मेहनतकश : समाजसेवा को बनाया जीवन का उद्देश्य

प्रेम यादव

बच्चों को अच्छी शिक्षा देना, समाज में शांति का संदेश देना, सेक्युलर विचारधारा को आगे बढ़ाना, ऐसे ही कुछ जीवन मुल्यों को लेकर चल रहे हैं शाहनवाज सिद्दीकी। इनके दादाजी उत्तर प्रदेश के रामपुर से वर्ष १९३५ में मुंबई आकर बस गए थे, इसके बाद की पीढ़ियां मुंबई में ही पली-बढ़ींr। पिताजी ने पवई इलाके में कारोबार स्थापित किया। वर्ष २००३ में शाहनवाज सिद्दीकी अपने परिवार के साथ मीरा रोड आ गए। अपनी पत्नी और ३ बेटों के साथ काशीमीरा के डी.बी. परिसर में रहने लगे। यहां वुडपैकर नाम से इंटीरियर डिजाइनिंग की कंपनी खोली। इस कंपनी के माध्यम से वे कई नामचीन होटलों और बड़े कॉरपोरेट ऑफिसेस का इंटीरियर डिजाइनिंग का कार्य कर चुके हैं। शाहनवाज सिद्दीकी एक समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं, जो अपने समाज की भलाई के लिए लगातार प्रयासरत रहते हैं। शाहनवाज ने अपने मोहल्ले में शांति और सद्भाव बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ‘शांतता कमेटी’ में पुलिस के साथ मिलकर उन्होंने कई शांति समितियों में काम किया, जिससे सामाजिक भाईचारा और सौहार्द बढ़ाने में सहायता मिली। कोरोना महामारी के दौरान, शाहनवाज ने जरूरतमंदों की मदद के लिए दिन-रात काम किया। खाद्य पदार्थों का वितरण करके उन्होंने जरूरतमंदों तक भोजन और आवश्यक वस्तुएं पहुंचार्र्इं, लोगों में मास्क और सैनिटाइजर वितरित किए ताकि वे सुरक्षित रहें। बीमार लोगों के लिए चिकित्सा सहायता प्रदान की और उन्हें अस्पताल पहुंचाने में मदद की, जिससे लोगों को बहुत लाभ हुआ है। गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए शाहनवाज ने कई कदम उठाए। बच्चों को किताबें, कॉपियां और अन्य शैक्षिक सामग्री वितरित की। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते रहते हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर मुफ्त स्वास्थ्य जांच और दवाइयों की व्यवस्था करते हैं। स्वच्छता अभियान चलाकर लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करना, राजनीतिक दल में कार्य करते हुए वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण के लिए अभियान चलाना, बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए भी काम करना, ईद और दिवाली के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर सामुदायिक सद्भावना को बढ़ावा देने सहित महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए पुलिस के साथ मिलकर कार्य भी करते हैं। यही नहीं नशा मुक्ति अभियान चलाकर युवाओं को नशे से दूर रहने की प्रेरणा भी देते हैं। शाहनवाज शिद्दीकी ने अपने नेतृत्व कौशल से समाज को एकजुट करने और समस्याओं का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शाहनवाज सिद्दीकी के ये योगदान समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका और उनकी अथक सेवा भावना को दर्शाते हैं। शाहनवाज कहते हैं कि शिक्षित समाज ही देश को एक नई दिशा दे सकता है। इनके ३ बेटों में से एक आईआईटी और एक एमबीबीएस की तैयारी कर रहे हैं। वहीं तीसरा स्कूल में है, जिसे वे देश सेवा में भेजना चाहते हैं।

क्लीन बोल्ड : बैडमिंटन कोर्ट में मौत

अमिताभ श्रीवास्तव

बैडमिंटन की दुनिया की यह सबसे बड़ी चौंकानेवाली घटना है कि एक उभरता हुआ युवा खिलाड़ी खेलते-खेलते मौत के मुंह में समा गया। इस खिलाड़ी के लिए दुनियाभर के बैडमिंटन खिलाड़ियों ने शोक व्यक्त किया है, जिसमें पीवी सिंधु भी हैं। दरअसल, इंडोनेशिया के योग्याकार्ता में एशियाई जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप खेली जा रही है, जिसमें जापान के काजुमा कवानो के खिलाफ मैच के दौरान चीन के १७ वर्षीय शटलर झांग झी जाई कोर्ट में गिर गए, जिसके बाद उनका निधन हो गया। झांग को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन मेडिकल टीम का यह प्रयास व्यर्थ गया। भारत की बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप से युवा बैडमिंटन खिलाड़ी झांग झी जाई के निधन की खबर बेहद दुखद है। मैं इस दुखद समय में झांग के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं। आज दुनिया ने एक असाधारण प्रतिभा खो दी है।’

