगल भी नहीं ले सकते थे। १९वें ओवर में मुजरबानी ने सिर्फ २ रन दिए। आखिरी ओवर की ५वीं गेंद पर सुंदर २७ रन बनाकर आउट हो गए।
मुंबई पुलिस की गुंडागर्दी! …शिवसेना के पूर्व नगरसेवक के साथ की मारपीट
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई पुलिस की गुंडागर्दी एक बार फिर से सामने आई है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पूर्व नगरसेवक वसंत नकाशे से धारावी पुलिस ने न केवल बदतमीजी की बल्कि उनके साथ मारपीट भी की। इस घटना की जानकारी मिलते ही महाविकास आघाड़ी के पदाधिकारियों ने धारावी पुलिस थाने में प्रदर्शन करते हुए नारे भी लगाए। स्थिति बिगड़ती देख डीसीपी तेजस्विनी सातपुते ने बीच-बचाव का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बात न मानते हुए जमकर नारेबाजी की। बाद में पुलिस उपायुक्त ने उक्त अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। वसंत नकाशे ने बताया कि उनकी गलती न होने पर भी पीआई हंसराज अलसपुर ने उनके साथ मारपीट की।
पुराने ट्रकों पर प्रतिबंध की होगी समीक्षा!
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में ८ साल से अधिक पुराने ट्रकों पर प्रतिबंध लगाने की फिर से समीक्षा होगी। यह बात परिवहन आयुक्त विवेक भंवर ने कही है। इस प्रतिबंध का आदेश मुंबई हाई कोर्ट ने १९९० में दिया था। आज प्रौद्योगिकी और उत्सर्जन नियंत्रण में काफी सुधार हुआ है और अब ट्रक पहले की तरह प्रदूषण नहीं फैला रहे हैं। ऐसे में बीजीटीए के ७५वीं वर्षगांठ पर आयोजित प्लैटिनम जुबली समारोह में यह बात उठाई गई।
नई मुंबई के सिडको प्रदर्शनी एवं कन्वेंशन सेंटर में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया किया गया, जिसमें सड़क परिवहन में दक्षता, स्थिरता और समावेशिता को बढ़ावा, प्रौद्योगिकी अपनाने और युवाओं एवं महिलाओं की भागीदारी पर प्रकाश डाला गया। इस दौरान केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल का संदेश वीडियो के जरिए दिया गया। इस दौरान टास्क फोर्स के कार्यकारी अध्यक्ष पाशा पटेल, पूर्व परिवहनव व गृह मंत्री सतेज पाटील, डॉ. अविनाश ढाकने, परिवहन आयुक्त विवेक भंवर, संयुक्त जीएसटी आयुक्त जयंत पाटील, अतिरिक्त परिवहन आयुक्त जीतेंद्र पाटील, बीजीटीए अध्यक्ष सुरेश खोसला, आयोजन समिति अध्यक्ष बल मलकीत सिंह, संयोजक अशोक गोयल, एआईएमटीसी अध्यक्ष अमृतलाल मदान, एआईएमटीसी चेयरमैन डॉ. जी आर शनमुगप्पा की मौजूदगी में परिवहन बिरादरी के विभिन्न मुद्दे और अपेक्षाएं सभी के सामने रखा गया। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र और देश के बाकी हिस्सों से परिवहन से जुड़े १५०० से अधिक सदस्यों ने भाग लिया।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में भाजपा के आयोजित कार्यक्रम को लेकर एनएसयूआई का हंगामा
उमेश गुप्ता / वाराणसी
