पुराने पन्ने : बुरी नजर वाले शिक्षक का मुंह काला! … अदालत ने ठहराया दोषी

श्रीकिशोर शाही
मुंबई

हाल ही में ऐसी कई खबरें आई हैं, जिनमें शिक्षकों पर अपनी छात्राओं के यौन शोषण करने का आरोप लगा है। कई शिक्षक गिरफ्तार भी किए गए। इसी बीच दिल्ली के एक शिक्षक को ९ साल पुराने एक पुराने मामले में दोषी पाया गया है। अब जल्द ही अदालत इस मामले में दोषी शिक्षक को सजा सुनाएगी।
वर्ष २०१५ में दिल्ली के एक स्कूल में कई लड़कियां पढ़ती थीं। स्कूल में एक लैब भी था। वहां एक नए लैब सहायक की बहाली हुई। वह लैब सहायक कुछ मनचला किस्म का था। लड़कियां उसे शिक्षक समझकर सर कहकर बुलाती थीं। वह किसी न किसी बहाने लड़कियों को अपने पास बुलाकर उनके साथ बातचीत करने की कोशिश करता था। इसी क्रम में उसने पहले तो पांच लड़कियों का विश्वास जीता और फिर उसके बाद उनके साथ गलत हरकत करने लगा। कभी वह किसी लड़की की वक्ष पर टिप्पणी करता तो कभी शरीर के किसी अन्य अंगों के बारे में टिप्पणी करता। लड़कियां उस शिक्षक की ऐसी बातें सुनकर शर्म से लाल हो जातीं, पर उनकी मुसीबत यह थी कि वे इसकी शिकायत करतीं तो किससे। धीरे-धीरे उक्त शिक्षक का मन इतना बढ़ गया कि मौका देखकर वह लड़कियों के निजी अंगों के साथ छेड़छाड़ भी कर देता था। जब लड़कियां स्कूल के मैदान में खेलतीं तो वह चुपके से अपने मोबाइल फोन में उनकी तस्वीरें खींच लेता। उनके वीडियो रिकॉर्ड कर लेता। लड़कियां इस बात से अनजान होतीं। इसके बाद उक्त शिक्षक की अश्लील हरकतें बढ़ती चली गर्इं और अब वह उनके यौन शोषण करने की फिराक में लगा रहता। जब उसकी हरकतें हद से ज्यादा बढ़ गर्इं तो लड़कियों ने अपने मां-बाप से इस शिक्षक की काली करतूतों से वाकिफ कराया। मां-बाप यह सुनकर सन्न रह गए। फिर उन्होंने उक्त शिक्षक के खिलाफ पॉक्सो के तहत दर्ज कराया। मामले की जांच के बाद कोर्ट में केस शुरू हुआ और अब उस शिक्षक को दोषी पाया गया। शिक्षक को तो खैर अभी सजा मिलनी बाकी है, पर यहां कोर्ट की कुछ अहम टिप्पणियों की चर्चा आवश्यक है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित सहरावत ने कहा कि अगर कोई पुरुष किसी महिला के शरीर के किसी खास अंग पर बेतुके और घिनौने तरीके से टिप्पणी करता है, तो यह उसकी यौन मंशा को दर्शाता है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी के मोबाइल फोन से वीडियो क्लिप बरामद की गई, जिससे साबित होता है कि उसने लड़कियों की क्लिप तब बनाई थी, जब वे स्कूल में खेल रही थीं या नाच रही थीं। आरोपी ने एक पीड़िता के शरीर के अंगों पर टिप्पणी की, एक अन्य लड़की के कंधे और कमर को छुआ तथा सभी पांचों पीड़ितों को स्तनपान कराने वाली माताओं और शिशुओं के बारे में टिप्पणी की, आरोपी ने ‘ये सब यौन इरादे से किया’। अब देखना है कि अदालत इस शिक्षक को क्या सजा सुनाती है।

ईरान बढ़ा रहा है यूरेनियम के भंडार!

