भोजपुरिया व्यंग्य : रीलवाली भउजाई के कमाल!

प्रभुनाथ शुक्ल
भदोही

हमनी के गांव के भउजाई के सुंदरता गजब के बा। उनकर रील डांस पे दुनिया पागल हो गईल बा। कमर झूल के हलचल मचवले बाड़े। भउजी भी ‘बिग बॉस’ में जाए के सपना देखे लागल बाड़ी। अब बेचारू रामजतन के मोबाइल रिचार्ज करत घरी जेब से पानी निकरत बा। अब तक उ घर के आटा-दाल से परेशान रहले। अब एह महंगाई में मोबाइल रिचार्ज एगो समस्या बन गइल बा। पहिले कंपनी के लोग मुफ्त डेटा के लत लगउले, अब उ लोग जेब उठावे प तुलल बाड़े। उल्टा भउजाई ताना मारत रहेली बलम जी, अपना पड़ोसी के चिंता छोड़ दीं आ हमनी के मोबाइल डाटा के भी चिंता करीं।
अरे! डाटाजीवी महारानी जी डाटा के खातिर चिंतित बानी जबकि आटा-दाल के फिकर ना। आटा आ दाल से बेहतर तरीका से रउरा अपना मोबाइल के डाटा के ट्रैक राखेनी। उ हमार ओतना खयाल तक ना करेली। वाईफाई से कनेक्ट होखे के कहला प उ आपन चेहरा मोड़ देली। जइसे कि हम रउरा गर्लप्रâेंड से पूछत बानी। अब का कहीं, मोबाइल कंपनी भी कम ना बा। दिन-रात डेटा के खपत के संदेश भेजत रहेला। जइसे प्रेमी अपना प्रियतम के प्रेम संदेश भेजत बा। रउरा सही कहत बानी कि एगो नया प्रेमिका भी अपना प्रेमी के ओतना मैसेज ना भेजेले जतना मोबाइल कंपनी अपना ग्राहक के डेटा के लेके भेजत बाड़ी।
देखऽ मलिकार! मोबाइल कंपनी के डेटा लोग के जेब के केतना परवाह बा? एह भयावह कलियुग में एतना दानशील के होई? नया बियाह के बाद हनीमून पर ले गईला पर तोहरा हमरा से ओतना परवाह तक ना रहे। देवर के बात सुन के रामजतन आपन हँसी दबा के गुनगुनावे लगले। आधा रात होखे भा अबहीं कवनो बतकही ना होखे के बा, मोबाइल के मैसेज बॉक्स में एगो प्यारा सा मैसेज गूँजत बा। रउरा अपना रोज के डेटा के इस्तेमाल के पचास फीसदी इस्तेमाल कइले बानी। एगो प्रेमी भी अपना प्रेमी के अयीसन चेतावनी संदेश देत कि आप अपना प्रेम के राह के आधा रास्ता तय क लेले बानी।

वाराणसी में लुटेरी दुल्हन व उसके गिरोह का खुलासा, शादी का झांसा देकर ठगे थे लाखों रुपए, 6 गिरफ्तार

उमेश गुप्ता/वाराणसी

वाराणसी में लंका पुलिस ने सामने घाट मैदान से एक लुटेरी दुल्हन समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो अविवाहित युवकों को शादी के नाम पर धोखा देकर उनसे पैसे हड़पने का काम करते थे।

पीड़ित घनश्याम, निवासी पर्वबतसर (राजस्थान) ने थाना लंका में शिकायत दर्ज कराई कि उनके मित्र सुमेर सिंह ने उन्हें एक लड़की से शादी के लिए कहा था। घनश्याम ने सुमेर की बात पर विश्वास करते हुए वाराणसी आकर लड़की से मिलने का निर्णय लिया। शादी के बाद लड़की विदाई के समय स्टेशन पहुंची, लेकिन फिर वह अपने कथित भाई के साथ भाग गई और घनश्याम से एक लाख सत्रह हजार रुपये ठगने का आरोप लगाया। पुलिस की जांच में यह पता चला कि आरोपियों का एक संगठित गिरोह है, जो इस तरह के धोखाधड़ी के मामलों को अंजाम देता था।

पूछताछ में यह भी सामने आया कि सुमेर सिंह और उसके साथी अविवाहित लड़कों को शादी के जाल में फंसाते थे, उन्हें नकली रिश्तेदारों से मिलवाते थे और फिर शादी के बाद स्टेशन पर लड़की को बहाने से भगाकर पैसे हड़प लेते थे। प्राप्त रकम को वे आपस में बांट लेते थे।