फिर से होगा वर्ल्डकप

बस दो महीने बाद एक बार फिर से होगा वर्ल्डकप। जी हां, टी-२० विश्वकप अक्टूबर में होने जा रहा है और अब बांग्लादेश इसकी मेजबानी करेगा। हाल ही में विश्व चैंपियन बनी टीम इंडिया को फिर से अपना परचम लहराना होगा। क्रिकेट पैंâस को एक बार फिर से रोमांचक टूर्नामेंट देखने को मिलेगा। बांग्लादेश की मेजबानी में १० टीमों के बीच महिला टी-२० विश्वकप २०२४ खेला जाएगा। हिंदुस्थान और पाकिस्तान की महिला टीमें एक ही ग्रुप में शामिल हैं। इस ग्रुप में ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम भी है। ग्रुप ए में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ हिंदुस्थान को रखा गया है तो ग्रुप बी में मेजबान बांग्लादेश के साथ इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, साउथ अप्रâीका और वेस्टइंडीज की टीमें शामिल हैं। इस वर्ल्डकप के सभी मुकाबले ढाका और सिलहट में खेले जाएंगे। पहला मुकाबला ३ अक्टूबर को इंग्लैंड और साउथ अप्रâीका के बीच खेला जाएगा। टीम इंडिया महिला क्रिकेट टीम ४ अक्टूबर को सिलहट में न्यूजीलैंड के सामने अपने अभियान का आगाज करने उतरेगी, यह मैच शाम ७ बजे से शुरू होगा।
टीम ऑफ द टूर्नामेंट में विराट नहीं
आईसीसी ने जब अपनी टीम का एलान किया तो उसमें विराट कोहली को शामिल नहीं किया। टी-२० विश्वकप के बाद आईसीसी ने एक टीम बनाई है, जो इस पूरे टूर्नामेंट के प्रदर्शन पर आधारित है। इसमें टीम इंडिया के छह खिलाड़ी शामिल हैं, मगर विराट कोहली का नाम नहीं है। आईसीसी विराट को अपनी इस टीम के लायक नहीं समझ रहा। उसने जो टीम बनाई उसमें टीम इंडिया से रोहित शर्मा, सूर्यकुमार यादव, हार्दिक पंड्या, अक्षर पटेल, जसप्रीत बुमराह, अर्शदीप सिंह हैं तो अफगानिस्तान के रहमानुल्लाह गुरबाज, राशिद खान, फजलहक फारूकी को शामिल किया गया है। व ऑस्ट्रेलिया से मात्र मार्कस स्टोइनिस का नाम है और वेस्टइंडीज से निकोलस पूरन का, १२ वें खिलाड़ी के रूप में दक्षिण अफ्रीका के एनरिक नॉर्टजे का नाम है। इस तरह आईसीसी ने एक नई टीम का नाम दिया है, जिसमें न तो न्यूजीलैंड का कोई खिलाड़ी है, न ही इंग्लैंड, पाकिस्तान, श्रीलंका आदि का।
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)

हिंदुस्थान की जीत पर पाक भी फिदा!

भारत ने तकरीबन १७ सालों बाद टी-२० वर्ल्डकप जीता। रोहित शर्मा एंड टीम की तारीफ न केवल देश में बल्कि पड़ोसी देशों में भी हो रही है। पूर्व क्रिकेटर और क्रिकेट फैंस रोहित शर्मा की खूब तारीफ कर रहे हैं, वहीं अब इस फेहरिस्त में पाकिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी का नाम शुमार हो गया है। शाहिद अफरीदी ने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा की भाव-भंगिमा की खूब तारीफ की। शाहिद अफरीदी ने कहा, `देखिए, एक कप्तान की भूमिका हमेशा बहुत महत्वपूर्ण होती है। कप्तान की भाव-भंगिमा टीम पर प्रभाव डालती है, कप्तान को उदाहरण स्थापित करना होता है। रोहित शर्मा को ही देख लीजिए।’ उन्होंने आगे कहा कि रोहित शर्मा ने अपनी आक्रामक शैली से टीम का आत्मविश्वास बढ़ाया। अब रोहित के खेल और उनकी खेलने की शैली को देखें तो निचले क्रम के बल्लेबाज भी बेखौफ होकर खेलते हैं, क्योंकि उनका कप्तान आक्रामक क्रिकेट खेलना पसंद करता है इसलिए मैं हमेशा मानता हूं कि कप्तान की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

टी-२० में तिकड़ी का धमाल!

