विधानसभा में मविआ १८० सीटें जीतेगी…संजय राऊत का दावा

-घातियों का भविष्य मात्र दो से तीन महीने

सामना संवाददाता / मुंबई

महाविकास आघाड़ी का चेहरा कौन? इस पर हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। लोकसभा में जब तीनों ने मिलकर चुनाव लड़ा तो नतीजा सबने देखा है इसलिए विधानसभा चुनाव में भी हम महाराष्ट्र में एक साथ चुनाव लड़ने जा रहे हैं। महाविकास आघाड़ी आगामी विधानसभा चुनाव में कम से कम १७५ से १८० सीटें जीतेगी, ऐसा विश्वास शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने जताया है।
उन्होंने पुणे में पत्रकारों से बातचीत के दौरान एनसीपी अध्यक्ष शरदचंद्र पवार के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में हमारा चेहरा ही हमारी महाविकास आघाड़ी है। पवार सही कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री का चेहरा चुना जाता तो इंडिया गठबंधन की देश में कम से कम २५ से ३० सीटें बढ़ जाती। हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि विधानसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी को पूर्ण बहुमत मिलेगा। कोई भी सरकार या संस्था चेहराविहीन नहीं होनी चाहिए। लोगों को पता होना चाहिए कि वे किसे वोट दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में हम इस मुद्दे पर बैठकर चर्चा करेंगे और फैसला लेंगे।

फडणवीस को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं
देवेंद्र फडणवीस को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। राज्य की जनता ने उनकी पार्टी और उनके नेतृत्व को खारिज कर दिया है। फडणवीस स्वयं को नाना फडणवीस का बड़ा भाई मानते थे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। नाना फडणवीस चालाक लोगों में से एक थे, लेकिन फडणवीस का इसमें कोई स्थान नहीं है।
-संजय राऊत, शिवसेना नेता व सांसद

जनता फिर नकारेगी
शिवसेना को धोखा देने के बाद सत्ता में आई ‘घाती’ सरकार के दो साल पूरे हो रहे हैं। यह धोखाधड़ी के दो साल हैं और ‘घाती’ सरकार का भविष्य अब बस दो-तीन महीने है। लोकसभा चुनाव में जनता ने इस सरकार को लात-मारी और नकार दिया। सांसद संजय राऊत ने दृढ़ विश्वास व्यक्त किया कि विधानसभा चुनाव में भी घातियों की भारी हार ही एकमात्र पर्याय है। तटस्थ माने- जानेवाले विधानसभा अध्यक्ष ने पक्षपातपूर्ण निर्णय देकर इस सरकार को बचा लिया। पहले ही हम जो कह रहे थे कि इस देश का संविधान खतरे में है, महाराष्ट्र सरकार, नरेंद्र मोदी, अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस, राहुल नार्वेकर द्वारा संविधान की हत्या का ज्वलंत उदाहरण है। राज्यपाल ने बेहद असंवैधानिक तरीके से बहुमत परीक्षण का आदेश दिया। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राज्यपाल, न्यायालय, विधानसभा अध्यक्ष ने अवैध, असंवैधानिक कार्रवाई की और इस अवैध सरकार का जन्म हुआ।

