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प्रोजेक्ट पड़ताल : विक्रोली ब्रिज की डेडलाइन हुई मिस…मनपा का वादा हुआ फेल, जनता में नाराजगी

ब्रिजेश पाठक

विक्रोली ब्रिज की डेडलाइन ३१ मई २०२५ रखी गई थी, लेकिन डेडलाइन मिस होने के १० दिन बाद भी यह ब्रिज अब तक जनता के लिए नहीं खोला गया है। मनपा ने ३१ मई को बताया था कि ब्रिज का काम पूर्ण हो चुका है, लेन मार्विंâग व लाइटिंग का काम किया जा रहा है, लेकिन अब तक मनपा ने साफ नहीं किया है कि आखिर वर्षों से बन रहे इस ब्रिज को कब शुरू किया जाएगा।
मनपा के मुताबिक, यह ब्रिज पूरी तरह से तैयार है। ब्रिज पर छोटे-मोटे कार्य किए जा रहे हैं। कार्य पूरे होने के बाद इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि मनपा की निर्माण गति सुस्त है। यह ब्रिज अब तक शुरू हो जाना चाहिए था, इसमें मनपा की लापरवाही साफ नजर आती है। ब्रिज खुलने से ट्रैफिक की समस्या का समाधान होगा। कार्यादेश जारी होने के बाद इसकी समयसीमा २०२० तय की गई थी। हालांकि, अधिकारी समयसीमा को पूरा करने में विफल रहे और इसे बाद में २०२२ तक बढ़ा दिया गया। अतिक्रमण हटाने में देरी को देखते हुए समयसीमा दो बार और बढ़ाई गई। कार्यादेश जारी करते समय परियोजना की प्रारंभिक लागत ७० करोड़ रुपए थी, लेकिन कई बार देरी होने के कारण अब इसकी लागत १८० करोड़ रुपए हो गई है। बता दें कि विक्रोली आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) की परिकल्पना वर्ष १९९७ में की गई थी।
सबसे लंबा पुल
यह पुल भारत का सबसे लंबा पुल होगा जिसमें ओपन-वेब-गर्डर सिस्टम होगा, जो रेलवे ट्रैक के ऊपर से गुजरेगा। गर्डर की कुल लंबाई १०० मीटर होगी और यह स्टेनलेस स्टील से बने होंगे। हर एक गर्डर का वजन लगभग १,१०० मीट्रिक टन है। इस पुल की कुल लंबाई लगभग ४८० मीटर होगी और इसमें पूर्व-पश्चिम दिशा में यातायात के लिए दो वैâरेजवे होंगे। इसके अलावा पुल में पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ भी होंगे।
समय और ईंधन दोनों की बचत
पूर्व और पश्चिम उपनगरों को जोड़ने वाले इस पुल के बन जाने से पूर्वी एक्सप्रेस हाईवे से पवई की ओर जाने वाले वाहन चालकों का समय और ईंधन दोनों की बचत होगी। साथ ही घाटकोपर, विक्रोली और कांजुरमार्ग रेलवे स्टेशनों से ५ किलोमीटर की परिधि में आने वाले वाहन चालकों को भी इसका लाभ मिलेगा। यह पुल पूर्व में ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे को पश्चिम में लाल बहादुर शास्त्री (एलबीएस) मार्ग से जोड़ेगा। अब तक विक्रोली में कोई सीधा पूर्व-पश्चिम संपर्क नहीं है और स्थानीय निवासियों को गाड़ी चलाने के लिए घाटकोपर या कांजुरमार्ग का आरओबी से होकर गुजरना पड़ता है। यह फ्लाईओवर पैदल यात्रियों को सीधे प्लेटफॉर्म तक भी पहुंच देगा इसलिए एक बार चालू होने के बाद यह पुल यात्रा के समय को घटाकर ७ मिनट कर देगा, जो आज ट्रैफिक के अनुसार कम से कम २५-३० मिनट या उससे अधिक का समय लेता है।

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