शुभमन गिल की कप्तानी वाली भारतीय टीम जिम्बाब्वे दौरे के लिए रवाना हो चुकी है, लेकिन इसके बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने स्क्वॉड में बड़े बदलाव करते हुए तीन खिलाड़ियों को जगह दी है। इन तीन खिलाड़ियों में साई सुदर्शन, जितेश शर्मा और हर्षित राणा मौजूद हैं। भारत और जिम्बाब्वे के बीच पांच मैचों की टी-२० खेली जाएगी। इन तीनों ही खिलाड़ी को शुरुआती दो मैचों के लिए भारतीय टीम का हिस्सा बनाया गया है। हर्षित राणा को पहली बार टीम इंडिया का हिस्सा बनाया गया है। इन तीन खिलाड़ियों ने शिवम दुबे, यशस्वी जायसवाल और संजू सैमसन को शुरुआती दो मुकाबलों के लिए रिप्लेस किया गया है। बता दें कि आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलने वाले हर्षित राणा को पहली बार टीम इंडिया में शामिल किया गया है। इससे पहले जब जिम्बाब्वे दौरे के लिए टीम इंडिया का एलान हुआ था, तभी पैंâस ने हर्षित को लेकर सवाल खड़े किए थे। हालांकि अब हर्षित को टीम में जगह मिल गई है। भारत और जिम्बाब्वे के बीच खेली जाने वाली पांच मैचों की टी२० सीरीज की शुरुआत ०६ जुलाई, शनिवार से होगी। सीरीज का आखिरी मुकाबला १४ जुलाई, शनिवार को खेला जाएगा। यह शुभमन गिल के लिए बतौर भारतीय कप्तान पहली सीरीज होगी।

हिटमैन ने मिट्टी क्यों खाई?

टीम इंडिया ने जब १७ साल बाद टी-२० वर्ल्डकप की ट्रॉफी जीती तो कप्तान रोहित शर्मा की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। रोहित शर्मा खुशी मनाने की जगह पिच पर गिरकर रोने लगे। रोहित शर्मा के आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। जीत के जश्न के बाद रोहित को बारबाडोस की पिच की मिट्टी खाते देखा गया। पिच की मिट्टी का स्वाद चखने के बाद से रोहित ने टीम इंडिया पर झंडा भी पिच पर गाड़ दिया। रोहित के बारबाडोस पिच की मिट्टी खाने की तस्वीर देख फैंस काफी खुश तो हुए, लेकिन हिटमैन ने ये मिट्टी क्यों खाई? इसका जवाब विनर बनने के दो दिन बाद रोहित ने दिया है। बीसीसीआई ने अपने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें रोहित शर्मा भारत के चैंपियन बनने के बाद अपने मन की बात कहते हुए नजर आए। रोहित शर्मा ने कहा, `देखिए, वे चीजें वास्तव में हैं, मुझे नहीं लगता कि मैं उनका वर्णन कर सकता हूं, क्योंकि ये कुछ भी स्क्रिप्टेड नहीं था। यह सब था, आप जानते हैं, जो कुछ भी सहज रूप से आ रहा था, मैं उस पल को महसूस कर रहा था, जब मैं पिच पर गया, क्योंकि उस पिच ने हमें ये खिताब दिया। हमने उस विशेष पिच पर खेला और हमने खेल जीता, वह खास मैदान भी मुझे अपने जीवन में हमेशा याद रहेगा और इसलिए मैं उसका एक टुकड़ा अपने पास रखना चाहता था। वे पल बहुत-बहुत खास हैं और वह स्थान जहां हमारे सभी सपने सच हुए, तो इसके पीछे यही भावना थी।’

 

जिम्बाब्वे दौरे के दो मैचों से हुए बाहर … दुबे का चांस ले डूबा तूफान!