हमारा एक ही फोकस ‘मछली की आंख’…शरद पवार ने बताया विधानसभा चुनाव का प्लान

-छोटे दल भी बनेंगे सीट शेयरिंग का हिस्सा

सामना संवाददाता / मुंबई

लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। किसी भी वक्त विधानसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है। लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव भी महाविकास आघाड़ी मिलकर लड़ेगी। इस संबंध में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने एक सांकेतिक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में तीन महीने का समय है। हम वास्तव में इस बीच कड़ी मेहनत कर मविआ को फायदा दिलाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज महाराष्ट्र में बदलाव की जरूरत है और लोगों की उस जरूरत को पूरा करना हमारा कर्तव्य है। शरद पवार ने यह भी कहा कि हम उस संबंध में पूरी मेहनत करेंगे।
विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा कि अभी हमारा एक ही फोकस है। जैसे अर्जुन का ध्यान मछली की आंख पर था, वैसे ही हम महाविकास आघाड़ी के सभी दलों का ध्यान विधानसभा चुनाव पर है। इस चुनाव का सामना तीनों पार्टियां एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) मिलकर करेंगी।
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की जनता ने महाविकास आघाड़ी को अच्छा सहयोग किया। इस चुनाव में सीटों का बंटवारा तीन पार्टियों के बीच हुआ था, लेकिन महाविकास आघाड़ी में लेफ्ट, राइट कम्युनिस्ट, फार्मर्स लेबर पार्टी और अन्य छोटी पार्टियां भी पूरा सहयोग कर रही थीं। लोकसभा चुनाव में उन्हें सीटें नहीं दे पाए, लेकिन विधानसभा चुनाव में इन साथियों के हितों की रक्षा करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।

साथ मिलकर चुनाव लड़ने की कोशिश है। सीट शेयरिंग को लेकर हमारी तीनों पार्टियों के साथ अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है। हम जल्द ही चर्चा करेंगे और सीटें साझा करेंगे। उसके बाद हर पार्टी प्राप्त सीटों पर अपना उम्मीदवार तय करेगी और काम में लग जाएगी।

-शरद पवार, अध्यक्ष- राकांपा (शरदचंद्र पवार)

खोके और फीसदी का रहा राज्य सरकार का दो साल…गर्त में ले गए महाराष्ट्र… अंबादास दानवे का तंज

सामना संवाददाता / मुंबई

दो साल तक जो महाविकास आघाड़ी के मंत्रिमंडल में रहे, उन्होंने ही शिवसेना को तोड़ने और गद्दारी का काम किया। वर्तमान सरकार के दो साल खोके, फीसदी और महाराष्ट्र को गर्त में ले जाने का काम किया है। इस तरह का तंज विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने कसा है।
मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने कहा कि लाडली बहना योजना की घोषणा की गई, लेकिन नियमों और शर्तों के कारण कुछ चुनिंदा महिलाओं को ही योजना का लाभ मिलेगा। किसानों के लिए घोषणाएं की गईं, लेकिन १५ हजार करोड़ रुपए किसानों को देना बाकी है। राज्य में २५ हजार करोड़ रुपए के घाटे का बजट होते हुए भी घोषणाओं का क्रियान्वयन वैâसे होगा, यह सवाल है। महाराष्ट्र में अन्य राज्यों की तुलना में बिजली दरें अधिक हैं। ग्रामीण इलाकों में २ से ४ घंटे तक बिजली नहीं मिलती है।
दिखावा साबित होगा मुफ्त बिजली की घोषणा
दानवे ने कहा कि राज्य में बिजली की कमी है। बिजली नहीं मिल रही है। ऐसे में मुफ्त बिजली का क्या फायदा होगा, यह आनेवाला समय बताएगा। किसानों को मुफ्त बिजली की घोषणा एक दिखावा साबित होने की संभावना है। अंबादास दानवे ने कहा कि सरकार के पास मौजूद बिजली और किसान को जितनी बिजली की जरूरत है, उसका अनुपात निकाला जाए तो किसान को बिजली मिलना मुश्किल है।
फसल बीमा कंपनियों की बढ़ी दादागीरी
सरकार ने एक रुपया में फसल बीमा देने की घोषणा की। किसानों के हिस्से का भुगतान सरकार द्वारा किया गया, लेकिन फसल बीमा कंपनियों की दादागीरी बढ़ गई है। महाज्योति, सारथी, बारटी योजना सरकार द्वारा उपेक्षित है। छात्रों को रियायतें नहीं मिलतीं। दानवे ने यह भी कहा कि दूध पाउडर आयात करने का फैसला किसानों के खिलाफ है।

