खिलाड़ियों के बजाय शेलार को बधाई! … भाजपा ने किया टीम इंडिया का अपमान … विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने घाती सरकार को घेरा

सामना संवाददाता / मुंबई
टीम इंडिया के टी-२० वर्ल्डकप जीतने के बाद उसे दुनिया भर से बधाइयां मिल रही हैं, लेकिन राज्य के बीजेपी नेताओं ने विधान परिषद में टीम इंडिया के खिलाड़ियों को बधाई देने का प्रस्ताव लाने के बजाय बीजेपी विधायक और बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष आशीष शेलार को बधाई देने का प्रस्ताव लाने की कोशिश की। इस पर विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने मीडिया से बात करते हुए यह आरोप लगाया कि बीजेपी का यह कृत्य टीम इंडिया और खिलाड़ियों का अपमान है।
महाविकास आघाड़ी के विधायकों के विधान परिषद से वॉकआउट करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए दानवे ने बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘भारतीय टीम के विश्वकप जीतने के बाद खिलाड़ियों को बधाई दी जानी चाहिए, लेकिन बीजेपी नेता इसके बदले बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष आशीष शेलार को बधाई देने का प्रस्ताव लाने की कोशिश कर रहे थे। खिलाड़ी कड़ी मेहनत करते हैं। देश का नाम ऊंचा करते हैं, लेकिन भाजपा उनसे खिलाड़ियों को बधाई देने की बजाय अपने नेता को बधाई देने के लिए कह रही है।’

‘भाजपा का यह व्यवहार टीम इंडिया और खिलाड़ियों का अपमान है, लेकिन बीजेपी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। वे केवल अपने नेताओं को ही महत्व देते हैं। स्पीकर द्वारा सदन में पक्षपात किया जा रहा है। बीजेपी सदस्यों को इन मुद्दों पर बोलने की इजाजत है, लेकिन विपक्ष के सदस्यों को बोलने की इजाजत नहीं है इसलिए हमने बैठक का बहिष्कार किया। वे लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश कर रहे हैं।’ – अंबादास दानवे, विपक्ष के नेता

दुनियाभर में घट रही है हिंदुओं की संख्या! …२०५० तक बेहद कम हो जाएगी

आबादी मुसलमानों का होगा बोलबाला
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
पिछले तीन दशक से हिंदुस्थान में विभिन्न धर्म की आबादी के अनुपात में बड़े बदलाव आए हैं। हिंदुओं की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है तो मुस्लिम समाज की आबादी काफी तेजी से बढ़ी है। हिंदुुस्थान में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। प्यू रिसर्च ने साल २०१० से लेकर २०५० के बीच विश्व जनसंख्या में बड़े धार्मिक बदलाव का दावा किया है। प्यू रिसर्च के मुताबिक प्रजनन दर और धर्म परिवर्तन की वजह से यह बदलाव हो रहा है। रिसर्च में दावा किया गया कि अगले चार दशकों तक ईसाई सबसे बड़ा धार्मिक समूह बना रहेगा, लेकिन इस्लाम सबसे तेजी से जनसंख्या वृद्धि करेगा। यदि ऐसे ही जारी रहा तो साल २०५० तक मुसलमानों की संख्या ईसाइयों के बराबर हो जाएगी। इस बीच हिंदुओं की संख्या में मामूली वृद्धि ही होगी। आश्चर्य तो यह है कि मुसलमानों की आबादी हिंदुओं की तुलना में दुगनी रफ्तार से बढ़ेगी।
दरअसल, २०१० में पूरी दुनिया की आबादी ६.९ बिलियन होने का अनुमान जताया गया था, जो साल २०५० तक ९.३ बिलियन पर पहुंच सकती है। यानी २०१० के मुकाबले २०५० में दुनिया की कुल आबादी ३५ फीसदी बढ़ जाएगी। दूसरी तरफ दुनिया में साल २०१० में मुसलमानों की आबादी १ अरब ६० करोड़ के करीब थी, जो साल २०५० में बढ़कर २ अरब ७६ करोड़ से अधिक हो सकती है। इस तरह से अगले कुछ सालों में मुसलमानों की आबादी १ अरब १६ करोड़ से अधिक बड़ जाएगी। दुनिया भर में हिंदू आबादी की बात करें तो साल २०१० में १ अरब ३ करोड़ के करीब थी, जो साल २०५० तक बढ़कर १ अरब ३८ करोड़ के करीब ही हो पाएगी। ऐसे में हिंदुओं की आबादी आने वाले समय में ३५ करोड़ के करीब बढ़ने वाले है। जबकि साल २०१० में कुल २३.२ फीसदी मुस्लिम थे जो साल २०५० में बढ़कर २९.७ फीसदी हो सकते हैं। दूसरी तरफ साल २०१० में दुनिया भर में हिंदू १५ प्रतिशत थे, जिनकी आबादी ०.१ फीसदी कम होने वाली है।
भारत में होंगे सबसे अधिक मुसलमान
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साल २०५० तक हिंदू बहुसंख्यक तो रहेंगे, लेकिन आने वाले समय में सबसे अधिक मुसलमान भारत में ही निवास करेंगे। मौजूदा समय में इंडोनेशिया सबसे ब़ड़ा इस्लामिक देश है, जहां पर भारत और अन्य तमाम देशों के मुकाबले सबसे अधिक मुसलमान रहते हैं। लेकिन आने वाले समय में यह आंकड़ा बदलने वाला है। प्यू की रिपोर्ट के मुताबिक, साल २०१० से २०५० के बीच सबसे अधिक तेजी से मुसलमानों की संख्या में वृद्धि होगी। २०१० के मुकाबले २०५० में मुसलमानों की संख्या ७३ फीसदी बढ़ सकती है। दूसरी तरफ हिंदुओं की संख्या महज ३४ फीसदी बढ़ने का अनुमान है। हिंदुओं से अधिक ३५ फीसदी क्रिश्चियन धर्म मानने वालों की संख्या बढ़ सकती है।

