क्लीन बोल्ड : आक्रामकता नहीं तो मात

अमिताभ श्रीवास्तव

हिंदुस्थान टेबल टेनिस ने निश्चित रूप से ओिंलपिक में इतिहास बनाया। पहली बार हमारी दो खिलाड़ी अंतिम १६ में पहुंची मगर यहां आकर मात खा गई। मात इसलिए नहीं खाई कि हम जीत नहीं सकते थे बल्कि इसलिए खाई क्योंकि हममें वो आक्रमकता नहीं थी, जिसकी जरूरत विश्व स्तरीय खिलाड़ियों से भिड़ने के लिए होनी चाहिए। बड़े खिलाड़ी सोचकर जो मानसिकता बना ली जाती है उससे बाहर निकलने की जरूरत है। मनिका बत्रा और श्रीजा अकुला देश की ही नहीं बल्कि विश्व की शानदार खिलाड़ी हैं मगर इनमें आक्रमकता की कमी दिखी, जो इनकी विरोधी खिलाड़ियों में थी। मनिका तो एक गेम जीत भी गई थी जापानी खिलाड़ी से और अकुला ने चीन की खिलाड़ी से दो मैच टाईब्रेकर में गंवाए। यह दर्शाता है कि हम बड़े खिलाड़ियों को भी मात दे सकते हैं यदि मानसिक स्थिति को आक्रामक बना लें।

न लेंस, न सुरक्षा, फिर भी सिल्वर पर निशाना
पेरिस ओलिंपिक का एकमात्र रजत पदक विजेता जो सोशल मीडिया पर छा गया है क्योंकि यह शूटर न कोई विशेष लैंस लगता है न कोई सुरक्षा अपनाता है और एक हाथ जेब में रखकर सधा हुआ निशाना साध लेता है। गजब का निशानेबाज है। जी हां, तुर्की के एयर पिस्टल शूटर यूसुफ डिकेक २०२४ पेरिस ओलिंपिक में रजत पदक जीतने के बाद सोशल मीडिया पर सबसे हॉट मीम बन गए हैं। ५१ वर्षीय एथलीट की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। सोशल मीडिया `एक्स’ पर, इस तस्वीर वाली एक पोस्ट को ६२ मिलियन से ज्यादा बार देखा गया। वैâप्शन में लिखा था, `तुर्की ने ५१ साल के एक व्यक्ति को बिना किसी विशेष लेंस, आंखों के कवर या कान की सुरक्षा के भेजा और उसे रजत पदक मिला।’

समय आ गया है
पेरिस पहुंचकर बेहतरीन मैसेज देनेवाले हिंदुस्थान के भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा के लिए भी समय आ गया है कि वो अपने लिखे हुए मैसेज को साकार करें। बस ६ अगस्त को उनका कमाल देखने के लिए विश्व की प्रतीक्षा समाप्त होगी। नीरज चोपड़ा से गोल्ड मैडल की उम्मीदें हैं, उनसे विश्व रिकॉर्ड को तोड़ने की आस है क्योंकि यही समय है। हिंदुस्थानी एथलेटिक्स के पोस्टर बॉय नीरज चोपड़ा जैवलिन थ्रो ओलिंपिक में लगातार दूसरी बार चैंपियन बनने के इरादे से उतरेंगे। उनकी नजर ९० मीटर के उस मार्क को हासिल करने पर भी होगी। नीरज अभी तक अपने भाला को ९० मीटर की दूरी तय नहीं करा सके हैं। नीरज चोपड़ा मामूली चोटों के कारण ओलिंपिक से पहले अधिक प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले पाए थे। इसके बावजूद उन्हें लगातार दूसरे ओलिंपिक स्वर्ण पदक के लिए प्रबलदावेदार माना जा रहा है। क्योंकि यही समय है और समय आ गया है।
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)

