अवधी व्यंग्य : हनीमून

एड. राजीव मिश्र मुंबई

आज दुइ दिन भवा, गजोधर के बिटवा परेम के बियाह सीहीपुर के चंदू के बिटिया सोनकली से भवा। दुलहिन बिदा होइके ससुराल पहुंचि गई है। पूरे गांव के मेहरारू एक-एक कइके दुलहिन देखि-देखि जाइ रहीं हैं। पूरे गांव में चंदू के मेहरिया सोनकली के सुंदरता के चर्चा होइ रही है। सोनकली के नईहर वाले बिदाई के समय सर समान के साथ-साथ दुइ सौ किलो पाहुर भी भेजें हैं। जेहिके बाटि के चंदू के माई फूलदेई निहाल होइ गर्इं हैं। बहुरिया के साथ प्रâीज, वाशिंग मशीन, कूलर, पंखा अउर न जाने का का आवा है। समान से गजोधर के पूरा घर भरि गवा है। जे भी गजोधर के दुआर पे आवत है चंदू के ससुराल वालन के भरि-भरि के तारीफ कई रहा है। केतना मजबूत बेवस्था रहा भैया, अउर साज-सज्जा तो पुछबय न करो। गांव में मानो अलकापुरी उतार दिए होय। धीरे-धीरे बियाह के चार दिन बीति गवा और आज चंदू के ससुराल से चौथियार आय हैं। अब गजोधर काहें पीछे रहिहैं, उनहु अपने दुआरे एकदम दबंग बेवस्था किये रहें। खाना-पीना के बाद फल बंटा सब खाइ के लंबी-लंबी डकार लिहें। ओहिके बाद शुरू भवा मिलना। एक-एक कइके घर वाले, नात-हित, गांव के सबके मिलना होइ गवा। अब बचे गजोधर अउर चंदू, अंत में सोनकली के बाबू बवंडर प्रसाद गजोधर की ओर बढ़े और उनके उंगरी में सोने के अंगूठी पहिनाय दीहें। गजोधर फूल के कुप्पा होइ गए। ओहिके बाद बवंडर भइया गजोधर के हाथ में एक ठो लिफाफा पकड़ाए अउर बोले ई पकड़ो समधी जी, ई हमरे बिटिया अउर दमाद के बिदाई है। `एहिमा का है भइया?’ एहिमा बिटिया अउर दमाद के शिमला हनीमून के टिकट और होटल के बुकिंग स्लिप अहइ। नई- नई शादी भई है, दूनउ जने जाय घूमिके आवैं, हम लोगन के अउर का चाही? इतना सुनतै गजोधर अंगुरी से अंगूठी निकारि के अपने समधी के मुंह पर फेंकि दिहें और कोने में रखी लाठी लइके अपने समधी की ओर दौरि परे। लोगन के पकरत-पकरत गजोधर अपने समधी के दुइ लाठी मारि दिये। ससुर हमरे बिटवा के राजा रघुवंशी समझे हव? मारि के मूंज कइ देबय ससुर के नाती। तब से लइके आज पांच बरिस होइ गवा, सोनकली नईहर के मुंह नही देखि पार्इं हैं।

शिल्पा की हाफसेंचुरी

पिछले दिनों शिल्पा शेट्टी ने अपना ५०वां जन्मदिन पूरी आन, बान और शान से मनाया, जिसमें सबसे बड़ी भूमिका रही उनके पति राज कुंद्रा की। पैâमिली और प्रâेंड्स की उपस्थिति में शिल्पा का यह बर्थडे थ्री लेयर केक और खूबसूरत आतिशबाजियों से भरपूर था, जिसे सभी ने खूब एंजॉय किया। हालांकि, यदि ये कहें तो गलत नहीं होगा कि पत्नी के लिए चांद-सितारे तोड़ लाने का दावा करनेवाले पतियों के लिए फिलहाल राज जहां सबसे बड़ी चुनौती बन गए हैं, वहीं हमारी मिसेस चटर-पटर डिप्रेशन में चली गई हैं। उनकी मानें तो एक शिल्पा के पति राज हैं, जिन्होंने इस राजसी ठाट-बाट से अपनी पत्नी शिल्पा का बर्थडे मनाया और एक उनके पति हैं, जो उनका बर्थडे मनाना तो दूर, बर्थ डेट याद नहीं रखते।

पूर्वांचल पॉलिटिक्स : असंतोष की अभिव्यक्ति… राजनीति के कटप्पा को कंटाप!

