मुंबई। जेजे अस्पताल में एक ३७ वर्षीय महिला के गर्भाशय से ६ किलो का फाइब्रॉइड ट्यूमर निकालकर उसे नई जिंदगी दी। यह सर्जरी अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक आनंद ने की। मुंबई में रहनेवाली ३७ साल की एक महिला पिछले चार साल से लगातार पेटदर्द से परेशान थी साथ ही महिला के गर्भवती होने को लेकर भी कुछ परेशानी आ रही थी। डॉक्टरी जांच के बाद पता चला कि महिला के गर्भाशय में फाइब्रॉइड ट्यूमर है। ऐसे में डॉक्टरों ने इस महिला को गर्भाशय हटाने की सलाह दी, लेकिन गर्भाशय हटाने से वह भविष्य में कभी मां नहीं बन सकती थी। महिला का पेट नौ महीने की गर्भवती महिला के आकार जैसा हो गया था, इसलिए उसे जेजे में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने महिला की मायोमेक्टोमी सर्जरी की गई।
दिल्ली डिस्पैच : यह वाकई ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का मसला है?
एम. एम. सिंह
रक्षा मंत्रालय द्वारा ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का हवाला देते हुए सशस्त्र बलों में अधिकारियों, सैनिकों और चिकित्सा अधिकारियों आदि सहित कर्मचारियों की कमी के संबंध में डेटा का खुलासा करने से इनकार करना सत्ता के मंसूबों पर सवालिया निशान खड़ा कर सकता है! विपक्ष इसे वास्तविक राष्ट्रीय हित की अनदेखी मान रहा है। उसका कहना है कि वास्तविक राष्ट्रीय हित यह मांग करता है कि सशस्त्र बलों में रिक्तियों की वास्तविक संख्या सार्वजनिक की जाए।
गौरतलब है कि ५ अगस्त को रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने राज्यसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अपेक्षित डेटा ‘राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित एक संवेदनशील परिचालन मामला’ था और इस तरह के विवरण का खुलासा करना राष्ट्रीय हित में नहीं होगा।
दरअसल, कांग्रेस सांसद अनिल कुमार यादव मंडाडी का सवाल था कि क्या सरकार ने इस तथ्य पर ध्यान दिया है कि सशस्त्र बलों में अधिकारियों, सैनिकों, चिकित्सा अधिकारियों आदि सहित कर्मचारियों की कमी है और इन रिक्तियों को दूर करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। उस सवाल के जवाब में सरकार का यह तर्क सामने आया।
सच तो यह है कि परंपरागत रूप से, रक्षा मंत्रालय कर्मियों की कमी के बारे में अपडेट प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, १३ मार्च, २०२३ को रक्षा मंत्रालय में तत्कालीन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया कि १० मार्च, २०२३ तक सेना में ८,०७० अधिकारी पद और जूनियर कमीशन अफसर तथा अन्य रैंक के १२७,६७३ पद रिक्त थे। इसके अतिरिक्त भट्ट ने बताया कि १ जनवरी, २०२३ से १० मार्च, २०२३ के बीच ६१३ अफसर पद और १९,०६५ जेसीओ/ओआर पद भरे गए। हाल ही में नीति में यह बदलाव १४ जून, २०२२ को अग्निपथ योजना की शुरुआत के बाद आया है।
यह नई भर्ताr पहल, जो पिछली प्रक्रिया की जगह लेती है, २०२६ तक १.७५ लाख र्किमयों की अधिकतम भर्ताr के साथ चार साल के कार्यकाल के लिए सैनिकों को भर्ती करती है। अपना कार्यकाल पूरा होने पर, २५ फीसदी तक अग्निवीर आगे की भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से नियमित वैâडर में शामिल हो सकते हैं।
‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के हवाले पर सरकार से सवाल करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए कहा कि ‘बीजेपी के फर्जाr राष्ट्रवादियों ने अब इस महत्वपर्ू्ण जानकारी को सार्वजनिक डोमेन में डालने से इनकार कर दिया है, जिन्होंने हमारे देशभक्त युवाओं पर अग्निपथ योजना थोपी और उनका भविष्य बर्बाद कर दिया।’
‘मोदी जी, आपकी ही सरकार पिछले कुछ वर्षों से समय-समय पर अधिकारियों, सैनिकों, जेसीओएस और चिकित्सा अधिकारियों की रिक्तियों की संख्या के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रकाशित करती रही है। हम समझ नहीं पा रहे हैं कि आपने अचानक ऐसा करने से इनकार क्यों कर दिया है।’
‘क्या आपको डर है कि रिक्तियों की संख्या के बारे में यह जानकारी आपके द्वारा सशस्त्र बलों पर एक तरफा थोपे गए गलत विचार वाली अग्निवीर प्रेरणा पर प्रश्नचिह्न लगाएगी? राज्यसभा में, ऐसे पिछले कई उदाहरण हैं जहां रक्षा मंत्रालय ने यह महत्वपर्ू्ण जानकारी प्रदान की। अब क्यों रुकें?’ खड़गे सवाल करते हैं। बकौल खड़गे मार्च २०२३ में सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, सशस्त्र बलों में १.५५ लाख से अधिक पद खाली हैं। ‘वास्तविक राष्ट्रीय हित’ की मांग है कि सशस्त्र बलों में रिक्तियों की वास्तविक संख्या सार्वजनिक की जाए, ताकि राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए उन रिक्तियों को भरने के लिए ‘व्यापक उपाय’ किए जाएं।
गौरतलब है कि पिछले दो वर्षों से अधिक समय से कोविड के कारण कोई भर्ती नहीं हुई है और अग्निपथ योजना के तहत सीमित संख्या के साथ मिलकर अगले कुछ वर्षों में कर्मियों की कमी बढ़ जाएगी। हालांकि सशस्त्र बल, विशेष रूप से सेना, भर्ती बढ़ाने के साथ-साथ कर्मियों की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दे रही है। सशस्त्र बल में मैनपावर की कमी का मुद्दा समय-समय पर गर्माता रहा है, और फौरी तौर पर उसके जवाब कभी दिए गए, कभी टाल दिए गए या फिर रस्म अदायगी के तौर पर दिए गए हैं। सवाल यही उठता है कि यदि सशस्त्र बलों में मैनपावर की कमी है तो उसे सार्वजनिक तौर पर जाहिर करने से सरकार हिचकिचाती क्यों है, वह क्या छिपाना चाहती है?
