‘निर्भया’ पार्ट २ से हिला कोलकाता…महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप, फिर मर्डर  

-सड़क पर उतरे डॉक्टरों ने जताया भारी विरोध 

-एक आरोपी को किया गया गिरफ्तार

सामना संवाददाता / कोलकाता 

कोलकाता में ‘निर्भया’ पार्ट २ हुआ है, जिससे कोलकाता हिल गया है। बताया जाता है कि यहां के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ पहले रेप किया गया, फिर उसकी दर्दनाक तरीके से हत्या कर दी गई। महिला डॉक्टर अस्पताल के छाती रोग उपचार विभाग की सेकेंड इयर की छात्रा थी। घटना के विरोध स्वरूप  सैकड़ों की संख्या में मेडिकल स्टाफ सड़क पर उतर आया। इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि आरोपी बाहरी व्यक्ति है। पुलिस ने ७ सदस्यों की एक एसआईटी गठित की है। वहीं सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महिला के माता-पिता को फोन किया और उन्हें दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
मामले को दबाने की कोशिश
‘एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स’ के वरिष्ठ सदस्य डॉ. मानस गुमटा ने आरोप लगाया कि मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। गुमटा ने कहा कि यह अप्रत्याशित है, और बंगाल में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। वहीं पीड़िता के पिता ने कहा कि मेरी बेटी की हत्या करने से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया है। उसके शरीर पर चोट का निशान इसका साक्ष्य है। वह आधे कपड़ों में मिली है। सच को छिपाने की कोशिश की जा रही है। मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि वे (अस्पताल अधिकारी) जांच में देरी क्यों कर रहे हैं।
लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पीजीटी डॉक्टर्स ने दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग करते हुए इमरजेंसी वॉर्ड को छोड़कर सभी विभागों में काम करना बंद कर दिया है। कई छात्र संगठनों ने महिला चिकित्सक की मौत की त्वरित जांच की मांग को लेकर रैली निकाली।
हत्यारे और पीड़िता के बीच हुई हाथापाई
पीड़िता की शुरुआती पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी दोनों आंखों और मुंह से खून बह रहा था, चेहरे और नाखून पर चोट के निशान थे। पीड़िता के प्राइवेट पार्ट से भी खून बह रहा था। उसके पेट, बाएं पैर, गर्दन, दाएं हाथ, रिंग फिंगर और होंठों पर भी चोट के निशान थे। कोलकाता पुलिस के एक और वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अपराध सुबह तीन से छह बजे के बीच हुआ। उन्होंने कहा कि उसकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई पाई गई। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि पहले उसका गला घोंटा गया।

चार भागों में विभाजित हो यूपी! 

सामना संवाददाता / लखनऊ 

उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों में विभाजित करने का प्रस्ताव रखा है। लोकसभा में उन्होंने कहा कि प्रदेश को चार हिस्सों में विभाजित कर देना चाहिए, तभी प्रदेश का विकास हो सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य जितना छोटा होगा, लोग उतना सरकार से जुड़ सकेंगे। उन्होंने योगी सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी सरकार की विकास के गति बहुत धीमी है। चंद्रशेखर आजाद ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश एक बहुत बड़ा राज्य है। ८० लोकसभा सीटें हैं, ४०३ विधानसभा क्षेत्र हैं और प्रदेश की २५ करोड़ की आबादी है। दुनिया में कई ऐसे देश हैं जो यूपी से आधी आबादी के हैं। सरकार लोगों को पांच किलो राशन दे रही है, लेकिन ये जीने के लिए काफी नहीं है। मेरी कोशिश है कि यूपी के अंतिम व्यक्ति तक भी बुनियादी सुविधाएं जाएं। रोटी, कपड़ा और मकान की व्यवस्था हो। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब उत्तर प्रदेश के विभाजन की बात उठी हो। इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती भी यूपी को चार हिस्सों में बांटने की बात कह चुकी हैं।

घोटालेबाज और दलाल सरकार को उखाड़ फेंको…कांग्रेस प्रभारी रमेश चेन्निथला ने जनता से की अपील

-मविआ विधानसभा में १८५ से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेगी