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख ने चेतावनी दी कि ईरान परमाणु हथियार बनाने में इस्तेमाल होने योग्य यूरेनियम के भंडार को तेजी से बढ़ा रहा है और उसने उन्नत सेंट्रीफ्यूज का निर्माण शुरू कर दिया है। ईरान द्वारा अपने अब तक के सबसे ज्यादा वजन के साथ एक सफल अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण की घोषणा किए जाने के कुछ घंटों बाद ही राफेल मारियानो ग्रॉसी ने यह टिप्पणी की। ईरान के सफल अंतरिक्ष प्रक्षेपण को लेकर पश्चिमी देशों का आरोप है कि इससे तेहरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में सुधार हुआ है। सिमोर्ग रॉकेट का प्रक्षेपण ऐसे समय में किया गया, जब ईरान ने परमाणु कार्यक्रम में यूरेनियम के ६० फीसदी मौजूदगी का दावा किया। ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है, जबकि इस्लामिक गणराज्य के अधिकारी संभावित रूप से बम और एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल की मांग कर रहे हैं, ताकि तेहरान अमेरिका जैसे दूर के दुश्मनों के खिलाफ हथियार का इस्तेमाल करने में सक्षम हो सके। ईरान के इस कदम से पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने की आशंका है।

महाकुंभ में श्रद्धालुओं के इलाज में भाषा नहीं बनेगी बाधा!

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में १३ जनवरी २०२५ से महाकुंभ शुरू होने जा रहा है। महाकुंभ को यादगार और भव्य बनाने के लिए कड़े प्रयास जारी हैं। योगी सरकार महाकुंभ में हर चीज के लिए खास तैयारियां कर रही है। महाकुंभ के लिए देश-दुनिया से श्रद्धालु संगम नगरी में जुटेंगे। इस दौरान बाहरी राज्यों या विदेश से आने वाले श्रद्धालु अगर बीमार पड़ते हैं तो भाषा की समस्या के कारण उनका इलाज नहीं रुकेगा। एआई ट्रांसलेटर ऐप की मदद से वे अपनी भाषा में डॉक्टर को बीमारी के बारे में बता सकेंगे। एआई ट्रांसलेटर ऐप में देश की २२ और विदेश की १९ भाषाएं हैं, जिन्हें ऐप हिंदी या अंग्रेजी में बदल देगा। इस ऐप में तमिल, तेलुगु, मलयालम, बंगाली समेत अन्य राज्यों की भाषाएं हैं। जबकि, अंग्रेजी, अरबी, प्रâेंच समेत १९ अंतर्राष्ट्रीय भाषाएं हैं। देश-विदेश से आने वाले मरीजों के इलाज की सुविधा के लिए वैंâटोनमेंट बोर्ड के कैंटोनमेंट अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों के फोन में ऐप इंस्टॉल किया जाएगा।

बात-जज्बात : पहले मुर्गी या पहले अंडा!

