हर एथलीट के लिए ओलिंपिक में अपनी जगह बनाना एक सपने जैसा होता है। कई बार अपनी जगह न बना पाने के कारण एथलीट डिप्रेशन में चले जाते हैं और गलत कदम उठा लेते हैं। चुनौतियों भरे करियर से दो-चार करनेवाली धावक हरमिलन बैंस ने खुलासा करते हुए कहा कि पेरिस ओलिंपिक २०२४ के लिए जब वो क्वालीफाई नहीं कर पार्इं तो डिप्रेशन में थीं और वो सुसाइड करने के बारे में सोचती रहती थीं। नई दिल्ली के डॉ. आंबेडकर स्टेडियम में आयोजित ६३वें सुब्रतो कप जूनियर बॉयज टूर्नामेंट के फाइनल में बतौर गेस्ट उपस्थित हरमिलन बैंस ने अपने करियर के सबसे बुरे दौर को लेकर बात करते हुए युवा खिलाड़ियों को संदेश देते हुए कहा, ‘मेरा युवा खिलाड़ियों को संदेश है कि आप अपने खेल का आनंद लें और ज्यादा तनाव लेने की जरूरत नहीं है। मैं भी ओलिंपिक में जगह ना बनाने के बाद तनाव में थी। मैं उस समय डिप्रेशन में थी। मैं सुसाइड करना चाहती थी। मेरा मन था कि मैं सब छोड़कर भाग जाऊं।’ वहीं खिलाड़ियों के माता-पिता को भी उन्होंने संदेश देते हुए कहा, ‘अपने बच्चे को वह करने दें जो वे करना चाहते हैं।’