– अजीत पवार गुट के विधायक के बयान से हलचल तेज
– सुप्रिया सुले बोलीं- यह मेरा निर्णय नहीं
सामना संवाददाता / मुंबई
पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र की राजनीति में यह चर्चा जोरों पर है कि क्या चाचा शरद पवार और भतीजा अजीत पवार एक साथ आनेवाले हैं। इसकी वजह यह है कि दोनों कई बार एक ही मंच पर नजर आए और उनके बीच संवाद भी हुआ। कुछ दिन पहले पुणे की एक मीटिंग में भी दोनों एक साथ दिखे थे। इससे अटकलें और तेज हो गर्इं कि क्या दोनों राष्ट्रवादी कांग्रेस गुट फिर से एक हो सकते हैं।
इसी कड़ी में कल अजीत पवार गुट के विधायक अमोल मिटकरी ने कहा कि अगर भगवान की इच्छा होगी तो भाई-बहन आषाढ़ी एकादशी तक एक साथ आ सकते हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान अजीत पवार गुट के विधायक और प्रवक्ता अमोल मिटकरी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर पांडुरंग की इच्छा होगी तो आषाढ़ी एकादशी तक बहन-भाई भी एक हो सकते हैं। उनके इस कथन को सुप्रिया सुले और अजीत पवार की एकता के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही राजनीतिक माहौल भी गरमा गया है।
सांसद सुप्रिया सुले से इस मुद्दे पर जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या दोनों राष्ट्रवादी कांग्रेस गुट एक हो सकते हैं तो सुप्रिया सुले ने कहा कि यह मेरा निर्णय नहीं है। मैं अब कहां जाऊंगी, इंदापुर पहले या दौंड, यह भी मुझे नहीं पता। यह पार्टी का निर्णय होगा। उन्होंने आगे कहा कि शरद पवार साहब ने जो भी निर्णय लिए हैं, वो हमेशा लोकतांत्रिक तरीके से हुए हैं। पार्टी का जो अंतिम निर्णय होगा, वो हर कार्यकर्ता की भावना और विश्वास को ध्यान में रखकर लिया जाएगा। हम व्यक्तिगत निर्णय नहीं लेते।
बता दें कि कुछ दिन पहले शरद पवार ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि दोनों राष्ट्रवादी एक होंगी या नहीं, इसका निर्णय सुप्रिया सुले लेंगी। सुप्रिया सुले ने भी कहा था कि देश इस समय ज्यादा महत्वपूर्ण है और हम परिस्थितियों को देखकर भविष्य में निर्णय लेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि ये निर्णय व्यक्तिगत नहीं, बल्कि संगठनात्मक होंगे। उधर, कुछ दिन पहले जब अजीत पवार से यही सवाल पूछा गया था कि क्या दोनों गुट फिर से एक होंगे तो उन्होंने कहा था कि मेरे बेटे की सगाई में सब लोग आए थे। शरद पवार, सुप्रिया सुले आदि लोग, पारिवारिक कार्यक्रमों में हम मिलते हैं। विचारधारा भले ही अलग हो, लेकिन सुख-दुख में हम परिवार की तरह एक साथ रहते हैं।