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सनातन धर्म अपमान तथा सनातन धर्म के विरुद्ध खुला द्रोह है खुद का अभिषेक कराना:अजय राय

सामना संवाददाता / वाराणसी

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पीएम मोदी पर निशाना साधा।मंगलवार को अपने आवास पर प्रेसवार्ता कर उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में खुद के अभिषेक या महिमामंडित कराने की परंपरा न सिर्फ धर्म विरुद्ध है बल्कि यह सनातन धर्म को खुली चुनौती देने वाली धर्म द्रोही कुकृत्य है । हम सब लोग काशी की मिट्टी में जन्मे, पले – बढ़े हैं । सनातन धर्म की हजारों हजार साल की हमारी जो समृद्ध परंपरा है उसमे कभी भी ऐसा देखने को नहीं मिला कि किसी राजनेता या संत महात्मा या ऋषि – मुनि ने देवाधिदेव महादेव बाबा भोलेनाथ जी को अभिषेक करने की जगह खुद का ही अभिषेक कराया हो । ऐसी कुवृत्ति और आकंठ अहंकार में डूबा व्यक्ति ही कर सकता है । गोस्वामी तुलसी दास जी ने शायद ऐसे ही अहंकारी वृत्ति को देखकर कहा था कि – जब नाश मनुज का होता है, पहले विवेक मर जाता है।

काशी एक पौराणिक और आध्यात्मिक नगरी है । काशी का इतिहास हजारों हजार वर्षों का है । लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि पिछले 2014 से जब से नरेंद्र मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री काशी को अपना संसदीय क्षेत्र बनाया है तब से लगातार काशी की पौराणिकता को तहस नहस किया जा रहा है । कभी कॉरिडोर के नाम पर, तो कभी आधुनिकता के नाम पर । काशी की मूल पहचान यहां की प्राचीनता और आध्यात्मिकता से है। कॉरिडोर के नाम पर जिस तरह से मोदी जी ने काशी की पौराणिता और आध्यात्मिकता को नष्ट किया वह हम सबके लिए पीड़ाजनक है । सैकड़ों प्राचीन प्राण प्रतिष्ठित विग्रहों और मंदिरों को तोड़ना, बाबा विश्वनाथ के दरबार के साथ छेड़ छाड़, मां गंगा की पवित्रता और निर्मलता के साथ छेड़ छाड़ और हद तो तब हो गई जब पीछले नौ मार्च को अपने वाराणसी आगमन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा श्री काशी विश्वनाथ जी का अभिषेक करने के बजाय खुद का ही अभिषेक करवाया । यह सनातन धर्म की मान्यताओं, परंपराओं के विरुद्ध खुला द्रोह है । काशी से ही पंडित कमलापति त्रिपाठी जी, डॉ संपूर्णानंद जी, स्व लाल बहादुर शास्त्री जी जैसी महान धर्मनिष्ठ हस्तियां भी हुआ करती थीं, पर ऐसे विधर्मी और अहंकारी रूप कभी नहीं दिखा । स्वयं हमारे पंडित कमलापति त्रिपाठीजी खुद प्रतिदिन मां गंगा का स्नान करते थे और प्रतिदिन आदि शक्ति मां जगदम्बा का पाठ करते थे। उनके पूर्वज खुद बाबा श्री काशी विश्वनाथ जी की पुजारी हुआ करते थे । मै समझता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने बाबा श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में पिछले 9 मार्च को बाबा विश्वनाथ जी की जगह जो खुद का अभिषेक कराया वह न सिर्फ सनातन धर्म का, बाबा भोलेनाथ का, बल्कि काशी की हजारों हजार साल से चली आ रही समृद्ध सनातन परंपरा का खुला अपमान किया है । यह समूचे सनातन धर्म के मतावलंबियों के लिए दुःख और पीड़ा की बात है ।

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