मुख्यपृष्ठस्तंभबब्बा बोलो ना...भूले भाजपा कार्यकर्ता

बब्बा बोलो ना…भूले भाजपा कार्यकर्ता

अरुण गुप्ता

लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, चुनाव प्रचार जोर पकड़ रहा है। इस बीच कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं, जिसकी चर्चा काफी होती है। इसी कड़ी में कानपुर में भाजपा के उत्साही कार्यकर्ता उम्मीदवार को ही भूल गए। भाजपा प्रत्याशी रमेश अवस्थी का स्वागत कार्यक्रम था। रमेश अवस्थी उम्मीदवार घोषित होने के बाद पहली बार कानपुर पहुंचे थे। स्टेशन पर भाजपा कार्यकर्ता उनका इंतजार कर रहे थे। रमेश अवस्थी शताब्दी ट्रेन से जैसे ही नीचे उतरे तो उनके गले में माला डालने की बजाय कार्यकर्ताओं ने राज्यसभा सांसद बाबूराम निषाद को रमेश अवस्थी समझ कर माला पहना दिए और जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। अब लोग यही कह रहे हैं कि कार्यकर्ता जब अपने उम्मीदवार को ही नहीं पहचान पा रहे हैं तो जनता वैâसे ऐसे उम्मीदवार को पहचानेगी और अपना सांसद चुनेगी।
लुभाने को महिला कर्मचारी
चुनाव आयोग मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए हर हथकंडा अपना रहा है। इस बार चुनाव आयोग को एक नई तरकीब सूझी है, जिसका प्रयोग वह झांसी ललितपुर संसदीय क्षेत्र में करने जा रहा है। इसके तहत यहां के १५ बूथों पर पीठासीन अधिकारी से लेकर मतदान कर्मचारी तक महिलाओं की तैनाती होगी, जिससे मतदान का प्रतिशत बढ़ाया जा सके। इसके अलावा हर बूथ पर कम से कम एक महिला कर्मचारी की नियुक्ति की जाएगी। इस संसदीय क्षेत्र में कुल पांच विधानसभाएं हैं। इन पांच विधानसभाओं में प्रत्येक में तीन-तीन बूथ पर महिला कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग का यह प्रयोग कितना सफल होता है और मतदान प्रतिशत में कितनी बढ़ोतरी होती है।
महारथियों की अग्निपरीक्षा
लोकसभा के चुनावी मैदान में उतरने वाले महारथियों की इस बार जोरदार अग्निपरीक्षा है। गोंडा लोकसभा क्षेत्र में तमाम ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर साल-दर-साल कुछ नहीं हो पाया। नतीजा, जस का तस है। यहां मुद्दों की धार पैनी है। वादे होते हैं, लेकिन चुनाव बाद उसे निभाने की रफ्तार धीमी हो जाती है। यहां के लोग अब इन मुद्दों को लेकर मुखर हैं। जिले में गौरा, गोंडा, मनकापुर, मेहनौन व उतरौला विधानसभा क्षेत्र हैं। मंडल मुख्यालय होने के बाद भी लोग सुविधाओं से वंचित हैं। राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज की बात हो या फिर लेखपाल ट्रेनिंग सेंटर, बड़ी परियोजनाओं का काम अधूरा है। सड़क, परिवहन, विकास सभी को लेकर मतदाता टकटकी लगाए हैं। मुद्दे बड़े हैं, इन्हें अमलीजामा पहनाने वाले की तलाश है। इसके अलावा तमाम ऐसे मुद्दे हैं, जिनको लेकर क्षेत्र के लोग काफी नाराज हैं। ऐसे में उम्मीदवारों को लोगों की नाराजगी से दो चार होना निश्चित है।

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