अजीत पवार के किले की दीवार लगी ढहने!..१६ नगरसेवकों ने शरद पवार से की मुलाकात

-०६ विधायकों ने भी घर वापसी की दर्शाई थी तैयारी

सामना संवाददाता / मुंबई

लोकसभा चुनाव में बारामती सीट से सुनेत्रा पवार की हार को अजीत पवार गुट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि, रायगढ़ में सुनील तटकरे की जीत से अजीत पवार खेमा भारी संकट से बच गया है। विधानसभा चुनाव में क्या हो सकता है, इसे लेकर राजनीतिक हलके में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। फिलहाल, अजीत पवार गुट में असहज माहौल है। रोहित पवार लगातार दावा कर रहे हैं कि अजीत पवार गुट के विधायक हमारे संपर्क में हैं। इसका प्रमाण भी धीरे-धीरे सामने आने लगा है। अजीत पवार के करीबी नेताओं ने अब शरद पवार खेमे में जाने की तैयारी दर्शाई है। अजीत पवार के गढ़ पिंपरी-चिंचवड़ के १६ नगरसेवकों ने लोकसभा चुनाव से पहले शरद पवार से मुलाकात कर घर वापसी की इच्छा व्यक्त की है। इससे पहले अजीत पवार गुट के ६ विधायकों ने एनसीपी (शरदचंद्र पवार) अध्यक्ष जयंत पाटील से मुलाकात कर घर वापसी की तैयारी दर्शाई थी। अब इन नगरसेवकों के साथ छोड़ने से अजीत पवार के किले की दीवार ढहने लगी है। ऐसे में अजीत पवार को बड़ा झटका लग सकता है। अजीत पवार को अब अपनी पार्टी संभालना एक चुनौती बनता जा रहा है।
बता दें कि अजीत पवार ने अपने राजनीतिक करियर की अपना गढ़ माने-जानेवाले पिंपरी-चिंचवड़ से ही शुरुआत की थी, लेकिन अब उन्हें वहां से चुनौती मिल रही है। पिंपरी-चिंचवड़ के एनसीपी शहर अध्यक्ष अजीत गव्हाणे समेत १६ नगरसेवकों ने शनिवार देर रात पुणे के मोदी बाग में शरद पवार से मुलाकात की। समझा जाता है कि अजीत पवार गुट से भोसरी के पूर्व विधायक विलास लांडे भी शरद पवार से मिलनेवाले हैं। इससे अजीत गुट में काफी हलचल देखी जा रही है। शरद पवार से मुलाकात करनेवाले ८ नगरसेवकों के नाम भी सामने आए हैं।
पहले दादा से की मुलाकात, फिर पहुंचे साहब के पास
शरद पवार से मुलाकात से पहले पिंपरी-चिंचवड़ के पूर्व नगरसेवक और पदाधिकारियों ने अजीत पवार से मुलाकात की थी। महायुति में एक फॉर्मूला तय हो गया है कि जिस विधानसभा में जिसका विधायक है, उसी के खाते में वह सीट जाएगी। इससे साफ है कि भोसरी विधानसभा सीट भाजपा के खाते में जानेवाली है, जबकि इस सीट पर अजीत पवार गुट से शहर अध्यक्ष अजीत गव्हाणे खुद चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। अगर अजीत गव्हाणे चुनाव लड़ने में असमर्थता जताते हैं तो पूर्व विधायक विलास लांडे चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

अरविंद सावंत बने लोकसभा में पार्टी के गट नेता… अनिल देसाई को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया

सामना संवाददाता / मुंबई

मुंबई-दक्षिण लोकसभा सीट से जीत की हैट्रिक लगाने वाले शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के सांसद अरविंद सावंत को लोकसभा में पार्टी का गट नेता नियुक्त किया गया है। सावंत लगातार तीसरी बार इसी चुनाव क्षेत्र से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। सावंत ने एकनाथ शिंदे गुट की यामिनी जाधव को भारी मतों से शिकस्त दी थी। इसके बाद पार्टी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है, वहीं दक्षिण-मध्य मुंबई के नवनिर्वाचित सांसद अनिल देसाई को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। देसाई इस चुनाव क्षेत्र से दो बार के सांसद रहे राहुल शेवाले को भारी मतों से हराकर संसद पहुंचे हैं। पार्टी ने वरिष्ठ शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व राज्यसभा सांसद संजय राऊत को राज्यसभा में पार्टी का गट नेता और दोनों सदनों के संसदीय दल के नेता के रूप में नियुक्त किया है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर इन नियुक्तियों की जानकारी दी है। उद्धव ठाकरे ने पत्र की शुरुआत में लेकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पुन: लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई दी। बता दें कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के ९ सांसद चुनकर संसद पहुंचे हैं और राज्यसभा में भी २ सदस्य हैं।

