मनपा के ३०० कर्मचारियों ने की सफाई छह वाहनों में भरा गया कचरे का अंबार
खाने के पैकेट, पानी की बोतलें, पोस्टर-बैनर्स, सजावट के कपड़े
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के शपथग्रहण समारोह को ‘महाशपथ’ समारोह बताकर मीडिया में प्रचारित किया गया था। आजाद मैदान में हुए इस ‘महाशपथ’ समारोह में भारी भीड़ जुटाई गई थी। कुछ घंटों के इस समारोह में वहां महाकचरा जमा हो गया था। रिपोर्ट के अनुसार आजाद मैदान में कुछ ही घंटों में ५ टन कूड़ा-कचरे का ढेर लग गया था। समारोह के बाद मनपा के ३०० कर्मचारियों ने मिलकर इस कूड़े को आजाद मैदान से साफ किया।
बता दें कि शपथ ग्रहण समारोह को देखने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ने के एक दिन बाद, मनपा ने शुक्रवार को रात भर अभियान चलाकर इस ऐतिहासिक मैदान से पांच टन कचरा उठाया। पिछले तीन दिनों में अपने घन कचरा व्यवस्थापन विभाग के ३०० से अधिक कर्मचारियों को काम पर लगाने के बाद, मनपा ने सुबह तक छह वाहनों में यह कचरा एकत्र किया। बता दें कि महायुति ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए यह मेगा आयोजन किया था। समारोह के समापन के तुरंत बाद मनपा के नाइट शिफ्ट के कर्मचारी काम पर लग गए और दो छोटी गाड़ियों में एक टन कचरा साफ किया। शुक्रवार की सुबह, एक मिनी कॉम्पैक्टर वाहन और तीन अन्य गाड़ियों में आजाद मैदान से चार टन कचरा इकट्ठा किया गया। मनपा के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ‘कार्यक्रम के बाद घन कचरा व्यवस्थापन विबाग के कर्मचारियों द्वारा कुल मिलाकर पांच टन से अधिक कचरा एकत्र किया गया।’ सफाई अभियान में शामिल एक वार्ड अधिकारी के अनुसार, सफाई के दौरान एकत्र किए गए कूड़े में अधिकांशत: भोजन के पैकेट, प्लास्टिक की बोतलें, पोस्टर, खंभे बांधने व सजाने में इस्तेमाल किए गए फटे कपड़े और अन्य वस्तुएं शामिल थीं। हालांकि, आजाद मैदान तक जाने वाले मुख्य मार्ग पर लगे राजनीतिक बैनर अभी तक नहीं हटाए गए हैं।
‘महाशपथ’ के बाद ‘महाकचरा’ … आजाद मैदान से निकला ५ टन कूड़ा!
अजीत पवार को रु. १००० करोड़ मिले! …बेनामी संपत्ति हुई नामी, उपमुख्यमंत्री की शपथ लेते ही आयकर विभाग ने संपत्ति लौटाई
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में भाजपा नेतृत्ववाली महायुति सरकार में उपमुख्यमंत्री बनते ही अजीत पवार के बेनामी संपत्तियों के मामले में आयकर विभाग ने कदम पीछे ले लिया। सूत्रों की मानें तो अजीत पवार की लगभग एक हजार करोड़ रुपए की जब्त संपत्ति को आयकर विभाग के ट्रिब्यूनल ने लौटाने का आदेश दिया है। जानकारों की मानें तो अजीत पवार की यह बेनामी संपत्ति अब नामी संपत्ति हो गई है।
आयकर विभाग ने तीन अलग-अलग कंपनियों में बेनामी संपत्ति होने का हवाला देकर अजीत पवार की एक हजार करोड़ रुपए तक की संपत्ति को जब्त कर लिया था, अब जब अजीत पवार भाजपा का मकसद पूरा होने तक अर्थात सरकार स्थापन होने तक महायुति के साथ रहे हैं तो भाजपा ने उन्हें इनाम के तौर पर आयकर विभाग का यह तोहफा दिया है।