गिरफ्तार अभियुक्तों में सुमेर सिंह (राजस्थान), अनील (कौशाम्बी), प्रसन कुमार (राजस्थान), विभा (बिहार), शोभा देवी (वाराणसी) और आसिया (वाराणसी) शामिल हैं। इनके पास से 4900 रुपये नगद, 6 मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।

गिरफ्तारी में लंका थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्र, उप निरीक्षक अपराजित सिंह चौहान, हेड कांस्टेबल दिव्यम त्रिपाठी और अन्य पुलिसकर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

वाराणसी में काली पूजा कर रहे पुजारी ने खुद का गला रेता, हुई मौत,परिजन अस्पताल से शव लेकर फरार

उमेश गुप्ता/वाराणसी

वाराणसी के गायघाट मोहल्ले में मंगलवार दोपहर एक दिल दहला देने वाली घटना हुई। स्थानीय पुजारी अमित शर्मा ने पूजा करते समय मां काली के जयकारे लगाते हुए अचानक चाकू से अपना गला रेत लिया। यह घटना उनके घर के मंदिर में हुई। गंभीर रूप से घायल पुजारी को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना से मोहल्ले में सनसनी फैल गई।

गायघाट निवासी पुजारी अमित शर्मा (42) अपने परिवार के साथ मकान मालिक सूरज प्रसाद मेहरा के घर की दूसरी मंजिल पर रहते थे। मंगलवार को वे मंदिर से लौटने के बाद घर के मंदिर में पूजा कर रहे थे। इस दौरान वे जोर-जोर से “जय मां काली, मां दर्शन दो” के नारे लगाने लगे।उनकी पत्नी जूली, जो किचन में खाना बना रही थीं, आवाज सुनकर देखने आईं। उन्होंने देखा कि अमित पूजा कर रहे हैं और वापस किचन में चली गईं। लेकिन कुछ देर बाद जयकारों की आवाज चीखों में बदल गई। जब जूली दौड़कर आईं, तो उन्होंने देखा कि पुजारी खून से लथपथ फर्श पर पड़े हैं और पास में खून से सना चाकू रखा है।

पत्नी की चीख सुनकर मकान मालिक और अन्य लोग मौके पर पहुंचे। वे पुजारी को मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा ले गए, लेकिन डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर सुनकर परिजन रोने लगे। कुछ देर बाद वे स्ट्रेचर से शव उठाकर ऑटो में रखकर कहीं चले गए।

पुलिस जब अस्पताल पहुंची, तो परिजन वहां से जा चुके थे। बाद में पुलिस उनके किराए के घर पहुंची, लेकिन वहां भी कोई नहीं मिला। पुजारी की पत्नी का फोन बंद है, और पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

मकान मालिक सूरज प्रसाद ने बताया कि अमित शर्मा मंदिरों में पूजा-पाठ करते और पर्यटकों को वाराणसी की गलियां और गंगा आरती दिखाते थे। वह कई मंदिरों से जुड़े थे और धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय रहते थे।

हालांकि, मोहल्ले के कुछ लोगों का कहना है कि पुजारी तंत्र-मंत्र में भी रुचि रखते थे। घटना को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। कुछ का मानना है कि परिवार शव को किसी तांत्रिक या गुरु के पास लेकर गया होगा।

डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने बताया कि गायघाट में एक व्यक्ति द्वारा खुद का गला रेतने की सूचना मिली है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। एसीपी कोतवाली के नेतृत्व में टीम ने परिवार से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन अब तक परिजन लापता हैं।

स्कूली बच्चों ने मनाया मानवाधिकार दिवस

सुल्तानपुर। विकासखंड भदैयां के कंपोजिट विद्यालय खानीपुर में मंगलवार को विश्व मानवाधिकार दिवस मनाया गया। प्रतिवर्ष की भांति अध्यापक शक्‍ति प्रकाश पाठक की तरफ से सभी बच्चों को निःशुल्क परिचय पत्र वितरित किया गया। उन्होने विश्व मानवाधिकार दिवस के बारे में बताते हुए कहा कि अधिकारों के साथ-साथ हमें अपने कर्तव्यों के प्रति भी सजग रहना चाहिए। उपस्थित अभिभावकों से बच्चों को प्रतिदिन विद्यालय भेजने का आग्रह किया । कक्षा पांच की छात्रा दिव्या , शिवानी और संजना ने प्रेरणा गीत ‘आंधी क्या है तूफान मिले चाहे जितने व्यवधान मिले, बढ़ना ही अपना काम है बढ़ना ही अपना काम है..’ प्रस्तुत किया। इस अवसर पर एसएमसी अध्यक्ष सियाराम यादव, अभिभावक लीलावती यादव, सालिकराम, विजय प्रकाश पाल सहित सभी शिक्षक एवं रसोइया उपस्थित रहे।