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ द्वारा परिसर में दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। परिसर में स्थित गांधी अध्ययनपीठ में किसी को कार्यक्रम करने की अनुमति दे दी जाती है तो किसी को अनुमति के बाद शासन के दबाव में कार्यक्रम की अनुमति को रद्द कर दिया जाता हैं।
उक्त बातें युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष व महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पूर्व महामंत्री विकास सिंह ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय के गांधी अध्ययनपीठ सभागार में आयोजित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती की अनुमति के लिए आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान कही।
प्रदेश प्रभारी सचिव सरिता पटेल ने कहा कि विद्यापीठ प्रशासन दोहरा चरित्र अपना रहा है और शिक्षा के मंदिर में विद्वेष फैलाने का कार्य कर रही है। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर शासन के दबाव में कार्य करने का आरोप लगाया। साथ ही उक्त अनुमति को तत्काल रद्द करने के लिए कुलपति के कार्यालय का घेराव किया और उन्हें ज्ञापन सौंपा।
बांगा की सेवानिवृत्ति पर भव्य समारोह संपन्न
सामना संवाददाता / मुंबई
वडाला स्थित मुंबई पब्लिक स्कूल दोस्ती एकर्स स्कूल समूह के प्राचार्य वामनराव महाडिक मनपा हिंदी स्कूल क्रमांक -1 की प्रधानाध्यापिका जसपाल कौर बांगा का सेवा संपूर्ति सम्मान समारोह एवं प्रीतिभोज का आयोजन स्कूल द्वारा किया गया। जिसमें सभी ने सत्कारमूर्ति का शाल, श्रीफल, पुष्प गुच्छ एवं भेट वस्तु देकर यादगार सत्कार किया। समारोह में अध्यक्ष के रूप में पूर्व बीट ऑफिसर जगदीश गायकवाड एवं अतिथियों में विधायक तमिल सेल्वन, उपशिक्षणाधिकारी सीमा चतुर्वेदी, अधीक्षक मुख्तार शाह, ऍडमिनिस्ट्रीव ऑफिसर किसन पावडे पाटील, बालभारती हिंदी प्रथम भाषा के अध्यक्ष पूर्व प्रशासकीय अधिकारी रामहित यादव , बीट ऑफिसर्स किरण डिसिल्वा, पूजा पाटील, मोहिनी कावले, कनिष्ठ पर्यवेक्षक मधुकर माली, श्याम कन्हैया राय, नरसिंह राय, पूर्णिमा पांडे, उपेंद्र राय, उग्रसेन सिंह, साहित्यकार राम अवतार यादव, हरेंद्र सहदेव यादव सहित सैकड़ों गणमान्य उपस्थित थे। समारोह को संबोधित करते हुए ‘बीएमसी इज द बेस्ट स्कूल इन मुंबई’ का अभियान चलाने वाले समाजसेवी शिक्षाविद् चंद्रवीर बंशीधर यादव ने कहा कि बांगा की कमी शिक्षा जगत को खलेगी।क्योंकि वे विद्यार्थियों के साथ ही शिक्षकों के लिए पूज्यनीय हैं।
वाराणसी जिला मुख्यालय पर किन्नरों ने किया हंगामा
चौकी इंचार्ज को निलम्बित करने की मांग
पिछले दिनों बसंतपट्टी में नेग के विवाद को लेकर हो गई थी मारपीट
उमेश गुप्ता / वाराणसी
पुलिस कार्रवाई से नाराज किन्नर समाज ने पहले तो रोहनिया थाने पर प्रदर्शन किया। शनिवार को वह उसी मामले को लेकर जिला मुख्यालय कचहरी पहुंच गये और मुख्य द्वार पर जमकर हंगामा किया। वहीं सड़क पर लेट गए। उस समय अधिवक्ता और वादकारी अपने घरों को लौट रहे थे। किन्नरों से रास्ता जाम होने के कारण अधिवक्ता, वादकारी और पुलिसकर्मी मुख्यालय गेट पर रुके रहे। मौके पर उच्चाधिकारी को बुलाने की मांग को