कल तक अजीत पवार पर भ्रष्टाचार के आरोप में सख्त कार्रवाई करने का दावा करनेवाला आयकर विभाग अब सबूत पेश नहीं कर पाया है। ऐसा दावा किया था कि पार्थ फाउंडेशन और अन्य कंपनियां अजीत पवार व पार्थ पवार के लिए संचालित की जा रही थीं। गजानन पाटकर ने तीन कंपनियों निबोध, प्रतुर्ण, और अपरिमेय डमी कंपनियों को पार्थ पवार के फायदे के लिए तैयार किया। कंपनियों और उनके आर्थिक लेन-देन से सीधे अजीत पवार या सुनेत्रा पवार को कोई लाभ हुआ।
३ कंपनियों को बताया था बेनामी
बता दें कि १३ जून २०१४ को नरिमन पॉइंट स्थित निर्मल बिल्डिंग में एक जगह तीन कंपनियां निबोध, प्रतुर्ण और अपरिमेय के जरिए खरीदी गर्इं। आयकर विभाग ने छापेमारी के दौरान इसे बेनामी संपत्ति बताया था। इन कंपनियों का कोई वास्तविक व्यवसाय नहीं था। निबोध कंपनी के पूर्व निदेशकों में मिलिंद करमरकर, अवी गावडे और नितिन जोग ने स्वीकार किया कि वे केवल डमी निदेशक थे। वर्तमान निदेशक हंसा शाह, कशिश दुडेजा, आरती शाह और चांदनी जैन भी धीरेंद्र शाह के कर्मचारी बताए गए।
३ रेलवे ओवर ब्रिज कार्यों में देरी … मुंबईकरों के लिए सिरदर्द! …आखिर कब तक मुंबईकर करें इंतजार?
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के लाखों नागरिकों की रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बनाने वाले तीन प्रमुख रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) – कोनार्क बंदर ब्रिज, गोखले ब्रिज और विक्रोली ब्रिज-का काम सालों से अटका हुआ है। बार-बार बदली जा रही डेडलाइन और प्रोजेक्ट की धीमी गति ने शहरवासियों की परेशानी बढ़ा दी है। अब बीएमसी ने दावा किया है कि यह ब्रिज अगले मानसून से पहले चालू हो जाएंगे, सच्चाई इन दावों से काफी दूर नजर आती है।
मुंबईकरों की उम्मीदें टूटीं
मुंबईकर इन आरओबी की देरी से परेशान हैं। रोजाना की ट्रैफिक समस्या और लंबे सफर ने लोगों की जिंदगी दूभर कर दी है। ठेकेदारों पर जुर्माने और नई डेडलाइन के बावजूद यह सवाल बरकरार है कि आखिर इन प्रोजेक्ट्स को कब पूरा किया जाएगा?बीएमसी के वादे और वास्तविकता के बीच की यह खाई जनता के धैर्य की परीक्षा ले रही है।
कोनार्क बंदर ब्रिज:
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और मस्जिद बंदर को जोड़ने वाले १५४ साल पुराने कोनार्क बंदर ब्रिज को २०१४ में भारी वाहनों के लिए बंद कर दिया गया था। इसके पुनर्निर्माण में हैंकॉक ब्रिज का काम और अतिक्रमण जैसी समस्याएं रोड़ा बनीं। अब तक ८० प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, लेकिन दूसरा गर्डर जनवरी २०२५ तक ही लगाया जा सकेगा। बीएमसी ने दावा किया है कि ब्रिज ३१ मई, २०२५ तक चालू हो जाएगा।
गोखले ब्रिज:
अंधेरी के पूर्व-पश्चिम को जोड़ने वाला गोखले ब्रिज ७ नवंबर, २०२२ को असुरक्षित घोषित कर बंद कर दिया गया। मई २०२३ में इसका काम पूरा होना था, लेकिन अब इसे अप्रैल २०२५ तक टाल दिया गया है। उत्तर दिशा का हिस्सा फरवरी २०२४ में हल्के वाहनों के लिए खोला गया, लेकिन मुख्य काम अभी अधूरा है। बीएमसी ने ठेकेदार पर ३ करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।