शीर्षक पढ़कर अगर आप ये सोच रहे हैं कि टीम इंडिया के खिलाड़ी शिवम दुबे पर कोई पहाड़ टूट पड़ा है तो आप गलत समझ रहे हैं। दरअसल, टीम इंडिया यादगार जीत के बाद अभी भी बारबाडोस में आए तूफान के चलते स्वदेश नहीं लौट पाई है। बता दें कि भारतीय क्रिकेट टीम इस समय जिम्बॉब्वे दौरे पर गई है, जहां टीम इंडिया को शुभमन गिल की अगुवाई में पांच मैचों की टी-२०आई की सीरीज खेलनी है। इस टीम में सूर्यकुमार यादव, हार्दिक पंड्या, जसप्रीत बुमराह जैसे सीनियर खिलाड़ियों को आराम मिलने के कारण इस टीम में कई सारे युवा खिलाड़ियों को मौका दिया गया है। युवाओं को मौका देने की इस कड़ी में टी-२० विश्वकप चैंपियन प्लेयर शिवम दुबे टीम इंडिया के जिम्बॉब्वे दौरे के लिए टीम का हिस्सा हैं। हालांकि, अब शिवम दुबे पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। टी-२० विश्वकप टीम का हिस्सा रहे शिवम दुबे को टीम शुभमन गिल की कप्तानी वाली जिम्बॉब्वे दौरे पर गई टीम इंडिया में चुना गया है। शिवम दुबे को वेस्टइंडीज से ही जिम्बॉब्वे की फ्लाइट पकड़नी थी। लेकिन अफसोस वेस्टइंडीज में तूफान आने के कारण शिवम दुबे अब तक जिम्बॉब्वे दौरे पर गई टीम इंडिया के साथ नहीं जुड़ सके हैं। ऐसे में अगर वे पहले मैच तक टीम इंडिया के साथ नहीं जुड़ पाते हैं, तो उनकी जगह गुजरात टाइटंस के ऑलराउंडर विजय शंकर को टीम इंडिया में शिवम दुबे की जगह शामिल किया जा सकता है।

मनचले को मोनाली ने सिखाया सबक

महिलाओं पर फब्ती कसना और उनके साथ छेड़छाड़ की घटनाएं आम हैं। सार्वजनिक स्थलों व कार्यक्रमों में महिलाओं के साथ कई बार काफी बुरा व्यवहार किया जाता है। पर लोक-लाज के भय से वे चुप रह जाती हैं। मगर सिंगर मोनाली ठाकुर चुप रहनेवालों में नहीं हैं। गत शनिवार को मोनाली ठाकुर का एक लाइव शो चल रहा था। वहां उन्हें काफी बुरा अनुभव हुआ। शो के दौरान दर्शक दीर्घा में बैठे एक शख्स ने कथित तौर पर उनके प्राइवेट पार्ट पर कमेंट किया, जिसके बाद उन्होंने परफॉर्मेंस रोककर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, ‘लोग अक्सर भीड़ में छिपकर परेशान करते हैं और बच निकलते हैं…यह सही नहीं…मैं आवाज उठा रही हूं ताकि वह इसे याद रखे।’ अब ऐसे मनचलों को सार्वजनिक रूप से एक्सपोज करके मोनाली ने वाकई काफी साहस दिखाया है।

मुंबई मिस्ट्री : मालशेज घाट पर बादलों से लुका-छुपी!

विमल मिश्र
मुंबई

आसमान का आलिंगन करते पहाड़, जगह-जगह झरते जल प्रपात एवं झरने और लुका-छुपी खेलतो हुए बिलकुल नीचे उतर आए बादल। बरसात का मौसम है और मालशेज घाट में होने का सबसे सही वक्त।