हिमांशु राज

जौनपुर में सुभासपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर के साथ हुई एक विवादित घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। एक कार्यक्रम में उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया जा रहा था कि अचानक माहौल तनावपूर्ण हो गया। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बृजेश राजभर ने पहले उनको माला पहनाई और फिर उन पर थप्पड़ों की बरसात कर दी और यह कहकर अपना गुस्सा जाहिर किया, `पार्टी के लिए मेहनत हम करे, मलाई तुम खाते हो!’ यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसे लोग राजनीति के `कड़वे सच’ के रूप में देख रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि यह घटना पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच पनप रहे असंतोष को उजागर करती है। संभवत: कार्यकर्ताओं को लगता है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा उनके परिश्रम की उपेक्षा की जा रही है और सभी फायदे केवल कुछ चुनिंदा लोगों को मिल रहे हैं। जानकारों की मानें तो यह घटना सुभासपा के भीतर मौजूद गुटबाजी और आंतरिक कलह को भी दर्शाती है।
अब सवाल यह है कि क्या यह घटना महज एक व्यक्तिगत विवाद था या पार्टी में गहराते संकट का संकेत? क्या सुभासपा के नेतृत्व को अपने कार्यकर्ताओं की भावनाओं को समझने और उनके साथ बेहतर तालमेल बनाने की जरूरत है? इस घटना के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी को आड़े हाथ लेते हुए कहा, `हिंसा हताशा का ही एक रूप होता है। भाजपा याद रखे, ऐसे कृत्यों से पीडीए का मनोबल टूटेगा नहीं बल्कि और भी शक्तिशाली होगा। २०१७ के चुनाव में महेंद्र राजभर को चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मऊ की एक जनसभा में कटप्पा का खिताब दिया था और कहा था कि यही कटप्पा बाहुबली का सफाया करेगा पर मोदी के कटप्पा मुख्तार अंसारी से ६,००० वोटों से हार थे।’ कार्यक्रम में कई कंटाप खाने से क्षुभित राजनीति के कटप्पा महेंद्र राजभर ने इस हमले के पीछे ओमप्रकाश राजभर के इशारे पर हुआ कृत्य बताते हुए स्थानीय थाने में शिकायत पत्र दिया है। इस घटना का पार्टी की छवि पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल, यह मामला राजनीति में `कर्मठ कार्यकर्ता बनाम नेतृत्व’ की बहस को एक नया आयाम दे गया है।

नीले-नीले अंबर पर चांद जब आए!

हाल ही में अभिनेत्री जेनेलिया देशमुख ने अपने सोशल हैंडल पर एक फोटो पोस्ट की है। इसमें उन्होंने नीले रंग की ड्रेस पहनी हुई है। साथ ही बालों में गजरा और माथे पर बिंदी उनकी खूबसूरती में चार चांद लगा रही है।