एम एम सिंह

एक मजेदार सवाल, जो हम बचपन में खेल-खेल में पूछते थे और जिसका सवाल ५५ वर्ष की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते नहीं मिला, उसका जवाब अब कमोबेश मिल गया है! सवाल आपने भी पूछा होगा या आपसे भी पूछा गया होगा… पहले मुर्गी आई या अंडा?
खैर जवाब में कोई मुर्गी को पहले बताता है या फिर अंडे को! क्योंकि अंडा मुर्गी देती है और अंडा फोड़ कर चूजा बाहर आता है।
इस सवाल को हम थोड़ा अलग ढंग से सोचें तो जिस निष्कर्ष पर साइंटिस्ट पहुंचे हैं, उसे स्वीकार करने में हिचक नहीं होगी। दरअसल इस सवाल में हम अक्सर अंडे को मुर्गी का अंडा समझते हैं। यहां पर क्लियर करते हैं कि धरती पर अंडा पहले आया या मुर्गी?
इसी थ्योरी पर फोकस करते हुए साइंटिस्टों ने मुर्गी और अंडे पर रिसर्च किया है, भले ही वह अंडा किसी भी जीव का हो। इस थ्योरी के मुताबिक, कई लाख साल पहले दूसरे जीवों ने धरती पर अंडे देने शुरू कर दिए थे और तब मुर्गियों का कोई अस्तित्व भी नहीं था। धरती पर अंडे (किसी भी जीव के) आने के कई साल बाद मुर्गियों की प्रजाति आई और इसलिए धरती पर पहले अंडा आया और फिर मुर्गी।
अंडा एक मेंब्रेन बाउंड कंटेनर है, जिसमें एक भ्रूण एक स्वतंत्र प्राणी के रूप में विकसित हो सकता है। पहली बार अंडे एमनियोट्स के विकास के साथ कई लाख साल पहले अस्तित्व में आए। एमनियोट्स के आने से पहले, ज्यादातर जानवर पानी में रिप्रोडक्शन करते थे। वह अपने अंडे तालाबों और अन्य नम जगहों पर रखते थे, ताकि उन्हें सूखने से बचाया जा सके। एमनियोट्स एक नए प्रकार का अंडा था, जिसमें पहले के अंडों के विपरीत अंदर तीन और झिल्लियां थीं- कोरियोन, एमनियन और एलांटोइस। हर एक झिल्ली का अपना खास काम होता है, लेकिन जब ये तीनों एक साथ मिलती है, तो अंडे के अंदर मौजूद जीव को विकसित होने में मदद करती हैं। अंडे में हुए इसी बदलाव ने जानवरों के लिए जमीन पर अपने अंडे देना संभव किया।
ऑस्ट्रेलियन एकेडमी ऑफ साइंस के अनुसार, सबसे पहला चिकन दो प्रोटो-चिकन से प्रोड्यूस हुए जाइगोट में होने वाले जेनेटिक म्यूटेशन के कारण उत्पन्न हुआ होगा। दो प्रोटो-चिकन ने अपने डीएनए को मिलाकर पहली मुर्गी की सेल बनाई। इस प्रक्रिया के दौरान हर एक सेल में म्यूटेशन हुआ, जिसके परिणामस्वरूप पहली मुर्गी का जन्म हुआ।
रिसर्च के मुताबिक, एमनियोटिक अंडों की शुरुआत लगभग ३४० मिलियन वर्ष पहले हुई थी और धरती पर मुर्गियां लगभग ५८,००० साल पहले विकसित हुर्इं। तो अब यह मान लेने में क्या बुराई है की ‘जो’ पहले आया ‘वही’ पहले आया! जो ‘बाद’ में आया वह ‘बाद ही’ में आया! बावजूद इसके अगर आपके जेहन में यदि अंडे देती मुर्गी और अंडे से बाहर निकलते चूजे की तस्वीर चस्पां है तो… खुदा खैर करे!

फिल्मी स्टाइल में फर्जीवाड़ा …जॉली एलएलबी २ देखकर बेची करोड़ों की प्रॉपर्टी

उत्तर प्रदेश के बरेली में एक गिरोह ने फिल्मी स्टाइल में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों की जमीन नकली दस्तावेजों के जरिए बेच दी। गिरोह ने जॉली एलएलबी २ फिल्म से प्रेरित होकर इस धोखाधड़ी को अंजाम देने की योजना बनाई और एक साल तक मृतक व्यक्ति की जानकारी जुटाकर नकली दस्तावेज तैयार किए।
पुलिस ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक और प्रॉपर्टी के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। यह घटना बरेली के बिहारीपुर इलाके की है, जहां २१ साल पहले संतोष टंडन नामक व्यक्ति की बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी। संतोष टंडन का परिवार २००३ में लखनऊ शिफ्ट हो गया था और उनके पास फरीदापुर चौधरी में दस बीघा जमीन थी। उनकी मौत के बाद भी उनकी जमीन की खतौनी में उनका नाम दर्ज था। जब इस गिरोह को यह जानकारी मिली, तो उन्होंने एक नकली संतोष टंडन तैयार किया और उसके नाम से कूटरचित दस्तावेज तैयार किए।
बता दें कि गिरोह के सदस्यों ने जॉली एलएलबी २ फिल्म से प्रेरणा ली और उसी के आधार पर नकली दस्तावेज तैयार किए। उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति की तलाश की, जिसका पहले आधार कार्ड न बना हो और उसे संतोष टंडन के रूप में प्रशिक्षित किया।

मुंबई का माफियानामा : फजलू-बुदेश गठबंधन …बबलू श्रीवास्तव ने निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका

तीन सालों की चुप्पी के बाद आपराधिक दुनिया में लौटा था अली

विवेक अग्रवाल

हिंदुस्थान की आर्थिक राजधानी, सपनों की नगरी और ग्लैमर की दुनिया यानी मुंबई। इन सबके इतर मुंबई का एक स्याह रूप और भी है, अपराध जगत का। इस जरायम दुनिया की दिलचस्प और रोंगटे खड़े कर देनेवाली जानकारियों को अपने अंदाज में पेश किया है जानेमाने क्राइम रिपोर्टर विवेक अग्रवाल ने। पढ़िए, मुंबई अंडरवर्ल्ड के किस्से हर रोज।