14 अगस्त की रोचक खबरें : अब केस उठाने के लिए धमकी … बिहार में नाबालिग से गैंगरेप
अब केस उठाने के लिए धमकी … बिहार में नाबालिग से गैंगरेप
बिहार के दरभंगा में १३ वर्षीया किशोरी के साथ चार बदमाशों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। घटना गत छह अगस्त की बताई जा रही है। इस घटना में किशोरी बुरी तरह जख्मी हो गई। पहले उसे स्थानीय पीएचसी ले जाया गया। वहां से उसे बेहतर इलाज के लिए डीएमसीएच रेफर कर दिया गया। बड़गांव थाना क्षेत्र के एक गांव का मामला है। जांच में जुटी पुलिस ने दावा किया है कि जल्द ही आरोपियों को दबोच लिया जाएगा। आरोपी काफी दबंग हैं और पीड़ित परिवार पर केस उठाने के लिए दबाव बना रहे हैं। बड़गांव थाने के दारोगा मिथिलेश कुमार ने घटना की पुष्टि की है। थानाध्यक्ष का कहना है कि पीड़िता गरीब परिवार की है और उस दिन घास काटने खेत की ओर गई थी, वहीं पर चार बदमाशों ने उसे पकड़ लिया। सब मिलकर उसे घसीटकर सुनसान बगीचे में ले गए। वहां सभी ने उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया। चार लोगों द्वारा रेप करने से वह बुरी तरह से जख्मी हो गई। थानेदार ने बताया कि इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। पुलिस जल्द कांड का पर्दाफाश कर आरोपियों को पकड़ लेगी।
इलेक्ट्रिक रॉड बांह में दबाए ऑन कर दिया स्विच
फोन कॉल ने भटकाया ध्यान
तेलंगाना के खम्मम में रविवार की रात एक शख्स पानी गर्म करने जा रहा था, तभी कुछ ऐसा हुआ कि इलेक्ट्रिक शॉक लग गया। इस वजह से उसने दम तोड़ दिया। मृतक की एक गलती की वजह से उसकी जान चली गई। यह घटना खम्मम के हनुमान मंदिर के पास की है। बताया जाता है कि खम्मम के ४० वर्षीय दोनेपुदी महेश बाबू अपने कुत्ते को नहलाने की तैयारी कर रहे थे। इसके लिए वह पानी गर्म करने जा रहे थे। उन्होंने जैसे ही इलेक्ट्रिक रॉड को हाथ में उठाया, वैसे ही उनके मोबाइल पर किसी का कॉल आ गया। बस महेश बाबू ने फोन उठाने के बाद इलेक्ट्रिक रॉड को पानी में डालने की बजाय उसे अपनी बांह के अंदर दबा लिया और स्विच ऑन कर दिया।
बाइक पर ऐसे लिपटकर बैठे कपल
राष्ट्रीय राजधानी से सटे गाजियाबाद में चलती बाइक पर एक प्रेमी जोड़े की खुलेआम अश्लीलता का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। ३४ सेकंड का यह वीडियो नंदग्राम थाना क्षेत्र में सिटी फॉरेस्ट राजनगर एक्सटेंशन का है। इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि इस रोड पर काफी ट्रैफिक है, लोग इस प्रेमी जोड़े की हरकत को देख भी रहे हैं, बावजूद इसके दोनों बेशर्मी की हदों को पार करते हुए बाइक चलाते हुए चले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि दो दिन पहले यह वीडियो वहां से गुजर रहे किसी राहगीर ने बनाई और सोशल मीडिया में डाल दी थी।
इंदौर में बालक से कुकर्म
मदरसा कर्मचारी गिरफ्तार
मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में एक मदरसे के कर्मचारी को १० वर्षीय बच्चे से कुकर्म करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि बड़गोंदा थाना क्षेत्र के एक मदरसे में रहकर पढ़नेवाले १० वर्षीय बालक से इस संस्थान के २० वर्षीय कर्मचारी ने २ अगस्त को दोपहर में कथित तौर पर कुकर्म किया। उन्होंने बताया कि आरोपी ने कुकर्म के दौरान लड़के के साथ गाली-गलौज और मारपीट करते हुए उसे धमकाया कि अगर उसने किसी को आपबीती सुनाई तो वह उसे जान से मार डालेगा।
लेडी कॉन्स्टेबल के पति का खूनी खेल
भागलपुर की पुलिस लाइन में दिल दहला देनेवाला घटनाक्रम सामने आया है। घरेलू कलह के चलते एक युवक ने सिपाही पत्नी सहित अपनी मां और दो बच्चों की हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी ने भी फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आस-पास के लोगों की मानें तो पति-पत्नी के बीच अक्सर घरेलू कलह होती थी। यह इतनी बढ़ गई कि नौबत इस जघन्य हत्याकांड तक जा पहुंची। मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। हालांकि, सभी बिंदुओं पर छानबीन की जा रही है।
जूते व निजी समान एक ट्रे में रखना गलत
पॉलीफ्लेक्स इंडिया के एमडी आनंद निचानी ने सुरक्षा जांच के दौरान गंदे जूतों व निजी सामान को एक ही ट्रे में रखे जाने को लेकर बेंगलुरु एयरपोर्ट की आलोचना की है। उन्होंने मामले का एक वीडियो एक्स पर शेयर कर लिखा, ‘यह सही नहीं है।’ बेंगलुरु एयरपोर्ट ने जवाब में तस्वीर शेयर कर जूतों के लिए अलग ट्रे को दिखाया।
मरीज ने महिला डॉक्टर को दिखाया प्राइवेट पार्ट
पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हो रहे अत्याचार का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर केस के मामले में पूरे प्रदेश में प्रदर्शन जारी है। इसी बीच एक और मामला सामने आया है। यहां एक मरीज महिला डॉक्टर को अपना प्राइवेट पार्ट दिखाकर फरार हो गया। पूरी वारदात कैमरे में कैद हो गई है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक मरीज दरवाजे पर खड़ा है और डॉक्टर उसे अंदर बुलाती है। अंदर आते ही मरीज अपना पैंट उतारकर डॉक्टर को अपना गुप्तांग दिखाता है और वहां से भाग जाता है।
पत्नी को प्रेमी संग पकड़ा दोनों ने पति की कर दी हत्या
बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड के पास हगादुर में एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर कथित तौर पर अपने पति की गला घोंटकर हत्या कर दी। गिरफ्तार किए गए आरोपी तेजस्विनी और उसका प्रेमी गजेंद्र बाबू इंदिरानगर का रहने वाला है। पुलिस ने बताया कि बेंगलुरु में महेश नामक शख्स ने अपनी पत्नी तेजस्विनी को उसके प्रेमी गजेंद्र बाबू के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ लिया, जिसके बाद तेजस्विनी ने गजेंद्र के साथ मिलकर कथित तौर पर महेश की हत्या कर दी। महेश के भाई ने बताया कि उसके बेटे के सामने उसकी हत्या की गई। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
कर्ज में डूबे दंपति ने गंगा में लगाई छलांग
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले ज्वेलर्स ने हरिद्वार में जाकर गंगा नदी में कूदकर सुसाइड कर लिया। जानकारी के अनुसार, हरिद्वार में गंग नहर से युवक का शव बरामद हुआ है। मौके से पति-पत्नी का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। हालांकि, ज्वेलर्स की पत्नी का अभी कोई सुराग नहीं मिल पाया है। किशनपुरा के साई ज्वेलर्स के मालिक सौरभ बब्बर का शव हरिद्वार के रानीपुर कोतवाली क्षेत्र में मिला है। ज्वेलर्स दंपति ने करोड़ों रुपए कर्ज होने के चलते हरिद्वार के गंग नहर में कूदकर सुसाइड कर लिया। सुसाइड करने से पहले दंपति ने अपने मोबाइल फोन से आखिरी बार सेल्फी ली और मौत को गले लगा लिया।
इटारसी स्टेशन पर ट्रेन हादसा
मध्य प्रदेश के इटारसी स्टेशन पर सोमवार शाम को रानी कमलापति-सहरसा विशेष ट्रेन के दो डिब्बे पटरी से उतर गए। इस घटना में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। अधिकारी ने बताया, ‘ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर दो पर पहुंचने ही वाली थी कि उसके दो डिब्बे पटरी से उतर गए।’ बड़ा हादसा टल गया, क्योंकि जब दो डिब्बे पटरी से उतरे, तब ट्रेन की रफ्तार पांच किलोमीटर से भी कम थी। अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन रानी कमलापति से निकलकर सहरसा की तरफ जा रही थी, इसी दौरान इटारसी रेलवे स्टेशन के पास हादसा हो गया।
लहसुन सब्जी है या मसाला?