स्विगी ने भारत भर की 7,000 कंपनियों में कॉर्पोरेट रिवॉर्ड प्रोग्राम किया शुरू

सामना संवाददाता / मुंबई

भारत के अग्रणी ऑन-डिमांड सुविधा प्लेटफॉर्म स्विगी लिमिटेड ने अपना कॉर्पोरेट रिवार्ड्स प्रोग्राम लॉन्च किया है, जो देश भर में कार्यरत पेशेवरों के लिए ऐडेड वैल्यू, सुविधा और प्रसन्नता लाने के लिए डिज़ाइन की गई अपनी तरह की अनूठी और पहली पहल है। कंपनी ने बताया कि उसने भारत में 7000 कंपनियों में कॉर्पोरेट रिवॉर्ड प्रोग्राम शुरू किया है। स्विगी को इस प्रोग्राम के लिए शानदार प्रतिक्रिया मिली है और वह साल 2025 के अंत तक इसे पूरे भारत में 15,000 से ज़्यादा संगठनों तक ले जाने की प्रक्रिया में है। इस प्रोग्राम के ज़रिए, पार्टनर कंपनियों के कर्मचारी स्विगी ऐप पर अपने आधिकारिक ऑफिस ईमेल पते की पुष्टि करके कई तरह के खास ऑफ़र प्राप्त कर सकते हैं। अभी कॉर्पोरेट रिवॉर्ड प्रोग्राम दिल्ली एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, नोएडा, पुणे और कोलकाता सहित देश के शीर्ष 10 कॉर्पोरेट हब की कंपनियों में चल रहा है। स्विगी आने वाले हफ़्तों में कॉर्पोरेट रिवॉर्ड प्रोग्राम में और भी कई लाभ और सुविधाएँ जोड़ेगी।
विशिष्ट कन्ज़्यूमर सेगमेंट्स को पूरा करने की स्विगी की व्यापक रणनीति के अनुरूप, कॉर्पोरेट रिवॉर्ड प्रोग्राम भारत के कॉर्पोरेट कर्मचारियों के लिए फूड ऑर्डर करने और खाने के अनुभव को और बेहतर बनाने पर केंद्रित है। इन ऑफर्स में रियायती कीमत पर स्विगी वन सदस्यता, फूड डिलीवरी ऑर्डर पर 125 से 200 रुपये तक की फ्लैट छूट, फूड डिलीवरी ऐप पर बड़े/पार्टी ऑर्डर पर 20% की फ्लैट छूट, साथ ही स्विगी डाइनआउट पर 2000 तक की फ्लैट छूट शामिल है। एक बार जब कोई उपयोगकर्ता स्विगी ऐप के भीतर समर्पित “कॉर्पोरेट रिवार्ड्स” भाग में अपनी कॉर्पोरेट ईमेल आईडी सत्यापित करता है, तो उन्हें क्यूरेटेड लाभों के एक सूट तक एक्सेस दिया जाता है जो कॉर्पोरेट कर्मचारियों की जरूरतों के अनुरूप होते हैं और उन्हें काम पर या उससे दूर रहते हुए शानदार समय बिताने में सक्षम बनाते हैं। इसलिए, चाहे वह व्यस्त कार्यदिवस हो, टीम लंच हो, ऑफिस पार्टी हो या देर रात तक चलने वाले काम के सेशन हों या फिर प्रियजनों के साथ एक शानदार शाम बितानी हो, परफेक्ट वीकेंड प्लान हो या किसी खास दिन पर दावत का ऑर्डर देना हो, स्विगी का कॉर्पोरेट रिवार्ड प्रोग्राम अपने सभी उपयोगकर्ताओं को कई लाभ देता है।
अपने सहज एक्सेस, व्यापक कॉर्पोरेट नेटवर्क और आकर्षक ऑफर के साथ, कॉर्पोरेट रिवार्ड प्रोग्राम स्विगी को न सिर्फ एक फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म के रूप में बल्कि भारत के शहरी पेशेवरों के लिए एक विश्वसनीय साथी के रूप में स्थापित करता है। स्विगी का कॉरपोरेट रिवार्ड्स प्रोग्राम अभी परामर्श, ई-कॉमर्स, बैंकिंग/वित्त, आईटी/सॉफ्टवेयर/प्रौद्योगिकी, विनिर्माण/भारी उद्योग, वीसी, एफएमसीजी कंपनियों, ऑटोमोबाइल/ऑटो सहायक, फार्मास्युटिकल और हेल्थकेयर, दूरसंचार, ऊर्जा/तेल और गैस और उपयोगिताएँ, खुदरा, शिक्षा, मीडिया और मनोरंजन, एयरोस्पेस/रक्षा, आतिथ्य/यात्रा और पर्यटन, एग्रीटेक/कृषि, खनन और प्राकृतिक संसाधन सहित कई उद्योगों में चल रहा है।