यह भी था एक गठबंधन…
अपराध जगत का गठबंधन…
बहरीन में बना गठबंधन…
खास मकसद के लिए बना गठबंधन…
…महानगर समेत देशभर में आपराधिक कर्मों से आतंक की लहर पैदा करने वाले फजल-उर-रहमान उर्फ फजलू को एक वक्त में दाऊद विरोधी सिंडिकेट के संयोजक और गिरोह सरगना अली बुदेश उर्फ अली बाबा उर्फ बाबा बुदेश उर्फ अली भाई उर्फ एबी भाई का भी सहयोग मिला था। उन्होंने लगभग तीन साल तक साथ काम किया।
अली-फजलू गठबंधन सन २००१ में हुआ था। उन्हें साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका बबलू श्रीवास्तव ने निभाई थी। बबलू ने ही अली का परिचय फजलू से करवाया था। कहते हैं कि बहरीन में अली और फजलू की मुलाकात भी आपसी तालमेल के लिए हुई थी। बबलू तब जेल की सलाखों के पीछे था, जबकि फजलू मलेशिया में अड्डा जमाए था।
बताते हैं कि तीन सालों की चुप्पी के बाद अली आपराधिक दुनिया में लौटा था। उसके इशारे पर फजलू के साथियों ने मुंबई समेत देश के कई इलाकों में हफ्ताखोरी और अपहरण जैसी वारदातें शुरू कीं। अली-फजलू गिरोह मुंबई के अलावा गुजरात, बंगलुरु, दिल्ली, हैदराबाद और उत्तर प्रदेश में पांव पसारे हुए था। इन इलाकों में अली-फजलू ने ढेरों व्यापारियों-उद्योगपतियों का अपहरण कर फिरौती वसूली या धमकाकर हफ्तावसूली की थी।
इस बार अली ने बेहद चालाकी से अपना नाम सामने आने से बचाए रखा। उसने फजलू का ही नाम हर बार सामने किया, ताकि भारतीय पुलिस उसके प्रत्यर्पण हेतु इंटरपोल और बहरीन पुलिस पर दबाव न बना सके। ये गठबंधन भी अधिक समय तक न टिका। इस रिश्ते में कहीं कोई कसर रह गई थी।
अंडरवर्ल्ड में बोलते हैं ना:
– जोड़ा बनाया तो चलेंगा तभी, जबी काम में ईमान होएंगा।

(लेखक ३ दशकों से अधिक अपराध, रक्षा, कानून व खोजी पत्रकारिता में हैं, और अभी फिल्म्स, टीवी शो, डॉक्यूमेंट्री और वेब सीरीज के लिए रचनात्मक लेखन कर रहे हैं। इन्हें महाराष्ट्र हिंदी साहित्य अकादमी के जैनेंद्र कुमार पुरस्कार’ से भी नवाजा गया है।)

‘केजरीवाल झुकेगा नहीं’ …पुष्पा स्टाइल में झाड़ू लेकर दिखे अरविंद

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले पोस्टर वॉर शुरू हो चुका है। जहां एक तरफ भाजपा अपने पोस्टरों में दिल्ली सरकार के घोटालों को लेकर घेरने में लगी है, वहीं आम आदमी पार्टी भी इसके पलटवार में पोस्टर जारी करने लगी है। इस बार आम आदमी पार्टी का पुष्पा फिल्म वाला पोस्टर चर्चा में है।
आम आदमी पार्टी ने एक पोस्टर जारी किया है, जिसमें अरविंद केजरीवाल अभी हाल ही में रिलीज हुई मूवी पुष्पा के स्टाइल में खड़े हुए हैं। पोस्टर में केजरीवाल को हाथ में झाड़ू को पकड़े हुए दिखाया गया है। साथ ही लिखा है कि केजरीवाल झुकेगा नहीं, केजरीवाल का चार टर्म कमिंग सून भी लिखा है। बता दें कि अगले साल फरवरी में दिल्ली विधानसभा की ७० सीटों पर चुनाव होना है, जिसकी तैयारियों को लेकर आम आदमी पार्टी पूरे जोश में काम कर रही है। दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान अभी हुआ नहीं है।