सामना संवाददाता / मुंबई

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी रमेश चेन्निथला ने महायुति सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार घोटालेबाज सरकार है और इस असंवैधानिक सरकार के खिलाफ लोगों में भारी गुस्सा है। इस सरकार में कामों का ठेका देने में ५० प्रतिशत कमीशन लिया जाता है, इस कमीशनखोर सरकार को सत्ता से बाहर करना चाहिए। रमेश चेन्निथला ने कहा कि लोकसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी को अच्छी सफलता मिली थी और विधानसभा चुनाव में भी सफलता के लिए काम करेंगे।
विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए रमेश चेन्निथला समेत राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेता कल से मराठवाड़ा और विदर्भ के दौरे पर हैं। यह दौरा कल लातूर से शुरू हुआ। लातूर में इन सभी नेताओं ने लातूर शहर, लातूर ग्रामीण, धाराशिव और बीड जिला कांग्रेस कमेटियों की बैठकें कीं और विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की। इसके बाद नवनिर्वाचित सांसदों का अभिनंदन समारोह और कार्यकर्ता बैठक का आयोजन किया गया। इन सभाओं को रमेश चेन्निथला ने संबोधित किया। इस दौरान मंच पर विधानमंडल में कांग्रेस दल के नेता बालासाहेब थोरात, विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार आदि लोग उपस्थित थे।
शिंदे तो मुखौटा हैं, सरकार तो आरएसएस की है – नाना
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि महायुति सरकार पर बीजेपी और आरएसएस का नियंत्रण है, एकनाथ शिंदे तो सिर्फ मुखौटा हैं। आरक्षण मामले पर कहा कि भाजपा अंग्रेजों की तरह फूट डालो और राज करो की नीति अपना रही है। उन्होंने दावा किया कि मविआ विधानसभा चुनाव में १८५ से ज्यादा सीटें जीतेगी। नाना पटोले ने कहा कि मविआ सरकार के सत्ता में आने के बाद स्थानीय निकायों के चुनाव भी होंगे। विधायक व कांग्रेस पार्टी के नेता बालासाहेब थोराट ने कहा कि कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो, लेकिन जनता से बड़ा कोई नहीं है। नांदेड़ की जनता ने दिखा दिया है कि कोई कितना भी बड़ा नेता कांग्रेस पार्टी छोड़ दे, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि जनता कांग्रेस के साथ है। उन्होंने कहा यह खोखे सरकार है मत भूलो, महायुति सरकार भ्रष्टाचार से बनी सरकार है। इन्हें बहन से प्यार नहीं है, सत्ता से प्यार है और उसे पाने के लिए ये लोग कुछ भी कर जाएंगे।

ईडी-सीबीआई केंद्र सरकार के बंधुआ मजदूर… सिसोदिया की रिहाई पर बोले हिमाचल के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह

सामना संवाददाता / शिमला

हिमाचल प्रदेश के युवा मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की रिहाई पर खुशी जताई है। उन्होंने मनीष सिसोदिया की रिहाई पर प्रतिक्रिता दी और फिर केंद्र सरकार और ईडी पर निशाना साधा।
सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से बेल मिलने पर हार्दिक बधाई। ईडी और सीबीई केंद्र सरकार का बंधुआ मजदूर बन कर रह गए हैं। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भाजपा के एक एजेंट के बयान पर जिसने, इलेक्ट्रोरोल बॉन्ड के जरिए भाजपा को ५ करोड़ दिए थे, उनके बयान पर इन्हें गिरफ्तार किया गया था। अब सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को बिना सबूत १८ महीने जेल की सलाखों के पीछे रखना मानव अधिकार का उल्लंघन हैं, इस आधार पर उन्हें रिहा किया गया हैं। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इनकी गलती यह थी कि इन्होंने दिल्ली के स्कूलों को देश में सर्वश्रेष्ठ बनाने का प्रयास किया, जो कुछ लोगों को पसंद नहीं आया। गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने १७ महीने बाद जमानत दी है। ईडी ने मनीष सिसोदिया को दिल्ली की आबकारी नीति में घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसी मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी जेल में बंद हैं।