विक्रोली ब्रिज:
लाल बहादुर शास्त्री मार्ग को ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे से जोड़ने वाले विक्रोली ब्रिज का काम अप्रैल २०१८ में शुरू हुआ। साइट पर अतिक्रमण, भूमि अधिग्रहण और अन्य समस्याओं के कारण यह प्रोजेक्ट बार-बार लटकता रहा। महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने बीएमसी की खराब योजना और साइट पर सही अनुमान न लगाने की कड़ी आलोचना की। हालांकि, ९० प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और ब्रिज को मार्च २०२५ तक चालू करने का दावा किया जा रहा है।
शिंदे तो ठंडे हैं! … फडणवीस ने खोला राज …नहीं मिलेगा गृह और समन्वय समिति का अध्यक्ष पद
-एकनाथ शिंदे को सीएम नहीं बनाने पर बोले देवेंद्र
सामना संवाददाता / मुंबई
गुरुवार को मुंबई के आजाद मैदान में हुए सीएम पद के शपथ ग्रहण समारोह के समय भी पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खासा नाराज थे। उनकी मांग को लेकर महाराष्ट्र में लंबे समय से सत्ता संघर्ष का खेल शुरू था। एकनाथ शिंदे अब भी अपनी मांगों को लेकर और भाजपा की नीतियों के चलते नाराज हैं, गृह मंत्रालय की मांग पर अड़े हैं। साथ ही महायुति के समन्वय समिति के अध्यक्ष पद की मांग है, लेकिन अब उनका काम भाजपा की नजर में खत्म हो गया है इसलिए उनकी मांग की कोई तव्वज्जो भी नहीं है।
शनिवार को विधान भवन में मुख्यमंत्री पद को लेकर नाराज शिंदे पर बयान देते हुए सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एकनाथ शिंदे अलग तरह के व्यक्ति हैं, वे बड़े ही भावुक हैं। इस दौरान फडणवीस ने साफ कहा कि एकनाथ शिंदे को गृह विभाग नहीं मिलेगा, पिछले कई वर्षों से यह विभाग हमारे पास है, वह हमारे भाजपा के पास ही रहे तो बेहतर है।
उन्होंने महायुति में समन्वय समिति के अध्यक्ष का पद भी एकनाथ शिंदे को दिए जाने पर असहमति जताई। उन्होंने कहा कि शिंदे और अजीत पवार केंद्र के साथ अच्छा समन्वय कर सकते हैं, लेकिन यह समिति का अध्यक्ष पद यदि भाजपा के पास हुआ तो दिल्ली में नेताओं के साथ समन्वय साधना ज्यादा आसान साबित होगा इसलिए यह विभाग भी भाजपा को मिले, मैं इस पर सहमत हूं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नाराज नहीं हैं। उन्होंने सरकार गठन में देरी के आरोपों को भी खारिज किया। फडणवीस ने कहा कि एकनाथ शिंदे भावुक स्वभाव के हैं, जबकि दूसरे उपमुख्यमंत्री अजीत पवार अधिक व्यावहारिक हैं। शिंदे के साथ मतभेद की अफवाहें भी खारिज किया।
बेईमान मौसम तो मार ही डालेगा! … मुंबई में दोपहर में गर्मी, रात में सर्दी से परेशान नागरिक
-सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या में २५ प्रतिशत इजाफा
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में बीते कुछ दिनों से वायु गुणवत्ता में गिरावट और प्रदूषण के बढ़ने के साथ ही अब दोपहर की चुभती गर्मी और रात की सर्दी के बदलते मौसम ने शहर की सेहत पर असर डाला है। सर्दी, खांसी और वायरल बुखार के मरीजों की संख्या में २५ प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज की गई है। इस वजह से मुंबई महानगरपालिका ने नागरिकों से अपनी सेहत का ख्याल रखने की अपील की है।