‘घाती’ सरकार की तानाशाही से राज्य की नर्सें नाराज आज करेंगी धरना प्रदर्शन …७वें केंद्रीय वेतन आयोग के अनुसार वेतन, भत्ता की मांग

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में ‘घाती’ सरकार तानाशाही शासन चला रही है। आलम यह है कि इस सरकार ने आशा और स्वास्थ्य सेविकाओं की मांगों को लेकर पहले से ही अड़ियल रुख अपनाए हुए है। उसके इस फेहरिस्त में अब स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन आनेवाले सरकारी अस्पतालों में सालों से कार्यरत नर्सें भी जुड़ गई हैं। उनके साथ भी यह सरकार अन्याय करते हुए उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। हालांकि, कई सालों से न्याय की गुहार लगानेवाली राज्य की नर्सें घाती सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हुए मंगलवार को आजाद मैदान पर धरना प्रदर्शन का हथियार उठाने जा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आशा और स्वास्थ्य सेविकाएं एक साथ आकर पिछले २० दिनों से न्यूनतम वेतन, पीएफ, निवृत्ति वेतन समेत विभिन्न मांगों को लेकर मुंबई के आजाद मैदान में हड़ताल पर बैठी हुई हैं। इस बीच जोरदार बारिश भी हो रही है, लेकिन वे अपनी जिद पर अड़ी हुई हैं। इससे स्वास्थ्य सेविकाओं के स्वास्थ्य पर ही बन आई है, लेकिन ‘घाती’ सरकार की तरफ से लगातार उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है। इसी में अब इस सरकार के खिलाफ राज्य की नर्सें भी बिगुल फूंकने जा रही हैं। हालांकि, वे अपनी मांगों पर सरकार का ध्यान केंद्रित कराने के लिए मंगलवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करने जा रही हैं। इस बीच बिना मरीजों को परेशानी में डाले मैदान में करीब ५०० नर्सें एकत्रित होकर धरना देंगी।
प्रदेश में कार्यरत हैं करीब २६ हजार नर्सें
महाराष्ट्र गवर्नमेंट नर्सेस फेडरेशन की संस्थापक-सलाहकार कमल वायकोले ने कहा कि महाराष्ट्र में मेडिकल चिकित्सा शिक्षा में १३ और स्वास्थ्य विभाग के तहत कार्यरत अस्पतालों में १३ हजार समेत कुल २६ हजार नर्सें कार्यरत हैं। इनमें से २,५०० नर्सें मुंबई में सेवारत हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नर्सिंग काउंसिल के मुताबिक, नर्सों की संख्या बहुत कम है। सरकार को चाहिए एक चौथाई भर्तियां तत्काल की जानी चाहिए।
केंद्र और राज्य के वेतन में २३ हजार का अंतर
कमल वायकोले ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के नर्सेस पे स्किल में कम से कम २३ हजार का अंतर है। इसे समान किए जाने की हम काफी समय से मांग करते आ रहे हैं, लेकिन इस पर केवल आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिला है। इससे प्रदेश में काम करनेवाली नर्सों में निराशा है।