हाई प्रोफाइल मामलों की सुनवाई अंतिम चरण में… मुंबई सत्र न्यायालय के न्यायाधीश रोकड़े का तबादला

-शिखर बैंक, महाराष्ट्र सदन, भोसरी भूखंड घोटाला मुख्य केस

-०३ हजार रुपए राहुल नार्वेकर पर लगाया था जुर्माना

-१२ जुलाई को शिखर बैंक घोटाले की होनी थी सुनवाई

सामना संवाददाता / मुंबई

मुंबई सत्र न्यायालय के न्यायाधीश राहुल रोकड़े का तबादला कर दिया गया है, जबकि कई हाई प्रोफाइल मामलों की सुनवाई अंतिम चरण में है। ऐसे में अब इस तबादले को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। ऐसे कई हाई-प्रोफाइल मामले रोकड़े की अदालत के समक्ष शुरू थे। न्यायाधीश रोकड़े कई सत्तारूढ़ विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ मामलों में न्यायाधीश थे। न्यायाधीश रोकड़े के समक्ष शिखर बैंक घोटाला, महाराष्ट्र सदन, भोसरी भूखंड घोटाला के मामले अपने अंतिम चरण में थे। इस बीच, रोकड़े को दिंडोशी के सत्र न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया है। न्यायाधीश राहुल रोकड़े ने हाल ही में एक मामले में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर ३,००० रुपए का जुर्माना लगाया था। साथ ही राज्य सेंट्रल लाइब्रेरी घोटाला मामले में मंत्री छगन भुजबल के खिलाफ वॉरंट जारी किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि मुंबई पुलिस ने शिखर बैंक घोटाला मामले में अजीत पवार को क्लीन चिट दे दी है, लेकिन ईडी ने इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में १२ जुलाई को सुनवाई होनी थी, लेकिन उससे पहले ही जज राहुल रोकड़े का ट्रांसफर हो गया है।
इस बीच राहुल नार्वेकर पर जुर्माना लगाने का मामला कुछ अलग था। महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान बिजली दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ बीजेपी की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया था। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान बेस्ट के महाप्रबंधक की पिटाई कर दी गई। इस पिटाई मामले में बीजेपी के २० पदाधिकारियों के खिलाफ मुंबई सेशन कोर्ट में केस चल रहा था। इस मामले में २० पदाधिकारियों में राहुल नार्वेकर का भी नाम था, लेकिन इस मामले की सुनवाई में राहुल नार्वेकर के लगातार अनुपस्थित रहने के कारण जज ने उन पर ३ हजार रुपए का जुर्माना लगाया।
हाई प्रोफाइल मामले
न्यायाधीश राहुल रोकड़े के सामने सबसे महत्वपूर्ण मामला शिखर बैंक घोटाला मामला था। इस मामले में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का भी नाम है। इस केस की सुनवाई अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी थी। दिलचस्प बात यह है कि राहुल रोकड़े इस मामले की सुनवाई १२ जुलाई को करनेवाले थे।
राहुल रोकड़े से पहले मंत्री छगन भुजबल पर भी मामला चल रहा था। भुजबल के खिलाफ महाराष्ट्र सदन घोटाला और कालीना सेंट्रल लाइब्रेरी घोटाला भी शामिल था।
दिलचस्प बात यह है कि विधायक एकनाथ खडसे पर लगे आरोपों और भोसरी भूखंड घोटाले के जिस मामले में वह आरोपी थे, उस मामले की शुरुआत भी राहुल रोकड़े की ही बेंच के सामने हुई थी। पूर्व सांसद नवनीत राणा और विधायक रवि राणा के खिलाफ हनुमान चालीसा का मामला भी अभी लंबित था। यह मामला भी अब सुनवाई के अंतिम चरण में था।

मुंबई तक पहुंची नीट की आंच… रातों-रात फरार हुआ क्लासेस का मालिक… कर्मचारियों का बढ़ा संदेह