लेकर किन्नरों ने लगभग आधे घंटे तक प्रदर्शन किया। किन्नर पिछले दिनों उनके समाज के लोगों के साथ मारपीट के आरोपितों को छोड़ने का आरोप लगा रहे थे और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। इस मामले में गंगापुर चौकी प्रभारी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उन्होंने निलंबित करने की मांग की। बाद में अधिकारियों के समझाने और ज्ञापन लेने के बाद मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन मिला तो किन्नर शांत हुए।
बताया जाता है कि दो जुलाई को रोहनिया थाना क्षेत्र के गंगापुर चौकी के बसंतपट्टी गांव में किन्नरों ने जमकर हंगामा किया। यहां नेग देने के नाम पर किन्नरों से मारपीट हो गई। इसके बाद किन्नरों ने थाने पर अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया था। किन्नरों का बवाल इतना बढ़ गया था कि किन्नर जीटी रोड पर प्रदर्शन करने लगे थे। पुलिस के काफी मान मनौव्वल के बाद शांत हुए। बसंतपट्टी गांव के फागू राजभर के घर 5 जून को शादी थी। शादी के बाद सभी कहीं गए हुए थे, जब आए तो किन्नरों को बुलाकर अपने यहां किन्नरों से सोहर गीत गवाया व उन्हें 5 हजार रुपए भी दिए। नेग लेने के बाद सभी किन्नर लौट रहे थे कि किन्नरों से फागू के पड़ोसी जयप्रकाश राजभर कुलदीप राजभर व गीता राजभर सहित दो अज्ञात लोगों की किन्नरों से गाली गलौज शुरू हो गई। किन्नरों ने मारपीट का आरोप लगाया और प्रदर्शन करने लगे। डायल 112 को भी सूचित किया। पुलिस पहुंची तब भी मारपीट हो रही थी। मारपीट में किन्नर पक्ष से रंजन, माही, आकांक्षा तो दूसरे पक्ष से जयप्रकाश, गीता व कुलदीप घायल हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस दोनों पक्षों को थाने ले आई। थाने पर कार्यवाही न होता देख किन्नर थाने के मुख्य गेट के सामने जीटी रोड पर अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करने लगे थे। अब इस मामले को लेकर कचहरी पर प्रदर्शन किया।
उल्हासनगर मनपा एक माह तक लोगों को पढ़ाएगी सफाई का पाठ
सामना संवाददाता / उल्हासनगर
उल्हासनगर में बढ़ती गंदगी, उससे क्या परिणाम होता है? इसे शहरवासियों को बताने के लिए एक जुलाई से 31अगस्त 2024 तक शहर के कोने-कोने में सफाई का संदेश दिया जा रहा है। इस अभियान में परिसर के प्रतिष्ठित व्यक्ति को साथ लेकर सफाई विभाग के लोगों को साथ लेकर स्थानीय लोगों में जनजागृति फैलाई जा रही है।
उल्हासनगर में सफाई को लिए करीबन बारह सौ मनपा कर्मचारी, कोणार्क कचरा उठाने व उल्हासनगर चार, पांच की सफाई का ठेका कोनार्क को दिया गया है। प्रतिदिन कई लाख खर्च करने के बावजूद सफाई नहीं हो पा रही है।उल्हासनगर कचरा नगर बन गया है। इसी क्रम में 5 जुलाई 2024 को उल्हासनगर महानगरपालिका के प्रशासक /आयुक्त अजीज शेख, स्वास्थ्य उपायुक्त डॉक्टर सुभाष जाधव, डॉक्टर किशोर गवास, अतिरिक्त आयुक्त मनीष हिवरे, मुख्य स्वछता निरीक्षक एकनाथ पवार, विनोद केने, सार्वजनिक स्वच्छता निरीक्षक राजेश थेटे, गाविद, जितेंद्र राठी, इनके द्वारा संतोष नगर में “सफाई अपनाओ बीमारी भगाओ” इस तरह का स्वच्छता जन जागरूकता अभियान चलाया गया। इस मौके पर कांग्रेस पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष राधाचरन करोतिया के साथ पैनल नंबर 12 के मुकादम हर्षल भेनवाल, ऋतिक गायकवाड अन्य कर्मचारियों की उपस्थिति रही। इस अभियान में उल्हासनगरवासियों से भी सफाई में सहयोग देने की अपील की गई।