यह है मांगें
बख्शी समिति खंड दो में नर्सों के साथ हो रहे अन्याय को दूर किया जाए। नर्सिंग संवर्ग में रिक्त पदों को पदोन्नति (नर्स, पाठ्यचर्या प्रशिक्षक से अधीक्षक नर्सिंग) द्वारा तुरंत भरा जाना चाहिए। नर्सों का प्रशासनिक तबादले के बिना केवल अनुरोध पर तबादला होना चाहिए। राज्य में नर्सों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वतंत्र निदेशक नर्सिंग का पद सृजित किया जाए। ७वें केंद्रीय वेतन आयोग के अनुसार, पूर्व-संशोधित वेतन, परिचर भत्ता, विशेष भत्ता और ग्रेड वेतन दिया जाए। केंद्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार, नर्सिंग संवर्ग में स्नातक, स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी करनेवालों को शैक्षिक वेतन वृद्धि समेत अन्य मांगें की गई हैं।

 

पेपर लीक मामले में विपक्ष को गृहमंत्री ने धमकाया! …व्हॉट्सऐप ‘नरेटिव’ बनाने वाले पर दर्ज होंगे मामले

सवालों से घबराई घाती सरकार
सामना संवाददाता / मुंबई
नीट पेपर लीक मामले का कनेक्शन मुंबई पहुंचने पर मामला गरमा गया है। इसी के साथ महाराष्ट्र में तमाम परीक्षाओं के पेपर लीक होने का मामला भी विधानसभा में उठाते हुए विपक्ष ने सरकार को घेरा। विपक्ष के आक्रामक रवैए और सवालों से सत्ता पक्ष घबरा गया, लेकिन विपक्ष के सवालों में जब सरकार फंसने लगी तो विपक्ष पर नरेटिव तैयार करने का आरोप लगाया। गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष को जानकारी देनेवाले के खिलाफ मामला दर्ज कराने की बात कहते हुए एक प्रकार से धमकाया।
सोमवार को विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान चल रहे सवाल-जवाब के बीच विपक्ष ने पेपर लीक मामले को लेकर सत्ता पक्ष से जवाब मांग रहा था। इस मामले को लेकर सदन में विपक्ष नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि राज्य में भी बड़े पैमाने पर पेपर लीक हुए हैं। आज पेपर लीक होने से राज्य में युवाओं का भविष्य खतरे में हैं। इतना ही नहीं, इस मामले में बड़े तार जुड़े हैं, सरकार कब जागेगी। इस मुद्दे पर कांग्रेस सदस्य नाना पटोले ने कहा कि यह सरकार पेपर लीक मामले पर अब तक कौन सी कार्रवाई की है इस पर कोई जानकारी सदन को कब उपलब्ध कराई जाएगी। इसके बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के विधायक भास्कर जाधव ने सरकार को घेरने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा कि पिछले ढाई सालों में राज्य में सरकारी नौकरी की परीक्षाओं सहित लगभग ५ से ६ पेपर लीक हुए हैं और इसके लिए महायुति सरकार जिम्मेदार है। गृहमंत्री को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। भास्कर जाधव ने जैसे ही महायुति के कार्यकाल में बड़ी संख्या में पेपर लीक होने के मामले को उजागर किया, गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस आगबबूला हो गए।

आपके मोबाइल पर जो मैसेज आया है। व्हॉट्सऐप मैसेज है और वह एक नरेटिव तैयार करनेवाला है। वह मैसेज गलत है। मैं आपके व्हॉट्सऐप पर यह जानकारी लिखने वाले के खिलाफ फर्जी नरेटिव तैयार करने के मामले में मामला दर्ज करता हूं। उन्होंने यहां तक कहा कि विपक्ष के सारे आरोप झूठे हैं। महाराष्ट्र में सिर्फ लेखपाल भर्ती की परीक्षा के पेपर ही लीक हुए हैं, जबकि भास्कर जाधव ने ५ से ६ परीक्षाओं के पेपर लीक होने की जानकारी दी।
-देवेंद्र फडणवीस, गृहमंत्री

सोशल मीडिया का बैड इफेक्ट : गुजरात में बिकनी थी ‘बनारसी’ किडनी! सूरत की बजाय लड़की पहुंच गई मुंबई