सामना संवाददाता / मुंबई

पिछले कई दिनों से नीट परीक्षा को लेकर हंगामा मचा हुआ है। पूर्वी दिल्ली से होते हुए गुजरात, बिहार और महाराष्ट्र के लातूर तक पहुंची नीट की आग की आंच देश की आर्थिक राजधानी मुंबई तक पहुंच गई है। सूत्रों के मुताबिक, मुंबई के साकीनाका स्थित नीट परीक्षा की तैयारी करानेवाली एक कोचिंग सेंटर चालक के अचानक रातों-रात फरार होने से संदेह और बढ़ गया है। कंपनी में ताला लगाकर मालिक के फरार होने से कर्मचारियों में संदेह बढ़ने के साथ ही उनमें भारी नाराजगी व्याप्त है।
मुंबई के साकीनाका इलाके में कोचिंग चलाने वाले शख्स ने अचानक अपने स्टाफ को छुट्टी दे दी। इसके बाद दूसरे दिन जब स्टाफ ऑफिस पहुंचा तो सेंटर का मालिक फरार था। बता दें कि अद्वया विद्या प्रवेश मार्गदर्शक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में ६० से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। ऑफिस के ४० से ज्यादा कंप्यूटर और लैपटॉप सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी दफ्तर में नहीं हैं। स्टाफ का कहना है कि सेंटर के मालिक ने अपना नाम आदित्य देशमुख बताया था। अब स्टाफ को संदेह है कि आदित्य देशमुख असली नाम है या नहीं। यहां के कर्मचारियों को मासिक वेतन नहीं मिला है। इतना ही नहीं, बिना कोई कारण बताए कंपनी बंद करने पर कर्मचारी अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं और जांच की मांग भी कर रहे हैं।
पुलिस कर रही जांच
बताया गया है कि उसने साकीनाका के एयरोसिटी में दो बड़े दफ्तर खोल रखे थे। मुंबई पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इस केस का नीट धांधली मामले से कोई संबंध है या नहीं। पुलिस पता लगा रही है कि क्या कर्ज में डूबे काउंसलिंग सेंटर का मालिक पैसे की वजह से लापता है या महाराष्ट्र के लातूर नीट पेपर लीक केस की जांच सीबीआई को सौंपने के बाद से फरार शख्स का कोई संबंध है।

शिंदे सरकार में विकास की हकीकत… पक्की सड़क के अभाव में नहीं पहुंची एंबुलेंस!