विश्व जागृति मिशन द्वारा गुरुपूर्णिमा पर्व का आयोजन
सामना संवाददाता / ठाणे
विश्व जागृति मिशन के संस्थापक विश्वविख्यात संत परम पूज्य श्री सुधांशु जी महाराज का आगमन धर्मनगरी ठाणे में मिशन के काजूपाड़ा आश्रम पर रविवार 7 जुलाई 2024 को सुबह 11 बजे हो रहा है। गुरुपूर्णिमा पर विशेष कार्यक्रम दर्शन पादुका पूजन के साथ विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है।
कार्यक्रम सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक चलेगा। आप सभी से निवेदन है कि सपरिवार पधारकर दर्शन और महाप्रसाद का लाभ ले। निवेदक मिशन के प्रमुख एस. एस. अग्रवाल तथा कार्यक्रम से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए घनश्याम मिश्र से उनके मोबाइल नंबर 9969260304 से प्राप्त की जा सकती है।
छात्रों का पोषण आहार खा गए ठेकेदार! … लोकायुक्त ने दिए जांच के आदेश
९५ प्रतिशत चालान पर स्कूल के स्टैंप या हस्ताक्षर नहीं
१० करोड़ रुपए से अधिक के राशन का फर्जीवाड़ा
सामना संवाददाता / मुंबई
सरकारी स्कूलों में बांटने के लिए आया सरकारी राशन अधिकारियों के साथ मिलकर ठेकेदार हड़प गए हैं। मामले का खुलासा एक स्कूल की तरफ से की गई शिकायत की जांच के बाद हुआ है। जांच में पाया गया कि ठेकेदार द्वारा स्कूलों के जो चालान जमा किए हैं, उसमें से ९५ प्रतिशत चालान पर स्कूल के स्टैंप या हस्ताक्षर नहीं हैं। इस मामले में शिकायत लोकायुक्त तक पहुंचने पर अब लोकायुक्त ने शिक्षण अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों की मानें तो ठेकेदार छात्रों को बांटने के लिए दिए दस करोड़ रुपए से अधिक का राशन हड़प गया है। इससे सरकारी स्कूलों में छात्रों को बांटनेवाले राशन में बड़ा घोटाला सामने आया है।
बता दें कि राज्य सरकार द्वारा शालेय पोषण आहार योजना के तहत सरकारी स्कूल के छात्रों को पोषण आहार के लिए राशन वितरित करती है। इसके लिए स्कूलों में अनाज वितरण का ठेका आकाश ग्राहक सहकारी संस्था मर्यादित को दिया गया था, लेकिन आकाश ग्राहक सहकारी संस्था की तरफ से ९५ प्रतिशत स्कूलों में अनाज वितरण नहीं किया गया। ठेकेदार द्वारा इन स्कूलों का फर्जी हस्ताक्षर कर बिल जमा कर दिया गया।