सनातन बैंड ने किया रामत्व के साथ राष्ट्र जागरण

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

सीएमएस सभागार गोमती नगर में संस्कार भारती अवध प्रांत द्वारा भारतीय सेना के सम्मान में सनातन बैंड की संगीतमय प्रस्तुति हमारा देश हमारे राम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक कौशल और कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में राज्य ललित कला अकादमी के उपाध्यक्ष गिरीश चन्द की उपस्थिति रही। मुख्य अतिथि प्रांत प्रचारक कौशल ने कहा कि “हमारा देश हमारे राम” कार्यक्रम प्रभु श्री राम के जीवन मूल्यों को समाज में अनुसरण करने हेतु प्रेरित करने वाला है। प्रभु श्री राम की जीवन लीला में परिवारों की समस्त समस्याओं का समाधान निहित है। राम के प्रेम के बिना राष्ट्र प्रेम अधूरा है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्शों को यह कार्यक्रम जन जन तक पहुंचाने में समर्थ होगा। कौशल ने आवाहन किया कि ऐसे कार्यक्रम सभी क्षेत्रों में आज आवश्यक है। क्योंकि वर्तमान की सभी समस्याओं का समाधान राम के पद चिन्हों पर चल कर प्राप्त किया जा सकता है।
भारत माता और सरस्वती माता के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ प्रारंभ हुए सनातन बैण्ड के इस विशेष कार्यक्रम में उपस्थित श्रोता भगवान राम के प्रति आस्था के भावों में बंधकर देशप्रेम की गंगा में डुबकी लगाते रहे।
राष्ट्रीय कवि अभय सिंह निर्भीक द्वारा तैयार किए गए इस विशेष कार्यक्रम में भगवान राम जन्म, बाललीला, तपोवन रक्षा, सीता स्वयंवर, राम सीता विवाह, राम वन गमन, केवट संवाद, भरत मिलाप, सीता हरण, शबरी राम प्रसंग, राम सुग्रीव मित्रता, हनुमान जी द्वारा लंका में सीता जी की खोज, अक्षय संहार, लंका दहन, राम रावण युद्ध और प्रभु राम द्वारा लंका विजय की कथा का कविता एवं संगीत की जुगलबंदी के साथ बहुत ही रोचक तरीके से वर्णन किया गया। तत्पश्चात जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी की अवधारणा पर भारतवर्ष का शौर्यगान, सैनिकों की गाथा, तिरंगे की आरती एवं वंदे मातरम गीत के साथ राम एवं राष्ट्रभक्ति की भावना से ओतप्रोत इस कार्यक्रम का समापन हुआ।
कार्यक्रम का संयोजन संस्कार भारती द्वारा किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक अनिल, प्रांत विशेष संपर्क प्रमुख प्रशान्त भाटिया, विभाग कार्यवाह अमितेश, एकल अभियान के राष्ट्रीय महासचिव माधवेंद्र, सरदार रणबीर सिंह, डबलएजी सुनीता पाल बंसल, विश्व हिंदू परिषद से कन्हैया नगीना, ललित श्रीवास्तव, सीएससी एडवोकेट शैलेन्द्र सिंह, सुनील कालरा, सूर्य भान पांडे, कमलेश मौर्य मृदुल संस्कार भारती, सुनील विश्वकर्मा, श्रीमती संयोगिता चौहान, रीता मित्तल अध्यक्ष लघु उद्योग भारती, कवि श्री सर्वेश अस्थाना, विभा सिंह उपाध्यक्ष संगीत कला अकादमी, मुकेश सिंह सहित
सहित नगर के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

सुल्तानपुर के दोस्तपुर उपनगर में विधर्मियों का उपद्रव!

-भंडारे से लौट रहे हनुमानभक्तों को घसीटकर पीटा, सिपाहियों पर हमला

-रोकथाम करने गए पुलिस बल पर पथराव, तनाव

विक्रम सिंह / सुल्तानपुर

यूपी के सुल्तानपुर जिले में स्थित दोस्तपुर उपनगर में जेठ के मंगलवार को आयोजित धार्मिक कार्यक्रम से लौट रहे हिंदू युवकों पर बीती रात्रि कुछ अराजक मुस्लिम युवकों ने घेरकर हमला कर दिया। उन्हें घसीट कर मुख्य सड़क से गली में उठा ले गए और पीट पीटकर लहूलुहान कर दिया। दुस्साहस की हद ..सूचना पाकर जब पुलिस पहुंची तो हमलावर युवक उनपर भी हमलावर हो उठे और पथराव शुरू कर दिया। जिससे पुलिस के जवान भी जख्मी हो गए। फिलहाल उपनगर में धार्मिक तनाव की आशंका में बड़े पैमाने पर पुलिस फोर्स मौके पर तैनात कर दिया गया है। दर्जनों उत्पातियों को नामजद करते हुए पुलिस-प्रशासन ने आरोपियों की खोज शुरू कर दी है।

