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सावधान … सेहत बिगाड़ रहे है पैक्ड जूस!… कृत्रिम रंग और रिफाइंड शुगर हो सकते हैं जानलेवा

सामना संवाददाता / मुंबई
देश के बड़े शहरों के साथ ही ग्रामीण इलाकों में पैक्ड (डिब्बाबंद) जूस पीने का चलन बढ़ा है। बहुत से लोग हैं, जो शौक से पैक्ड जूस का इस्तेमाल करते हैं। विशेषज्ञों की माने तो डिब्बाबंद जूस की बजाए ताजे फलों का सेवन ज्यादा बेहतर होता है। क्योंकि यह पैक्ड जूस आपकी सेहत को फायदे की बजाय नुकसान पहुंचाता है। दरअसल, फलों में प्राकृतिक मिठास और रंग होता है, इसलिए उसमें अलग से मिठास और कृत्रिम रंग मिलाने की जरूरत नहीं होती। डॉक्टर सेजल रस्तोगी ने बताया कि डिब्बे वाले जूस में ज्यादा मीठापन होता है, जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। अक्सर छोटे बच्चे और बुजुर्ग लोग डिब्बे वाला जूस पीते हैं, जिसमें शुगर की मात्रा बढ़ी होती है जो स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है, इससे कम उम्र में मोटापे जैसी अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। पोषक तत्वों में कमी आ जाती है, जिससे आपका वजन बढ़ सकता है।
डाक्टर ने आगे बताया कि प्राकृतिक फल और सब्जियों की तुलना में यह डिब्बाबंद जूस तेजी से वजन बढ़ाता है। डिब्बाबंद जूस का सेवन न करें, क्योंकि ये जूस रिफाइंड शुगर से बने होते हैं, जो डायबिटिक लोगों के लिए ठीक नहीं है। भले ही इसमें शुगर प्रâी की सूचना दी गई हो, तब भी डायबिटीज मरीजों को इससे पर हेज करना चाहिए। लंबे समय तक सुरक्षित और कलर देने के लिए कृत्रिम रंगों का इस्तेमाल किया जाता हैं। कई बार ये रंग सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं।
कृत्रिम चीनी का इस्तेमाल
उन्होंने कहा कि नाशपाती, सेब, चेरी जैसे कुछ फलों में सॉर्बिटॉल जैसी शुगर मौजूद होती है, जो आसानी से पचती नहीं, कभी-कभी परेशानी सामने ला सकती है। सॉर्बिटॉल एक कार्बनिक अल्कोहल है जिसे चीनी या मिठास के लिए खाने और टूथपेस्ट जैसी चीजों में इस्तेमाल किया जाता है। इस कृत्रिम चीनी का इस्तेमाल आजकल बहुत सी चीजों में हो रहा है। यदि पैक्ड जूस की जगह पर गर्मियों में ज्यादा से ज्यादा ताजे फल और उनका जूस लस्सी आदि का सेवन अच्छा रहता है। कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित और एसिडिटी से राहत के लिए छाछ का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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