हर साल की तरह इस साल भी ठंड की आहट के साथ बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि हवा में नमी बढ़ने से धूल कण ज्यादा समय तक वातावरण में बने रहते हैं, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
पिछले हफ्ते से मुंबई में दिन के समय धुंध बढ़ने से श्वसन से जुड़ी बीमारियां तेजी से पैâल रही हैं। इससे अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। इसे देखते हुए मुंबई महानगरपालिका ने स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। प्रमुख अस्पतालों केईएम, सायन, नायर, कूपर और १६ उपनगरीय अस्पतालों एवं क्लीनिकों में जरूरी दवाओं और चिकित्सा सुविधाओं का पर्याप्त स्टॉक तैयार रखा गया है।
`तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में एक हफ्ते पहले आए `फेंगल’ चक्रवात का असर मुंबई के तटीय इलाकों पर भी महसूस किया गया है। पूर्व से आने वाली नम हवाओं के कारण कभी ठंडक तो कभी गर्मी का माहौल बन रहा है। अगले चार दिनों में स्थिति सामान्य होकर ठंडक बढ़ने की संभावना है।’
-सुषमा नायर, मौसम विभाग, मुंबई
`सायन अस्पताल की ओपीडी में रोजाना करीब सात हजार मरीज आते हैं। इनमें खासकर सर्दी, बुखार और वायरल बुखार के मरीजों की संख्या में २५ प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसे देखते हुए अस्पतालों में आवश्यक बेड और दवाओं की व्यवस्था की गई है।’
-डॉ. मोहन जोशी, डीन, सायन अस्पताल
भायंदर-पूर्व का तालाव रोड बना फेरीवालों का अड्डा … जनता त्रस्त मनपा मस्त! …नियम-कानून को ताक पर रख कर होता है धंधा
प्रेम यादव / मीरा भायंदर
भायंदर-पूर्व के तालाव रोड का इलाका फेरीवालों के अतिक्रमण से बुरी तरह प्रभावित हो चुका है। बीपी रोड और नवघर रोड को जोड़ने वाली ये सड़क शाम में फेरीवालों से भर जाती है, जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस सड़क पर स्थित मनपा के प्रभाग क्रमांक ३ का कार्यालय होने के बावजूद अतिक्रमण की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। फेरीवालों ने न सिर्फ सड़क के दोनों ओर कब्जा कर रखा है, बल्कि कार्यालय के बाहर तक अपनी दुकानें लगाकर व्यवसाय कर रहे हैं। ऐसे में नागरिकों को पैदल चलने और वाहनों के आवागमन में भारी दिक्कतें हो रही हैं।
तालाव रोड पर बढ़ती भीड़भाड़ के कारण चोरी और छीना-झपटी की घटनाएं भी आम हो गई हैं। नागरिकों का कहना है कि यह क्षेत्र फेरीवाला जोन में शामिल नहीं है, फिर भी फेरीवालों से अवैध शुल्क वसूलने का खेल चल रहा है। यह सीधे तौर पर मनपा के अधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत को उजागर करता है।
मनपा का अतिक्रमण दस्ता नदारद
मनपा का अतिक्रमण दस्ता इस गंभीर स्थिति पर कार्रवाई करने के प्रति पूरी तरह उदासीन है। नागरिकों का आरोप है कि अधिकारियों की शह पर ही फेरीवालों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि वे नियम-कानून को ताक पर रखकर धंधा चला रहे हैं।
नागरिकों की आवाज कौन सुनेगा?
