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विनाशकारी बंदरगाह के खिलाफ उतरे मछुआरे … शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) का मिला समर्थन

सरकार को दी चेतावनी
जन सुनवाई करो रद्द
योगेंद्र सिंह ठाकुर / पालघर
जिले के डहाणू तालुका के वाढवण में प्रस्तावित बंदरगाह परियोजना के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त करने वाली जनसुनवाई का विरोध कर रहे लाखों ग्रामीणों और मछुआरों के समर्थन में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) कूद गई है। शिवसेना ने चेतावनी दी है, कि अगर बंदरगाह को लेकर होने वाली जनसुनवाई को रद्द नहीं किया गया तो लोगों के समर्थन में शिवसेना उतरकर तीव्र विरोध प्रदर्शन करेगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पालघर जिलाप्रमुख राजेंद्र पाटील ने बंदरगाह को लेकर पालघर में १९ जनवरी को होनेवाली जनसुनवाई को रद्द करने की जिला प्रशासन और उच्च अधिकारियों से मांग की है। शिवसेना का आरोप है कि बंदरगाह की पर्यावरणीय प्रभाव आकलन रिपोर्ट में कई खामियां हैं और रिपोर्ट में उल्लेखित अध्ययन में मौसमी अध्ययन अभी भी पूरा नहीं हुआ है।
ऐसे में इस अध्ययन से पहले सार्वजनिक सुनवाई करना अवैध है। प्रभाव मूल्यांकन रिपोर्ट अधूरी होने के कारण सार्वजनिक सुनवाई नहीं की जानी चाहिए।
१९ जनवरी को परियोजना को लेकर रखी गई सार्वजनिक सुनवाई का शिवसेना ने विरोध किया है और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारियों को ज्ञापन देकर इसे आगे बढ़ाने की मांग की है, नहीं तो शिवसेना इसका कड़ा विरोध करेगी।
तटीय क्षेत्रों में सरकार के विरोध में भड़की आग
बंदरगाह परियोजना को आगे बढ़ाने को लेकर हालिया पैâसले के बाद तटीय क्षेत्रों में केंद्र और राज्य सरकार के विरोध में भीषण आक्रोश भड़क गया है। लाखों लोग बंदरगाह के विरोध में हैं और लोग लगातार बंदरगाह परियोजना को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
विनाशकारी बंदरगाह वापस जाओ के नारों से गूंज रहा पालघर
बंदरगाह और सरकार के विरोध में लोग जमकर नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पूरे जिले में खासकर तटीय क्षेत्रों में बंदरगाह वापस जाओ के नारे गूंज रहे हैं।
विकास नहीं होगा विनाश
केंद्र सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाले वाढवण बंदरगाह को लेकर बंदरगाह विरोधी संघर्ष समिति ने दावा किया कि इससे क्षेत्र का विकास नहीं विनाश होगा। मछुआरों का कहना है, कि यह उनके अस्तित्व की लड़ाई है। सरकार एक तरफ स्वरोजगार की बात करती है और दूसरी तरफ लाखों मछुआरों का रोजगार छीन रही है। हाल के दिनों में बंदरगाह को लेकर गतिविधियों ने फिर से जोर पकड़ लिया है। वाढवण में बनने वाले बंदरगाह का लोग यह कह कर विरोध कर रहे हैं कि इसके निर्माण से लाखों लोगों का रोजगार तो खत्म होगा ही साथ ही क्षेत्र के पर्यावरण के लिए भी गंभीर खतरा पैदा हो जाएगा।

 

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