सुरेश गोलानी / मुंबई
उत्तन के समुद्र तटों (बीच) की सफाई के नाम पर मीरा-भार्इंदर महानगरपालिका जनता के पैसे की सफाई करती नजर आ रही है। बीच पर कचरे का अंबार लगा हुआ है और सफाई के लिए लाई गई अत्याधुनिक मशीनें भंगार हो गई हैं। दिसंबर २०२२ मे केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के अंतर्गत ९० लाख रुपए में खरीदी गई ‘बॉबवैâट’ मशीन पिछले कई महीनों से उत्तन के श्मशान घाट पर धूल खा रही है, जिसके चलते समुद्र तटों पर सैंकड़ों टन कचरे का ढेर जमा हो चुका है। साल के बाकी महीनों के मुकाबले मानसून के दौरान समुद्री तटों पर कचरे की मात्रा काफी हद तक बढ़ जाती है, जिससे स्थानीय लोगों और मछुआरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
दिखावे के लिए कर्मचारी
उत्तन के पातान बंदर गांव मे रहने वाले सबीरों नागोरामा कहते हैं, ‘तट की दैनिक सफाई हेतु मनपा ने २५ कर्मचारियों की नियुक्ति की है, पर असल में सिर्फ ९ या १० लोग औपचारिकता पूरा करने के लिए कुछ घंटों के लिए काम पर आते हैं, वो भी बिना किसी कचरा उठाने की गाड़ी या जेसीबी यंत्र के साथ। ९० लाख खर्च कर खरीदी गई ‘बॉबवैâट’ मशीन का तो कोई अता-पता ही नहीं है।
बच्चे हो जाते हैं घायल
कचरे में प्लास्टिक की थैलियों, खाद्य पदार्थ के रैपर के अलावा कांच की टूटी हुई बोतलों का समावेश होता है, जिसके कारण न सिर्फ प्रदूषण बढ़ता है, यहां खेलने वाले हमारे बच्चे कई बार बुरी तरह घायल हो जाते हैं।
उत्तन में उड़ रही हैं राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम की धज्जियां!
मीरा-भाइंदर के उत्तन में समुद्र तट गंदगी से भरा पड़ा है। वहां मनपा के कर्मचारी सिर्फ सफाई की खानापूर्ति कर रहे हैं। सफाई के लिए लाई अत्याधुनिक ‘बॉबकैट’ मशीनें जंग खा रही हैं। इससे साबित होता है कि मनपा प्रशासन राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम की धज्जियां उड़ा रहा है, जिसका मूल उद्देश्य प्रदूषण रोकना है। ऑपरेटर केबिन, जॉयस्टिक और हाइड्रोलिक कंट्रोल जैसे आधुनिक यंत्रों से लैस ‘बॉबकैट’ मशीन सतह से छह इंच नीचे से रेत की एक परत को उठा सकती है।
ज्ञात हो कि अरब सागर के किनारे लगभग सात किलोमीटर का तट फैला हुआ है, जिसमें उत्तन का पातान-बंदर, भाटे-बंदर और पाली समुद्र तट शामिल हैं।
पर्यटकों के लिए परेशानी
समुद्र तट किसी भी शहर के लिए जीवंत संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक होता है, जो पर्यटन को बढ़ावा देते हैं, परंतु तटों की सफाई के प्रति मनपा की उदासीनता प्रदूषण के अलावा मछुआरों, पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रही है। हालांकि, यह भी सच है कि लोगों का भी दायित्व है कि समुद्र तटों पर कचरा न पैâलाकर उसे साफ रखने मे अपना योगदान दें।
कोई कार्रवाई नहीं
दर्या माता चर्च कमिटी के माध्यम से हमने प्रशासन को इस समस्या के बारे में अवगत कराया है, पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।’ अधिक जानकारी लेने पर ये बात पता चली कि ‘बॉबकैट’ मशीन पिछले कई महीनों से उत्तन के श्मशान घाट पर रखरखाव के अभाव में धूल खा रही है।