इंदौर हाई कोर्ट ने निपटाया विवाद
सब्जियों को लेकर कई तरह के भ्रम होते हैं। कुछ चीजों को हम सब्जी मानते हैं तो कुछ चीजों को हम मसाला मानते हैं। ऐसा ही एक रोचक मामला मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के इंदौर बेंच के सामने आया। हाई कोर्ट ने लोगों के भ्रम को दूर कर दिया। मुद्दा यह था कि लहसुन सब्जी है या मसाला। मामला जब हाई कोर्ट के सामने आया तो कोर्ट ने इसे सब्जी की वैâटेगरी में डालने का आदेश दिया। जस्टिस एसए धर्माधिकारी और डी वेंकटरमन की बेंच ने कहा कि लहसुन जल्दी खराब होनेवाला पदार्थ है, लिहाजा यह एक सब्जी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इसे सब्जी और मसाला दोनों बाजारों में बेचा जा सकता है। इससे व्यापार पर लगे प्रतिबंध खत्म हो जाएंगे।
रेप का बदला लेने के लिए आरोपी की बहन से रेप
यूपी के आगरा में एक युवक की बहन के साथ दुराचार हुआ। युवक ने आरोपी की बहन को जाल में फंसाकर उसके साथ दुराचार किया। मुकदमा दर्ज हुआ तो पुलिस को लगा कि पेशबंदी हो सकती है। छानबीन की तो साक्ष्य मिले। एक होटल में जाने के फुटेज के आधार पर दुराचार पीड़िता का भाई भी दुराचार में जेल भेजा गया। पीड़िता जगदीशपुरा क्षेत्र की निवासी है। उसने सिकंदरा थाने में दुराचार का मुकदमा दर्ज कराया था। हाइवे स्थित एक होटल की घटना बताई थी। पुलिस को बताया था कि उसका भाई दुराचार के आरोप में जेल में बंद है। जिस युवती की वजह से भाई जेल गया उस युवती के भाई ने उससे संपर्क किया। कहा कि जमानत में मदद करा देगा। वह उसकी बातों में आ गई। उसके साथ होटल में चली गई। वहां उसने उसके साथ दुराचार किया।
कार में बैठे-बैठे आ गई मौत!
बिहार के औरंगाबाद जिले के दाउदनगर थाना क्षेत्र में मंगलवार को एक तेज रफ्तार कार असंतुलित होकर नहर में जा गिरी। इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गई। मृतक पटना के रहनेवाले बताए जाते हैं। पुलिस ने बताया कि पटना के राजीव नगर के कुछ लोग सावन के पवित्र महीने में रोहतास जिले के गुप्ताधाम भगवान महादेव की पूजा-अर्चना करने गए थे। इसके बाद भगवान का दर्शन कर सभी कार से लौट रहे थे। इसी दौरान दाउदनगर-बारून रोड पर चमन बिगहा के समीप कार एक नहर में जा गिरी। इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गई।
रिजाइन मेल पढ़कर सदमे में है बॉस!
त्यागपत्र या इस्तीफा लिखना नौकरी छोड़ने की एक प्रक्रिया है। नौकरी से इस्तीफा देते समय कई लोग कंपनी और काम या बॉस के जरिए दी गई प्रताड़ना के बारे में बुरी बातें लिखते हैं और नौकरी छोड़ देते हैं, लेकिन एक कर्मचारी ने सिर्फ तीन शब्दों में इस्तीफा दे दिया, जिससे उसका बॉस सदमे में आ गया। उन्होंने तीन शब्द ‘बाय-बाय सर’ लिखे और इस्तीफा दे दिया। नौकरी से इस्तीफा देने के इस अनोखे तरीके की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि यह इस्तीफा कंपनी के किस कर्मचारी ने लिखा है।
प्रिंसिपल ने बच्चे को खिलाया मीट!
