शॉर्ट रूट की ट्रेनें बनीं समस्या! … घाटकोपर-सीएसएमटी लोकल बिना ‘होम प्लेटफार्म’ के चलाना गंभीर

अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
मुंबई की लाइफ लाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन की सेवाएं बीते कई दिनों से देरी से चल रही हैं। जिसका असर यात्रा करने वाले यात्रियों पर पड़ रहा है। मध्य रेलवे की लेट चलने वाली लोकल ट्रेनों की वजह से यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में हमेशा देर होती है। इस देरी का मुख्य कारण शॉर्ट रूट की ट्रेनें बताई जा रही है। घाटकोपर-सीएसएमटी लोकल बिना ‘होम प्लेटफार्म’ के चलाई जा रही हैं, जिससे यात्री संगठनों ने नाराजगी जताई है। घाटकोपर-सीएसएमटी अप और डाउन के बीच छह लोकल ट्रिप्स चलाई जा रही हैं, जिससे मध्य रेलवे की पंक्चुअलिटी डाउन हो रही है। इसके चलते ठाणे से डोंबिवली के बीच बढ़ती भीड़ के कारण यात्रियों की जान जोखिम में है। यात्री संगठनों ने नई समय सारणी में घाटकोपर-सीएसएमटी लोकल का विस्तार ठाणे या डोंबिवली तक करने की मांग की है।
कई वर्षों से लंबित कलवा-ऐरोली लिंक का काम यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है। कलवा कारशेड की लोकल में कलवा के नागरिकों को चढ़ने के लिए ‘होम प्लेटफार्म’ की मांग की गई थी, लेकिन प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। साथ ही कई रेलवे मार्ग के काम लंबित हैं, जिससे लोकल ट्रिप्स की संख्या बढ़ाने में दिक्कत हो रही है। घाटकोपर-सीएसएमटी लोकल ट्रिप्स के लिए १५-२० मिनट अतिरिक्त समय बर्बाद होता है, जिससे अन्य लोकल ट्रेन सेवाओं का शिड्यूल बिगड़ जाता है। घाटकोपर-सीएसएमटी लोकल सेवाओं का विस्तार ठाणे तक करने की मांग वर्षों की जा रही है, लेकिन रेलवे प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। व्यापारी वर्ग के लिए चलने वाली इन लोकल ट्रेनों की वजह से नौकरीपेशा, स्टूडेंट और अन्य यात्रा करनेवाले लोगों को नुकसान हो रहा है। घाटकोपर में ‘होम प्लेटफार्म’ न होने के बावजूद यहां से लोकल चलाई जाती हैं, जिसके कारण मोटरमैन और ट्रेन मैनेजर को काफी सतर्क रहना पड़ता है। मुंबई रेलवे यात्री संघ के अध्यक्ष मधू कटीयन ने बताया कि तीन फेरों के लिए दो अतिरिक्त कर्मचारियों की आवश्यकता होती है।

सुबह के समय घाटकोपर-सीएसएमटी अप और डाउन लोकल ट्रिप्स के कारण मध्य रेलवे की पंक्चुअलिटी बिगड़ रहा है। इन लोकल ट्रिप्स का विस्तार करने से घाटकोपर के यात्रियों सहित अन्य यात्रियों को भी लाभ होगा और मध्य रेलवे की पंक्चुअलिटी सुधारकर ट्रिप्स की संख्या बढ़ाई जा सकेगी। कलवा से लोकल चलाने से इनकार किया जाता है क्योंकि ‘होम प्लेटफार्म’ नहीं है, जबकि घाटकोपर में ‘होम प्लेटफार्म’ न होने के बावजूद लोकल ट्रिप्स शुरू हैं।
– सिद्धेश देसाई, अध्यक्ष, कलवा-पारसिक यात्री संगठन
‘होम प्लेटफार्म’ के बिना लोकल चलाना गंभीर है। छह लोकल ट्रिप्स के कारण अन्य लोकल ट्रेनों को देर होती है। मध्य रेलवे प्रशासन को इन लोकल ट्रिप्स को रद्द कर ठाणे, डोंबिवली, कल्याण की अप और डाउन लोकल चलानी चाहिए।
– सुभाष गुप्ता, अध्यक्ष, रेल यात्री परिषद

