मुख्यपृष्ठसमाचार19 वर्ष पहले इलाहाबाद की सड़कों पर बसपा विधायक को गोलियों से...

19 वर्ष पहले इलाहाबाद की सड़कों पर बसपा विधायक को गोलियों से छलनी किया गया, 19 गोली निकली थी राजू पाल की शरीर से!

-मुलायम सिंह यादव के संरक्षण में अतीक माफिया से इलाहाबाद का मिनी मुख्यमंत्री जैसा रुतबा बना लिया!

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

राजू पाल हत्याकांड में लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए जिंदा बचे आरोपियों में 6 को आजीवन कारावास व एक को चार वर्ष की जेल की सजा का दंड दिया। फैसले के बाद एक बार फिर राजू पाल की हत्या का जख्म ताजा हो गया। 25 जनवरी 2005 को जब देशभर में गणतंत्र दिवस की तैयारियां चल रही थीं। उस समय इलाहाबाद की सड़कों पर खूनी खेल चल रहा था। बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल को बीच सड़क पर घेरकर उन पर सैकड़ों गोलियां बरसाई गई थीं। इस हत्याकांड की तपिश प्रदेश भर में पंहुची। इलाहाबाद की सड़कें-गलियां आग के हवाले हो गई थीं। पूरे शहर में आगजनी तोड़-फोड़ और जमकर हंगामा हुआ था। राजू पाल यूं तो सियासी दुनिया में एक नया नाम था, लेकिन स्थानीय वर्चस्व की जंग में उसका टकराव सीधे बाहुबली नेता अतीक अहमद से था। 2004 में शहर पश्चिमी से विधायक चुने जाने के बाद से ही राजू पाल का पीछा मौत करने लगी थी। यह वही शहर पश्चिमी का विधानसभा था, जहां से बाहुबली अतीक अहमद पांच बार विधायक चुना गया था। 2004 में समाजवादी पार्टी ने फूलपुर से अतीक अहमद को लोकसभा का टिकट दे दिया था। फूलपुर को जीतकर अतीक अहमद ने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह की झोली में डाला था। अतीक अहमद सांसद बनने के बाद अपनी सीट खाली होने पर अपने छोटे भाई अशरफ को विधायक के तौर पर इस सीट पर देखना चाह रहा था।
उपचुनाव की घोषणा हुई। बसपा के टिकट से राजूपाल ने शहर पश्चिमी से विधानसभा चुनाव जीत लिया। 25 साल बाद अतीक अहमद के कब्जे से यह सीट बाहर चली गई थी। अतीक के भाई अशरफ को 4,000 वोटों से राजू से चुनाव हार गया। अतीक अपने भाई की हार नहीं पचा सका। अतीक भले ही सांसद बन गया हो, लेकिन शहर पश्चिमी को चंगुल से बाहर नहीं जाने देना चाहता था। राजू पाल हत्याकांड में सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ सहित नौ लोगों पर आरोप लगा।
राजू पाल की पत्नी, पूर्व विधायक पूजा पाल कहती हैं कि चुनाव के पीछे अतीक अहमद ने मेरे मांग का सिंदूर छीन लिया। जानकार बताते हैं कि असलहों से लैस अपराधियों ने राजू पाल की गाड़ी के आगे एक चार पहिया गाड़ी लाकर खड़ी कर दी। राजू पाल की गाड़ी को चारों तरफ से घेर लिया गया। ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई जा रही थीं। राजू पाल का शरीर गोलियों से छलनी हो चुका था। पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई थी। लोग दुकान बंद कर के भाग रहे थे। सड़क पर आने-जाने वाले गलियों में छिप रहे थे। लगातार गोलियों की आवाज से पूरा इलाका थर्रा गया था। अपराधियों के भागने के बाद जब लोग गाड़ी के पास पहुंचे तो राजू पाल को देखा। राजू पाल को घायल अवस्था में लहूलुहान टैंपो पर लादकर जीवन ज्योति हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने पाल को मृत घोषित कर दिया। जानकार बताते हैं कि राजू पाल के शरीर से 19 गोलियां निकली थी।
राजू पाल की हत्या पूजा पाल से शादी के एक सप्ताह के बाद कर दी गई थी। राजू पाल की मौत के बाद बसपा ने उपचुनाव में पूजा पाल को इलाहाबाद पश्चिमी से अपना उम्मीदवार बना दिया। मायावती ने इलाहाबाद के शहर पश्चिमी में एक बड़ी रैली करके पूजा पाल के सर पर हाथ रखा और कहा कि अब मैं पूजा पाल के साथ हूं। पूजा पाल लगातार दो बार बसपा से शहर पश्चिम के विधायक रहीं। 2017 के विधानसभा चुनाव में पूजा पाल को हार का मुंह देखना पड़ा। इसके कुछ दिनों बाद मायावती ने पूजा पाल को बसपा से बाहर कर दिया। बीते 2019 के लोकसभा चुनाव में पूजा पाल को उन्नाव से सपा का उम्मीदवार बनाया गया। पूजा पाल सपा में कब शामिल हुईं, किसी को भनक नहीं लगी। लेकिन अब पूजा पाल सपा में हालाकि, टिकट घोषित होने के दूसरे ही दिन पूजा पाल का टिकट कट भी गया। लेकिन लोकसभा चुनाव में स्थानीय तौर पर पूजा पाल सपा के स्टार प्रचारकों में शामिल रहीं। इलाहाबाद में सपा के चुनावी रथ पर जया प्रदा और डिंपल यादव के साथ पूजा पाल भी समर्थकों का अभिवादन करती देखी गई थीं।

अन्य समाचार