झांकी : कुमारस्वामी गुस्से में


अजय भट्टाचार्य

कर्नाटक भाजपा अपनी शर्मिंदगी की झेंप छिपा नहीं पा रही है। बात यह है कि सहयोगी दल जनता दल सेकुलर ने सार्वजनिक रूप से कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर बंगलुरु से मैसूर तक प्रस्तावित जुलूस से खुद को अलग कर लिया है। पार्टी ने अपने नेता एचडी कुमारस्वामी के प्रति भाजपा द्वारा अपमानजनक रवैये को इसका कारण बताया है। पिछले कुछ दिनों से दोनों दलों के बीच इस जुलूस को लेकर मतभेद स्पष्ट हो गए हैं। नेताओं के एक वर्ग ने ३ से १० अगस्त तक होनेवाली १४० किलोमीटर की पदयात्रा की व्यवहार्यता और उद्देश्य पर सवाल उठाए हैं। कुमारस्वामी ने घोषणा की कि पार्टी इस मार्च का हिस्सा नहीं होगी। पार्टी के कई नेता इस समय इस पदयात्रा के पक्ष में नहीं हैं, जब लोग बारिश से संबंधित मुद्दों से जूझ रहे हैं। उन्होंने भाजपा पर जदसे को दरकिनार करने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी का कहना है कि बगलुरु और मैसूर के बीच के क्षेत्र में हम (जदसे) मजबूत हैं। इस स्थिति में यदि वे हमें उचित तरीके से विश्वास में नहीं लेते हैं, तो हमें (पदयात्रा) का समर्थन क्यों करना चाहिए? चुनाव के दौरान राजनीति गठबंधन से अलग होती है, पार्टी को हर चीज में अपने बड़े साथी की लाइन पर चलने की जरूरत नहीं है। इस मामले ने मुझे भावनात्मक रूप से भी आहत किया है, जिस व्यक्ति को उन्होंने (भाजपा ने) विरोध कार्यक्रम का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया है, वह प्रीतम गौड़ा कौन है? वह वही है, जिसने देवेगौड़ा (पूर्व प्रधानमंत्री और कुमारस्वामी के पिता) के परिवार को नष्ट करने की योजना बनाई थी। उसे उसी बैठक में बुलाया जाता है, जिसमें मुझे भी बुलाया जाता है, अपमान की सीमा है, जिसे मैं वैâसे बर्दाश्त कर सकता हूं। माना जाता है कि प्रीतम गौड़ा अप्रैल में लोकसभा चुनावों से पहले हासन में जदसे सांसद और कुमारस्वामी के भतीजे प्रज्वल रेवन्ना के अश्लील वीडियो वाले पेन ड्राइव वितरित करने के पीछे थे। रविवार को भाजपा और जदसे के शीर्ष नेताओं द्वारा पदयात्रा की योजना बनाने के लिए आयोजित बैठक में प्रीतम की मौजूदगी देखकर भावनात्मक रूप से ‘आहत’ हुए कुमारस्वामी को इस बात की पीड़ा है कि उन्हें उस प्रीतम गौड़ा के बगल में बैठाया गया, जिसने उनके परिवार को जहर देने की कोशिश की। यह सब करने के बाद भाजपा जदसे का समर्थन मांग रही है। भला कुमारस्वामी की भी कोई हैसियत है कि नहीं?

ठाकुर बोले, राजग डोले
बिहार की राजनीति में अंदरखाने बहुत कुछ चल रहा है और ये छन-छन कर बाहर आ रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के सांसद ने अपनी ही पार्टी पर सवाल उठा दिया है। सवाल तो जेडीयू सांसद ने भाजपा पर भी उठाया है, लेकिन लालू प्रसाद यादव की तारीफ की है। सीतामढ़ी के सांसद देवेश चंद्र ठाकुर लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से लगातार सुर्खियों में हैं। देवेश चंद्र ठाकुर एक कार्यक्रम के सिलसिले में हाजीपुर पहुंचे थे। यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हमें हराने के लिए सभी पार्टियों ने जोर लगा दिया था। राष्ट्रीय जनता दल यानी राजद तो प्रतिद्वंदी थी, लेकिन हमें पता ही नहीं चला कि जदयू हमारे आगे थी या पीछे थी! हमारी सहयोगी भाजपा हमारे आगे थी या पीछे थी? यह पता ही नहीं चला। आप लोग इशारे को समझिए। सीतामढ़ी के लोगों से हमारा व्यक्तिगत संबंध है और मेरे किए काम की वजह से ही हम चुनाव जीते हैं।
इस दौरान ठाकुर ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि लालू यादव जैसा सच बात बोलने वाला व्यक्ति आपको पूरे बिहार में नहीं मिलेगा। जब हम पहली बार २००२ में स्नातक से एमएलसी का चुनाव लड़े थे, तब लालू प्रसाद की सहयोगी कांग्रेस की प्रत्याशी से मेरा सामना था, लेकिन लालू प्रसाद ने हमें जुबान दिया था और अपनी जुबान पर बने रहे और चुनाव में हमें मदद किया। बिहार में स्नातक एमएलसी के उपचुनाव होने वाले हैं। ठाकुर इसी उपचुनाव के लिए जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशी अभिषेक झा के लिए वोट मांगने हाजीपुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने लालू यादव की जमकर तारीफ की। ठाकुर के इस बयान ने एक साथ पूरे राजग पर ही सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।)