रेप का इरादा था तो भी मिलेगी सजा! …‘गैंगरेप’ के मामले में मुंबई हाई कोर्ट की अहम टिप्पणी

-‘साझा इरादे’ का सबूत दोष साबित होने के लिए काफी
सामना संवाददाता / मुंबई
‘रेप नहीं किया लेकिन उस वक्त इरादे थे, तो भी सजा के हकदार हैं’, यह कहना है मुंबई हाई कोर्ट का। हाई कोर्ट ने नागपुर में चार लोगों द्वारा किए गए गैंगरेप के एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि अगर गैंगरेप के ‘साझा इरादे’ का सबूत है तो यह दोष साबित होने के लिए काफी है।
बता दें कि हाई कोर्ट ने गैंगरेप के चार दोषियों को २० साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने गैंगरेप में सीधे शामिल होने के कारण सजा देने के लिए रेप करना ही जरूरी नहीं माना, बल्कि गैंगरेप की नीयत रखना भी कारण माना। रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने साफ कहा कि यौन उत्पीड़न में प्रत्यक्ष भागीदारी अपराध को एस्टेबलिश करने के लिए जरूरी नहीं है। नागपुर पीठ ने गैंगरेप के लिए चारों लोगों की सजा को बरकरार रखा है। न्यायमूर्ति सनप ने कहा, दोनों आरोपी पीड़ित को घसीटकर एक पेड़ के पीछे ले गए, जबकि बाकी दो ने पीड़ित के दोस्त को दबोच लिया। यह कार्रवाई स्पष्ट रूप से उनकी ‘नॉलेज’ और इरादे को दर्शाती है जिससे वे समान रूप से दोषी बनते हैं। इन चारों को १४ जून, २०१५ को एक महिला के साथ गैंगरेप के लिए २० अगस्त, २०१८ को २० साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी। न्यायमूर्ति गोविंदा सनप ने चार आरोपियों द्वारा दायर अपीलों को खारिज कर दिया, जिन्होंने चंद्रपुर सेशन कोर्ट द्वारा दी गई अपनी सजा को चुनौती दी थी। बता दें कि महिला और उसका दोस्त एक मंदिर में दर्शन करने के बाद एक पेड़ के नीचे बैठे थे, जब आरोपियों ने वन विभाग के अधिकारी बनकर उनसे संपर्क किया और १०,००० रुपए मांगे। दोनों ने जब उन्हें भुगतान करने में अपनी दिक्कत बताई तो उनके साथ न सिर्फ मारपीट की गई, बल्कि उनके मोबाइल फोन भी छीन लिए गए। इसके बाद संदीप और शुभम ने उसके साथ गैंगरेप किया, जबकि कुणाल और अशोक ने उसके दोस्त को पकड़े रखा, ताकि वह वारदात को रोक न पाए। बाद में दोस्त ने पुलिस को सूचना दी और मेडिकल जांच में गैंगरेप की पुष्टि हुई।

नाराज नितिन गडकरी ने जीएसटी पर लिखी वित्तमंत्री को चिट्ठी

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
जनता से जुड़े मुद्दों पर बीजेपी को एक बार फिर अपनों ने ही घेरा है। इसी कड़ी में नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखकर जीवन बीमा व मेड‍िकल बीमा पॉलिसी पर १८ फीसदी जीएसटी नहीं वसूलने की मांग की है।
दरअसल, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री और भाजपा नेता नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री सीतारमण से जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर १८ प्रतिशत जीएसटी हटाने की अपील की है। बीमा प्रीमियम पर जीएसटी को लेकर नागपुर डिविजन लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन एम्प्लॉइज एसोसिएशन ने गडकरी को ज्ञापन दिया है। इसी बयान की पृष्ठभूमि में गडकरी ने सीतारमण को पत्र लिखा है। लेटर में गडकरी ने लिखा है कि उन्हें नागपुर मंडल जीवन बीमा निगम कर्मचारी संघ ने इसके लिए आग्रह किया है। उन्होंने लिखा कि मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स से उन परिवारों के सपनों पर असर पड़ेगा, जो अपनों के लिए सुरक्षा चाहते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखते हुए गडकरी ने कहा कि यह जीवन की अनिश्चितताओं पर कर लगाने के समान है। सड़क एवं परिवहन मंत्री ने ने कहा, ‘नागपुर मंडल जीवन बीमा निगम कर्मचारी संघ ने मुझे बीमा उद्योग से संबंधित मुद्दों के बारे में एक ज्ञापन सौंपा है और इसे आपके समक्ष उठाने की मांग की है। संघ द्वारा उठाया गया मुख्य मुद्दा जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर जीएसटी को वापस लेने से संबंधित है।’

