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यूपी में भाजपा को लगा जबरदस्त सदमा! …राहुल गांधी के नामांकन ने बदला राजनैतिक माहौल

बौखलाहट में सत्ताधारियों के सुर बिगड़े

रायबरेली से नामांकन मेरे लिए भावुक पल था! मेरी मां ने मुझे बड़े भरोसे के साथ परिवार की कर्मभूमि सौंपी है और उसकी सेवा का मौका दिया है। अमेठी और रायबरेली मेरे लिए अलग-अलग नहीं हैं, दोनों ही मेरा परिवार हैं। अन्याय के खिलाफ चल रही न्याय की जंग में, मैं मेरे अपनों की मोहब्बत और उनका आशीर्वाद मांगता हूं। मुझे विश्वास है कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने की इस लड़ाई में आप सभी मेरे साथ खड़े हैं।’

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित गांधी परिवार को हर तरफ से घेरने की योजना बनाकर बैठी भाजपा को शुक्रवार को उस समय बड़ा झटका लगा, जब राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया। भाजपा के लिए यह किसी सदमे से कम नहीं था, क्योंकि भाजपा अमेठी के बाद रायबरेली से भी गांधी परिवार को हटाना चाहती थी। राहुल गांधी के नामांकन ने निश्चित तौर पर राजनैतिक माहौल बदल गया है और भाजपा की बौखलाहट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सत्ताधारियों के सुर बिगड़े-बिगड़े से नजर आ रहे हैं और इसी बौखलाहट में पीएम मोदी एवं भाजपा के अन्य नेता बयान दे रहे हैं। रायबरेली में पर्चा दाखिल करते समय राहुल गांधी के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और उनकी मां सोनिया गांधी भी मौजूद थीं। राहुल के नामांकन के समय उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा और उनके पति रॉबर्ट वाड्रा भी मौजूद थे।
सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश से गांधी परिवार को भगाना ही भाजपा का उद्देश्य था। कांग्रेस मुक्त भारत से पहले भाजपा गांधी मुक्त उत्तर प्रदेश करना चाहते थे, लेकिन अब राहुल गांधी ने रायबरेली से पर्चा भरकर हमारे मंसूबों पर पानी फेर दिया है। राहुल गांधी के मैदान में उतरने से सिर्फ रायबरेली में ही नहीं पूरे यूपी में कांग्रेसियों में जोश भर गया है। सपा को भी बल मिला है। ऐसे में माना जा रहा है कि `इंडिया’ गठबंधन भाजपा के इरादों को पूरा नहीं होने देगा। `इंडिया’ गठबंधन का भी मानना है कि हमारी जीत पक्की है। इससे सत्ताधारियों में बौखलाहट बढ़ गई है। यूपी में अब भाजपा को भारी नुकसान का सामना करना होगा। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि परिणामस्वरूप दिल्ली में भाजपा का सिंहासन ढह सकता है।
दरअसल, भाजपा यूपी से गांधी परिवार को हटाकर यह संदेश देना चाहती थी कि वह कांग्रेस की जड़ों को खत्म कर रही है, लेकिन राहुल गांधी ने रायबरेली से पर्चा दाखिल कर भाजपा को पीछे धकेल दिया है। रायबरेली से सोनिया गांधी सांसद थीं। सोनिया गांधी ने कुछ दिनों पहले राजस्थान से राज्यसभा में गर्इं और उन्होंने रायबरेली सीट रिक्त कर दी, माना जा रहा था कि इस सीट से प्रियंका गांधी लड़ेंगी। राहुल गांधी द्वारा नामांकन के बाद अब इस सीट पर गांधी का मुकाबला भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह से होगा। दिनेश प्रताप २०१९ में भी इसी सीट से मैदान में उतरे थे। पिछले लोकसभा चुनाव में अमेठी सीट पर भाजपा ने गलत तरीके से चुनाव जीत लिया, उसी तरह से भाजपा रायबरेली से भी कांग्रेस को हटाना चाहती है। गांधी परिवार की जगह कोई और इस सीट से चुनावी मैदान में होता तो शायद भाजपा के लिए उसकी साजिश को अमल में लाना आसान होता।

`हम जनबल पर लड़ेंगे’
अमेठी लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा शुक्रवार को अमेठी के कांग्रेस कार्यालय पहुंचीं और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। प्रियंका ने कहा कि भाजपा के लोग धनबल से चुनाव लड़ते हैं और हम जनता के बल पर लड़कर जीत हासिल करेंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि ये आपका चुनाव है और आप लड़ेंगे, आप जिताएंगे।’ उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा के बारे में कहा, `किशोरी लाल जी अमेठी के गांव-गांव को जानते हैं। सभी को पहचानते भी हैं और लंबे समय से यहां का कामकाज देख रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी उन्हें जीत दिलाएंगे। हम अमेठी में सच्चाई की राजनीति के लिए आए हैं।’ उन्होंने कार्यकर्ताओं का हाल-चाल पूछा और उनसे जीत के लिए काम करने की अपील भी की।

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