-गर्भवती महिला को स्ट्रेचर से पहुंचाया गया 

-किसी तरह से बची महिला की जान

धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई

महाराष्ट्र में जब से शिंदे सरकार सत्ता में आई है, तभी से स्वास्थ्य विभाग के साथ तमाम व्यवस्थाएं राम भरोसे चल रही हैं। आए दिन कोई न कोई कारनामा संज्ञान में आ रहा है। इसी क्रम में एक ताजा -तरीन मामला मुख्यमंत्री के जिले ठाणे के एक गांव में सामने आया है। बताया जा रहा है कि ठाणे जिले के एक गांव में पक्की सड़क न होने के कारण एक गर्भवती महिला को परिजनों को ही स्ट्रेचर पर एंबुलेंस तक ले जाना पड़ा। इसके बाद एंबुलेंस महिला को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची, तब कहीं जाकर महिला की जान बच सकी है।
घर तक नहीं जा पाई एंबुलेंस 
यह घटना ठाणे जिले की मुरबाड तहसील के आदिवासी क्षेत्र कातकरी वाड़ी से सामने आया है। जहां अंबरनाथ की वांगणी डोणे निवासी चित्रा संदीप पवार १९ जून को मुरबाड के कातकरवाडी स्थित अपने मायके गई हुई थी। २४ जून की सुबह ५.३० बजे अचानक उसे लेबर पेन शुरू हो गया। इसी बीच ओजीवले की आशा सेविका नंदा लहू पवार को खबर की गर्ई। उन्होंने तुरंत धसई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी से सुबह ६.३० बजे फोन कर अस्पताल से एंबुलेंस की मांग की। साथ ही गर्भवती महिला को प्रसव के लिए अस्पताल ले जाने की तैयारी शुरू कर दी।
कई गांवों में नहीं है पक्की सड़कें 
मुरबाड तालुका में धसई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र  के तहत आनेवाले ओजीवले गांव से एक किलोमीटर दूर कातकरीवाड़ी है। इस गांव में कुल सात घर हैं, जबकि इसकी कुल जनसंख्या ४२ है। गांव के लोगों का आरोप है कि यह स्थिति अकेले केवल हमारे ही गांव की नहीं है, बल्कि राज्य में ऐसे कई गांव हैं, जो पक्की सड़कों की बाट जोह रहे हैं।
डिलीवरी के बाद भी महिला को गांव के बाहर छोड़ा 
इस बीच एंबुलेंस ओजीवले गांव की कातकरी वाड़ी की पक्की सड़क तक तो पहुंच गई, लेकिन आगे कोई सड़क न होने के कारण एंबुलेंस को वहीं रुकना पड़ा। गर्भवती महिला को एंबुलेंस तक पहुंचाने के लिए परिजनों को एंबुलेंस में रखा स्ट्रेचर दिया गया। परिजनों ने किसी तरह से महिला को एंबुलेंस तक पहुंचाया। इसके बाद एंबुलेंस की मदद से प्रसव के लिए स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां सुबह ७.५६ बजे उसकी डिलीवरी हुई, साथ ही २६ जून की शाम मां और बच्चे को एंबुलेंस से वापस कातकरी वाड़ी छोड़ दिया गया।

करोड़ों बहे पानी में!.. फिर फेल हुई मोदी की गारंटी… रामपथ के बाद अयोध्या के अस्पताल में भी भर गया पानी

सामना संवाददाता / नई दिल्ली

देश में जब से एनडीए सरकार सत्ता में आई है, सब कुछ चौपट हो रहा है। पहले नवनिर्मित राम मंदिर के गर्भगृह में बारिश के पानी का रिसाव हुआ। अब दो दिन पहले रामनगरी अयोध्या के अस्पताल पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को घुटने भर पानी से होकर गुजरना पड़ा, ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि रामनगरी का विकास दरक रहा है और इसपर खर्च किए करोड़ों रुपए पानी में बह गए हैं। ये कोई पहला ऐसा मामला नहीं है जहां मोदी की गारंटी फेल हुई हो। मोदी सरकार के आते ही कहीं अस्पताल में पानी जमा हो रहा है तो कहीं एयरपोर्ट पर छत गिर रही है। दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट और जबलपुर एयरपोर्ट की छत गिरने के बाद गुजरात के राजकोट एयरपोर्ट पर हादसा हो गया। एक के बाद एक हो रहे इन हादसों से सवाल उठ रहा है कि आखिर इस देश में हो क्या रहा है? और ऐसे देश का `विकास’ वैâसे होगा?
लखनऊ के टर्मिनल टी-३ से टपका पानी
१० मार्च को पीएम मोदी ने टर्मिनल-३ का किया था उद्घाटन
लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के नए टर्मिनल-३ की छत पहली बारिश में ही टपकने लगी, जिससे यात्री परेशान हुए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। एयरपोर्ट प्रवक्ता का दावा है कि यात्रियों को कोई असुविधा नहीं हुई। बता दें कि लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट को करोड़ों रुपए की लागत से बनाया गया है और यहां विदेशों जैसी सुविधाएं देने का वादा किया गया है। लेकिन शुक्रवार की रात राजधानी में हुई मूसलाधार बारिश ने एयरपोर्ट की छत की गुणवत्ता की पोल खोल दी। टर्मिनल-३ के चेकिंग काउंटर के पास पानी टपकने लगा, जिससे वहां बैठे यात्रियों को दूसरी जगह जाना पड़ा क्योंकि सीटों पर भी पानी गिर रहा था। एक यात्री ने छत टपकने का वीडियो वायरल कर बताया कि इस दौरान यात्री काफी परेशान हुए। इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यूपी कांग्रेस ने भी अपने ट्विटर हैंडल से इस वीडियो को पोस्ट करते हुए प्रतिक्रिया दी है। वीडियो के वायरल होने के बाद लोग तमाम प्रतिक्रियाएं देते हुए सवाल खड़े कर रहे हैं।
गड्ढों की जांच क्यों नहीं की गई?
फैजाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद अवेधश प्रसाद ने २९ जून को अयोध्या में रामपथ, श्रीराम चिकित्सालय का निरीक्षण किया। इस दौरान राम पथ को देखने पहुंचे सांसद अवेधश प्रसाद ने कहा कि रामपथ पर गड्ढे क्यों हुए, इसकी जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार डंका पीटती है, अयोध्या में बहुत विकास किया। कितना विकास किया वो दिख रहा है। मैंने आज देखा, अभी रात में सड़क बनी है। जिनके हाथ में पावर है, वो इन गड्ढों के लिए जिम्मेदार हैं। राम के नाम की सड़क है। राम के नाम पर भाजपा ने वोट मांगा। ये मामूली सड़क नहीं है। पता नहीं कितना पैसा लगा इस सड़क को बनाने में। ६ इंजीनियर सस्पेंड करने से नहीं चलेगा। इसकी उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए।