पुलिस कर रही जांच, आरोपी फरार

सामना संवाददाता / ठाणे
सोशल मीडिया का बैड इफेक्ट आम जिंदगियों को बद से बदतर बनाता जा रहा है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक बनारसी युवती को प्रेम जाल में फंसाकर उसकी किडनी को सूरत में बेचने की कोशिश का मामला सामने आया है। लेकिन लड़की सूरत में उतरने की बजाय मुंबई में उतर गई। इस वजह से लड़की की जान बच गई है। फिलहाल, ठाणे क्राइम ब्रांच-१ की टीम आरोपी की तलाश कर रही है।
बता दें कि शनिवार के दिन ठाणे क्राइम ब्रांच यूनिट-१ ने गुप्त जानकारी के आधार पर बनारस से भागकर मुंबई आई एक लड़की को हिरासत में लिया था। हिरासत में लेने के बाद जब पुलिस ने पूछताछ की तो एक अजीबोगरीब जानकारी सामने आई। दरअसल, युवती की दोस्ती सोशल मीडिया पर एक अनजान व्यक्ति से हुई थी। दोस्ती और बातों में फंसाकर उक्त व्यक्ति ने युवती को सूरत स्टेशन पर बुलाया था। इस वजह से लड़की बनारस से अपना परिवार छोड़कर सूरत के लिए रवाना हो गई थी। युवती मानसिक रूप से कमजोर थी, जिससे वह सूरत स्टेशन पर न उतरकर मुंबई पहुंच गई। मुंबई पहुंचते ही परिवार से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने उक्त युवती को सुरक्षित अपनी हिरासत में ले लिया है। उस युवती को बुलानेवाला आरोपी फरार हो गया है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

आरोपियों में दो महिलाओं का समावेश
पुलिस द्वारा मिली जानकारी के आधार पर सोशल मीडिया पर बात करनेवाले युवक सहित दो अन्य महिला आरोपी भी इस क्राइम सीन में शामिल हैं। इस प्रकार कुल तीन आरोपियों की तलाश पुलिस कर रही है।

मुंबई में कुत्तों के काटने की घटनाओं में वृद्धि … ३ साल में ३ हजार घटनाएं

सामना संवाददाता / मुंबई  
मुंबई में आवारा कुत्तों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है साथ ही आवारा कुत्तों द्वारा इंसानों पर हमले की भी घटनाएं बढ़ रही हैं। पिछले तीन सालों यानी साल २०२० से लेकर २०२३ तक मुंबई में कुत्तों के काटने की ३,५०८ घटनाएं हुई हैं। यह मामला सूचना के अधिकार यानी आरटीआई के जरिए सामने आया है। दिलचस्प बात यह है कि इनमें से केवल एक मामला घरेलू कुत्तों से संबंधित है, जबकि बाकी मामलों में आवारा कुत्ते शामिल हैं।
 मनपा के उपाय हो रहे असफल 
मुंबई मनपा आवारा कुत्तों के लिए रेबीज टीकाकरण को लेकर लगातार अभियान चला रही है। साथ ही आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए नसबंदी भी की जाती है। पिछले कुछ वर्षों में आवारा कुत्तों में आक्रामकता बढ़ी है और काटने की घटनाएं भी बढ़ी हैं। परिणामस्वरूप, सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में वृद्धि होने की संभावना अधिक है। आवारा कुत्तों के काटने के साथ-साथ २०२०-२३ की अवधि के दौरान पालतू कुत्तों के लाइसेंस जारी करने में भी वृद्धि हुई है। इस अवधि में कुल १९ हजार १५८ लाइसेंस जारी किए गए हैं, साथ ही साल २०२० में २५८१लाइसेंस जारी किए गए।
नहीं हो रहा उचित देखभाल और प्रबंधन  
बताया जा रहा है कि लाइसेंस की संख्या बढ़ने के बावजूद उचित सावधानी नहीं बरती जा रही है। इस अवधि में केवल ४९ पालतू पशु मालिकों को नोटिस जारी किया गया है। वहीं, कुत्ते के काटने की घटनाएं २०२० में ६१० से बढ़कर २०२३ में १,१२३ हो गर्इं। इस बारे में एक पशु प्रेमी का कहना है कि उचित देखभाल और प्रबंधन के बिना आवारा कुत्तों की संख्या में अनियंत्रित वृद्धि से निवासियों पर हमलों का खतरा बढ़ जाता है।

मेरी रिहाई से डर गई है बीजेपी … `इंडिया’ पूरे देश से भाजपा को सत्ता से बाहर कर देगा! -हेमंत सोरेन का अटल विश्वास