माहौल हमारे पक्ष में एकजुट होकर काम करो

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि मोदी सरकार लोकसभा चुनाव में लगे झटके से सबक लेने के बजाय आज भी विभाजन और डर पैâलाने की अपनी नीति पर कायम है। उन्होंने कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी नेताओं से यह आह्वान भी किया कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद माहौल पार्टी के पक्ष में है, लेकिन आत्मसंतुष्ट और अति आत्मविश्वासी नहीं बनना है तथा एकजुट होकर काम करना है।
संसदीय दल के प्रमुख के तौर पर दिए गए अपने भाषण में सोनिया गांधी ने मोदी सरकार, भाजपा एवं आरएसएस पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा, `हमें लगता था कि मोदी सरकार लोकसभा चुनाव में लगे बड़े झटके से सही सबक लेगी। इसके बजाय, वह समुदायों को विभाजित करने, भय और शत्रुता पैâलाने की अपनी नीति पर कायम है।’ सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के मार्ग में दुकानदारों के नाम प्रदर्शित करने के शासनादेश से जुड़े विवाद का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कहा कि सौभाग्य से उच्चतम न्यायालय ने सही समय पर हस्तक्षेप किया, लेकिन यह केवल एक अस्थाई राहत हो सकती है। उन्होंने दावा किया, `नौकरशाही को आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति देने के लिए नियमों को अचानक बदल दिया गया।’
संसदीय दल की बैठक में बोलीं सोनिया गांधी

बजट के खिलाफ  १० ट्रेड यूनियनों का ‘हल्ला बोल!’ …९ अगस्त से होगा बजट विरोध का शंखनाद

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
मोदी सरकार के खिलाफ अब १० केंद्रीय ट्रेड यूनियनें हल्ला बोल करनेवाली हैं। मामला २०२४-२५ के बजट से जुड़ा है। बजट से निराश ये ट्रेड यूनियनें आगामी ९ अगस्त को पूरे देश में यलगार करते हुए केंद्र सरकार के बजट के खिलाफ प्रदर्शन करेंगी।
१० ट्रेड यूनियनों के ज्वाइंट प्लेटफॉर्म सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने ये प्रदर्शन करने का एलान किया है। इस बारे में सीटू ने बयान जारी कर वित्त वर्ष २०२४-२५ के बजट का विरोध करते हुए कहा कि ये विश्वासघात है और जरूरी आर्थिक मुद्दों को दबाने की कोशिश की गई है और केवल कॉर्पोरेट्स का ध्यान रखा गया है। ट्रेड यूनियनों ने कहा, ९ अगस्त १९४२ को भारत छोड़ो आंदोलन ने ब्रिटिश राज से मुक्ति की भावना को प्रज्वलित किया था। इसी महत्वपूर्ण दिन हम एनडीए सरकार के दमनकारी और देश विरोधी बजट के खिलाफ विरोध का शंखनाद करने जा रहे हैं। ९ अगस्त से बजट के विरोध की शुरुआत होगी जो १४ अगस्त तक जारी रहेगी। सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने अपने बयान में कहा, एनडीए सरकार का २०२४-२५ का बजट नागरिकों के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है और भाजपा लोकसभा चुनावों में अपनी हार से सबक लेने में नाकाम रही है। ये राजनीतिक और आर्थिक अपराध है। बेरोजगारी, ग्रामीण आर्थिक संकट, महंगाई, खाद्य महंगाई जैसे मुद्दे जो सबसे महत्वपूर्ण हैं उन्हें बजट में नजरअंदाज कर दिया गया है। इकोनॉमिक सर्वे में स्पष्ट कहा गया है कि भारत के उद्योगपति और बिजनेस एलाइट भारी मुनाफे में तैर रहे हैं। ऐसे में सरकार की प्राथमिकता कॉर्पोरेट्स पर ज्यादा टैक्स लगाने की होनी चाहिए थी, जिससे विकास के कार्यों के लिए रेवेन्यू जुटाया जा सके। लेकिन बजट में इसके उलट विदेशी कॉर्पोरेट टैक्स को ४० फीसदी से घटाकर ३५ फीसदी कर दिया गया है।