वाकया कुछ यूं घटित हुआ। अम्बेडकरनगर जिले की सरहद से सटे सुल्तानपुर जिले के दोस्तपुर उपनगर में मंगलवार की रात सब्जी मंडी स्थित हनुमान मंदिर में ज्येष्ठ माह का भंडारा आयोजित किया गया था। जिसमें हिस्सा लेकर दोस्तपुर निवासी आरव पांडेय और अभिषेक वापस लौट रहे थे। जिन्हें यासिर, इरफान, जिगर और अलताफ ने रास्ते मे रोक लिया और बाइक से उतारकर आरव के सिर पर डंडे से हमला कर दिया। इसके बाद हमलावर उन्हें गली में घसीट ले गए और लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा। अभिषेक बीच बचाव के लिये आया तो उसे भी घायल कर दिया गया।
सूचना पाकर पुलिस पहुंची तो लेकिन हमलावरों ने खाकी पर भी हमला बोल दिया। जिससे हेड कांस्टेबल राम आशीष चौरसिया, कांस्टेबल मोहित कुमार, और पहले से घायल टिक्कू पांडेय, आरव व अभिषेक आदि पुनः घायल हो गए। पुलिसकर्मियों को उल्टे पांव पीछे हटना पड़ा।
इसके बाद जब पीड़ित पक्ष के लोग हमलावरों के खिलाफ तहरीर देकर थाने से लौट रहे थे, तभी पहले से लामबंद दर्जनों युवकों ने घर के पास फिर से घेरकर उन पर ईंट-पत्थरों से हमला कर दिया। इसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया। एसडीएम उत्तम तिवारी, डिप्टी एसपी विनय गौतम समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा। अखंडनगर, कादीपुर, लंभुआ, मोतिगरपुर, करौदीकलां समेत कई थानों की फोर्स और पीएसी ने कस्बे में रूट मार्च किया। तब जाकर उपद्रवी तीतर बितर हुए। वहीं एसएचओ दोस्तपुर अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। हेड कांस्टेबल रामआशीष चौरसिया की तहरीर पर ११ नामजद व २० अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जबकि आरव पांडेय की ओर से यासिर, जिगर, इरफान और घिराऊ को नामजद किया गया है।

सजग नहीं थी पुलिस !
क्षेत्रवासी बताते हैं कि पखवारे भर पूर्व भी दोनों पक्ष आपस में टकराए थे।.. लेकिन पुलिस ने हल्के में ले लिया। मंगलवार को भी मारपीट के बाद सिर्फ तहरीर लेकर मामला शांत करा दिया गया, जिसके बाद दोबारा हिंसा भड़क उठी। यदि समय पर कार्रवाई की जाती तो शायद मामला इतना न बढ़ता। फिलहाल सीसीटीवी फुटेज के जरिये उपद्रवियों की तलाश की जा रही है।

शंकराचार्य ने विष्णु चरण पादुका का किया पूजन…श्री विष्णु चरण पादुका मणिकर्णिका तीर्थ सेवा समिति का होगा गठन