रेल यात्री काली पट्टी बांधकर करेंगे यात्रा!.. लोकल के विलंब होने और रुकी हुई परियोजनाओं के खिलाफ करेंगे प्रदर्शन

सामना संवाददाता / मुंबई

रोजाना सुबह ७ बजे से ११ बजे और शाम ५ से १० बजे के बीच लोकल से सफर करना खतरनाक हो गया है। लोकल से यात्रा करते समय कई यात्रियों की मौत हो गई और कुछ स्थायी रूप से विकलांग हो गए। हालांकि, यात्रियों का आरोप है कि रेल प्रशासन इस ओर से आंखें मूंदे हुए है। वर्षों से रुके प्रोजेक्ट, लोकल के साथ खिलवाड़, लोकल की जगह लंबी दूरी की ट्रेनों को तरजीह देने को लेकर रेलवे यात्री संघ की ओर से विरोध किया जाएगा। २२ अगस्त को यात्री काला फीता बांधकर रेलवे प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।
दो रेलवे स्टेशनों के बीच लोकल को लंबे समय तक विलंबित किया जाता है, लोकल सेवाएं २० से ४० मिनट की देरी से चलती हैं, लोकल को अचानक रद्द कर दिया जाता है और लंबी दूरी की ट्रेनों की बजाय लोकल स्टॉप को प्राथमिकता दी जाती है। चूंकि इस तरह की बात हर दिन होती है, ट्रेनों का शेड्यूल बाधित होने से यात्रियों को कार्यालय पहुंचने में देरी हो रही है। साथ ही यात्रा के दौरान भारी भीड़ का भी सामना करना पड़ता है। कल्याण-आसनगांव चौथा मार्ग, कल्याण-बदलापुर तीसरा और चौथा मार्ग, हार्बर मार्ग का विस्तार, सीएसएमटी-कुर्ला पांचवां और छठा मार्ग, विरार-दहाणू चतुर्भुज, कलवा-एरोली एलिवेटेड मार्ग जैसी कई परियोजनाएं कई वर्षों से लंबित हैं। रुकी हुई परियोजना नई स्थानीय सेवाओं की शुरुआत और स्थानीय समय की पाबंदी को बढ़ाने में भी बाधा डालती है।

मुंबई से तबेलों को तड़ीपार करेगी सरकार…मनपा ने दिया नोटिस

-पालघर स्थानांतरित करने की तैयारी

– २६३ तबेलों में केवल ५९ के पास लाइसेंस

सामना संवाददाता / मुंबई

महानगर मुंबई के तबेला वालों को अब सरकार जबरदस्ती यहां से हटाने की तैयारी में है। इन्हें शहर से जबरन पालघर स्थानांतरित किया जाएगा। मनपा ने इसके लिए नोटिस देना शुरू कर दिया है। मुंबई से २६३ मवेशी शेडों को स्थानांतरित करने की योजना है। इन्हें मुंबई से दूर पालघर के दपचारी गांव में आवंटित भूमि पर जाने का आग्रह किया जा रहा है। यदि तबेला मालिक इसका पालन नहीं करते हैं, तो मनपा उन पर कानूनी कार्रवाई करेगी।
रिपोर्टों के अनुसार, राज्य सरकार ने मुंबई से तबेले को हटाने के लिए बीएमसी से मदद मांगी है। मनपा द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में २६३ तबेलों की पहचान की गई है, जिनमें ९,९५९ जानवर हैं, जिनमें से केवल ५९ तबेलों के पास लाइसेंस हैं। शेष २०४ शेड अनधिकृत हैं और वर्तमान में उनमें ६,३५२ जानवर हैं।
मालाड में सर्वाधिक तबेला
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पी / ईस्ट वार्ड (मालाड) में सबसे अधिक अवैध तबेला शेड हैं, जिनमें ३४ शेडों में १,६३५ जानवर हैं। उन्हें जल्द ही बीएमसी नोटिस देगी।
गोरेगांव, विक्रोली, गोवंडी, भांडुप, कुर्ला, चेंबूर, मुलुंड, अंधेरी वेस्ट, खार और बांद्रा जैसे अन्य स्थानों पर भी तबेला शेड मौजूद हैं। हालांकि, आरे कॉलोनी में तबेले वन विभाग की जमीन पर हैं और उनके पास जरूरी संसाधन हैं, इसलिए उन्हें स्थानांतरित करने की जरूरत नहीं है। बता दें कि २६ जुलाई, २००५ की बाढ़ के दौरान सैकड़ों जानवरों की मौत के बाद मुंबई से जानवरों के छोटे-छोटे तबेला शेडों को अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग तेज हो गई। सरकार द्वारा नियम में भी संशोधन किया गया।

