मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
बिहार से सहारनपुर के देवबंद भेजे जा रहे 95 बच्चों की तस्करी का खुलासा होने के बाद पता चला है कि सिर्फ सहारनपुर ही नहीं देश के विभिन्न राज्यों में बच्चों को भेजा जा रहा है। इसमें अररिया का शबे नूर का नाम सामने आया है। पूछताछ में पता चला है कि सहारनपुर के अलावा यूपी के आजमगढ़, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बंगलुरु भी बच्चों को भेजा गया है। ऐसे ही बच्चों की एक खेप को अयोध्या पुलिस ने सूचना के बाद बरामद किया है।
अयोध्या पुलिस के अनुसार, जिन 95 बच्चों को बरामद किया गया है, उन्हें सहारनपुर के दारुल उलूम रफाकिया मदरसा संचालक तौसीफ और दारे अरकम का रिजवान बस से ले जा रहा था, जो बच्चे बरामद हुए हैं, उनमें से कुछ के माता-पिता अयोध्या व लखनऊ पहुंच रहे हैं। लिखा पढ़ी के बाद यदि सत्यापित हुआ तो उन्हें बच्चे सौंप दिए जाएंगे। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अतुल कुमार सोनकार के अनुसार, सभी बच्चों के माता-पिता को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जाएगा।
पूछताछ में ये भी पता चला है कि अधिकतर बच्चे बिहार के प्राथमिक स्कूलों में पढ़ रहे थे। इसके बावजूद उन्हें मदरसा क्यों भेजा गया? जबकि मदरसा संचालक बच्चों की किसी तरह की जिम्मेदारी भी नहीं लेते हैं। कई बच्चों ने पुलिस से कहा कि वो डॉक्टर बनना चाहते हैं, लेकिन उन्हें मदरसा भेजा जा रहा है। वहां पढ़कर वो डॉक्टर कैसे बन पाएंगे। बिहार से 95 बच्चों को बस में भरकर सहारनपुर ले जा रहे पांच मौलवी को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था, जो बच्चे बस में थे उनकी उम्र 9 से 12 वर्ष बतायी जा रही है। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की मानव तस्करी विरोधी ईकाई ने इसका खुलासा किया है। बताया जा रहा है कि पांचों मौलवी से पूछताछ के बाद कई बड़े खुलासे हुए हैं।