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को `सामंती ताकतों’ के खिलाफ `विद्रोह’ की घोषणा की और कहा कि विपक्षी गठबंधन `इंडिया’ पूरे देश से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सत्ता से बाहर कर देगा। हेमंत सोरेन ने यहां ‘हूल दिवस’ के मौके पर एक रैली को संबोधित करते हुए दावा किया कि जेल से उनकी रिहाई के बाद भाजपा `घबरा’ गई है और उसके नेता फिर से उनके खिलाफ ‘साजिश’ रच रहे हैं।
उन्होंने कहा, `अपनी रिहाई के बाद मैं पहली बार ‘हूल दिवस’ पर आपको संबोधित करने के लिए अपने घर से बाहर निकला हूं। यह हम सभी के लिए प्रेरणा का दिन है। अंग्रेजों के खिलाफ संथाल विद्रोह की तरह हम झारखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश से सामंती ताकतों को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए ‘हूल विद्रोह’ का एलान करते हैं।’ उन्होंने आगे कहा, `झारखंड को क्रांतिकारियों की भूमि के रूप में जाना जाता है और हम जेल, लाठी या फांसी से नहीं डरते।’ सोरेन ने कहा, ‘मेरी जानकारी में आया है कि वे (बीजेपी) झारखंड में विधानसभा चुनाव निर्धारित समय से पहले कराने की योजना बना रही है। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे जिस दिन चाहें चुनाव कराएं। हम इसके लिए तैयार हैं। उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ेगा।
`मेरे खिलाफ फिर रची जा रही साजिश’
हेमंत सोरेन ने कहा, `मुझे झूठे मामलों में फंसाया गया… केंद्र सरकार अपने खिलाफ आवाज उठाने वालों को प्रताड़ित करने के लिए जांच एजेंसियों को लगा देती है। मुझे जेल से बाहर आए अभी दो दिन ही हुए हैं, लेकिन बीजेपी घबराई हुई है। पार्टी के शीर्ष नेता झारखंड में बार-बार आ रहे हैं और मेरे खिलाफ फिर से साजिश रच रहे हैं।’

जर्जर सड़क से मुरबाड के निवासियों की बढ़ी परेशानी

सामना संवाददाता / बदलापुर
मुरबाड के लोगों के लिए कल्याण एक महत्वपूर्ण केंद्र है। चाहे बच्चों की उच्च शिक्षा हो या सरकारी काम। उन्हें कल्याण आना ही पड़ता है, लेकिन कल्याण आने में उनके छक्के छूट जाते हैं, क्योंकि सड़कों की स्थिति ही ऐसी है। यहां जो सड़क बनी है उस पर बारिश के दौरान कीचड़ जमा हो जाता है, साथ ही सड़क पर बने गड्ढे भी हादसों को न्योता देते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस समस्या की वजह से उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर दफ्तर जाने वाले कर्मचारियों तक, सभी को इस खराब सड़क की वजह से परेशानी होती है। वहीं इस इलाके के व्यापारियों का भी कहना है कि खराब सड़क की वजह से उनके व्यवसाय पर भी बुरा असर पड़ा है। उन्हें टेंम्पो या बड़े वाहनों से अपने माल को लाना पड़ता है, लेकिन सड़कों की दयनीय स्थिति के कारण यहां कोई भी आने के लिए तैयार नहीं होता है। व्यापारियों का कहना है कि कई बार माल से लदे वाहन कीचड़ में फंस जाते हैं जिससे उन्हें टोचन करके बाहर निकालना पड़ता है, ऐसी स्थिति में परेशानी बढ़ जाती है।
मुख्यमंत्री के जिले में हो रही इस समस्या ने सरकार की कार्यक्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा किया जाए, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके। सरकार को इस दिशा में त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि जनता को राहत मिल सके।

गड्ढों से हो रही यात्रियों को परेशानी  
उल्हासनगर के कैंप नंबर चार में बने शिवनेरी अस्पताल के पास देव समाज रोड स्थानीय लोगों के लिए बड़ी समस्या बन गई है। यह सड़क गड्ढों से भरी हुई है, हलकी सी बारिश में ही गाड़ियों और पैदल चलनेवाले यात्रियों को काफी परेशानी होती है। यह समस्या न केवल स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रही है, बल्कि शिवनेरी अस्पताल के दैनिक संचालन में भी अवरोध डाल रही है। स्थानीय निवासियों ने इस समस्या का समाधान करने के लिए उल्हासनगर महानगरपालिका से अपील की है कि वे देव समाज रोड की सड़क की मरम्मत का काम जल्द से जल्द शुरू करें। इस समस्या को हल करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाए और सड़क की स्थिति को सुधारा जाए, ताकि स्थानीय निवासियों को आने-जाने में कोई परेशानी न हो।