इस बिल पर स्कूलों का स्टैंप नहीं था। बताया गया कि स्कूल बंद होने के कारण स्टैंप नहीं मिल सका। इसकी शिकायत शिक्षण विभाग से की गई। इसके बाद शिक्षण विभाग के उप शिक्षणाधिकारी अजय वाणी द्वारा मुंबई के स्कूलों में जांच की गई तो पाया कि ९५ प्रतिशत स्कूलों में अनाज वितरण हुआ ही नहीं है। इस पर शिक्षण विभाग की तरफ से राज्य शिक्षण विभाग और पुणे शिक्षण आयुक्त से इस संदर्भ में कार्रवाई करने के लिए सिफारिश की गई है, लेकिन इस मामले में एक साल बीत जाने के बावजूद कार्रवाई नहीं होने पर कुछ लोगों द्वारा लोकायुक्त से इस संदर्भ में शिकायत की गई। लोकायुक्त ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच शुरू कर दी है। मामले में शिक्षण अधिकारी से मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में ठेकेदार के साथ कई अधिकारियों के शामिल होने के कारण कई लोगों पर गाज गिरने की संभावना जताई जा रही है।
ठेकेदार द्वारा सरकारी स्कूल का अनाज हड़पकर बाजार में बेच दिया गया है। सबसे बड़ी बात कि स्कूलों का फर्जी चालान बनाया गया। इस संदर्भ में खुद स्कूल की तरफ से भी शिकायत की गई है, लेकिन अभी तक शिक्षण विभाग की तरफ से किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है। इसके लिए लोकायुक्त से शिकायत की थी। अब इस मामले में लोकायुक्त ने जांच शुरू की है। -एड. कैलाश लोकरे, शिकायतकर्ता
संपादकीय : स्वागत अभूतपूर्व, लेकिन…
विश्वविजेता भारतीय क्रिकेट टीम का मुंबई में अभूतपूर्व स्वागत किया गया। भारतीय क्रिकेट टीम ‘टी-२०’ वर्ल्ड कप जीतकर स्वदेश लौट आई। टीम के भारत पहुंचने पर पहले उन्हें दिल्ली में उतरवाकर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उनका स्वागत किया गया। बाद में विजेता टीम मुंबई आई। कई लोगों को आश्चर्य हुआ होगा कि इस बार दिल्ली से टीम की उड़ान को गुजरात क्यों नहीं भेजा गया; लेकिन खबर है कि टीम के जलसे के लिए गुजरात से खासतौर पर डबल डेकर बस (ओपन) मंगवाई गई। ‘बेस्ट’ की डबल डेकर बसें मुंबई में सबसे अच्छी हैं और ऐसी बसों में पहले भी ऐसे उत्सव और जुलूस मनाए जाते रहे हैं। फिर भी बस गुजरात से आई, यह मजेदार है। नरीमन पॉइंट पर समुद्र के साक्ष्य में विजयी क्रिकेट टीम का स्वागत करने और उसे देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग उमड़ पड़े। जिस तरह से भीड़ में लोगों का उत्साह और खुशी उमड़ रही थी, उसे देखकर लगा कि देश की सारी समस्याएं खत्म हो गई हैं। क्या ऐसा मान लें कि ‘टी-२०’ वर्ल्ड कप जीतने से भारत की महंगाई और बेरोजगारी की समस्या हल हो गई है? एक तरफ विशाल अरब सागर और उसके किनारे पर उमड़ा मुंबईकर क्रिकेट प्रशंसकों का महासागर चकित कर देने वाला था। मुंबई भारतीय क्रिकेट का उद्गम स्थल है। मुंबई क्रिकेट की दीवानी है। तभी तो विश्व विजेता भारतीय टीम के अभूतपूर्व स्वागत के लिए हजारों मुंबईवासियों के कदम मरीन लाइन्स की ओर दौड़ पड़े। लेकिन इस बिरादरी भीड़ में भी, हर्षोल्लास के माहौल के बावजूद, मुंबईकरों ने अपनी संवेदनशीलता और ‘मुंबई स्पिरिट’ की एक झलक दुनिया को दिखाई। जब चींटी के लिए भी जगह नहीं बची थी तो मुंबईकरों ने एंबुलेंस के लिए रास्ता साफ कर दिया। बेशक, ये सब तो ठीक है, लेकिन कई लोगों के मन में ये सवाल जरूर आया होगा कि इस भीड़ का सटीक गणित क्या है? जब देश और समाज पर हमला हो रहा होता है तो ये भीड़ कहां चली जाती है? यदि मुंबई में कल की