‘डिजिटल इंडिया’ का डिजिटलाइजेशन फेल…राशन वितरण में धांधली की आशंका!..सर्वर ऑफलाइन होने पर बिना अंगूठा लगाए ही बांटा जाता है राशन 

पंकज तिवारी / ठाणे

सर्वर समस्या के कारण राज्य में सरकारी राशन वितरण की दुकानों से खाद्यान्न के ऑफलाइन वितरण की अनुमति कुछ समय के लिए दी गई है। लेकिन अब राशन दुकानों में सर्वर ऑफलाइन होने के बाद लाभार्थियों को बिना अंगूठा लगाए ही राशन का वितरण किया जा रहा है, जिससे घालमेल की आशंका से लोग इनकार नहीं कर रहे हैं। ‘डिजिटल इंडिया’ का दावा करनेवाली राज्य सरकार डिजिटलाइजेशन के नाम पर फेल साबित हो रही है।
ई-पीओएस मशीनों में आ रही दिक्कत
बता दें कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कम्प्यूटरीकरण की परियोजना क्रियान्वित की जा रही है। इसलिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों की बायोमेट्रिक पहचान का सत्यापन करके खाद्यान्न वितरित करने के लिए ४ जी तकनीक वाली ई-पीओएस मशीनें स्थापित की गई हैं लेकिन पिछले कुछ दिनों से उचित मूल्य की दुकानों में ई-पीओएस मशीनों से खाद्यान्न वितरण में तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं। इस पर काबू पाने के लिए सरकार ने तकनीकी दिक्कतों के चलते अनाज के ऑफलाइन वितरण को मंजूरी दे दी है।
दुकानदार उठाएंगे फायदा
एक लाभार्थी का कहना है कि अंगूठा लगाने के बाद एक रिकॉर्ड रहता है कि किस लाभार्थी को राशन मिला, लेकिन ऑफलाइन होने के बाद कोई रिकॉर्ड नहीं रहेगा। दुकानदार इसी का फायदा उठाकर गैरलाभार्थियों को भी राशन देंगे। दूसरे लाभार्थी का कहना है कि ऑनलाइन होने पर दुकानदार अक्सर राशन नहीं होने की बात कहकर राशन देने से इनकार कर देते हैं, ऑफलाइन होने पर इन्हें और भी धांधली करने की छूट मिल जाएगी।

एक कर्मचारी होना अनिवार्य
सर्वर की समस्या पूरे महाराष्ट्र में चल रही है। इस संबंध में मंत्रालय स्तर पर दिल्ली और हैदराबाद एनआईसी के साथ समस्या के समाधान के लिए प्रयास चल रहे हैं। इसलिए ३० जुलाई को सरकार के पत्र में दिए गए निर्देश के अनुसार ऑफलाइन उचित मूल्य की दुकानों में अनाज देते समय संबंधित सरकारी कार्यालय का एक कर्मचारी होना अनिवार्य है।
– प्रशांत काले, उपनियंत्रक ‘एफ’ सर्कल,ठाणे

ठाणे में रामभरोसे महिलाओं की सुरक्षा… एक महीने में गैंगरेप, रेप, हत्या की चार घटनाएं

