मुख्यपृष्ठनए समाचारशिक्षा नीति में बदलाव! ...कृषि का दिया जाएगा वैज्ञानिक ज्ञान

शिक्षा नीति में बदलाव! …कृषि का दिया जाएगा वैज्ञानिक ज्ञान

पहली से ही पढ़ाई जाएगी किसानी
सामना संवाददाता / मुंबई
नई शिक्षा नीति के तहत राज्य में स्कूली पाठ्यक्रम में व्यापक बदलाव किए जा रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि है। इससे बच्चों को बचपन से ही कृषि का वैज्ञानिक ज्ञान दिया जाएगा। यदि बच्चों को कृषि के बारे में जानकारी मिले तो वे व्यावहारिक खेती कर सकते हैं। इसके चलते प्रदेश में पहली बार पाठ्यक्रम में कृषि विषय पढ़ाया जाएगा। साथ ही किसानी की पढ़ाई पहली कक्षा से ही शुरू कर दी जाएगी।
कृषि को स्कूली पाठ्यक्रम में किया जाएगा शामिल
उल्लेखनीय है कि कृषि के लिए नया मसौदा तैयार किया गया है। शिक्षा विभाग के मुताबिक आगामी शैक्षणिक वर्ष से कृषि विषय को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इसमें बच्चों को मातृभाषा यानी मराठी के माध्यम से अच्छी शिक्षा देने का प्रयास है। स्कूली शिक्षा में कृषि की पढ़ाई कराई जाएगी। फिलहाल कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का विलय करने पर विचार किया जा रहा है। लेकिन स्कूलों को बंद करने के बारे में नहीं सोचा जा रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, महाराष्ट्र में कोई भी श्क्षिित बेरोजगार नहीं रहेगा।
कैरियर के रूप में कृषि को चुन सकेंगे छात्र
समय की मांग को ध्यान में रखते हुए आज कृषि और आर्टिफिशियल इटेलिजेंस की शिक्षा विद्यार्थियों को दी जानी बहुत ही आवश्यक है। ऐसे में सरकार का यह निर्णय प्रशंसनीय है। भारत गांवों का देश है और कृषि इसका प्रमुख व्यवसाय है।
देश के विकास का नया अध्याय
टार्गेट पब्लिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. कल्पना गंगारमानी ने कहा कि कृषि शिक्षा से विद्यार्थियों का ज्ञान बढ़ेगा और वे कृषि को अपने करियर के रूप में भी चुन सकेंगे। नई तकनीकों के प्रयोग से कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और देश के विकास का नया अध्याय शुरू होगा। इस फैसले का परिणाम दूरगामी और सकारात्मक होगा।

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