यूपी के मेरठ में एक सरकारी स्कूल में दिव्यांग बच्चे को जबरन मीट खिलाने का मामला सामने आया है। दिव्यांग बच्चे ने जब इस मामले की जानकारी परिजनों को दी तो बवाल खड़ा हो गया। परिवार वाले बच्चे को लेकर थाने पहुंच गए। वहीं खबर मिलते ही हिंदूवादी नेता भी विरोध जताते हुए थाने पहुंच गए।
हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल को हिरासत में ले लिया। मामले की शिकायत शिक्षा विभाग के अधिकारियों से भी की गई, जिसके बाद आरोपी शिक्षक इकबाल को सस्पेंड करते हुए विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
सभी गधे घोड़े नहीं हो सकते
शिक्षिका की सीएमओ को बंदूक रखने की धमकी
रामपुर में सीएमओ को दोनाली बंदूक की धमकी और गधे-घोड़े की बात कहने वाली शिक्षिका पर निलंबन की तलवार लटक गई है। रामपुर जिले में एक अधिकारी सरकारी स्कूल में जांच करने पहुंचे थे, लेकिन जब उन्होंने छात्रों की प्रगति के बारे में जानना चाहा तो स्कूल की महिला प्रिंसिपल उन पर भड़क गई। उन्होंने कहा कि सभी गधे कभी भी घोड़े नहीं हो सकते हैं। प्रिंसिपल ने सीएमओ से यहां तक कह दिया कि बंदूक भी रखती हूं और किसी से डरती नहीं हूं। मुख्य चिकित्साधिकारी नगर क्षेत्र के एक प्राथमिक विद्यालय में निरीक्षण करने पहुंचे थे। वहां, विद्यालय में मौजूद महिला शिक्षक से पूछा कि यहां प्रधानाध्यापक कौन हैं, तब महिला शिक्षक ने खुद को प्रधानाध्यापक बताया और दोनाली लाइसेंसी असलहा होने की बात कही। बाद में सीएमओ ने विद्यालय निपुण होने की बात पूछी। प्रधानाध्यापक ने जवाब दिया कि गधे घोड़े नहीं बन सकते। दोनों की बातों का गलत जवाब सुनते ही सीएमओ वापस लौट आए।
मंदिर में अंगारों पर चल रहे थे श्रद्धालु
तमिलनाडु से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां तिरुवल्लूर में अरामबक्कम के पास एक मंदिर में उत्सव के दौरान हादसा हो गया। दरअसल, मंदिर की परंपरा के अनुसार यहां भक्त अंगारों पर चलते हैं, लेकिन इस दौरान एक ७ साल का बच्चा अंगारे के गड्ढे में गिर गया। गनीमत रही कि वहां मौजूद लोगों ने तुरंत उसे उठा लिया। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि वैâसे लोग अंगारों पर चल रहे हैं। जानकारी के अनुसार, करीब १०० से अधिक श्रद्धालु एक के बाद एक अंगार के गड्ढे पर चल रहे थे। वीडियो में भी देखा जा सकता है कि वैâसे भक्त सामने से प्रसाद लेकर अंगार पर चढ़कर जा रहे हैं।
संदीप को ६ घंटे में दिखाया बाहर का रास्ता
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री रह चुके संदीप कुमार को भारतीय जनता पार्टी ने भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है। खबर है कि पार्टी में शामिल होने के कुछ ही घंटों बाद भाजपा ने कुमार को हरियाणा इकाई से निष्कासित कर दिया है। कुमार का नाम पहले भी सीडी विवाद में सामने आ चुका है, जिसमें वह एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखे गए थे। कुमार को हरियाणा भाजपा से महज ६ घंटे में ही बाहर कर दिया गया। कहा जा रहा है कि विवादित अतीत के बारे में जानकारी लगने के बाद यह पैâसला लिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा नेताओं का कहना है कि कुमार ने जानबूझकर आप नेता और मंत्री के कार्यकाल के दौरान किए कामों को छिपाया था।
आंखों में कांच के टुकड़े, निजी अंगों में चोट
दरिंदगी की सारी हदें पार
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या के खिलाफ देशभर में सैकड़ों डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के बीच पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से रूह कंपा देने वाला खुलासा हुआ है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के निजी अंगों, हाथों और चेहरे पर कट के निशान पाए गए। रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि क्रूर हमले के कारण उसके चश्मे से कांच के टुकड़े टूटकर उसकी आंखों में घुस गए। सिर पर चोट लगने की भी खबर है, क्योंकि आरोपी ने मृतक के सिर को दीवार पर पटक दिया।
राक्षस देश से चला गया, यूनुस की टिप्पणी
बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने प्रदर्शनकारी छात्रों की तारीफ करते हुए कहा है कि यह छात्रों के नेतृत्व वाली एक क्रांति है जिसने पूरे बांग्लादेश को बदल दिया है। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़कर भागने पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, ‘आखिरकार इस बार राक्षस देश के बाहर चला गया।’
एक सिरफिरे की करतूत से दहला लंदन
सेंट्रल लंदन के व्यस्ततम लीसेस्टर स्क्वॉयर में एक सिरफिरे ने एक मासूम बच्ची और एक महिला पर चाकू से हमला कर दिया। इस हमले से लंदन के सबसे बड़े पर्यटक केंद्र पर अफरा-तफरी मच गई। हालांकि, पुलिस ने तेजी से एक्शन करते हुए आरोपी हमलावर को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया। मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा कि इस घटना का फिलहाल आतंकवाद से कोई संबंध नहीं निकला है। एक दुकान के सुरक्षा गार्ड ने मीडिया को बताया कि हमलावर ने चाकू से ११ वर्षीय लड़की और ३४ वर्षीय महिला पर हमला किया, जिससे वो दोनों घायल हो गए।
मैंने रेंट पर लिया है फ्लैट
एक्ट्रेस अदा शर्मा ने ‘सुशांत सिंह राजपूत का फ्लैट खरीदा है या किराए पर लिया है?’ के जवाब में कहा है, ‘मैंने इसे रेंट पर लिया है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ से कमाए गए ३७८ करोड़ रुपए मेरे नहीं हैं। मेरी दादी भी मेरे साथ यहां पर रहती हैं और वह भी किराया देती हैं।’ अदा शर्मा हाल ही में दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के घर में शिफ्ट हुई हैं। वह इस घर की तस्वीरें और वीडियोज शेयर करती रहती हैं। अब एक इवेंट के दौरान अदा ने फिर से इस घर के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि यह घर खरीदा नहीं बल्कि रेंट पर लिया है। इसमें रहने वाली उनकी दादी भी किराया देती हैं। इसके अलावा घर पर कोई फर्नीचर भी नहीं है।