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि मनपा की लापरवाही और भ्रष्टाचार ने उनकी समस्याओं को बढ़ा दिया है। इस सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। पैदल चलने की जगह तक नहीं बची, ऊपर से फेरीवालों के कारण ट्रैफिक जाम और चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं। इस मामले से यह स्पष्ट है कि मनपा के अधिकारियों की उदासीनता और भ्रष्टाचार ने तलाव रोड को अराजकता का केंद्र बना दिया है। यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो नागरिकों की परेशानियां और बढ़ेंगी। मनपा को चाहिए कि वह अतिक्रमण दस्ते को सक्रिय करे, फेरीवालों के अवैध कब्जे को तुरंत हटाए और इस क्षेत्र में कानून व्यवस्था बहाल करे।
माटुंगा में पार्किंग टावर के खिलाफ गुस्सा उफान पर …हेरीटेज माटुंगा बचाओ अभियान शुरू! …ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान ने पकड़ी रफ्तार
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के माटुंगा सेंट्रल रेलवे स्टेशन के बाहर २२ मंजिला पार्विंâग टावर के निर्माण के खिलाफ स्थानीय नागरिकों का विरोध अब और तेज हो गया है। अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बचाने की कोशिश में स्थानीय निवासियों ने ‘सेव हेरीटेज माटुंगा’ नाम से एक ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है, जिसे केवल दो दिनों में करीब १०० लोगों का समर्थन मिल चुका है।
इस अभियान की शुरुआत स्थानीय कार्यकर्ता चेतन त्रिवेदी ने की है, जिन्होंने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) आयुक्त भूषण गगरानी को लिखित पत्र भेजा है। त्रिवेदी ने मांग की है कि बीएमसी माटुंगा पार्किंग टावर की व्यवहार्यता रिपोर्ट सार्वजनिक करें और नागरिकों की शंकाओं का समाधान करने के लिए एक सार्वजनिक सत्र आयोजित करें। त्रिवेदी ने कहा है कि हमने बीएमसी को सात दिनों की चेतावनी दी थी कि वे इस परियोजना की व्यवहार्यता रिपोर्ट को सार्वजनिक करें और नागरिकों की शंकाओं का समाधान करें।
सुरक्षा और पारदर्शिता पर सवाल
माटुंगा सेंट्रल रेलवे स्टेशन के बाहर स्थित ओपन पार्किंग स्पेस पर यह २२ मंजिला मैकेनाइज्ड पार्किंग टावर बनाया जाना प्रस्तावित है। माटुंगा के निवासियों का आरोप है कि यह परियोजना पास के एक वाणिज्यिक परिसर के निर्माण में मदद के लिए लाई जा रही है और यह क्षेत्र की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
बेस्ट की निष्क्रियता पर सवाल
गुरुवार को बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति और परिवहन (बेस्ट) के अधिकारियों ने माटुंगा पार्किंग टावर साइट का निरीक्षण किया। चेतन त्रिवेदी ने कहा, ‘बेस्ट अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान पाया कि टिकट काउंटर के पास स्थित सबस्टेशन की दीवार जर्जर हालत में है।’ बेस्ट के एक सलाहकार ने बताया, ‘सबस्टेशन को पार्किंग टावर योजना के तहत फिर से डिजाइन किया जाना था। चूंकि परियोजना अभी तक अंतिम रूप में नहीं आई है इसलिए इसे ‘तत्काल मरम्मत’ के तहत ठीक किया जाएगा।’
पॉड टैक्सी प्रोजेक्ट की सफलता पर सवाल …मोनो रेल की तरह न हो जाए इस प्रोजेक्ट का हाल …एमएमआरडीए के लिए साबित होगा दूसरा सफेद हाथी
सामना संवाददाता / मुंबई