‘राज’ नीति : बाबा का क्या होगा

रमेश सर्राफ धमोरा
झुंझुनू

राजस्थान में बाबा के नाम से मशहूर कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। किरोड़ीलाल मीणा विधानसभा सत्र में भी शामिल नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कह दिया है कि मैं अब किसी भी परिस्थिति में मंत्री पद से इस्तीफा वापस नहीं लूंगा। पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी दो बार मुलाकात की थी। मगर उसके बाद भी वे इस्तीफा देने की बात पर अड़े हुए हैं। हाल ही में उन्होंने पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के अतिरिक्त महानिदेशक वीके सिंह से भेंट कर उन्हें राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती परीक्षा में की गई धांधली के सबूत सौंप कर उनके विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है। किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि यदि १५ दिनों में राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई तो वे धरना देखकर आंदोलन शुरू कर देंगे। किरोड़ीलाल मीणा राजस्थान में अपनी जुझारू छवि के लिए जाने जाते हैं। अपने अक्खड़ स्वभाव के चलते ही किरोड़ीलाल मीणा कई बार पार्टी लाइन से हटकर भी धरना प्रदर्शन करते रहते हैं। उनकी चेतावनी को सरकार कितनी गंभीरता से लेगी, इसका पता तो बाद में चलेगा।

पद से हटाए गए जोशी
राजस्थान में भाजपा के निवर्तमान प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी को कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने पद से हटा दिया। उनका कार्यकाल अप्रैल २०२६ तक था। पार्टी के संविधान के अनुसार प्रदेशाध्यक्ष का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है, लेकिन सीपी जोशी महज १६ महीने ही प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी पर रह सके। जोशी को पद से हटाए जाने की अटकलें पिछले सात महीने से चल रही थीं। पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने अब जोशी के स्थान पर मदन राठौड़ को प्रदेशाध्यक्ष बनाया है। जोशी को हटाए जाने को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई है कि आखिर इतने कम समय के लिए पार्टी ने उन्हें प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी क्यों सौंपी। चर्चा हैं कि लोकसभा चुनाव में ११ सीटें गंवाने की सजा मिली है। जोशी को हटाने के पीछे दो बड़ी वजह बताई जा रही है। एक तो लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक चुनाव परिणाम नहीं आना और दूसरा सोशल इंजीनियरिंग के चलते जोशी को प्रदेशाध्यक्ष पद पर रखना उचित नहीं लगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा व जोशी दोनों ब्राह्मण समाज से हैं। पार्टी ने मूल ओबीसी नेता को बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए जोशी से कुर्सी खाली करवाई है।

भाजपा को बैरवा की गुडबाय
राजस्थान में सियासी हलचल देखने को मिल रही है। कांग्रेस से भाजपा में आए एवं सचिन पायलट के करीबी माने जानेवाले खिलाड़ीलाल बैरवा ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। बैरवा ने भाजपा की विचारधारा से सहमत न होने की बात कहते हुए भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को इस बाबत पत्र लिखा है। इसी साल लोकसभा चुनाव से पूर्व मार्च में बैरवा कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। खिलाड़ीलाल बैरवा पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष थे। वे सांसद व विधायक रह चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया था। तब उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था मगर बुरी तरह हार गए थे। फिर वो भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा से इस्तीफा देने के बाद बैरवा ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दो अलग-अलग विचारधारा हैं। मैं कांग्रेस से लंबे वक्त से जुड़ा था। कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा कुछ ऐसी स्थिति पैदा कर दी गई थी, जिसके कारण मुझे मजबूरन पार्टी छोड़नी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि भाजपा में रहते हुए हमने काम करने और जनता की सेवा करने की कोशिश की, लेकिन मैं भाजपा में एडजस्ट नहीं कर पा रहा हूं।
(लेखक राजस्थान सरकार से मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

लवलीना, मेडल जरूर लाना!