तुर्किए में मिली १५वीं शताब्दी की शॉपिंग रसीद
तुर्किए में पुरातत्वविदों को १५वीं शताब्दी की एक शॉपिंग रसीद मिली है। यह शॉपिंग रसीद मिट्टी से बनी छोटी सी टैबलेट जैसी दिखती है और इस पर १५वीं शताब्दी का एक प्रशासनिक रिकॉर्ड या एक रसीद अंकित है। बकौल रिपोर्ट्स, इस रसीद पर लकड़ी की मेज, कुर्सियां और स्टूल की खरीद का रिकॉर्ड लिखा हुआ है।
२,००० साल बाद पोम्पेई में मिला कंकाल
इटली के पोंपेई में ज्वालामुखी फटने के २,००० साल बाद पुरातत्वविदों को दो और कंकाल मिले हैं। पुरातत्वविदों ने कहा है कि ये कंकाल एक महिला और एक पुरुष के हैं जो एक बेडरूम में बरामद हुए हैं। महिला का शव बिस्तर पर था और उसके आस-पास सोने, चांदी व तांबे के सिक्के और आभूषण पाए गए हैं।
बाइडन से भी अधिक अयोग्य हैं कमला
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले एलन मस्क को दिए इंटरव्यू में डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘वो जो बाइडन से भी अधिक अयोग्य हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘जबरन ही बाइडन को व्हाइट हाउस से निकाला जा रहा है। उन्हें जबरन ही राष्ट्रपति चुनाव की रेस से बाहर किया गया है।’ बाइडन के कार्यकाल में कमला हैरिस बॉर्डर सुरक्षा चीफ थीं, इसके बाद भी वो बॉर्डर संकट को नहीं रोक पार्इं। वो बॉर्डर को बंद नहीं कर सकीं, जिस वजह से पूरी दुनिया से अपराधी अमेरिका में आ गए हैं। दूसरे देशों के लोग ऐसे लोगों से छुटकारा पाने की कोशिश कर रहे हैं और अमेरिका में ड्रग डीलर हमारे बॉर्डर में घुस रहे हैं।
ट्रंप ने की मस्क की प्रशंसा
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनल्ड ट्रंप ने कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के लिए टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की सराहना की है। उन्होंने कहा कि आप ‘ग्रेटेस्ट कटर’ हैं। आप आते हैं और कहते हैं कि आप (कर्मचारी) छोड़ना चाहते हैं? और वे हड़ताल पर चले जाते हैं…और आप कहते हैं कि ‘ठीक है’।
जंगल के राजा ने बचाई जिंदगी
सोशल मीडिया पर हर दिन कोई न कोई अनोखा वीडियो देखने को मिलता है। इसमें से कुछ वीडियो ऐसे होते हैं, जो लोगों के होश उड़ा देते हैं। कुछ वीडियो देखकर लोगों को अपनी आंखों पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है। इसी क्रम में एक वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो किसी चिड़ियाघर का है। वीडियो में आप देख सकते हैं कि एक शख्स किसी चिड़ियाघर पहुंचता है। वहां उसका सामना जंगल के राजा शेर से होता है। वीडियो में सबसे हैरान करनेवाली चीज देखने को तब मिलती है, जब युवक शेर के पिंजरे में हाथ डालकर जंगल के राजा की तस्वीर लेने लगता है।
तुर्की का नया आवारा कुत्ता कानून
तुर्किए में एक नया कानून पेश किया गया। इस कानून के तहत सड़कों से लाखों आवारा कुत्तों को हटाया जाएगा। हालांकि, सरकार के इस कदम पर पशु कल्याण कार्यकर्ताओं ने चिंता जताई है और वो लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। पशु कल्याण कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार के इस कदम से कुत्तों की सामूहिक हत्या का खतरा पैदा हुआ है।
शेख हसीना पर हत्या का केस
बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ केस दर्ज होने की शुरुआत हो गई है। हालांकि, उनके खिलाफ अभी एक किराना दुकानदार की हत्या का मामला दर्ज किया गया है। दरअसल, १९ जुलाई को बांग्लादेश की राजधानी ढाका के मोहम्मदपुर इलाके में पुलिस ने फायरिंग की थी। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, गोलीबारी में मोहम्मदपुर के किराना दुकान मालिक अबू सईद की मौत हो गई थी। इस मामले में ही अब बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को आरोपी बनाया गया है।
बीमार लड़के की कर दी ब्रेस्ट एनलार्जमेंट सर्जरी
चीन के एक ब्यूटी क्लिनिक ने झांसा देकर मानसिक रूप से बीमार १९-वर्षीय लड़के की ब्रेस्ट एनलार्जमेंट सर्जरी कर दी। क्लिनिक के कर्मचारियों ने लड़के को बताया था कि इस प्रक्रिया से वह लाइव-स्ट्रीमिंग के जरिए पैसे कमा सकेगा। लड़के की मां ने कहा, ‘जब हमारे परिवार को इस बारे में पता चला तो…ऐसा लगा जैसे आसमान गिर गया हो।’
बमबारी उतनी घातक नहीं जितना लोग सोचते हैं
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का साक्षात्कार लेने के दौरान टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने कहा कि जापान का हिरोशिमा व नागासाकी फिर से शहर बन गए हैं। बमबारी उतनी घातक नहीं होती जितना कि लोग सोचते हैं। इस पर ट्रंप ने कहा कि अच्छी बात है। मस्क के इस बयान की लोगों ने आलोचना करते हुए इसे अविश्वसनीय बताया।
रिकॉर्ड संख्या में न्यूजीलैंड छोड़ रहे हैं लोग
अर्थशास्त्रियों के अनुसार, जीवन यापन की उच्च लागत, उच्च ब्याज दरों और बेरोजगारी के कारण रिकॉर्ड संख्या में लोग न्यूजीलैंड छोड़ रहे हैं और दूसरे देश जा रहे हैं। जून-२०२४ तक एक साल में रिकॉर्ड १,३१,२०० लोगों ने न्यूजीलैंड छोड़ा जो अब तक का उच्चतम वार्षिक आंकड़ा है। इस वर्ष की दूसरी तिमाही में न्यूजीलैंड में बेरोजगारी दर ४.७³ रही।
मामी ने भांजी के साथ भागकर रचाई शादी …३ साल से चल रहा था अफेयर