मुंबई या ठाणे से पुणे या अहमदनगर की ओर जा रहे हों तो एक बार सह्याद्रि पर्वत के मालशेज घाट के घुमावदार रास्तों को जरूर नापिए। खासकर तब, जब बरसात का मौसम हो। आकाश का आलिंगन करते पहाड़, नेशनल हाइवे के बीचों-बीच झरते जल प्रपात व झरने, कोहरा और लुका-छुपी खेलते हुए बिलकुल नीचे उतर आए बादल। ठिठुराती बूंदा-बांदी में चाय के साथ गरमा-गरम भजिया और भुट्टे आपका आनंद दोगुना कर देंगे।
मुंबई का अपना हिल स्टेशन
मुंबई से १३०, कल्याण से करीब ८५ और पुणे से १२० किलोमीटर दूर समुद्र तल से ७०० मीटर की ऊंचाई पर पश्चिमी घाट की गोद में बैठा ठाणे का मालशेज घाट मुंबई का अपना हिल स्टेशन है, वैसे ही जैसे खंडाला-लोनावला और माथेरान। दरअसल, यहां उनसे भी ज्यादा दर्शनीय स्थान हैं। पांच किलोमीटर लंबा पिंपलगांव जोगा बांध, जहां के पक्षी विहार में आप फ्लेमिंगो के साथ कई दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों को देख सकते हैं। आजोबा पहाड़ी के किले और पास की दारकोबा चोटी, जहां आप ट्रैकिंग और रॉक क्लाइंबिंग का आनंद ले सकते हैं। हरिश्चंद्रगढ़ किले और पास का चट्टानी सैरगाह कोकम काड़ा। पर, यहां मस्ती करते हुए सावधानी का साथ कभी मत छोड़िए। वजह है यहां होनेवाली दुर्घटनाएं। करीब १,००० वाहन रोज इन रास्तों से गुजरते हैं, जिनमें आठ ‌किलोमीटर का मार्ग खास तौर पर खराब है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा पिछले १० वर्षों में १५० करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने के बावजूद बारिश में भूस्खलन और पहाड़ों से पत्थर गिरने की दुर्घटनाओं में जान-माल के नुकसान के साथ कई-कई दिन तक इस मार्ग को बंद करने की नौबत आई है।
विश्व में निराला स्काईवॉक
पर्यटन को बढ़ाने के लिए इन दिनों यहां २६६ करोड़ रुपए की परियोजना पर काम चल रहा है। इसमें वन विभाग परिसर के पांच एकड़ क्षेत्र में एस्केलेटर युक्त ‘ध्’ आकार का ग्लास स्काईवॉक बनाना शामिल है। विश्व में अपने किस्म का अकेला ऐसा स्काईवॉक। हाल में मंजूर इस परियोजना के तहत यहां हेलिपैड के साथ म्यूजियम, कॉफी शॉप, वेटिंग लाउंज, सेल्फी पाइंट, एंफी थिएटर, स्काई डोम, सिक्स-डी शो, गजीबों, जिप लाइन, कला और प्रदर्शनी दीर्घाएं, ओपन एयर व्यू पाइंट बनाए जाने हैं। नौकायन, फिशिंग और गुफा भ्रमण सुविधाओं के साथ पर्यटक यहां बंजी जंपिंग,पैरा ग्लाइडिंग, हॉट एयर बैलून से सैर का भी आनंद उठा सकेंगे। यहां छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा भी स्थापित की जाने वाली है।
यह परियोजना निजी सहयोग से लागू की जाएगी, जिसमें एक-चौथाई हिस्सेदारी महाराष्ट्र सरकार की होगी। इसमें राज्य सरकार के पर्यटन व सार्वजनिक निर्माण विभाग के साथ सहयोग देगा राष्ट्रीय राजमार्ग डिवीजन। योजना पूर्ण होने के एक वर्ष के भीतर यहां १० लाख और १० वर्ष के भीतर २० लाख से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने का लक्ष्य है।

(लेखक ‘नवभारत टाइम्स’ के पूर्व नगर संपादक, वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार हैं।)

किस, ना बाबा ना!

अभिनेत्री श्रुति शर्मा इन दिनों वेबसीरीज ‘हीरामंडी’ में अपनी भूमिका को लेकर चर्चा में छाई हुई हैं। यह चर्चा कैमरे के सामने ‘किस’ नहीं करने को लेकर है। असल में ‘हीरामंडी’ में उनका किसिंग सीन था। पर उनके मना करने के बाद संजय लीला भंसाली ने वे सीन हटा दिए। श्रुति का कहना है कि शुरुआत में ‘हीरामंडी’ सीरीज में उनके कुछ किसिंग सीन थे परंतु वह उनको नहीं करना चाहती थीं। वे काफी नर्वस थीं। ‘हीरामंडी’ की पूरी स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद उनको रोना आ गया था। पर जब उन्होंने भंसाली से कहा कि वह किसिंग सीन्स से सहज नहीं हैं तो भंसाली ने उनकी बात की पूरी इज्जत रखी। अब भंसाली जैसे बड़े मेकर के सामने अपनी शर्तों पर काम करना कोई मामूली बात नहीं है।

मूसेवाला जैसा करना था सलमान का हाल

सुपरस्टार सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग की घटना के बाद उनकी सुरक्षा काफी कड़ी कर दी गई है। अब इस मामले की जांच-पड़ताल के बाद एक-एक करके परतें उघड़ रही हैं। पता चला है कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की तरह ही सलमान की हत्या की प्लानिंग बना रहा था। इसका खुलासा पनवेल पुलिस की चार्जशीट से हुआ है। इसके अनुसार, बिश्नोई गैंग एके-४७ समेत पाकिस्तान से कई हथियारों को लाकर सलमान को मारने का प्लान बना रहा था। यह हमला फिल्म की शूटिंग के दौरान पनवेल फार्महाउस से निकलने के दौरान किया जाने वाला था पर योजना फेल हो गई। वाकई भाग्यशाली रहे सलमान कि इस साजिश से बाल-बाल बच गए।