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मतदान के आंकड़ों में अंतर पर राज्य चुनाव आयोग ने उठाए हाथ … हमने घोषित नहीं किए बढ़े प्रतिशत …राज्य चुनाव अधिकारी चोक्कलिंगम का दावा

सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण के मतदान के दिन दिए गए आंकड़ों और बाद में दिए गए अंतिम आंकड़ों में अंतर स्पष्ट दिखाई देने पर विपक्ष ने आपत्ति जताई है, लेकिन आंकड़ों में इस संदिग्ध विसंगति को लेकर राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस. चोक्कलिंगम कल पूरी तरह से चुप्पी साधे रहे। उन्होंने कहा कि हमने बढ़े हुए मतदान प्रतिशत के आंकड़े जारी नहीं किए हैं, हम उस पर कोई जवाब नहीं दे सकते। मुख्य चुनाव अधिकारी चोक्कलिंगम ने हाथ खड़े करते हुए कहा कि इस पर मुख्य चुनाव आयुक्त ही बता सकते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि मतदान के बाद के आंकड़ों और वास्तविक आंकड़ों में १ से ५ फीसदी का अंतर हो सकता है।
लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण के दस दिन बाद चुनाव आयोग ने आंकड़े जारी किए, उसमें अंतर पाया गया है। महाराष्ट्र में भी लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण में मतदान के दिन शाम ६ बजे प्रतिशत की घोषणा की गई और मतदान का अंतिम प्रतिशत औसत में ५ .८७ से ७.५२ फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस संबंध में जब पत्रकारों ने चोक्कलिंगम से सवाल किया तो वे तकनीकी जानकारी देनी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि जिस दिन मतदान होता है उस दिन सुबह से ही विभिन्न चरणों में मतदान प्रतिशत की घोषणा की जाती है। यह प्रतिशत अनुमानित होता है। मतदान के दूसरे दिन की रात को पोल के आंकड़े आते हैं, वही अंतिम होता है। इसके साथ ही मतदान के दिन सभी राजनीतिक दलों के चुनाव प्रतिनिधियों को फॉर्म १७सी के अनुसार, संबंधित मतदान केंद्र पर हुए मतदान के सटीक आंकड़े उपलब्ध कराए जाते हैं। इस आंकड़े को उसी समय सील कर दिया जाता है, फिर कोई भी अंतिम कुल आंकड़ों की तफ्तीश कर सकता है। इसमें कोई गोपनीयता शामिल नहीं है। चोक्कलिंगम ने कहा कि इसलिए कोई यह नहीं कह सकता कि अब मतदान प्रतिशत में अचानक वृद्धि हुई है।

हम नहीं दे सकते जवाब!
वोटिंग प्रतिशत में अंतर से पत्रकार संतुष्ट नहीं दिखे इसलिए जब पत्रकारों ने फिर से सवालों की झड़ी लगा दी तो उस समय चोक्कलिंगम ने अस्पष्ट जवाब देकर समय बर्बाद करने की कोशिश की। हर किसी का जवाब देने की एक क्षमता होती है। उन्होंने कहा कि हमने ग्यारह दिन बाद आंकड़े जारी नहीं किए हैं इसलिए हम आपको इस पर कोई जवाब नहीं दे सकते। उम्मीद है कि केंद्रीय चुनाव आयोग मतदान में अंतर के सवाल का जवाब देगा, क्योंकि पत्रकार मतदान की पवित्रता पर उंगली उठा रहे हैं।

 

 

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