ओलिंपिक २०२४ में भारत का प्रदर्शन अबतक बेहतरीन रहा है। अब तक हिंदुस्थान की झोली में तीन पदक आ चुके हैं। आगे और पदक पाने की उम्मीदें हैं। इस कड़ी में अगर बात करें भारतीय महिला बॉक्सर लवलीना बोर्गोहेन की तो वे इतिहास रचने के बहुत करीब पहुंच गई हैं। इंडियन बॉक्सर ने पेरिस ओलिंपिक्स २०२४ के क्वॉर्टर-फाइनल में प्रवेश कर लिया है। लवलीना ने अपने पहले मुकाबले में नॉर्वे की बॉक्सर सनीवा हाफ्सटेड को हरा दिया। ७५ केजी कैटेगरी में लवलीना ने आसान जीत दर्ज कीं। लवलीना अब मेडल पक्का करने से महज एक जीत दूर हैं। लवलीना ने शुरुआत से ही अपनी विरोधी खिलाड़ी पर हमले शुरू कर दिए। नतीजा ये रहा कि लवलीना ने पहला राउंड ५-० से जीता है। लवलीना रविवार, ४ अगस्त को क्वॉर्टरफाइनल में चीन की लि कियन से भिड़ेंगी। बता दें कि दो बार की ओलिंपिक मेडलिस्ट और टॉप सीड लि कियन लवलीना के लिए बड़ी चुनौती मानी जा रही है। ये मुकाबला ४ अगस्त को खेला जाएगा। अगर लवलीना ये मुकाबला जीतने में सफल रहती हैं, तो दो ओलिंपिक मेडल जीतनेवाली पहली भारतीय बॉक्सर बन सकती हैं। लवलीना ने टोक्यो ओलिंपिक्स के दौरान भी ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था, वैसे सभी हिंदुस्थानियों की यही ख्वाहिश है कि लवलीना मेडल जरूर लाएं और इस संडे को सुपर संडे बना दें…!

गजल

मांगा तुझे है रब से सनम इस दुआ के साथ
बीते ये जिंदगी मेरी तेरी वफा के साथ
निर्मल हो गंगाजल जैसा बंधन ये प्रीत का
जैसे रहा था राम का उनकी सिया के साथ
ये है दुआ खुदा से मेरी हो खुशी सदा वहां
घर में जहां रहे सभी माता पिता के साथ
मैखने चाहे जितने बुला लो करीब तुम
पैमाना तो बनेगा सिर्फ साकिया के साथ
ये इम्तिहां ही जिंदगी का सोज है कनक
होता है लाल संग भी घिस कर हिना के साथ
-डॉ. कनक लता तिवारी

क्या होगा, क्या पता

कब कहां कैसे क्या होगा क्या पता ।
कौन कब शोषक बनेगा क्या पता ।।
क्या पता कैसे चलेगा कारवां।
कब मिलेगा लक्ष्य हमको क्या पता।।
लोग कुनबे में बंटे हैं आज भी।
तर्क कब विजयी बनेगा क्या पता।।
आदमी के सर चढ़ा है आदमी।
कब उतरकर वह चलेगा क्या पता।।
रोग इतना है कि हम अब क्या कहें।।
दर्द कब काफूर होगा क्या पता।।
कुछ जो लड़ने जा रहे मैदान में।
जीत लेंगे वे समर है क्या पता।।
एकता के हाथ में है फैसला।
एकता कब होगी हमें यह क्या पता।
अब चलो हम सोचते हैं क्या करें।
राह शायद मिल भी जाए क्या पता।।
प्यार से ही जंग जीतेंगे सही।
प्यार शायद हो ही जाए क्या पता।।
वे जो हमको मारते दिन रात हैं।
वे ही शायद डूब जाएं क्या पता।।
वे प्रदूषण ला रहे हैं जोर से।
कैसा बनेगा देश मेरा क्या पता।।
-अन्वेषी

