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मैथिली व्यंग्य : इनाम

डॉ. ममता शशि झा
मुंबई

जहन से समाचार पत्र में शिवम के बारहमी बोर्ड के परीक्षा में राज्य भरि में पहिल स्थान येबाक समाचार सब पढलक, तहन से शिवम के घर पर स्थानीय नेता, मीडिया, अड़ोस-पड़ोस, संबंधि आ सब से बेसी कोचिंग सेंटर बला के भीड़ लागी गेल छल। शिवम के पिता रिक्शा चला के और माय भानस के के बच्चा सब के शिक्षा दे रहल छलखिन। जे क्यो इ समाचार सुनइ से अपना बच्चा पर क्रोधित होयत, मोन में ईर्ष्या के भाव ले, दिखवा कर लेल अपन खुशी जाहिर कर लेल हुनका घर पर पहुंचइ छलखिन।
जे संबंधि सब जरूरत काल में, ‘धौर कि पढ़ा में खर्च करब, येकरो कोनो काज में लगा देह, दू टा पाइ येते घर में’ सुझाव दइ छलखिन, सेहो सब सेल्फी ले के सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध होब लेल अगुतायल छला।
जिनका घर में शिवम के माय भानस बनबइ छलखिन, हुनको बेटा बारहमी नीक नंबर से पास भेल छलखिन, जा धरि शिवम के पहिल आब के समाचार नहि सुनने रहथिन, ता धरि घर में खुशी आ उत्साह से पार्टी आयोजन पर चर्चा के रहल छलि, मुदा जहिना अपन भनसिया के बेटा के पहिल आब बला बात सुनलखिन अपन बेटा के फटकारइत बजली ‘हम तोरा कि सुविधा नहि देलियउ, मुदा तोरा त हरदम मोबाइले में मोन लगइ छलउ’ बेचारा ओ बच्चा अवाक भे अपन माय मूंह ताक लागल।
हुनका अहि बात के दुख भ रहल छलनि जे एकटा गरीब के बच्चा कोना प्रथम आबि गेलइ।
श्यामजी ऑफिस में क्लर्क छला, दसमी में पढ़ बला दुनु बच्चा के सुतले देखि के’ अहाँ सबके सुतले-सुतले नीक अंक भेट जायत, हम ओवर टाइम के के नीक स्कूल में अहां सबके पढ़बइ छी, पढ़ के मुदा कोनो चांकि नहि देखइ छी।’
दुनु बच्चा मोने-मोन सोच लागल ‘कोन काज छलइ येतेक नंबर आन के, आब इ सब हमरा सब के जिनाइ मुश्किल क देता!’
चूंकि सरकारी स्कूल में पढ़ल छला शिवम ताहि लेल स्थानिय नेता सब ओकर श्रेय अपन सरकार पर लेब चाहइ छला, मुदा सब सं बेसि अपस्यात कोचिंग सेंटर बला सब छला, सब शिवम के मूंह मांगा इनाम दे के, हुनकर फोटो अपन कोचिंग सेंटर बला होर्डिंग पर लगा, अपन कोचिंग क्लास के सर्वश्रेष्ठ देखा, विद्यार्थी सबके आकर्षित के के, अपन व्यापार बढ़ा में शिवम के मॉडल के रूप में प्रस्तुत कर लेल!
शिवम के आँखि में ओ दृश्य घुमि गेलनि जहन इ कोचिंग बला सब, सरकारी स्कूल आ रिक्शा बला के बच्चा कहि के दूतकारि देने रहनि!!

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