कोस्टल रोड कनेक्ट का काम रखड़ा… बांद्रा से मरीन ड्राइव का सफर बरसात बाद… कंक्रीटीकरण और क्यूरिंग का काम थमा

सामना संवाददाता / मुंबई

मुंबई मनपा की महत्वाकांक्षी धर्मवीर स्वराज रक्षक छत्रपति संभाजी महाराज मुंबई कोस्टल रोड परियोजना का काम ९० प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है और बचे हुए काम को भी तेज गति से पूरा किया जा रहा है। कोस्टल रोड की दोनों सुरंगों को यातायात के लिए खोलने के बाद मनपा अब बांद्रा-वर्ली सी-लिंक और कोस्टल रोड को शुरू करने की योजना बना रही है। इसके लिए दोनों तरफ बो स्ट्रिंग आर्च गर्डर का कनेक्शन पूरा हो चुका है, लेकिन बारिश के कारण इस रूट के शुरू होने में देरी होगी और १० जुलाई का शेड्यूल मिस हो जाएगा। माना जा रहा है कि कोस्टल परियोजना का पूरी तरह से आनंद उठाने के लिए मुंबईकरों को थोड़ा और इंतजार करना होगा।
बांद्रा-वर्ली सी-लिंक को कोस्टल रोड से जोड़ना इस परियोजना में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। कोस्टल रोड द्वारा यात्री मरीन ड्राइव से वर्ली तक कुछ ही मिनटों में पूरा करने के बाद अब मरीन ड्राइव से बांद्रा तक की सीधी यात्रा कुछ ही मिनटों में करने की उम्मीद कर रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस सड़क के काम का निरीक्षण करते समय सुझाव दिया था कि दोनों चैनलों में से एक को जुलाई के अंत तक शुरू किया जाना चाहिए, लेकिन बारिश के कारण इस सड़क पर कंक्रीटिंग और क्यूरिंग के काम में बाधाएं आ रही हैं। यदि बारिश का पानी सड़क कार्यों के दौरान मटेरियल में चला जाता है तो कंक्रीट की गुणवत्ता खराब होने की संभावना रहती है इसलिए इसे पूरी तरह सूखने के लिए लगातार कम से कम २४ घंटे से अधिक की आवश्यकता होती है। फिलहाल, कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि बरसात के दिनों में यह काम पूरा करना संभव नहीं है।

१२ मिनट में पूरा होगा डेढ़ घंटे का सफर
कोस्टल सड़क परियोजना को विभिन्न चरणों में पूरा किया जा रहा है। कुल १०.५८ किमी में से ४.५ किमी की कोस्टल सड़क शुरू हो गई है। बांद्रा-वर्ली सी-लिंक को जोड़नेवाले दोनों विशाल गर्डर स्थापित कर दिए गए हैं। अब जल्दी कंक्रीट और क्यूरिंग का काम होने के बाद इसे शुरू कर दिया जाएगा।