आज फिर तू याद आ गया

खुशियों का यह संसार,
मेरे जीवन की बहार
जब मेरे घर तू आया था
बहारों की हरियाली लाया था।
हम सब खुश थे तेरे आने पर बेटा,
तू हमारी उम्मीदों का सहारा था
बचपन का छोटा-सा बच्चा जब जवान हो गया,
मेरे कन्धों के बराबर खड़ा कदम मिलाकर चलने लगा।
तू हमारी आशा की किरणों का प्रकाश था,
तेरा विश्वास, मेरी उम्मीद थी
पर तू एक दिन अचानक मुझे अकेला छोड़,
दुनिया से अलविदा कर गया।
आज जब तेरा जन्मदिन है,
हम तुम्हें नहीं भूल पाते।
फिर पुरानी यादों के सहारे जी रहे हैं अकेले,
आज फिर तू याद आ गया…॥
– हरिहर सिंह चौहान, इंदौर

अंतिम सत्य

अनायास काया हल्की हो गई
कपास के गोले जैसी अनुभूति हुई,
मैं बादलों सी उड़ने लगी
वायु मंडल में।
नासिका ने दैवीय कुसुम की
महक ग्रहण की,
गात पर होने लगी पुष्पित
पंखुड़ियों की वृष्टि।
असीमित आंनद भर गया मुझमें,
देह मेरी कांती से दमक उठी।
मंदिर की घंटियों का निनाद
आत्मा को तृप्त करने लगा,
क्षण भर में तन का आवरण
कसमसाने लगा
जैसे सर्प केंचुली से निकलने का
प्रयास कर रहा है।
विस्मित नयनों में अंधकार छा गया,
झनझनाहट से तन अस्थिर होने लगा,
तपन, दर्द, मोह रिश्तों का
झंझावात आ गया।
हंस उड़ गया अकेला
शांत शरीर धरा पर रह गया,
यह है मेरा अंतिम शाश्वत
सत्य से साक्षात्कार।
-बेला विरदी

सांताक्रुज-गोलीबार रोड पर बीच सड़क पर टूटा है गटर का ढक्कन…कालीना के एयरपोर्ट रोड पर गड्ढे ही गड्ढे…वाहन चालक हो रहे हैं हलाकान

-शहर में लंबा ट्रैफिक जाम के पीछे मनपा और सड़क के गड्ढे

अशोक तिवारी / मुंबई

सपनों का शहर मुंबई की सड़कों की हालत पूर्वोत्तर के पिछड़े राज्यों से भी बदतर है। मुंबई की सड़कों पर करोड़ों की कार लेकर चलने वाले वाहन चालकों यह पता नहीं होता है कि कब उनकी शिकार गड्ढे में गिरकर छतिग्रस्त हो जाएगी या उनके साथ जानलेवा दुर्घटना हो सकती है या कहां पर बीच सड़क पर गटर के में हॉल का ढक्कन टूटा पड़ा है, जिसकी वजह से वही लंबे ट्रैफिक जाम में फंस जाएंगे। देश की सबसे धनी मानी जाने वाली महानगरपालिका के अधिकारियों एवं ठेकेदारों की मिलीभगत से सड़क निर्माण का कार्य पूरे शहर में घटिया स्तर पर किया गया है, जिसका खामियाजा वाहन चालक और पैदल चलने वाले यात्री भुगत रहे हैं।
नागरिकों के चलने के लिए फुटपाथ का निर्माण तो किया गया है, लेकिन उन फुटपाथों पर फेरीवालों ने कब्जा कर लिया है। हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट ने मनपा को फटकार लगाते हुए कहा है कि क्या फेरीवालों को हटाने के लिए सेना बुलानी पड़ेगी। कोर्ट की फटकार बावजूद भी महानगरपालिका को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। कालीना से सांताक्रुज एयरपोर्ट जाने वाली सड़क पर जगह-जगह गड्ढे ही गड्ढे हैं, जिसकी वजह से स्पीड में आ रहे वाहन चालक इन गड्ढों की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। इसके अलावा लंबे ट्रैफिक जाम में भी फंस जा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि कालीना से सांताक्रुज एयरपोर्ट की सड़क पर गड्ढे पिछले 15 दिनों से है। इस संदर्भ में एच पूर्व मनपा में शिकायत भी की गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसी तरह सांताक्रुज रेलवे स्टेशन पूर्व से गोलीबार रोड जाने वाली सड़क पर बीचों-बीच गटर का मेनहोल पिछले 4 दिनों से टूट गया है। इस मेनहोल में गिरकर दर्जनों दो पहिया वाहन चालक घायल हो चुके हैं।
बता दें कि बांद्रा और खार से प्रतिदिन लाखों वहां गोलीबार रोड से गुजरते हैं। प्रतिदिन दुर्घटना हो रही है। लोगों ने ऑनलाइन और ट्वीट कर मनपा को शिकायत दी है, लेकिन मनपा के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। स्थानीय नागरिकों ने वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए टूटे हुए गटर के ऊपर एक झंडा लगा दिया है, ताकि वाहन चालकों को पता चल सके कि इस गटर का ढक्कन टूटा हुआ है। टूटे हुए गटर के ढक्कन की वजह से क्षेत्र में किलोमीटर भर लंबा जाम लग जाता है। इस वजह से यात्रियों को न सिर्फ अपने गंतव्य स्थान में पहुंचने में देरी होती है, बल्कि रोज हजारों और लाखों रुपए का पेट्रोल और डीजल बर्बाद हो रहा है। स्थानीय नागरिकों ने इन सड़कों की मरम्मत करने की मांग मनपा एच पूर्व वॉर्ड से की है।