गोपालगंज में भांजी के प्यार में पागल मामी ने अपने पति को छोड़ दिया फिर भांजी से भागकर शादी कर ली। दोनों ने शादी करने की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से घरवालों को दी। बताया जाता है कि तीन साल से दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था। यह मामला कुचायकोट थाना क्षेत्र के बेलवा गांव का है। बेलवा की रहने वाली मामी-भांजी ने सभी सभी नाते-रिश्तों को दरकिनार कर सासामुसा में स्थित दुर्गा भवानी मंदिर में जाकर शादी रचा ली। मंदिर में शादी के दौरान सभी रस्मों को अदा किया। इस दौरान दोनों ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई। गले में मंगलसूत्र डाला और फिर सिंदूर लगाकर सात फेरे लेकर सात जन्मों तक साथ निभाने का वादा भी किया। शादी के बाद दोनों ने एक-दूसरे के साथ जीने मरने के कसमें खाई। भांजी शोभा के प्यार में पागल मामी सुमन ने बताया कि शोभा बहुत ही सुंदर है। मुझे डर था कि उसकी शादी कहीं और हो गई तो ये मुझे छोड़कर चली जाएगी। बस इसी डर से हम दोनों ने सब कुछ छोड़कर मंदिर में शादी रचा ली है, वहीं शोभा ने बताया कि सासामुसा मंदिर में हमने शादी कर ली है। शादी के बाद हमने एक साथ जीने मरने की कसमें खाई हैं।
भोजपुरिया व्यंग्य : आदमी के नपुंसक बना देला मच्छर
प्रभुनाथ शुक्ल भदोही
मच्छर भी का होला। केहू ठीके कहले बा कि मच्छर आदमी के नपुंसक बना देला। जे भी ई बात कहलस ऊ एगो बड़हन शोधकर्ता रहल होई। बिना अनुभव के एह तरह के सोच कइसे पैदा हो सकेला। जरूर ओह आदमी के सामना ओह मच्छर से भइल होखी जवन ओकरा के नपुंसक में बदल दिहलसि। खैर, हम एह कहावत पर कबो विश्वास ना कइनी, बाकि ई सोलह आना साँच बा। अगर रउरा एह ताकतवर मच्छरन से सामना होखे त एह मच्छरन के बहादुरी से भी परिचित होखब। उहो अगर मौसम बरसात होखे आ बिजली खराब होखे त मच्छर से लड़ब कवनो युद्ध से बेसी खतरनाक होला। लड़ाई में हार के घायल योद्धा निहन कराहत रहब, लेकिन मच्छर के हमला फिलहाल रुके वाला नईखे।
आजकल बरसात के मौसम में हमनी के संगे अक्सर अइसन होखेला। काहे कि बिजली आ मच्छर एक दोसरा से तालमेल बनवले बा। वइसे भी आजकल गठबंधन के दौर भी बा। हमरे गाँव में बिजली हल्की बरखा में भी गायब हो जाला। फेर नींद सीमा के पहरा देवे में जाला आ हमनी के मच्छर से जंग लड़ेनी जा। हमरा गजोधर काका मच्छर से लगन से लड़त बानी, बाकि ऊहो हार के रोवे लागेलें। गजोधर काका पे जब मच्छर के हमला बढ़ जाला त नींद में चलत-चलत खैनी बनावे लागेला। दुनिया में अइसन कवनो गारी नइखे जवना के इस्तेमाल ऊ मच्छर भगावे खातिर ना करे। गजोधर काका कहलें की ई कलयुग मे दुश्मन से जंग लड़ब आसान बा, बाकि मच्छर से लड़ब संभव नइखे।
मच्छर के हमला से परेशान गजोधर काका गांव छोड़े पर विचार कर रहल बाड़े। बाकि ई जहाँ जइहें मच्छर ऊहीं मिल जइहें। काका कहले कि मच्छर गुरिल्ला युद्ध ना लड़ले, सायरन बजा के हमला करेले। आतंकवादियन के तरह ईहो गजोधर काका के मच्छरदानी में घुस के हमला करेनी। युद्ध के बखत मच्छर शरीर में अइसन सुंड चुभावेला जेकरा के कवनो जबाब नइखे। देह अइसन जरेला जईसे केहु मिर्च के लेप लगा देले होखे। कई बेर हमला अतना भयावह आ खतरनाक होला कि जान पर खतरा मंडरा जाला। भगवान हमनी के मलेरिया आ डेंगू से बचावस। सरकार भी मच्छरन के सामने झुक रहल बिया। ई अइसन चरमपंथी हवें जिनका के खतम कइल मुश्किल बा। जे कहले रहे कि मच्छर आदमी के नपुंसक बना देला, उ साँच कहले रहे।
झांकी : मौसमी शिकायतें
अजय भट्टाचार्य
जनता की शिकायतें सुनने वाले विधायकों के पास भी जनता के खिलाफ शिकायतों का एक बड़ा जरिया है। पिछले दिनों गुजरात में चार से ज्यादा बार विधायक चुने जा चुके एक वरिष्ठ विधायक अपनी आपबीती सुना रहे थे। उनका कहना था कि लोग तभी शिकायत करते हैं जब उन्हें कोई समस्या होती है, वरना सब चलता है। लोग मौसम के हिसाब से ही शिकायत करते हैं। उन्होंने अपनी बात को स्पष्ट करने के लिए उदाहरण दिए- गर्मियों में लोग पानी की शिकायत करते हैं। जैसे ही मानसून आता है, वे टूटी-फूटी सड़कों की शिकायत करते हैं। गर्मियों में हम उन्हें बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लिए तैयार रहने को कहते रहते हैं, लेकिन कुछ नहीं किया जाता। मानसून से पहले मैं उनसे उन सड़कों की सूची मांगता हूं, जिनकी मरम्मत की जरूरत है, लेकिन वे इस पर ध्यान नहीं देते। जैसे ही बारिश शुरू होती है, वे टूटी सड़कों की तस्वीरें पोस्ट करते हैं। ये वही सड़कें हैं, जिनका इस्तेमाल वे पूरी गर्मियों में करते हैं। अगर वे गर्मियों में इसकी शिकायत करते, तो मैं इनकी मरम्मत करवा देता। इसके बाद जब भी मैं उनसे मिलता हूं, वे शिकायत करते हैं कि मैंने काम नहीं किया। मतदाताओं को संतुष्ट करना मुश्किल है। बातचीत सुन रहे एक पूर्व विधायक ने कहा, ‘ये पब्लिक है, सब जानती है। जनता की शिकायत से इतर एक विधायक की अलग शिकायत है। हाल ही में एक वरिष्ठ विधायक, जो एक पूर्व मंत्री भी हैं, स्वर्णिम संकुल-१ के आसपास देखे गए, जिसमें वरिष्ठ मंत्रियों के कार्यालय हैं। मुस्कुराते हुए उन्होंने दावा किया कि वे कुछ मंत्रियों से मिलने के लिए ही वहां आए थे। गपशप करते हुए उन्होंने संभावित मंत्रिमंडल विस्तार के विषय को उठाया और स्पष्ट रूप से कहा कि उन्होंने एक पारिवारिक छुट्टी की योजना बनाई थी, लेकिन इसे रद्द कर दिया। उन्होंने काफी उम्मीद के साथ कहा कि आपको कभी नहीं पता कि आपको कब कॉल आएगा। कुछ लोग अपने फोन को २४ घंटे अपने पास रखते हैं, बस अच्छी खबर का इंतजार करते हैं। इनकी शिकायत अच्छी खबर में हो रही देरी से है। लेकिन इन से भी अलग राज्य के विधायक, चाहे वे किसी भी पार्टी से जुड़े हों, अमेरिका के लिए वीजा फॉर्म भरने में व्यस्त हैं। एक संगठन ने केंटकी में राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन का आयोजन किया है और सभी विधायकों को आमंत्रित किया है, उनके रहने का खर्च वहन किया जा रहा है। निर्वाचित प्रतिनिधि सम्मेलन में भाग लेने के लिए उत्सुक हैं, जरूरी नहीं कि सम्मेलन के लिए, बल्कि अमेरिकी वीजा पाने के अवसर के लिए। हाल ही में एक कांग्रेस और एक भाजपा विधायक को यह कहते हुए सुना गया, ‘चलो चलते हैं, कम से कम हमें अमेरिकी वीजा स्टैंप तो मिल जाएगा, जो अन्यथा मुश्किल है।