उमेश गुप्ता / वाराणसी

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर बुधवार को श्री मणिकर्णिका तीर्थ पर स्थित विष्णु चरण पादुका का पूजन
ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्‌गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के द्वारा विधि-विधान से किया गया।
शंकराचार्य ने पंचोपचार विधि से श्री विष्णु चरण पादुका का पूजन किया। 11 ब्राह्मणों द्वारा पूजन संपन्न कराया गया। शंकराचार्य ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि यह वही स्थान है, जहां भगवान विष्णु जी ने हजारों वर्ष खड़े रहकर तपस्या की। तपस्या के दौरान प्रभु ने अपने सुदर्शन चक्र से कुंड का निर्माण किया, जो तपस्या के वक्त उनके शरीर से निकले पसीने से भर गया। बाद में उसी कुंड में भगवान शिव और माता पार्वती ने स्नान किया। स्नान के समय ही माता पार्वती का मणि कुंडल कुंड में गिर गया, तभी से यह कुंड चक्र पुष्करिणी तीर्थ और जहां भगवान विष्णु ने तप किया, वह मणिकर्णिका तीर्थ हुआ। सनातन धर्म में यह स्थान काफी पवित्र माना जाता है और हमारे पुराणों में भी इसका वर्णन मिलता है।
शंकराचार्य ने इस बात पर दुख जताते हुए कहा कि आज मैं यहां आया तो यहां यह देखा कि घाट पर स्नानार्थियों और शवयात्रियों में कोई अंतर नहीं है। घाट पर स्नानार्थियों से अधिक शवयात्रियों की संख्या ज्यादा है। सरकार को चाहिए कि इस पौराणिक घाट पर स्नानार्थियों और शवयात्रियों के लिए अलग अलग व्यवस्था की जाय, जिससे किसी की भावना आहत न हो। चरण पादुका पूजन के बाद शंकराचार्य ने चक्र पुष्करिणी तीर्थ का भी आचमन और पूजन किया। तत्पश्चात उन्होंने रत्नेश्वर महादेव और श्री विष्णु चक्र का भी दर्शन किया।
काशी तीर्थ पुरोहित सभा के अध्यक्ष मनीष नन्दन मिश्र ने बताया कि मणिकर्णिका तीर्थ व विष्णु चरण पादुका के महात्म्य का वर्णन अनेक शास्त्र पुराणों में मिलता हैं। सृष्टि के पूर्व जब सर्वत्र अंधकार शून्य व्याप्त था, तब निर्गुण निराकार परमेश्वर को सगुण साकार होने की इच्छा हुई तो भगवान विष्णु का प्राकट्य हुआ।। सर्वत्र शून्यता देखकर उन्हें अपना उ‌द्देश्य कारण जानने की जिज्ञासा हुई। तत्पश्चात दिव्य आकाशवाणी द्वारा तपस्या करने का आदेश हुआ। भगवान विष्णु ने तप के लिए स्थिर स्थान न होने के प्रश्न पर निर्गुण, निराकार, परमेश्वर सदाशिव ने स्वयं को पंचक्रोशात्मक अलौकिक काशी के रूप में प्रकट किया। वहां जिस स्थान पर भगवान विष्णु ने सहस्त्रों वर्षों तक खड़े होकर कठोर तप किया, वह स्थान श्री विष्णु चरण पादुका के नाम से विख्यात हुआ।
इस अवसर पर देवेंद्र नाथ शुक्ला, कन्हैया लाल त्रिपाठी, राजनाथ तिवारी, वीरेंद्र शुक्ला, कृपा शंकर द्विवेदी, विवेक शुक्ला, जयेंद्र नाथ दुबे, बंटी पाठक, आनंद कृष्ण शर्मा मौजूद रहे।

जेष्ठ मास की पूर्णिमा पर भक्तों ने किया भगवान जगन्नाथ का जलाभिषेक…अत्यधिक स्नान कराने से भगवान हुए बीमार…एक पखवाड़े तक काढ़े का लगेगा भोग