‘ओझा’ पर डाला संभावित हार का ‘बोझा’ … सिसोदिया की सीट बदलने पर विपक्ष का तंज

 

रमेश ठाकुर/नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी की जारी दूसरी लिस्ट से दिल्ली की सियासी में बवाल कटा हुआ है। पहली 11 उम्मीदवारों की लिस्ट की तरह दूसरी 20 उम्मीदवारों की लिस्ट में अप्रत्याशित बदलाव किए गए हैं। दूसरी सूची में पार्टी के शीर्ष नेता और पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया की सीट में बदलाव किया गया है। वह अब अपनी परंपरागत सीट पटपड़गंज से नहीं, बल्कि जंगपुरा विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे। उनके इस निर्णय से कांग्रेस-भाजपा खूब चुटकी ले रही हैं। दोनों दल सिसौदिया पर तंज कस रहे हैं कि उन्होंने अपनी सम्भावित हार को देखते हुए पराजय का बोझा नए उम्मीदवार अवध ओझा पर डालकर चुपके से निकल गए। इस पर ‘आप’ प्रवक्ता संजीव कौशिक ने कहा, विभिन्न दलों के नेता भी अपनी सीटें बदलते रहे हैं। उन्होंने कहा हमारी पार्टी में मनीष सिसौदिया का कद बड़ा है। पार्टी को राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त है इसलिए वह एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रह सकते, उन्हें पूरी दिल्ली और देश की चिंता है।

सुल्तानपुर के इंजीनियरिंग काॅलेज के हाॅस्टल में चोरी! …रामानुज हाॅस्टल से लाखों का सामान व नगदी गायब

•इटावा निवासी छात्र ने दर्ज कराई एफआईआर

विक्रम सिंह/सुल्तानपुर

प्रतिष्ठित कमला नेहरू प्रौद्योगिकी संस्थान की साख पर दिनदहाड़े घटी एक वारदात ने बट्टा लगा दिया है। रामानुज छात्रावास के अन्तःवासी इटावा निवासी छात्र ने लाखों के कीमती सामानों व नगदी की चोरी पर नगर कोतवाली में एफआईआर दर्ज करा दी है। जिससे सुरक्षा और व्यवस्था के दावों पर सवाल खड़े हो गए हैं।

घटनाक्रम के अनुसार, इटावा जिले के ग्वालियर रोड छैरहा इलाके के निवासी उज्ज्वल जैन सुल्तानपुर स्थित कमला नेहरू प्रौद्योगिकी संस्थान में बीटेक के छात्र हैं। वे संस्थान परिसर स्थित रामानुजम छात्रावास में रहते हैं। नगर पुलिस को दी गई तहरीर में उन्होंने बताया कि, गत ९ दिसंबर को दोपहर के पहले किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके कमरे में घुसकर कीमती आईपैड, मैकबुक, घड़ी, आईफोन, सैमसंग बड्स और बेल्ट सहित १०,००० रुपए नगद उड़ा दिए।

प्रकरण की जानकारी हाॅस्टल वार्डन और संस्थान प्रॉक्टर को भी पीड़ित छात्र ने दी, बावजूद इसके अभी तक वारदात के राजफाश में कोई प्रगति न हुई। फिलहाल शहर कोतवाल नारदमुनि सिंह के निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने दर्ज कर ली है। जिसकी जांच के एन आई टी चौकी प्रभारी को सौंपी गई है।

वाराणसी में एक कॉलेज के चीफ प्रॉक्टर की बेटी को तेजाब से जलाने की धमकी, भेजी अश्लील तस्वीरें, पुलिस कर रही है तलाश