अनुभव के मायने
संसद का मानसून सत्र समाप्त हो चुका है। अपने मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के दौरान विपक्षी सांसदों द्वारा दिए गए सुझावों पर ध्यान देते हुए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राज्यसभा में कहा कि ‘वे’ (कांग्रेस) ६० साल तक सत्ता में रहे, लेकिन अब सरकार को बता रहे हैं कि क्या करना है। सभापति जगदीप धनखड़ ने जोशी को याद दिलाया कि मौजूदा विपक्ष को उनके जितना अनुभव नहीं है कि वे उस तरफ बैठें। हंसते हुए जोशी ने कहा कि लोगों के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम यहां ‘सत्तापक्ष के आसन’ पर बैठेंगे। अपनी टिप्पणी यह है कि जो ६० साल तक सत्ता में रहे वे अच्छी तरह जानते हैं कि सरकार को क्या करना चाहिए। प्रह्लाद जोशी की पार्टी की सरकार १० साल तक यह नहीं समझ पा रही है कि देश वैâसे चलाया जाता है? अन्यथा हर मुद्दे के जवाब में हिंदू-मुस्लिम के मुद्दे को हवा न दी जाती। वक्फ बिल भी इसी हिंदू मुस्लिम राजनीति का हिस्सा भर है जिसकी पहली परीक्षा उत्तर प्रदेश में होने वाले दस सीटों पर विधानसभा उपचुनाव में होनी है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)
सटायर : तू मेडल की इच्छा मत कर
डॉ. रवींद्र कुमार
ओलिंपिक से हमारी टीमें लगभग खाली हाथ ही लौटती हैं। हम देशवासियों को इसकी आदत हो गई है, वैसे ही जैसे उन्हें ग्लानि और शर्म की हो गई है। हारी हुई टीमें एक साथ नहीं लौटती हैं तथा कैमरे से मुंह छिपाती फिरती हैं।
वास्तव में पदक न जीत पाने में हमारे खिलाड़ियों का कोई दोष नहीं है। दोष है, हमारे संस्कारों का। हमें तो सदैव यही शिक्षा दी गई है– तू कर्म किए जा, फल की इच्छा न कर। सो वत्स! तू तो ओलिंपिक में जाए जा, पदक की इच्छा न कर। ये जिंदगी फानी है। जीवन क्या है? – पानी का बुलबुला है, फिर ये भागदौड़, ये ईर्ष्या, ये द्वेष क्यों? अरे तू न जीता न सही। ब्राजील तो जीता। वो भी तो तेरे भाई हैं। वसुधेव कुटुंबकम की भावना का इस से बेहतर प्रदर्शन भला और क्या होगा। एक कोई देश स्लोवाकिया नामक है उसने भी पदक जीते हैं तो क्या हम उससे भी स्लो हैं? यह देश नक्शे में कहां है इसे ढूंढना उतना ही कठिन है जितना हमारे पदाधिकारियों को जिनका पता-ठिकाना उनसे भी गुप्त रखा गया जिनसे समन्वय और देख-भाल के नाम पर वो वहां पधारे थे।
अब कोई हमसे कहे कि गोला फेंको, भाला फेंको तो हमारे मन को अंदर तक चोट पहुंचती है। बापू के अहिंसावादी देश में ऐसे हिंसक खेल। न बाबा न। मेडल या नो मेडल। पर नो खून खराबा। अब कुश्ती को ही लीजिए हमारे पहलवान यहां कितनों से कुश्ती करके तो सूची में अपना नाम जुड़वा पाए थे। बेचारे यहीं थक गए। वहां क्या खाक भिड़ते। सुना है जाते-जाते भी भिड़ंत जारी थी भ्रष्ट्राचार से, भाई-भतीजावाद से। हमारे मित्र अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ को एक नोटिस जारी कर रहे हैं कि हमारे विशाल और महान देश को देखते हुए उन्हें लोहे, लकड़ी, टिन, चमड़े, गत्ते और पेपर मेडल भी चलाने चाहिए। ये क्या कि आप सात समंदर पार जाएं मगर पदक-तालिका में आपका नाम दूर-दूर तक न हो। जब देखना हो, बॉटम से देखना पड़ता है।
तन्हा-तन्हा यहां पर जीना ये कोई बात है
कोई मेडल नहीं हाथ मेरे ये कोई बात है
हॉकी पर न जाने क्यूं हम अपना अधिकार समझते हैं, लेकिन जिस प्रकार की हमारी परफॉर्मेंस तथा पोलिटिक्स है हमें दस-बीस साल के लिए ओलिंपिक और टूर्नामेंट से अलग हो जाना चाहिए, नाहक ही इतनी विदेशी मुद्रा का अपव्यय होता है। कम से कम वो तो बचत होगी। कहते हैं हमारे हर दल में खिलाड़ियों से कहीं अधिक उनकी देखभाल को गए पदाधिकारी होते हैं, यह भी गलत है हमें अपने खिलाड़ियों की इतनी देखभाल भी नहीं करनी चाहिए कि वे आराम तलब हो जाएं और मेडल जीतना उनकी प्राथमिकता ही न रह जाए। वैसे सुनने में यह आया है कि बेचारे खिलाड़ी ही पदाधिकारियों की जी हुजूरी करते फिर रहे थे और चिलम भरने में लगे थे।
एक सुझाव यह भी है कि भारत एक अनुदान प्रधान देश है। हमारे यहां दान लेने-देने की एक दीर्घ परंपरा रही है। कर्ण ने अपने सोने के कवच-कुंडल दान कर दिए थे। अत: ऐसे देश जिन्हें पदक मिले हैं उन्हें स्वेच्छा से कुछ पदक भारत को दान कर देने चाहिए। बदले में हम उन्हें ‘दूधो नहाओ पूतो फलो’ का आशीर्वाद दे सकते हैं। इस आशीर्वाद का कमाल हम अपने देश में तो देख ही रहे हैं जहां इतने पूत फले हैं कि दूध में खतरनाक रसायन मिलाने पड़ रहे हैं। पदक विजेता देशों को यह बात समझाई जा सकती है कि दान देने से उनका लोक-परलोक दोनों सुधरेगा।
दे दाता के नाम..!
क्या ही अच्छा हो यदि हमारे देश, काल, समाज और योग्यताओं को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ इन प्रतियोगिताओं को सम्मिलित करें।
बलात्कार: इस वर्ग में सामूहिक और एकल आयोजन कराए जा सकते हैं। इस खेल में अद्भुत टीम स्पिरिट का प्रदर्शन अक्सर देखने में आता है।
हत्याएं : इंडोर (घर में घुस कर) तथा आउटडोर (राह चलते)
घोटाले : इसमें अनेक स्वर्ण पदक भारत की झोली में गिरेंगे। अनेक प्रतियोगी देशों से तो वॉक ओवर ही मिल जाएगा। इसमें चीनी, चारा, सड़क, मस्टर रोल, यूरिया, मकान आवंटन, पेट्रोल, गैस सिलिंडर जैसे ईवेंट्स कराए जा सकते हैं।
रिश्वतखोरी : कौन कितनी जल्दी और अधिक से अधिक रिश्वत खा सकता है और पचा सकता है। इस खेल के सभी वर्गों में भारत छा जाएगा। इसी प्रकार की अन्य प्रतियोगिताएं यथा मीटर मेनिपुलेशन, जिसमें पेट्रोल पम्प, ऑटो-रिक्शा, टैक्सी, बिजली-पानी के मीटर शामिल किए जा सकते हैं।
मिलावट: मिलावट के मेराथन में भी भारत आसानी से तमाम देशों के ऊपर अपनी जीत दर्ज करा सकता है। पेट्रोल, दूध, दाल, मसाले, शराब, चाय-पत्ती, ओपन चैलेंज!