उमेश गुप्ता / वाराणसी

जगत के पालनहार भगवान जगन्नाथ भी बीमार पड़ते है, जी हां सुनने में ये आपको भले ही अजीब लगे, लेकिन ऐसा होता है धर्म नगरी काशी में। दरअसल, जेष्ठ की पूर्णिमा को भगवान जगन्नाथ के जलाभिषेक की परम्परा है और लोगों के प्यार में भगवान इतना स्नान कर लेते हैं कि पूरे 15 दिन तक बीमार पड़ जाते हैं। इस दौरान भगवान को आयुर्वेदिक काढ़े का भोग लगाया जाता है।
भक्तों के समतुल्य खुद को दर्शाने के उदेश्य से भगवान जगन्नाथ अपनी लीला के तहत ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन अर्ध रात्रि के बाद बीमार पड़ जाते हैं। दरअसल, पिछले तीन सौ वर्षों से अधिक वाराणसी के लोग इस परम्परा का निर्वहन करते चले आ रहे हैं।
पूरे दिन स्नान करने के बाद भगवान ज़ब बीमार पड़ जाते हैं तो उन्हें काढ़े का भोग लगाया जाता है और प्रसाद स्वरूप यही काढ़ा भक्तों को दिया जाता है। लोगों का ऐसा विश्वास है कि इस काढ़े के सेवन से इंसान के शारीरिक ही नहीं, मानसिक कष्ट भी दूर हो जाते हैं। इस प्रसाद को पाने के लिए भक्तों की भारी भीड़ लगती है।
जगन्नाथ मन्दिर के पुजारी के ने बताया कि वैसे तो काशी भगवान शिव की नगरी है, मगर यहां भगवान जगन्नाथ की भक्ति में पूरा काशी कई दिनों तक डूबा रहता है। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिनों से बीमार पड़े भगवान जगन्नाथ 15 दिनों बाद स्वस्थ होते हैं। पूरे पंद्रह दिनों तक भगवान को काढ़े का भोग लगाया गया, तब जाकर भगवान ठीक होते हैं। भगवान स्वस्थ्य होकर अपने ससुराल के लिए निकाल जाते हैं। ससुराल भला किसे नहीं भाता, साथ में बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र भी होते हैं।
उन्होंने बताया कि भगवान की इस बीमारी का इंतजार लाखों भक्त हर साल करते हैं और पूरे वर्ष में भक्तों को एक दिन ही मिलता है भगवान के स्पर्श का। जाहिर है भक्तों के लिए ये मौका किसी मुह मांगी मुराद से कम नहीं है। उन्होंने बताया कि भगवान जगन्नाथ को पीला पेड़ा और पीला वस्त्र काफी पसंद है।

विद्यापीठ के धरनारत छात्रों के समर्थन में आगे आए सपा सांसद बीरेंद्र सिंह…धरनारत छात्रों की गिरफ्तारी पर जताई नाराजगी…पुलिस आयुक्त वाराणसी से मिले

उमेश गुप्ता / वाराणसी

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में पिछले 28 दिनों से धरनारत छात्रों को 10 से जून की रात 1 बजे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, जो कि एकदम गलत व लोकतांत्रिक है। सभी छात्र मेरिट की जगह प्रवेश परीक्षा से प्रवेश की बात कर रहे थे, जो कि तर्कसंगत है।
सांसद वीरेंद्र सिंह ने पुलिस आयुक्त वाराणसी से मुलाकात कर तत्काल छात्रों के ऊपर लगे मुकदमों को हटा कर रिहा करने की मांग की। जिस पर पुलिस आयुक्त ने सभी को रिहा करने की बात कही। सांसद वीरेंद्र सिंह ने प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री से इस मामले पर बात कर इसका समाधान निकालने की बात कही। सांसद वीरेन्द्र सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि काशी विद्यापीठ के छात्रों की जेनमिइन मांगे थे वह अपने जेनमिइन मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे थे और पुलिस के द्वारा उन्हें जबरन उठाया गया। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्र जब वह अपनी विश्वविद्यालय में सुरक्षित नहीं है तो कहीं पर भी सुरक्षित नहीं है। इस बात को लेकर कुलपति महोदय को संज्ञान में लेना चाहिए। बिना उनकी जानकारी में रात को 2 बजे अनिश्चित धनरात बच्चों को उठाया गया। यह बहुत ही आपत्तिजनक है। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक नियम बनाया कि मेरिट का साक्षम पोर्टल बनाकर सभी बच्चों के लिए एक ओपन प्लेटफॉर्म बनाया है, उस ओपन प्लेटफॉर्म के जरिए जिसकी जितनी मेरिट है, उस पोर्टल के जरिए फिर काउंसलिंग करा करके उस मेरिट के अनुसार जिस यूनिवर्सिटी में बहुत टॉपर लड़का है यहां पर फार्म में भरा है तो वह लखनऊ यूनिवर्सिटी, मेरठ यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी सभी जगह हो सकता है। मेरे द्वारा छात्रों से भी बात की गई मैं पुलिस कमिश्नर से भी बात की जो बच्चे हैं वह अपराधी नहीं हैं इसलिए आप उनकी जमानत कर दीजिए।