उमेश गुप्ता /वाराणसी

वाराणसी के एक पीजी कॉलेज के चीफ प्रॉक्टर को बेटी के अपरहण की धमकी मिली है। धमकी देने वाले बदमाश ने उनकी बेटी को तेजाब से जलाने की बात भी कही है। वह युवती से शादी का दबाव बना रहा है और ऐसा नहीं करने पर उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल करने की कहकर ब्लैकमेल भी कर रहा था।

युवती की शादी तय होने की बात सुनकर उसने खुद मैसेज करके कई बातें लिखीं, इसके बाद सोशल मीडिया की साइट्स पर भी स्टेटस और पोस्ट लिखीं। हालांकि पीड़िता के पिता ने शिवपुर पुलिस को तहरीर देकर पूरा मामला बताया और केस दर्ज कराया। आरोप जौनपुर जिले के चंदवक घुरदौड़ निवासी आयुष सिंह पर लगा है, हालांकि पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

बता दे कि मीरापुर बसही अशोकपुरम कॉलोनी क्षेत्र के निवासी एक कॉलेज के चीफ प्रॉक्टर ने शिवपुर थाने की पुलिस को तहरीर दी। उनका आरोप है कि कुछ दिन पहले ही बेटी की सगाई की थी। शादी तय होने के बाद ही अनजान मोबाइल नंबर से व्हाट्स अप के जरिये एडिट की हुई आपत्तिजनक तस्वीरें भेजीं। वीडियो भी साझा किया।

इसके साथ ही फोन करके कई बार जान से मारने समेत कई तरह की धमकी दी। इससे पूरा परिवार मानसिक रूप से परेशान है। बातचीत के दौरान पता चला कि जौनपुर के चंदवक थाना क्षेत्र के घुरदौड़ निवासी आयुष सिंह रघुवंशी ने धमकी दी है।

शिवपुर इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह ने बताया कि मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीम लगाई गई है। उसका नंबर सर्विलांस पर लगाया है साथ ही सभी सोशल मीडिया अकाउंट पर भी नजर बनाए हुए हैं।

चीफ प्रॉक्टर ने पुलिस को बताया कि आयुष ने व्हाट्सएप पर लिखा कि तुम्हारी बेटी का अपहरण करके उसे बर्बाद कर देंगे। अब बेटी से शादी का दबाव बना रहा है। इससे बेटी तनाव में है। उसकी तबीयत खराब हो गई है। घातक कदम उठाने की बात कर रही है। किसी तरह बेटी को समझाया है, बेटी की जान को खतरा है। आयुष सिंह रघुवंशी ने बेटी के इंस्टाग्राम पर वीडियो के साथ मेसेज भी किया है। लिखा है कि कवन सो काज कठिन जग माही, जो नहीं होई तात तुम पाई… मेरी शादी बस तुमसे हो जाए।

मौत बन दौड़ी बस,  7 की मौत, 42 घायल

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के कुर्ला इलाके में एक दिल दहला देने वाली बस दुर्घटना ने न सिर्फ शहरवासियों को झकझोर कर रख दिया, बल्कि पूरे इलाके में खौफ का माहौल पैदा कर दिया। बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) की एक बस अनियंत्रित होकर सड़क पर चल रहे वाहनों और पैदल यात्रियों को रौंदते हुए तबाही मचाते हुए दौड़ पड़ी। इस हादसे में अब तक 7 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 42 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

कैसे हुआ हादसा?

यह दुर्घटना कुर्ला के एक व्यस्त इलाके में सुबह के समय हुई, जब यातायात अपने चरम पर था। चश्मदीदों के अनुसार, बस तेज रफ्तार में थी और अचानक अनियंत्रित होकर सड़क पर चल रहे वाहनों और पैदल यात्रियों को टक्कर मारने लगी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “बस ने सबसे पहले एक कार को टक्कर मारी, फिर दो बाइक सवारों को अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद यह फुटपाथ पर चढ़ गई, जहां कई लोग चल रहे थे। सब लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ रहे थे।”

मौत और घायलों का आंकड़ा

इस हादसे में मरने वालों की संख्या अब 7 हो गई है, जबकि 42 लोग घायल हैं। इनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को कुर्ला और सायन अस्पताल में भर्ती कराया गया है, और डॉक्टरों का कहना है कि कुछ की स्थिति नाजुक बनी हुई है। घायल लोगों में कई बुजुर्ग, महिलाएं और छोटे बच्चे शामिल हैं, जो बस के चपेट में आ गए थे।

ड्राइवर की हालत और तकनीकी जांच

हादसे के तुरंत बाद पुलिस ने बस के ड्राइवर को हिरासत में ले लिया। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि ड्राइवर का स्वास्थ्य ठीक नहीं था और उसने अपनी ड्यूटी कुछ ही समय पहले शुरू की थी। ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि उसे गाड़ी चलाते वक्त चक्कर आ गया था। इसके अलावा, यह भी आशंका जताई जा रही है कि बस की ब्रेक फेल हो गई थी। इस संदर्भ में तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा जांच की जा रही है कि कहीं बस की कोई तकनीकी खराबी तो नहीं थी।

क्या तकनीकी खराबी या लापरवाही है कारण?