स्लो-फाइलिंग: याद है पहले एक स्लो-साइकिलिंग का कंपटीशन स्कूल में होता था, बस उसी तरह का कुछ। कोई प्रोजेक्ट हो, दफ्तर की फाइल हो, कोर्ट के मुकदमे हों।
पुल/सड़क निर्माण: पुल कितनी जल्दी गिरेगा या सड़क कितने मि. मी. पानी बरसने पर बह जाएगी।
इसी प्रकार की अन्य प्रतियोगिताएं करार्इं जा सकती हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि हमारी पवित्र-पावन-उर्वरा भूमि पर इतने सोने के मेडलों की बरसात होगी कि वह पुन: एक बार सोने की चिड़िया होने का गौरव प्राप्त करेगी।
सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट से गैरहाज़िर रहने पर जज नाराज : सांसद संजय सिंह व सपा प्रवक्ता अनूप संडा सहित छह आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश
•२३ वर्ष पूर्व सुल्तानपुर में रोड जाम कर आंदोलन का मामला
विक्रम सिंह/सुल्तानपुर।
जनसमस्याओं को लेकर सड़क जाम कर धरना प्रदर्शन के मामले में दोषी ठहराए गए ‘आप’ सांसद संजय सिंह व सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनूप संडा सहित छह अभियुक्तों को डेढ़ माह के कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद आत्मसमर्पण न करने पर कोर्ट ने कड़ा रुख अपना लिया। नाराज विशेष न्यायाधीश ने मंगलवार को ‘आप’ नेता व राज्यसभा सांसद संजय सिंह, सपा के मौजूदा राष्ट्रीय प्रवक्ता पूर्व विधायक अनूप संडा समेत छह अभियुक्तों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है।
ये है मामला – आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता पूर्व विधायक अनूप संडा मूलतः यूपी के सुल्तानपुर शहर के निवासी हैं। दोनों पहले साथ-साथ लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के जरिये सुल्तानपुर की राजनीति में सक्रिय थे। उसी दौरान दोनों की अगुवाई में सन २००१ में बिजली-पानी समेत विभिन्न जनसमस्याओं को लेकर शहर के सुभाषनगर तिराहे पर सड़क जाम कर बड़ा धरना-प्रदर्शन हुआ। जिसमें इन दोनों के साथ तत्कालीन क्षेत्रीय सभासद कमल श्रीवास्तव, भाजपा नेता पूर्व सभासद विजय सिंह सेक्रेटरी, संतोष अग्रहरि व सुभाष चौधरी आदि भी शामिल थे। आंदोलनकारियों के सड़क जाम कर प्रदर्शन से पुलिस-प्रशासन नाराज हो उठा। नगर कोतवाली के हल्का दारोगा एके सिंह ने आंदोलन के नेताओं को नामजद करते हुए एफआईआर कर आरोप पत्र कोर्ट भेज दिया। विशेष न्यायालय (एमपी-एमएलए) में २३ वर्षों तक ट्रायल चला। अंततः सभी आरोपियों को डेढ़-डेढ़ माह कारावास व १५०० रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। जिसकी अपील अभियुक्तों ने प्रवर न्यायालय में की लेकिन गत सप्ताह उसे भी संबंधित न्यायालय ने खारिज कर दिया। जिसके बाद न्यायाधीश ने गत ९ अगस्त को कोर्ट में समर्पण करने की तिथि तय कर दी। इसपर अभियुक्तों ने वकील रुद्रप्रताप सिंह मदन के माध्यम से मौका देने की गुजारिश की। जिसे विशेष न्यायाधीश शुभम वर्मा ने खारिज कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
कोलकाता की घटना को लेकर बीएचयू के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर, चरमराई चिकित्सकीय सेवा
उमेश गुप्ता / वाराणसी
कोलकाता के एक अस्पताल में महिला प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या से देशभर के डॉक्टरों में धीरे-धीरे आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के रेजिडेंट डॉक्टरों ने इसके विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन का समर्थन किया और मंगलवार 13 अगस्त से रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। बता दे की हड़ताल पर जाने से पहले सोमवार को डॉक्टरों ने विश्वविद्यालय परिसर में कैंडल मार्च निकालकर विरोध प्रकट किया था। बी एच यू के रेजीडेंट डॉक्टरों ने पूरी घटना की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। रेजिडेंट डॉक्टरों को हड़ताल पर जाने से पहले संस्थान के निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने सभी विभागाध्यक्षों से वैकल्पिक व्यवस्था तैयार रखने के लिए कहा है। डॉक्टरों की हड़ताल से ओपीडी, वार्ड और इलेक्टिव ओटी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हालांकि इमरजेंसी, आईसीयू और डायलिसिस में किसी तरह की बाधा नहीं आ रही है। बता दे की आईएमएस बीएचयू के रेजीडेंट डॉक्टरों ने सोमवार शाम छह बजे आईएमएस भवन से कैंडल मार्च निकाला और सिंहद्वार तक गए। इस दौरान उन्होंने कैंडल के साथ तख्तियां भी ली हुई थीं। तख्तियों पर मामले की हो सीबीआई जांच, प्रोटेक्शन एक्ट लागू करें.. लिखा था। डॉक्टरों की 10 सूत्री मांगें हैं और जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं, हड़ताल जारी रहेगी।
रेलवे ट्रैक पार करते पुलिसकर्मी की मौत
सगीर अंसारी
मुंबई: मध्य रेलवे के विक्रोली और कांजुरमार्ग रेलवे स्टेशनों के बीच रविवार सुबह रेलवे ट्रैक पार कर रहे एक पुलिस कांस्टेबल को रेलवे के टावर वैगन ने टक्कर मार दी जिससे पुलिसकर्मी की मौत हो गई। कुर्ला रेलवे पुलिस मामले की आगे की जांच कर रही है.
पुलिस कांस्टेबल का नाम रवीन्द्र बालासाहेब हेक (28) है और वह पुणे जिले के इंदापुर का मूल निवासी है। वह मुंबई पुलिस बल के सहस्त्र डिवीजन में कार्यरत थे। रविवार सुबह करीब 11:30 बजे विक्रोली कांजुरमार्ग रेलवे स्टेशन के बीच वह एक टावर वैगन ट्रेन की चपेट में आ गए। इस घटना के बाद मोटरमैन ने तुरंत विक्रोली स्टेशन मास्टर को सूचना दी, जिसके बाद रेलवे कर्मचारी और रेलवे पुलिस मौके पर पहुंचे। उन्होंने तुरंत हेक को घाटकोपर के राजावाड़ी अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन इलाज से पहले ही उनकी मौत हो गई।