वेज की जगह परोसा नॉनवेज

मेर’ जिले के गंगानगर स्थित रोमियो लेन रेस्टोरेंट में ज्योतिष परिवार को ‘वेज’ की जगह ‘नॉनवेज’ परोसने पर विवाद खड़ा हो गया। परिवार ने विलायती वेज का ऑर्डर किया था, लेकिन गलती से उन्हें रोस्टेड चिकन परोसा गया। इस घटना को लेकर परिवार ने रेस्टोरेंट स्टाफ पर जानबूझकर ‘धर्मभ्रष्ट’ करने का आरोप लगाया और गंगानगर थाने में शिकायत दर्ज कराई। शुक्रवार को गंगानगर क्षेत्र के एक ज्योतिष अपनी पत्नी, बेटे और बेटी के साथ ‘रोमियो लेन’ रेस्टोरेंट में खाना खाने पहुंचे। उन्होंने विलायती वेज का ऑर्डर दिया था, लेकिन कुछ देर बाद वेटर रोस्टेड चिकन लेकर आया और उन्हें परोस दिया। खाने का स्वाद अजीब लगने पर जब उन्होंने वेटर को बुलाया और ऑर्डर की पुष्टि की, तो पता चला कि उनकी टेबल पर गलती से नॉनवेज परोसा गया था। यह सुनते ही परिवार नाराज हो गया। उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और उन्होंने उल्टी की शिकायत की।

किसान की बेटी ने मैराथन में मारी बाजी

सामना संवाददाता / विरार
१२वीं वसई-विरार मनपा मैराथन (वीवीएमसीएम) देश की सर्वश्रेष्ठ मैराथन प्रतियोगिताओं में से एक मानी जाती है। इस साल इस प्रतियोगिता में ५८ लाख रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान की गई। सातारा के कालिदास हिर्वे सिर्फ पांच सेकंड से कोर्स रिकॉर्ड से चूक गए, लेकिन उन्होंने ४२ किलोमीटर का फुल मैराथन जीत लिया। हिर्वे, करीबी दोस्त प्रदीप सिंह चौधरी पांच सेकंड पीछे रहे। वे दूसरे नंबर पर रहे। पुरुषों की २१ किलोमीटर के हाफ मैराथन में नेवी के रोहित वर्मा ने नितेश राठवाल को मात्र १ सेकंड से हराकर जीत हासिल की। वर्मा को हाफ मैराथन में २ लाख रुपए की पुरस्कार राशि मिली। महिला गु्रप में हरियाणा की एक किसान की बेटी और रेलवे कर्मचारी सोनिका ने महिलाओं की हाफ मैराथन जीती, वहीं हरियाणा की ही भारती दूसरे स्थान पर रहीं, जबकि साक्षी तीसरे स्थान पर रहीं। सोनिका को पुरस्कार राशि के रूप में २ लाख रुपए मिले। वहीं ओलिंपिक और राष्ट्रमंडल पदक विजेता साक्षी मलिक ने इस आयोजन के लिए ब्रांड एंबेसडर के रूप में १५,००० धावकों को हरी झंडी दिखाई थी।

ऑटो में चली आलिया

मुंबई में ट्रैफिक का कहना ही क्या। अगर १० मिनट का रास्ता है तो इसे तय करने में आधा या कभी कभार तो एक घंटे भी लग जाता है। तब तक आप बंद गाड़ी में पहलू बदलते रहिए। अब घूमने-फिरने की बात हो तो चलता है पर यदि कहीं टाइम से पहुंचना हो तो फिर बंटाधार होना तय है। ऐसे में कार से अच्छा ऑटोरिक्शा है, कम से कम वह जल्दी पहुंच सकता है क्योंकि वह कम जगह में निकल सकता है। हाल ही में आलिया भट्ट ने शायद इसीलिए ऑटो की सवारी की। आलिया ने अपनी लग्जरी कारों को छोड़कर मुंबई में ऑटो में सफर किया है। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें आलिया अपनी टीम के साथ नजर आ रही हैं और ऑटो में उनके साथ उनका बॉडीगार्ड बैठा है। इस दौरान आलिया ने शर्ट व पैंट पहनी थी और मास्क लगाया था।