मुख्यपृष्ठनए समाचारमुंब्रा लोकल ट्रेन हादसे में बेसहारा हो गया परिवार!

मुंब्रा लोकल ट्रेन हादसे में बेसहारा हो गया परिवार!

– इकलौता कमानेवाला था शख्स

-परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

सामना संवाददाता / मुंबई

मुंब्रा लोकल हादसे में मृतकों में शामिल २८ वर्षीय राहुल संतोष गुप्ता एक गरीब परिवार से था। वह घर का इकलौता कमाऊ पूत था। वह अपनी छोटी बहन की शादी के लिए पैसे जोड़ रहा था। कल की दुर्घटना में उसकी जान चली गई, जिससे घरवालों पर न केवल दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, बल्कि पूरा परिवार भी बेसहारा हो गया है। इस हादसे के बाद घरवालों के अश्रु मानों थम ही नहीं रहे हैं। दूसरी ओर राहुल की मौत के बाद अब घरवालों के सामने बहन की शादी और घर चलाने की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। मुंब्रा में दो लोकल ट्रेनें एक खतरनाक मोड़ पर आमने-सामने आ गर्इं और ट्रेन में सवार यात्रियों के बैग एक-दूसरे से टकराने के कारण कुछ यात्री चलती ट्रेन से पटरी पर गिर पड़े। इस हादसे में कुल १३ यात्री ट्रेन से नीचे गिरे थे। इस दुर्घटना ने एक बार फिर मुंबई लोकल की भीड़ और सुरक्षा की गंभीर समस्या को सरकार के सामने ला खड़ा किया है।
 जानकारी के अनुसार, मयूर अपनी मां के साथ ठाणे में रहते थे। उनके पिता का निधन कई साल पहले हो गया था। मयूर विद्याविहार में नौकरी करते थे। उन्हें डोंबिवली में घर लेना था इसलिए कभी-कभी वे वहां के मालिक से मिलने जाया करते थे। कल सुबह भी वह शायद उसी सिलसिले में गए होंगे और उसी दौरान यह हादसा हुआ। पुलिस ने मां को इस दुर्घटना की सूचना दी।
 घटनास्थल पहुंचे राहुल के दोस्त
राहुल की मौत की खबर मिलते ही उसके दोस्त मुकेश चौबे और अन्य मित्र घटनास्थल पर पहुंचे और भावुक हो गए। राहुल रोज मुंब्रा से लोकल पकड़कर मुंबई में एक स्टेशनरी दुकान में काम करने जाता था। कल सुबह काम पर जाते समय ही यह हादसा हुआ और उसकी जान चली गई। उसके परिवार में मां-बाप, दो छोटी बहनें और एक छोटा भाई है। अब मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से राहुल के परिवार को आर्थिक मदद देने की मांग उसके दोस्तों ने की है।
 शिवा गवली गंभीर रूप से घायल
साकीनाका की ओर सफर करनेवाले शिवा गवली इस हादसे में घायल हुए हैं। वह ट्रेन से गिर गए और उनके सिर पर गंभीर चोट आई है। अभी उनका इलाज ठाणे के जुपिटर अस्पताल में चल रहा है। यह जानकारी उनके रिश्तेदारों ने दी।
 प्रत्यक्षदर्शी ने सुनाई आपबीती
एक प्रत्यक्षदर्शी शिवा सुरवई ने बताया कि मैं अपनी पत्नी को स्टेशन छोड़ने आया था। जैसे ही बाहर निकलने वाला था, स्टेशन परिसर से अचानक चीख-पुकार सुनाई दी। देखा कि लोकल जैसे ही आगे बढ़ी, कुछ महिला और पुरुष ट्रैक पर गिरे हुए दिखे। स्थानीय यात्रियों ने तुरंत मदद के लिए दौड़ लगाई। किसी वाहन से घायलों को अस्पताल ले जाया गया, वहीं मृतकों को एंबुलेंस से भेजा गया।
पुलिसकर्मी की भी मौत
वर्ष २००४ से ही ठाणे रेलवे पुलिस विभाग में कार्यरत मच्छींद्र मधुकर गोतरणे भी इस दुर्घटना के शिकार हुए। इससे पहले वे कल्याण पुलिस थाने में कार्यरत थे और वहीं के रहने वाले थे। नाइट ड्यूटी खत्म करके वे ठाणे से कल्याण लौट रहे थे, तभी यह हादसा हुआ। जब ट्रेनें एक-दूसरी को क्रॉस कर रही थीं, उसी समय वे ट्रेन से नीचे गिर गए। पुलिसकर्मी की मौसी प्रमिला जाधव के मुताबिक, फोन आने पर वे तुरंत अस्पताल पहुंचीं। कांस्टेबल के मामा राहुल म्हस्के ने कहा कि शुरू में कुछ समझ में नहीं आया, बाद में मौत की खबर मिली। उनके परिवार में पत्नी और एक बेटी है।

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