पेड़ों को लेकर ठाणे मनपा की लापरवाही! …नहीं है सर्वे का समय

छह महीने में गिरे ३८१ पेड़
सामना संवाददाता /ठाणे
बारिश शुरू होते ही ठाणे में पिछले छह माह में करीब ३८१ पेड़ धराशायी हो गए, वहीं २९० पेड़ों की शाखाएं गिरी हैं। जबकि मई में १५५ और जून में १७४ पेड़ गिरे हैं। हालांकि, गनीमत रही कि इन घटनाओं में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं।
बता दें कि मानसून की शुरुआत के साथ ही ठाणे में पेड़ गिरने की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है। पिछले साल भी शहर में सैकड़ों पेड़ गिर पड़े थे, पिछले दो साल से मनपा के वृक्ष प्राधिकरण विभाग के माध्यम से खतरनाक पेड़ों का सर्वे कराया जा रहा है, फिर भी ऐसा लगता है कि खतरनाक पेड़ों सहित अन्य पेड़ भी गिर रहे हैं, इस वजह से वृक्ष प्राधिकरण विभाग के प्रबंधन पर ही संदेह जताया जा रहा है। गिरनेवाले वृक्षों में सबसे अधिक विदेशी वृक्षों का समावेश है। साल २०२०-२१ में कुल ६२८ पेड़ गिरे थे और इस साल जून के अंत तक ये संख्या ४६५ तक पहुंच गई है। ठाणे शहर में ऐसे कितने पेड़ हैं जो कमजोर हो गए हैं, इसका पता लगाने के लिए मनपा द्वारा सर्वेक्षण किया जाना था। इसके लिए जर्मन तकनीक से ऐसा सर्वे करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन मनपा के वृक्ष प्राधिकरण विभाग के पास अभी तक इसका जवाब नहीं है कि आगे क्या हुआ? इसलिए शहर में पेड़ गिरने की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। इस साल भी जनवरी से जून के अंत तक मनपा की सीमा में ३८१ पेड़ गिर पड़े हैं। वहीं २९० पेड़ों की शाखाएं गिर गर्इं, लेकिन फिर भी वृक्ष प्राधिकरण विभाग खामोश नजर आ रहा है।

पार्टी चुराना साहेब का हिंदुत्व नहीं! …स्वर्गीय आनंद दिघे के भतीजे ने  मुख्यमंत्री शिंदे पर बोला हमला

सामना संवाददाता / ठाणे
पक्ष चुराना साहेब का हिंदुत्व नहीं है, साहेब का हिंदुत्व क्या था, वह हम उन्हें बताने वाले हैं, उसकी स्पेशल सीख हम घाती गुट को देनेवाले हैं। घात करने के लिए एक फिल्म निकाली और अब एक फिल्म गद्दारी पचाने के लिए निकाल रहे हैं, इन शब्दों में स्वर्गीय आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे ने मुख्यमंत्री शिंदे पर हमला बोला है। बता दें कि धर्मवीर-२ फिल्म का पोस्टर मुख्यमंत्री शिंदे की उपस्थिति में लॉन्च किया गया। इसमें ‘हिंदुत्व के साथ विश्वासघात करने वालों के लिए कोई माफी नहीं है’ वाक्यांश का उपयोग किया गया है। इस पर ध्यान देते हुए धर्मवीर आनंद दिघे के भतीजे और ठाणे जिला प्रमुख केदार दिघे ने इसका अच्छा संज्ञान लिया। इस बारे में सोशल मीडिया के ‘एक्स’ पर ट्वीट करते हुए केदार दिघे ने कहा कि पार्टी चोरी करना साहब का हिंदुत्व नहीं है। हम बताने जा रहे हैं कि साहेब का हिंदू धर्म क्या था, हम उनकी विशेष शिक्षाओं को घाती गुट पर लागू करने जा रहे हैं। एक फिल्म विश्वासघात के लिए बनाई गई थी और अब वे अपने विश्वासघात को पचाने के लिए दूसरी फिल्म बना रहे हैं। जितनी जल्दी हो सके इनसे सावधान रहें। केदार दिघे ने आरोप लगाया है कि शिंदे अपने राजनीतिक हितों के लिए दिघे साहब की छवि का इस्तेमाल कर रहे हैं, और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।