हादसे के बाद बेस्ट प्रशासन ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बस की नियमित सर्विसिंग और तकनीकी जांच का रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है। बेस्ट के प्रवक्ता ने कहा, “हम इस घटना से स्तब्ध हैं और इसकी पूरी जांच करेंगे। अगर यह तकनीकी खराबी या स्टाफ की लापरवाही का मामला साबित होता है, तो हम सख्त कार्रवाई करेंगे।”

चश्मदीदों की प्रतिक्रिया

घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने हादसे को भयावह बताया। एक चश्मदीद ने कहा, “बस रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे। यह किसी बुरे सपने जैसा था।” हादसे के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई थी, और लोगों ने तत्काल पुलिस और एम्बुलेंस को सूचित किया।

प्रशासन की प्रतिक्रिया और अगला कदम

मुंबई पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने इस दुर्घटना की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है। सड़क सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाने की योजना बनाई जा रही है। प्रशासन ने यह भी कहा कि शहर के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा उपायों को और कड़ा किया जाएगा। हादसे के बाद, कुर्ला के स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए और बेस्ट प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। उन्होंने सड़कों पर अधिक सुरक्षा उपायों और कड़े ट्रैफिक नियमों की मांग की।

इस दुर्घटना ने यह सवाल उठाया है कि क्या सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों की सुरक्षा मानक सही तरीके से लागू किए जा रहे हैं। क्या नियमित जांच और सर्विसिंग में किसी प्रकार की लापरवाही बरती जा रही है? इन सवालों के जवाब जल्द ही प्रशासन और बेस्ट की जांच में सामने आने की उम्मीद है।

सड़क सुरक्षा के कड़े कदम जरूरी

मुंबई में यातायात की भारी भीड़ और तेज रफ्तार से अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं, लेकिन इस तरह के हादसे इस बात की याद दिलाते हैं कि सड़क सुरक्षा को लेकर लगातार और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। प्रशासन और बेस्ट को इस दुर्घटना से सबक लेते हुए सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा और प्रभावशीलता सुनिश्चित करनी होगी, ताकि भविष्य में ऐसे खौ़फनाक हादसों से बचा जा सके।

नाम की भ्रांतियां: डिजिटल युग में एक बड़ी समस्या

 

राजस्थान सहित उत्तर भारत के ग्रामीण इलाकों में नाम को लेकर फैली भ्रांतियां आज एक बड़ी चुनौती बन गई हैं। बैंक खातों से लेकर आधार कार्ड, पेन कार्ड और स्कूल प्रमाणपत्रों तक, हर जगह नाम के अलग-अलग स्वरूप दर्ज हैं। कहीं नाम के आगे ‘श्री’ जुड़ा है, तो कहीं ‘पुत्र’ लिखकर पिता का नाम और फिर सरनेम की जगह जाति का उल्लेख है। ऐसे में, जब कार्यपद्धति मैन्युअल थी, तो इस गड़बड़ी का प्रभाव सीमित था। लेकिन अब, जब सभी कार्य कंप्यूटर आधारित हो गए हैं, तो यह समस्या केवाईसी (KYC) रिजेक्शन का प्रमुख कारण बन गई है।

आज लाखों लोग आधार कार्ड केंद्रों पर अपने नाम बदलवाने के लिए कतारों में खड़े हैं। यह समस्या इतनी व्यापक हैं कि किसी व्यक्ति के स्कूल प्रमाणपत्र में एक नाम होता हैं, जबकि पेनकार्ड और आधार कार्ड पर दूसरा। इस भ्रम की स्थिति में लोगों को बार-बार अपने दस्तावेज़ अपडेट करवाने पड़ते हैं। समस्या यह हैं कि दस्तावेज़ों में नाम लिखने का एक निश्चित और मान्य तरीका अधिकतर लोगों को पता ही नहीं हैं।