एक तरफ जहां एमएमआरडीए ने मुंबई के सबसे महंगे यात्री किराए वाले प्रोजेक्ट का विस्तार करने का मन बनाया है, वहीं ट्रांसपोर्ट एक्सपर्ट ने मुंबई में बननेवाली देश की पहली पॉड टैक्सी प्रोजेक्ट की सफलता पर सवाल उठाया है। एक्सपर्ट ने पॉड टैक्सी के प्रति किमी २१ रुपए के प्रस्तावित किराए पर भी सवाल उठाया है, वहीं विश्व की गिनी-चुनी कंपनी द्वारा ही पॉड टैक्सी की सप्लाई करने की वजह से एक्सपर्ट ने पॉड टैक्सी का हाल मोनो रेल की तरह होने पर संदेह जताया है।
ट्रैफिक एक्सपर्ट अशोक दातार के अनुसार, पॉड टैक्सी जैसे महंगे प्रोजेक्ट के बजाय एमएमआरडीए को बस सेवा में सुधार करना चाहिए। पॉड टैक्सी से कुर्ला से बीकेसी का सफर तय करने के लिए यात्रियों को करीब १५० रुपए खर्च करने होंगे, जबकि मौजूदा समय में बेस्ट की बसों से यह सफर केवल ५ से १० रुपए में पूरा हो रहा है। वहीं शेयर रिक्शा से २०-३० रुपए में सफर पूरा होता है। ऐसे में कितने यात्री इस सफर के लिए १५० रुपए खर्च करने के लिए तैयार होंगे, यह सोचने वाली बात है। ऐसे महंगे प्रोजेक्ट के बजाय एमएमआरडीए को हर मेट्रो स्टेशन को बस से कनेक्ट करने और बसों की सेवा में विस्तार करना चाहिए। ट्रांसपोर्ट एक्सपर्ट एवी शेनॉय के मुताबिक, मोनो रेल के आरंभ में मोनो रेल की सप्लाई और रख-रखाव के लिए एमएमआरडीए को विदेशी कंपनी पर निर्भर रहना पड़ा था। कंपनी द्वारा सप्लाई रोक देने के कारण मोनो रेल सेवा पर बहुत बुरा असर हुआ है।
शेनॉय ने कहा कि अगर पॉड टैक्सी की सप्लाई भी कंपनी ने रोक दी तो यह प्रोजेक्ट एमएमआरडीए के लिए दूसरा सफेद हाथी साबित होगा। मौजूदा समय में मुंबई में अंडरग्राउंड मेट्रो का किराया सबसे अधिक है। मेट्रो-३ में १२.२ किमी का सफर करने के लिए यात्रियों को ५० रुपए खर्च करने पड़ते है, वहीं पॉड टैक्सी में ८.८० किमी का सफर करने के लिए यात्रियों को १५० रुपए देना होगा।
नालंदा बना शिक्षा माफियाओं का केंद्र … सुशासन बाबू की सरकार नहीं कर रही है कार्रवाई
– बीपीएससी के अभ्यर्थियों पर करा रही है लाठीचार्ज
– तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर बोला जमकर हमला
सामना संवाददाता / पटना
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि नालंदा शिक्षा माफियाओं का केंद्र बन गया है। सरकार इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने पुराने पैटर्न पर ही बीपीएससी की परीक्षा कराने की वकालत की। उन्होंने कहा कि सरकार बीपीएससी के अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज करा रही है। यह पूरी तरह से गलत है। उनकी सरकार बनी तो विधवा पेंशन व वृद्धा पेंशन की राशि दोगुनी की जाएगी।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करते कहा कि अब उनकी उम्र रिटायरमेंट की हो गई है। उन्हें कुर्सी त्याग कर आराम करना चाहिए। तेजस्वी ने कहा कि केंद्र व राज्य में किसान व मजदूर विरोधी सरकार है। चंद पूंजीपतियों को फायदा मिल रहा है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। किसानों को उनका हक नहीं मिल रहा है। हर परीक्षा में पेपर लीक हो रहा है। यह युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार और भाजपा सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी नीतियां बिहार को पिछड़ेपन की ओर धकेल रही हैं, जबकि राजद जनता के मुद्दों पर काम करना चाहती है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रिटायर्ड अधिकारियों की फौज तैयार कर रखी है, जिससे बिहार का विकास नहीं होने वाला है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेजस्वी यादव बिहार सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि ७०वीं बीएससी परीक्षा को लेकर आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं उन्होंने पेपर लीक मामले पर भी सरकार को घेरा और पूरे पेपर लीक मामले में जमकर चुटकी ली। उन्होंने कहा कि किसी भी पेपर लीक की घटना में नालंदा के माफियाओं की संलिप्ता होती है। उन्होंने कहा कि जिला को दोष नहीं दे रहे हैं, लेकिन शिक्षा माफियाओं पर कार्रवाई होनी चाहिए। तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर उनकी सरकार बनती है तो सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना को ४०० से बढ़ाकर १,५०० रुपए किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने बिहारवासियों को २०० यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का वादा किया।
तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी सरकार बनी तो विकास कार्यों में तेजी लाई जाएगी और बिहार को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाया जाएगा। उन्होंने नीतीश कुमार और भाजपा सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी नीतियां बिहार को पिछड़ेपन की ओर धकेल रही हैं, जबकि राजद जनता के मुद्दों पर काम करना चाहती है। तेजस्वी ने कहा कि किसान आत्मदाह कर रहे है, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है।
कांग्रेस का यूपी मिशन …विधानसभा चुनाव के लिए बना रही खास रणनीति
सामना संवाददाता / लखनऊ
कांग्रेस ने २०२७ के विधानसभा चुनाव के लिए व्यूह रचना शुरू कर दी है। भाजपा को आगामी चुनाव में पटकनी देने के लिए यूपी कांग्रेस की सभी कमेटियों को भंग किए जाने के बाद अब कांग्रेस संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि जो लोकसभा चुनाव के दौरान सक्रिय नहीं थे, उन पदाधिकारियों को घर बैठाया जा सकता है, जबकि सक्रिय युवा चेहरों को नई जिम्मेदारियां दी जाएंगी। वहीं पुराने पदाधिकारी जो सक्रिय हैं उनको भी नई जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव २०२७ को लेकर राजनीतिक पार्टियों में गहमागहमी शुरू हो गई है। यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय की मानें तो अगले दो से ढाई महीने में नई कमेटी का गठन किया जाएगा। यूपी कांग्रेस इस नई कमेटी का गठन २०२७ विधानसभा चुनाव को देखते हुए करेगी। कांग्रेस संगठन के बदलाव में बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक संगठन को मजबूत करेगी। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो लंबे समय से पार्टी के भीतर चल रहे खींचतान पर भी विराम लगाने की कोशिश होगा। पार्टी इस बार विधानसभा चुनाव मजबूती के साथ लड़ना चाहती है इसलिए संगठन स्तर पर कई बदलाव किए जाएंगे, जिससे पार्टी को अधिक से अधिक फायदा मिल सके। बता दें कि अगस्त २०२३ में यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में अजय राय को नियुक्त किया गया था। उसके कुछ समय के बाद यूपी कांग्रेस में प्रभारी के रूप में अविनाश पांडे को लाया गया था।
बताया जा रहा है कि इन दोनों नेताओं ने यूपी के अलग-अलग जिलों का दौरा कर निष्क्रिय और सक्रिय पदाधिकारियों की रिपोर्ट तैयार की है। इनमें कई जगहों पर जिला और शहर अध्यक्षों को बदने जाने की बात सामने आई थी, वहीं प्रदेश कार्यकारिणी के कुछ पदाधिकारियों की कार्यशैली को भी लेकर नाराजगी है, जिसे नई कार्यकारिणी में तमाम समस्याओं को सुलझाने की कोशिश की जाएगी।