उमड़ती भीड़ का पंद्रह प्रतिशत भी देश की समस्याओं के प्रति जाग उठे और सड़कों पर उतर आए तो अत्याचारी शासन को आत्मसमर्पण करना पड़ेगा। मुंबई की इस भीड़ में कितने फीसदी लोग मणिपुर के बेघर और बेसहारा लोगों को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर उतरे? अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त स्वर्ण पदक विजेता महिला पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर दिन-रात संघर्ष कर रही थीं। पुलिस उन्हें उठाकर बाहर फेंक रही थी। उस वक्त ये भीड़ लाशों की तरह घर के अंदर ही पड़ी रही। अगर भीड़ का पांच फीसदी हिस्सा भी सड़कों पर उतरकर महिला पहलवानों के साथ हो रहे अन्याय की खिलाफत करता तो उन महिला एथलीटों को न्याय मिल जाता। ‘नीट’ परीक्षा घोटाले में हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर है। उन पेपर्स की खुलेआम बिक्री हुई। सरकार की उदासीनता से छात्र और अभिभावक घबरा गए हैं, लेकिन देश अजगर की भांति निश्चेष्ट पड़ा है। भारतीयों में क्रिकेट के प्रति अपार जुनून और प्रेम है। भारतीय क्रिकेट ने इस दुनिया को कई सितारे दिए। एक समय में सुनील गावस्कर, कपिलदेव, गुंडप्पा विश्वनाथ, दिलीप सरदेसाई, अजीत वाडेकर, दिलीप वेंगसरकर, बिशन बेदी जैसे कई नाम लिए जा सकते हैं। हाल ही में सचिन तेंदुलकर तो क्रिकेट के भगवान ही बन गए। लेकिन द्रविड़, कोहली, सहवाग, गांगुली, रोहित शर्मा आदि ने मैदान में जो शानदार प्रदर्शन किया, उसकी वजह से क्रिकेट के क्षेत्र में भारत का नाम मशहूर हो गया, ये सच है। लेकिन सच्चाई यह भी है कि जितनी रईसी और दौलत क्रिकेट में है, वह अन्य खेलों में नहीं। दुनिया में भारतीय क्रिकेट बोर्ड सबसे धनवान है इसीलिए अमित शाह ने अपने पुत्र जय शाह को भारतीय क्रिकेट बोर्ड का सर्वेसर्वा बना दिया और यह महाशय डबल डेकर बस पर इस तरह घूम रहे थे जैसे कि भारत को जीत और वर्ल्डकप जय शाह की वजह से ही मिला हो। क्रिकेट प्रशासन में राजनेताओं ने अपने-अपने लोगों को घुसाकर व बिठाकर वहां की तिजोरी को सांप की तरह कुंडली मार रखी है। उसके लिए क्रिकेट के लिए उमड़ने वाली भारी भीड़ ही जिम्मेदार है। हमारे देश में केवल दो जगह भीड़ उमड़ती है। पहले बाबा-महाराज-बुवा के लिए और दूसरी भीड़ उमड़ती है क्रिकेट के लिए। जो कल नरीमन पॉइंट, मरीन लाइन्स ने अनुभव किया है। ऐसा सिर्फ हमारे भारत में ही हो सकता है। पिछले साल ऑस्ट्रेलिया ने अमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारतीय टीम को हराकर वर्ल्डकप जीता। फिर पैट कमिंस ‘ट्रॉफी’ के साथ ऑस्ट्रेलिया के एयरपोर्ट पर उतरा। जब वह एयरपोर्ट पर उतरा तो इस विश्व विजेता को किसी ने नहीं पूछा, ‘क्या भाई, तुम कहां से आए हो? तुम वैâसे हो? यह ट्रॉफी कौन सी है?’ कमिंस ने अपना सामान खुद उठाया और चुपचाप घर जाकर सो गए। भारत की एक अलग तस्वीर है। हवाई अड्डे से ही विजेता टीम का जुलूस शुरू होता है। उस भीड़ में सारे दुख, कुछ सवाल कुछ वक्त के लिए खत्म हो जाते हैं। इसीलिए भारत अलग है!