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दुघर्टनाओं का शहर बना ठाणे! …एक वर्ष में घटी ३७० दुघर्टनाएं, ११० यात्रियों की हुई मृत्यु

दुर्घटनाओं और मौतों में हुई वृद्धि
सामना संवाददाता / ठाणे
ठाणे जिले में दुर्घटनाओं की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है, जिसके कारण हर साल सड़क दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में नागरिकों की मौत हो रही है। जनवरी से लेकर अब तक ठाणे पुलिस कमिश्नरेट सीमा और ग्रामीण इलाकों में कुल ३७० दुर्घटनाएं हुर्इं। इसमें ११० लोगों की मौत हो गई है। इस कालावधि में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दुर्घटनाओं की संख्या में ४७ की वृद्धि हुई और मृतकों की संख्या में १४ का इजाफा हुआ है, जिसे परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार ने गंभीरता बताते हुए उपाय योजना की जरूरत बताया है।
इन कारणों से हो रहे हैं हादसे
परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार ने आरटीओ के ठाणे कार्यालय क्षेत्र में भी दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि को गंभीरता से लिया है। कमिश्नर ने ठाणे में आरटीओ अधिकारियों को यह जानने के लिए बुलाया था कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय किए गए हैं। सरकारी तंत्र के सामने सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण की बड़ी चुनौती है और खराब सड़कें, वाहनों का अच्छी हालत में न होना, शराब पीकर वाहन चलाना, क्षमता से अधिक माल परिवहन करना, तेज गति से वाहन चलाना आदि कई कारणों से दुर्घटनाओं को न्योता मिल रहा है। इन हादसों में नाहक ही नागरिक मारे जा रहे हैं।

मीरा-भायंदर, वसई-विरार भी पीछे नहीं
जनवरी से लेकर अब तक नई मुंबई कमिश्नरेट में १९५ दुर्घटनाओं में ५८ लोगों की मौत हो गई। इस दौरान इस साल १८१ हादसों में ६४ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि मीरा-भायंदर, वसई-विरार आयुक्तालय में जनवरी से अप्रैल (२०२३) के बीच २२७ दुर्घटनाएं हुर्इं थीं, जिनमें ४९ लोगों की मौत हुई। हालांकि, इस साल हादसों की संख्या में कमी दर्ज की गई है, जिसके अनुसार १७६ दुर्घटनाओं में ४६ लोगों की मौत हुई।

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