फिर डिरेल हुई रेल … बदलापुर में मालगाड़ी ने बदला रूट घंटों लोकल व मेल सेवाएं ठप

– ९ ट्रेनें रद्द और १२ ट्रेनें शॉर्ट टर्मिनेट
सामना संवाददाता / बदलापुर
आजकल रेलवे विभाग की खामियों की चलते देश में कहीं न कहीं बड़े रेल हादसे हो रहे हैं। इसी तरह का हादसा कल बदलापुर स्टेशन पर होने से बाल-बाल बचा। कल बदलापुर रेलवे स्टेशन के समीप एक मालगाड़ी मुंबई से कर्जत की तरफ जा रही थी। पांच बजे के करीब मालगाड़ी बदलापुर के मेन लाइन प्लेटफॉर्म नंबर दो की तरफ न जाकर प्लेटफार्म नंबर एक की तरफ चल दी। इस तरह से मालगाड़ी का रूट बदलने से बड़ी घटना घट सकती थी।

बताया जाता है कि मालगाड़ी सिग्नल पार कर दूसरे प्लेटफॉर्म में प्रवेश कर गई। इस घटना के कारण अप ट्रैफिक को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया, जबकि डाउन ट्रैफिक शुरू करने में काफी समय लगा। यह पीक समय के दौरान होने के कारण मध्य रेलवे की सेवा काफी देरी से चली। इस बीच ९ ट्रेनें रद्द और १२ ट्रेनें शॉर्ट टर्मिनेट करनी पड़ीं।
बता दें कि शाम पांच बजे के करीब कल्याण की तरफ से एक मालगाड़ी जेएसडब्लू कंपनी का स्टील का प्लेट लेकर कर्जत की तरफ जा रही थी, जिसे मेन लाइन से आगे जाना था। ऐसा न होकर मालगाड़ी बदलापुर होम प्लेटफॉर्म अर्थात एक नंबर प्लेटफॉर्म की तरफ चल दी। अचानक चालक को रूट बदलने की जानकारी हुई तो चालक ने गाड़ी को रोक दी।
यात्री सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं
यदि चालक ने गाड़ी नहीं रोकी होती और बदलापुर के एक नंबर प्लेटफॉर्म पर कोई लोकल खड़ी होती तो बड़ा हादसा हो जाता। फिलहाल दो घंटे तक बदलापुर, कर्जत, खोपोली लोकल के साथ कई मेल गाड़ियों का आवागमन बंद रहा। कर्जत से कल्याण लोकल को चलाया गया। इस घटना ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न कर दी हैं। रेलवे प्रशासन की तत्परता और सुरक्षा उपायों पर सवाल उठने लगे हैं। लोगों ने इस घटना को लेकर रेलवे प्रशासन की निंदा की है और सुरक्षा उपायों को और अधिक सख्त करने की मांग की है।

कृषि विभाग की विज्ञापनबाजी पर साढ़े चौदह करोड़ का खर्च! … सरकार की शुरू है फिजूलखर्ची