तोड़क कार्रवाई करने गए मनपा अधिकारी के ऊपर हमला

राधेश्याम सिंह / वसई

वसई-विरार शहर में बढ़ते अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाने हेतु वसई-विरार शहर महानगरपालिका प्रभाग समिति ‘जी’ अंतर्गत अनधिकृत निर्माण पर तोड़क कार्रवाई करने गई टीम पर बुधवार को (मनपा) के उपायुक्त अजित मुठे व अन्य कर्मियों पर हमला होने की घटना सामने आई है। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। मनपा के अधिकारी ने देर रात हमला करने वालों पर एफआईआर दर्ज करवाया है।
मिली जानकारी के अनुसार, 31 जुलाई 2024 को शाम करीब 4.30 बजे कामन भिवंडी रोड पर शिलात्तर में नए पुल के पास वसई-विरार मनपा के प्रभाग ‘जी’ के अतिक्रमण विभाग द्वारा अवैध रूप से बना रहे पत्रा शेड पर तोड़क करवाई कर रहे थे। इसी समय दो आरोपियों ने आकर जे.सी.बी. ड्राइवर सुनील गडग को गाली-गलौज कर जे.सी.बी.को बंद करवाया। मनपा उपायुक्त अजीत मुठे उन लोगों को समझा रहे थे, तभी दो आरोपी उपायुक्त मुठे के साथ धक्का-मुक्की करने लगे। ड्यूटी पर तैनात महाराष्ट्र सुरक्षा बल का कांस्टेबल कृष्णा विघ्ने बचाव में आया, तो एक आरोपी ने कांस्टेबल के आंख पर वार कर उसे घायल कर दिया।
दूसरे आरोपी ने महाराष्ट्र सुरक्षा बल की महिला जवान का कॉलर पकड़कर धक्का और गाली-गलौज कर प्रताड़ित किया तथा शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न कर अपमानित किया। मनपा की टीम ने 11 हजार से अधिक का वर्ग फुट में तोड़क कार्रवाई किया, वहीं देर रात्रि को उक्त प्रभाग के कर्मचारी विजय नडगे ने नायगांव थाने में दो आरोपियों के खिलाफ नायगांव पुलिस स्टेशन में कलम 132, 74, 121 (1), 352, 351 (2) 3 (5) व अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। वहीं 1 अगस्त को प्रभाग ‘जी’ के अतिक्रमण विभाग द्वारा शिलात्तर के पास बड़े पैमाने पर अनधिकृत निर्माणों पर 3 जेसीबी की सहायता से तोड़ू कार्रवाई के दौरान 30 एमएसएफ जवान, 10 से अधिक पुलिस कर्मियां (एपीआई बलिराम पालकर), अतिरिक्त आयुक्त रमेश मनाले, उपायुक्त अजित मुठे, ‘जी’ सहायक आयुक्त मनाली शिंदे, ‘सी’ सहायक आयुक्त महेश पाटील, ‘एफ’ सहायक आयुक्त गणेश पाटील, ‘डी’ सहायक आयुक्त ग्लिसन घोंसलाविस, नियोजन प्राधिकरण विभाग के सहायक आयुक्त मोहन संखे, अतिक्रमण इंजीनियर अरुण सिंह, अक्षय ठाकुर और मनीष पाटील आदि उपस्थित थे।