आधिकारिक तौर पर पेन कार्ड आवेदन फॉर्म में नाम लिखने का सही तरीका दर्शाया गया है—फर्स्ट नेम (खुद का नाम), मिडिल नेम (पिता का नाम) और लास्ट नेम (सरनेम)। लेकिन इस मानक प्रणाली को देशभर में व्यापक रूप से लागू करने के लिए कोई संगठित प्रयास नहीं किया गया हैं।परिणामस्वरूप, ग्रामीण और अनपढ़ तबके के लोग, जिनके पास इस बारे में जानकारी नहीं हैं, बार-बार सरकारी कार्यालयों और बैंक शाखाओं के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।

सरकार की भूमिका भी इस मामले में सवालों के घेरे में हैं। जब डिजिटल इंडिया के नाम पर हर प्रक्रिया को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाने का दावा किया जा रहा हैं, तो यह जरूरी हो जाता हैं कि नाम और पहचान से जुड़ी इन समस्याओं को हल करने के लिए एक सटीक और समन्वित प्रणाली विकसित की जाए। एक राष्ट्रीय अभियान चलाकर लोगों को नाम दर्ज करने के मानक तरीके के बारे में जागरूक करना चाहिए।

यह सवाल उठता हैं कि क्या इस समस्या को केवल लोगों के विवेक पर छोड़ देना उचित है? क्या सरकार को इससे अपना पल्ला झाड़ लेना चाहिए? आखिरकार, यह समस्या न केवल प्रशासनिक कार्यों में बाधा डालती हैं, बल्कि आम नागरिकों के समय और धन की भी बर्बादी करती हैं। इस विषय पर गंभीरता से विचार करना न केवल सरकारी एजेंसियों की जिम्मेदारी है, बल्कि समाज के हित में भी आवश्यक हैं।

अगर सरकार और समाज मिलकर इस दिशा में कदम उठाएं, तो इस समस्या को हल करना असंभव नहीं हैं।हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हर नागरिक का नाम, उसकी पहचान का सटीक और स्थायी आधार बने, जिससे डिजिटल युग में किसी को भी इन भ्रांतियों के कारण ठोकरें न खानी पड़ें।
—अर्थशिल्पी, भरतकुमार सोलंकी

हाईकोर्ट के जज के बयान पर विहिप ने कहा अगर उन्होंने ऐसा कहा तो भी हम क्षमाप्रार्थी नहीं!

 

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ

विश्व हिंदू परिषद की ओर से रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव के बयान पर विवाद गहरा गया है। विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि न्यायाधीश ने जो कहा है हम उसके लिए क्षमाप्रार्थी नहीं हैं। हम समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दों पर बात करने और जागरूकता बढ़ाने के लिए न्यायाधीशों को आमंत्रित करते रहते हैं। अगर उन्होंने कहा भी है कि कानून बहुसंख्यकों के अनुसार काम करना चाहिए तो भी हम इसके लिए क्षमाप्रार्थी नहीं हैं। विहिप के अध्यक्ष ने कहा कि बहुसंख्यकों की भावनाओं को भी देश में वैसा ही सम्मान मिलना चाहिए जितना अल्पसंख्यकों को दिया जाता है। जैसे हम गाय का सम्मान करते हैं तो इस भावना का सम्मान किया जाना चाहिए। गोहत्या को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। देश में समान नागरिक संहिता होनी चाहिए जिससे सभी धर्मों का सम्मान हो।

जज ने ये दिया था बयान
न्यायमूर्ति यादव ने कथित तौर पर बहुसंख्यक समुदाय के पक्ष में टिप्पणी की। इसमें उन्होंने जोर देकर कहा कि हिंदुस्थान बहुसंख्यकों की इच्छा के अनुसार काम करेगा और सुझाव दिया कि कानून बहुसंख्यकों के हितों के अनुरूप है। न्यायाधीश ने मुस्लिम समुदाय के भीतर की प्रथाओं की भी आलोचना की, जिसमें बहुविवाह, हलाला और ट्रिपल तलाक का संदर्भ दिया गया और इनकी तुलना हिंदू परंपराओं से की गई। इन टिप्पणियों में कथित तौर पर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया है, जिसके कारण भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष और समतावादी मूल्यों को कमजोर करने के लिए कड़ी आलोचना की गई है।