सामना संवाददाता / मुंबई
विधानसभा चुनाव के मद्देनेजर लाडली बहन योजना के विज्ञापनबाजी पर २७० करोड़ की फिजूलखर्ची के बाद भी घाती सरकार की मनमानी रूकने का नाम नहीं ले रही है। अब राज्य सरकार ने कृषि विभाग की विज्ञापनबाजी पर १४.६९ करोड़ रुपए खर्च करने का पैâसला किया है। लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी किसानों की नाराजगी का असर न पड़े इसके लिए कृषि विभाग विज्ञापन अभियान शुरू करने जा रहा है। लोकसभा चुनाव में महिलाओं और किसानों के असंतोष से महायुति को तगड़ा झटका लगा था। इसलिए मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना की घोषणा की गई। विधानसभा चुनाव पर नजर रखते हुए इस योजना को महिलाओं तक पहुंचाने के लिए प्रचार-प्रसार पर २७० करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस बीच किसानों को खुश करने के उद्देश्य से शिंदे ने खरीफ सीजन की बैठक में लोकसभा चुनाव में हार के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हम किसानों के लिए योजना बनाते हैं, लेकिन आप उन योजनाओं को जनता तक नहीं पहुंचाते। इसलिए कृषि विभाग अपनी योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रचार-प्रसार पर साढ़े चौदह करोड़ रुपए खर्च करेगा।
डिजिटल मीडिया में जमकर खर्च
सोशल मीडिया के माध्यम से विज्ञापन पर ढाई करोड़, डिजिटल मीडिया पर एक करोड़, मराठी भाषा में बल्क एसएमएस पर ढाई करोड़, निजी होर्डिंग पर दो करोड़, पोस्टर और बैनर की छपाई पर एक करोड़ चालीस लाख रुपए खर्च किए जाएंगे।

धारावी में सड़क पर उतरे हिंदू संगठन के हजारों लोग! … शिंदे की पुलिस के सामने हत्या से अभी भी तनाव

– पुलिस ने ४ को किया गिरफ्तार, ३ आरोपी फरार
– दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
राजेश जायसवाल / मुंबई
धारावी के राजीव नगर में २६ वर्षीय आरएसएस कार्यकर्ता अरविंद वैश्य की रविवार को सरेआम पुलिसकर्मियों के सामने ही कथित तौर पर तलवार से काटकर हत्या से अभी भी पूरे इलाके में तनाव व्याप्त है। मंगलवार को अरविंद की अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें भारी संख्या में लोग सड़क पर उतर गए थे। इस दौरान हिंदू संगठनों ने गुस्से में जमकर नारेबाजी की और पुलिस स्टेशन के सामने ही हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। हालांकि, पुलिस ने तुरंत भीड़ को काबू करते हुए एक शख्स को हिरासत में लिया और किसी तरह से मामला शांत कराया।
इस मामले में परिमंडल-५ के पुलिस उपायुक्त तेजस्वी सातपुते ने बताया कि रविवार को धारावी में हुई हत्या के सिलसिले में दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। रविवार को दो आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया। इसके साथ ही मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे सरकार
हत्या के बाद हिंदू संगठन काफी नाराज हैं। विश्व हिंदू परिषद के राजीव चौबे ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि अरविंद वैश्य हिंदू था। वह आरएसएस से जुड़ा था इसलिए उसकी पुलिस के सामने निर्मम हत्या की गई, इससे अधिक दुर्भाग्य की बात और क्या हो सकती है। अरविंद की गलती थी कि उसने पुलिस स्टेशन में आकर पुलिस से मदद मांगी थी। सरकार हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे। महाराष्ट्र सरकार से हमारी मांग है कि मारे गए वैश्य परिवार को मुआवजा दिया जाए और अरविंद की हत्या में कुल सात हमलावर शामिल थे, पुलिस फरार आरोपियों को गिरफ्तार करे और मामले की जांच कर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।

एनडीए में बिखराव … नहीं `चलेंगे’ भाजपा के साथ!… बीजेपी की पदयात्रा में सपोर्ट देने से एचडी कुमारस्वामी का इनकार