सामना संवाददाता / मुंबई

राज्य के मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र ठाणे जिले में महिलाओं की सुरक्षा रामभरोसे है। इसका कारण पिछले एक महीने सिर्फ मुंब्रा, नवी मुंबई में महिलाओं के साथ गैंगरेप, रेप और हत्या की चार घटनाओं से महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करने लगी है।
ठाणे पुलिस आयुक्तालय के अंतर्गत शील डायघर में महिला के साथ गैंगरेप कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद महज एक सप्ताह बाद ही उरण में एक लड़की की एकतरफा प्यार में हत्या कर शव को झाड़ियों में फेंक दिया गया था। आरोपी ने जेल से छूटने के बाद लड़की से संपर्क करने की कोशिश की, लड़की को मिलने के बहाने बुलाकर उस पर जबरन शादी का दबाव डाला, लेकिन शादी करने से इंकार करने पर आरोपी ने लड़की की हत्या कर शव को झाड़ियों में फेंक दिया था। इस घटना का खुलासा होने पर लोगों में काफी नाराजगी देखी गई। इस घटना के महज एक सप्ताह के अंदर ही एनआरआई कॉम्प्लेक्स के पास आरोपी प्रेमी ने प्रेमिका को मिलने के बहाने बुलाकर उससे झगड़ा किया। इसके बाद लड़की की गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद शव ठिकाने लगाकर खुद खाड़ी में कूद गया। पुलिस ने लड़की का शव कब्जे में लेकर युवक की तलाश में जुटी ही थी कि दो दिन बाद शुक्रवार को शव खाड़ी में मिला। यह घटना अभी ताजा ही है कि एपीएमसी में एक २७ वर्षीय युवक ने अपने पड़ोस में रहने वाली १७ वर्षीय लड़की के साथ दुष्कर्म किया, जिसके कारण लड़की गर्भवती हो गई।

मुंबई-नाशिक हाईवे बना विकास की राह में रोड़ा… ७ घंटों में १३० किलोमीटर का सफर

-गड्ढे और ट्रैफिक जाम से परेशान हैं ट्रांसपोर्टर और मुबईकर

सामना संवाददाता / मुंबई

मुंबई-नाशिक हाईवे, जिसे कभी दोनों शहरों के विकास की धड़कन माना जाता था, आज खुद ही विकास का सबसे बड़ा अवरोधक बन गया है। १३० किलोमीटर की दूरी तय करने में ७ घंटे का समय लगना इस बात का संकेत है कि यह हाईवे अब यातायात के लिए मुसीबत बन चुका है। २ फीट गहरे गड्ढे और बाईपास के काम ने यात्रियों का हाल बेहाल कर रखा है। वाशिंद से ठाणे तक अधिकांश यात्री लगातार ट्रैफिक जाम का सामना कर रहे हैं।
हाईवे पर जगह-जगह गड्ढों और ट्रैफिक जाम न केवल यात्रा को कठिन बना दिया है, बल्कि ट्रांसपोर्टरों के लिए भी यह एक गंभीर समस्या बन गया है। समय पर माल डिलीवरी न हो पाने के कारण न सिर्फ उनकी लागत बढ़ रही है, बल्कि आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। हाईवे की खराब हालत से नाराज ट्रांसपोर्टर और मुंबईकर अब बुरी तरह से त्रस्त हैं।
गलत साइड से यात्रा करने पर मजबूर हैं लोग
स्थिति इतनी बदतर हो चुकी है कि लोग गलत साइड से यात्रा करने के लिए मजबूर हो रहे हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है। इस हाईवे की अनदेखी और इसके रखरखाव में कोताही ने इसे खतरनाक बना दिया है।
मुंबई और नाशिक के बीच का यह प्रमुख मार्ग अब विकास की बजाय विनाश की ओर धकेल रहा है। यह स्थिति न केवल सरकार की नाकामी को उजागर करती है, बल्कि प्रशासन की उदासीनता पर भी सवाल खड़े करती है। सरकार और संबंधित विभागों को इस समस्या का समाधान निकालने की सख्त जरूरत है, अन्यथा मुंबई-नाशिक के बीच की यह यात्रा लोगों के लिए और भी कठिन हो जाएगी।

सरकार टोल लेने में किसी प्रकार की छूट नहीं दे रही है। लेकिन मुंबई से अन्य शहरों की ओर जाने वाले सारे हाईवेज की दुर्दशा हो रखी है। स्थिति खराब होने के कारण ड्राइवर का स्वास्थ्य और गाड़ियों के मेंटेनेंस पर भारी असर पड़ता है। ऐसे में कई बार ड्राइवर गाड़ी चलाने से भी मना कर देते हैं, जिससे हमें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। सरकार को जल्द इस पर विचार करना चाहिए।
-बल मलकीत सिंह
चेयरमैन,कोर समिति,पूर्व अध्यक्ष, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस

अपनी पसंद का अधिकारी नियुक्त कर लोकसभा चुनाव में किया घात…चुनाव आयोग सत्ताधारियों की निजी संपत्ति!.. शिवसेना नेता राजन विचारे ने सबूतों के साथ किया पर्दाफाश

सामना संवाददाता / ठाणे

लोकसभा चुनाव में सत्ता का दुरुपयोग और पानी की तरह पैसा बहाकर खोके-घाती सरकार द्वारा रची गई साजिश का पर्दाफाश शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के नेता, पूर्व सांसद राजन विचारे ने कल किया। चुनाव अधिकारियों की मौजूदगी में जिला अधिकारी कार्यलय में हुई बैठक में शिवसेना नेता राजन विचारे ने फर्जी वोटिंग रोकने में चुनाव आयोग किस तरह विफल रहा, इसका सबूत पेश किया। लोकसभा चुनाव में चुनाव अधिकारियों ने ऐसा व्यवहार किया मानो वे सत्ताधारियों की निजी संपत्ति हों। राजन विचारे ने सख्त चेतावनी दी कि अगर उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में भी ऐसा करने की कोशिश की तो वे एक भी अधिकारी को नहीं बख्शेंगे।
बीजेपी की मदद से शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपने की वजह से ठाणेकरों में घातियों के प्रति तीव्र आक्रोश है। लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए आयोजित बैठकों और रैलियों को मिले तूफानी प्रतिसाद से यह स्पष्ट हो गया था। कार्यालयों में इसी तरह की चर्चा चल रही थी कि मतदाता घातियों को सबक सिखाएंगे। लेकिन ठाणे लोकसभा क्षेत्र में सत्ता और धन का दुरुपयोग कर सत्ताधारियों ने चाल चली। १८ और १९ जुलाई को घातियों की ‘फर्जी’ ‘विजय’ पर राजन विचारे ने देश के मुख्य चुनाव आयुक्त, महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव अधिकारी के साथ-साथ ठाणे कलेक्टर और चुनाव रिटर्निंग अधिकारी को सबूत दिया था। लेकिन इस पत्र का जवाब नहीं दिया गया तो रिमाइंडर भी भेजा गया लेकिन अब तक इस पर कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिलने के कारण कल राजन विचारे शिवसैनिकों के साथ मिलकर ठाणे कलेक्टरेट पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने चुनाव अधिकारियों और सिस्टम पर सवाल खड़ा किया। इस अवसर पर ठाणे जिला प्रमुख केदार दिघे, नई मुंबई जिला प्रमुख विट्ठल मोरे, द्वारकानाथ भोईर, संपर्क प्रमुख नरेश मनेरा, प्रभाकर म्हात्रे, नगर प्रमुख, उपनगर प्रमुख और शिवसैनिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
सड़कों पर उतरने की चेतावनी
ठाणे लोकसभा चुनाव में फर्जी वोटिंग को लेकर राजन विचारे ने अधिकारियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, इस संसदीय क्षेत्र के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची में बड़ी संख्या में मतदाताओं के दोहरे नाम हैं। राजन विचारे ने चेतावनी दी है कि लोकतंत्र का गला घोंटने वालों के खिलाफ शिवसेना सड़कों पर उतरेगी।
शिवसेना ने पेश किया सबूत
-मतदान के दिन फॉर्म १७ सी में उल्लिखित मतदाताओं की संख्या और परिणाम के बाद फॉर्म संख्या २० में उल्लिखित मतदाताओं की संख्या के बीच मेल नहीं है। इस संबंध में शिवसेना ने स्पष्टीकरण मांगा है।
-मतदान में दिखाए गए समय और मतदान केंद्रों पर ईवीएम मशीनों के समय के अनुसार काम करना जरूरी होने पर मशीनें समय से पहले बंद कर दी गईं।
-मीरा-भायंदर में ईवीएम द्वारा गिने गए आंकड़ों और वीवीपैट पर्चियों में दिखने वाले आंकड़ों में मेल नहीं है। अभी तक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।