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
जेडीएस नेता और केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्‍वामी ने बीजेपी को चौंकाते हुए कहा है कि वो कर्नाटक में उनकी पदयात्रा का समर्थन नहीं करेंगे। कर्नाटक में मुख्‍य विपक्षी दल बीजेपी, मुख्‍यमंत्री सिद्दारमैया के नेतृत्‍व वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ ३ से १० अगस्‍त के बीच पदयात्रा निकालने जा रही है। सिर्फ इतना ही नहीं कुमारस्‍वामी ने यहां तक कह दिया कि वो इस मामले में बीजेपी को नैतिक समर्थन तक नहीं देंगे। जेडीएस और बीजेपी का कर्नाटक में गठबंधन है और कुमारस्‍वामी केंद्र में भारी उद्योग और इस्‍पात मंत्री हैं।
पत्रकारों ने जब उनसे वजह पूछी तो उन्‍होंने कहा कि हम एनडीए सरकार में बीजेपी के सहयोगी दल हैं, लेकिन उन्‍होंने अपनी पदयात्रा के लिए हम लोगों से पूछना जरूरी नहीं समझा। हमसे कोई सलाह नहीं ली गई। हमारी कोर कमेटी की मंगलवार को बैठक हुई, उसमें इस मुद्दे पर बीजेपी को समर्थन नहीं देने का पैâसला लिया गया। उन्‍होंने कहा कि केरल में भारी बारिश के कारण सैकड़ों लोगों की जान जोखिम में पड़ गई है और जो लोग वहां गए हैं, उनका लौटना फिलहाल मुश्किल हो रहा है। इन सबके बीच बीजेपी ने बिना किसी सलाह-मशविरे के अपने आप पदयात्रा का प्‍लान बना लिया। ऐसी परिस्थिति में जब केरल में हालात इतने खराब हैं, तो ऐसे वक्‍त पर इस तरह की पदयात्रा का विचार उचित नहीं है। ये वक्‍त प्रभावितों की मदद का है और उनकी भावनाओं से जुड़ने का है। कुमारस्‍वामी के इस स्‍टैंड से बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है, क्‍योंकि वो अपनी पदयात्रा में जेडीएस का भी समर्थन चाह रही थी।

भाजपा ने दिया अनुराग ठाकुर को नया टास्क … ९९ बार गाली खाकर आओ तभी मंत्री बनोगे! … अखिलेश का अनुराग पर तीखा हमला

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
इन दिनों संसद में जमकर हंगामा हो रहा है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी के नेता और हिमाचल प्रदेश स्थित हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर पर तीखा हमला किया है। अखिलेश यादव ने अनुराग ठाकुर पर तंज कसा है। अखिलेश ने कहा कि अनुराग ठाकुर से कहा गया है, `९९ बार गाली खाकर आओ, तब आप मंत्री बनोगे।’ सपा नेता ने कहा कि आप हरेक पर नजर रखते हैं। एक समय ऐसा आया था यूपी के सदन में जहां शूद्र को लेकर कई चर्चा शुरू हो गई थी। जब मैं मंदिर के दर्शन करने गया, तो कई ताकतें नहीं चाहती थीं कि मैं पूजा-पाठ, हवन-पूजन करूं। वो दिन मैं नहीं भूल सकता, जिस दिन सीएम आवास को गंगाजल से धोया गया था। किसी सीएम के घर को गंगाजल से वैâसे साफ किया जा सकता है। यूपी के पूर्व सीएम ने कहा कि बीजेपी पीडीए से घबराई हुई है। हमारे पीडीए ने एमवाई को हराने का काम किया है। जाति जनगणना होनी चाहिए, पता चले कि किसकी कितनी संख्या है।
भाजपा पर बोला हमला
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, `ये जाति का सवाल नया नहीं है, जाति का सवाल बहुत पुराना है। जाति का सवाल जिसे जानना है उसे डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की किताब एनिहिलेशन ऑफ कास्ट जरूर पढ़नी चाहिए। इनके (बीजेपी) पास क्या जाति तोड़ो आंदोलन का कोई विकल्प है। जिसको जाति को लेकर दिक्कत और परेशानी है उसे मंडल कमीशन की किताब आज ही खरीद लेनी चाहिए और प्रस्तावना पढ़नी चाहिए। अगर जाति जनगणना की मांग हो रही है तो इसमें कोई गलत नहीं है। हमारे बहुत सारे पैâसले और नीतियां तभी अच्छे होंगे जब जाति जनगणना होगी।